मेक इन इंडिया पर भाषण Speech on Make in India Hindi
मेक इन इंडिया पर भाषण Speech on Make in India Hindi
सभी आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज मैं मेक इन इंडिया पर आप सभी के साथ अपने विचार साझा करना चाहता हूं।
मेक इन इंडिया पर भाषण Speech on Make in India Hindi
आदरणीय श्रोताओं आप सभी जानते होंगे कि भारत अब तक एक पूर्णतः विकसित देश नहीं बन पाया है। भारत अब तक विकासशील देशों के बीच ही है। किसी भी देश का विकास वहां के बाजार एवं उत्पादों के विकास को देखकर आंका जाता है। जिस तरह आप अपने घर में किसी भी चीज को उठाकर अगर देख लें उनमें से 60% से अधिक वस्तुएं मेड इन चाइना होंगी यानी कि ये वस्तुएं चाइना में बनाई गईं हैं।
इसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चाइना कितना अधिक विकसित है। दरअसल मेड इन चाइना द्वारा चाइना का विकास केवल वस्तुओं तक ही सीमित नहीं हैं। उन वस्तुओं के निर्माण के दौरान उन्हे चीन में ही बनाया गया, जिस कारण चीन को उन वस्तुओं से तो फायदा हुआ ही और चीन में निर्मित होने के कारण उन वस्तुओं के निर्माण में प्रयोग होने वाले कच्चे माल और श्रम भी चीन के ही थे। इस कारण यह उत्पाद चीन की अर्थव्यवस्था को बहुत ज्यादा मजबूत बनाते हैं और किसी भी देश की यदि अर्थव्यवस्था मजबूत हो तो, वह बहुत ही जल्द विकास करता है।
मेक इन इंडिया भारतीय सरकार द्वारा चलाया गया एक उपक्रम है। आर्थिक नजरिए से देखा जाए तो भारत एक बड़ा बाजार है। यहां करोड़ों की संख्या में ग्राहक है जिनके केवल दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुएं देखीं जाएं आंकड़ा अरबों तक जा सकता है।
भारत में इन उत्पादों की मांग आज या कल से नहीं बल्कि कई सदियों से हैं। लोग विभिन्न विभिन्न तरह के अच्छे उत्पादों का प्रयोग करते हैं। इनमें से अधिकांश उत्पादों का उत्पादन विदेशों में किया गया होता है।
इस योजना द्वारा यहीं पर एक अंतर पैदा हो जाता है। मेक इन इंडिया की योजना बनाते हुए यही ध्यान में रखा गया था कि वस्तुओं का उत्पादन भारत में किया जाएगा। यह भारतीय वस्तुएं हों या विदेशियों द्वारा उत्पादित कोई भी वस्तु, यदि उसे भारत में बेचने है तो उसका निर्माण यहीं पर करें। मेरे नजरिए में यह एक एतिहासिक फैसला है। इसके कई कारण हैं।
यह भारत सरकार द्वारा लिया गया एक एतिहासिक फैसला है यह साबित करने के लिए आपको इतिहास के कुछ पन्ने पलटने होंगे। इतिहास के उस काल में जब पूरा देश आजादी की लड़ाई में शामिल था।
जब ब्रिटिश दानवों ने पूरे देश को नोच खाया था। उस वक़्त आजादी की लड़ाई के सबसे बड़े नेता, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा एक मुहिम की शुरुआत की गई थी। इस मुहिम के अंतर्गत वस्तुओं का उपयोग करें तो यह ध्यान में रखें कि वे वस्तुएं भारतीय हों।
इससे ब्रिटिश शासन की शक्ति कमजोर होती। भारत एक बड़ा बाजार है और यहां करोड़ों ग्राहक हैं। अंग्रेजी वस्तुएं न खरीदने से केवल ब्रिटिश कमजोर ही नहीं होते, अपितु भारत की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती और लोग आर्थिक रूप से शक्तिशाली बनते।
गांधी जी द्वारा पूरे देश में यह सम्बोधित किया गया था कि स्वदेशी इस्तेमाल करें। यह आंदोलन अपने चरम पर आकर अंग्रेजी शासन के ताबूत की आखिरी कील साबित हुआ। मेरे नजरिए में मेक इन इंडिया इसी तरह ही एक मुहिम है जो भारत को कई गुना शक्तिशाली बनाएगी।
मेक इन इंडिया एक एतिहासिक फैसला क्यूं हैं इसका दूसरा कारण है कि यह भारत की सबसे बड़ी समस्या यानी कि बेरोजगारी का समापन करने का माद्दा रखता है। मेक इन इंडिया का प्रमुख कार्य है विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करवाना और भारतीय कंपनियों, फर्मों एवं उत्पादकों को बड़ी संख्या में विस्तृत एवं शक्तिशाली बनाना। यह सब एक प्रक्रिया के दौरान होगा, प्रक्रिया बहुत बड़ी और कठिन होगी।
लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान पहले चरण में ही बेरोजगारी का खात्मा हो सकता है। जरा सोचिए एक फैक्ट्री के स्थापन से वहां कितने सारे कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। यदि यह संख्या 100 भी होती है, तो 100 लोगों के रोजगार मिलने से 100 परिवार प्रभावित होंगे। और ऐसी यदि केवल 100 फैक्ट्रियों की स्थापना देश में कर दी जाए तो देश से बेरोजगारी एवं गरीबी काफी हद तक खत्म जाएगी।
मेक इन इंडिया की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 मे की गई थी। शुरुआत के समय इसके क्षेत्रों के प्रति सब कुछ पारदर्शी कर दिया गया था। मेक इन इंडिया भारतवर्ष में अलग अलग तरह के विदेशी क्षेत्रक जैसे, आटोमोबाइल, केमिकल, आईटी क्षेत्र, निर्माण एवं विनिर्माण, खाद्य, रक्षण और अन्य कई क्षेत्रों में निवेश कराने के लिए जागरूक करेगा, और निवेश करना एवं भारत में उत्पादन करने की प्रक्रिया को सुलभ बनाएगा।
मेक इन इंडिया के आने के बाद केवल बड़े विदेशी निवेशक ही नहीं अपितु छोटे भारतीय व्यापारी एवं निवेशक भी बहुत फायदे में रहेंगे। भारत मे व्यापार करना सरल हो जाएगा और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर देखने लायक होगा।
25 सितंबर 2014 को क्रियान्वित की गई इस योजना के पहले चरण में 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाना शामिल है। इस दौरान इन शहरों में अप्रत्याशित विकास किया जाएगा और इन्हे औद्योगिक नगर के रूप में विकसित किया जाएगा।
आपने यह ध्यान दिया होगा कि वे सभी लोग जो विदेशों में आजीविका कमाने के लिए जाते हैं वे सभी कुछ गिने चुने शहरों में ही जाते हैं। उदाहरण के रूप में यूएई की राजधानी दूबई को देखा जा सकता है।
ऐसा इस कारण होता है क्यूंकि ये शहर औद्योगिक रूप से और निवास करने के विषय मे भी काफी अच्छे और विकसित हैं। मेक इन इंडिया के पहले चरण में स्मार्ट सिटी का निर्माण करके ऐसे ही विकसित शहर बनाए जाएंगे जहां पर निवेशकों द्वारा निवेश करके उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिले। निवेश, रोजगार और उत्पादन ये सब समानुपाती हैं।
मेक इन इंडिया की योजना के तहत एक औपचारिक वेबसाइट का भी लांच किया गया है जहां पर जाकर निवेशक अपनी समस्याओं का हल पा सकते हैं। इस वेबसाइट को ऑपरेट करने वाली टीम में हर तरह के विशेषज्ञ हैं, जो निवेशक की शंकाओं को मिटाते हैं और उन्हे मेक इन इंडिया में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं।
एक भारतीय नागरिक होने के नाते, हमारे लिए यह एक गौरव का क्षण है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस योजना को सफल बनाने के लिए तत्पर रहें और अपने देश के प्रति अपने समर्पण को दर्शाएँ।
यह एक सही और बेहतर प्रयास है जिससे कि हमारा देश भी विश्व के विकसित देशों में शामिल हो जाएगा, जिस कारण हम आम समस्याओं जैसे गरीबी, बेरोजगारी से निबट चुके होंगे। सरकार द्वारा चलाई गई किसी भी योजन को देश के नागरिक ही सफल बना सकते हैं और यह जिम्मेदारी अब आपके कंधों पर है। मेक इन इंडिया पर मेरे विचार सुनने के लिए धन्यवाद, मैं यह आशा करता हूँ कि आप मुझसे प्रेरित हुए होंगे। धन्यवाद । जय हिंद।
Featured Image – narendramodiofficial