अंगदान पर भाषण Speech on Organ Donation in Hindi

अंगदान पर भाषण Speech on Organ Donation in Hindi

आज हमने अपने आर्टिकल में अंगदान पर भाषण (Speech on organ donation) प्रस्तुत किया है। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरे इस भाषण से अंगदान के प्रति जागरूक होंगे। 

अंगदान पर भाषण Speech on Organ Donation in Hindi

यहाँ उपस्थित सभी को मेरा नमस्कार,

मेरा नाम डॉ. दुर्गेश यादव (यहाँ अपना नाम लिखे) है। आज मैं यहाँ अंगदान (Organ Donation) पर भाषण देने जा रहा हूँ क्योकि लोग अभी अंगदान के प्रति जागरूक नही है। इसलिए मैं और मेरी टीम लोगो को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए जगह–जगह भाषण का आयोजन करते है। 

अंगदान के बारे में कुछ भी बताने से पहले मैं आप को बताना चाहता हूँ कि अंगदान है क्या ? – अंगदान (Organ Donation) वास्तव में सभी महान मानवीय कार्यों में से एक है। इसमें एक व्यक्ति अपने अंग को दूसरे व्यक्त को दान कर देता है।

जो शल्य चिकित्सा द्वारा शरीर के अंगो को एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। कुछ अशिक्षित लोग या आंशिक रूप से शिक्षित लोगो को अंगदान करना बुद्धिमानी का काम नहीं लगता है। ऐसे लोगो को जागरूक करने के लिए हम आज यहाँ एकत्र हुए है।

दोस्तों मुझे पता है की हमारे समाज को अंगदाताओं की कमी महसूस नही हुई है, इसीलिए हमारे मरीजो के लिए आज के समय में अंगो की कमी है। आप के द्वारा किये गए अंगदान उन लोगो के जीवन लिए उपहार है जिनको इसकी जरुरत है।

लेकिन हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग ही जो अंगदान नहीं करते है जिसके कारण अंगो की कमी हमारे लिए चिंता का मुख्य कारण है क्योकि इसकी कमी के कारण बहुत से मरीज अपना जीवन खो देते है।

हम जानते है कि हर व्यक्ति के अन्दर मानवता, उदारता और हर व्यक्ति दयालु होता है। हम सब मानवता को अपनाते हुए किसी के दर्द से सहानुभूति दे सकते है। ये कोशिश हम अपने मौत के बाद अपने अंगो को दान करके कर सकते है। हमारा अंगदान करना उन लोगो के जीवन के लिए उपहार है जिनको इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। 

दोस्तों हम सभी को अपने अंग दान करने का पूरा हक़ है। अगर आप अपने अंग को दान करना चाहते है तो इसके लिए ये जरूरी है कि आप की उम्र 18 साल से ऊपर हो। इसके कोई फर्क नही पड़ता कि उसका पृष्ठभूमि कैसे है।

यदि आप 18 साल से कम है और आप अपना अंगदान करना चाहते है तो अपने माता-पिता या अभिभावक से अनुमति लेने के लिए स्वतंत्र है। मैं आप सभी को बताना चाहता हूँ कि हमारे शरीर के कुछ अंग ऐसे होते है जिसको अंगदान करने वाला जीवित रहते हुए ही कर सकता है, और कुछ ऐसे अंग है जिनको मृत्यु के बाद दाता दान कर सकता है।

हमें ये पता होना बहुत ही जरुरी है कि हमें अपने अंग दान करने के लिए क्या करना होगा। अगर आप अपने अंग को दान करना चाहते है तो इसके लिए आप को अंगदान संघठन के साथ दाता के रूप में पंजीकरण करवाना होगा।

पंजीकरण होने के बाद वहां से आप को एक दाता कार्ड मिलेगा जो आपकी मृत्यु के बाद आप को अंगदान के लिए उपयुक्त बना देता है। आपको ये पता  होना चाहिए कि अंगदाता का मृत शरीर लगभग 30 से 40 लोगो के जीवन को बचा सकता है।

मैं आप को बताना चाहता हूँ कि अपने अंगदान करने के लिए कोई औ सीमा नही ही अर्थात 70 से 80 वर्ष के औ वर्ग वाले लोग भी अपना अंगदान कर सकते है। 

हम सभी बात कर रहे है कि हमें अंग दान करना चाहिए लेकिन सवाल ये उठता है कि हम कौन-कौन से अंग दान कर सकते है? –  हम सभी जानते है कि आज के इस दौर में ऐसे लोगो की कमी नही है जो गंभीर शारीरिक परिस्थितियों से गुज़र रहे हैं, और उनको विभिन्न अंगो की जरुरत होती है। जो उनके जीवन को बचा सकती है। दोस्तों हमरे शरीर में कई सारे अंग है जिनका हम दान कर सकते है।

जैसे – 

  • गुर्दे 
  • फेफड़े 
  • छोटी आंत 
  • दिल 
  • अग्न्याशय
  • हड्डी 
  • त्वचा 
  • कॉर्निया 
  • ऊतक 
  •  कार्टिलेज
  • टेंडन
  • दिल की नाडी के ऊतक

इन सभी महत्वपूर्ण अंग दान की श्रेणी में रखा जा सकता है। बहुत से अपनी पूरी शरीर ही दान कर देते है और कुछ लोग अपने शरीर के विशिष्ट अंग को ही दान करता है। ये पूरी तरह से अंगदाता पर निर्भर करता है कि  वो अपनी पूरी शरीर दान करता है या विशिष्ट अंग। 

दोस्तों अंगदान करने की हमारी कोशिश किसी के जीवन को खत्म होने से बचा सकती है। ये अंगदान से जुडी एक बहुत ही सकारात्मक बात है। जैसा की हम सभी को पता है किसी को जीवनदान देना वास्तव में धर्म का कार्य है लेकिन जब हम बिना किसी निःस्वार्थ किसी के लिए काम करते है तो हमारे मन को एक अलग ही संतुष्टि मिलती है।

अंगदान की भावना बहुत ही अच्छी है, जब हम इस धरती पर नही मौजूद होंगे तब भी कोई हमारे शरीर से अंगो से जीवित रहेगा और इस धरती पर मौजूद रहेगा और आपके अंगो के कारण ही वो इस दुनिया को देख पायेगा।  

हमें अपने देश के नागरिक के रूप में हमारे देश के डॉक्टरों में विश्वास रखना चाहिए और यह विश्वास केवल स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों और अस्पतालों में उपलब्ध विश्वस्तरीय चिकित्सा सेवाओं और सुविधाओं को उपलब्ध करवाकर ही किया जा सकता है। 

हमें ये ध्यान रखना होगा कि जब तक संभावित अंगदाता की मृत्यु न हो जाये तब तक उनको सही चिकित्सा उपलब्ध करायी जानी चाहिए। जिससे उनके अंगो का सही इस्तेमाल से उनके जीवन को बचाया जा सके जिसको इन अंगो की जरुरत है।

दोस्तों मैं चाहता कि आप भी मेरी तरह लोगो ऐसे ही जागरूक करे, जिससे हमारे देश के लोगो में जागरूकता फैले और वो अंगदान करने के लिए आगे आये जिससे उन लोगो को जीवन मिल सके, जो अपनी किसी बीमारी के कारण मर रहे है।

दोस्तों हमें ये पता होना चाहिए कि हमारे अंगदान से कैसे लोगो की जान बचाई जा सकती है। मैं चाहता हूँ आप सब आगे आकर इस महान काम में अपना योगदान दे और लोगो इस सकारात्मक परिवर्तन का हिस्सा बनने की सलाह दे।

इसी के साथ मैं अपने भाषण का यही समापन करता हूँ। मैं आशा करता हूँ कि आप सब स्वस्थ रहे और लोगो को जागरूक करते रहे।

धन्यवाद

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