राजनीति पर भाषण Speech on Politics in Hindi
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राजनीति पर भाषण Speech on Politics in Hindi
माननीय प्रधानाचार्य, सभी अध्यापक और सभी छात्रगण आप सभी को मेरा नमस्कार,
“राजनीति” शब्द “राजा की नीति” से बना है। प्राचीन काल में एक राजा अपने देश को चलाने के लिए जो योजनाएं और नीतियाँ बनाता था, उसे ही राजनीति कहते थे। इसे अंग्रेजी में “पॉलिटिक्स” कहते हैं।
किसी भी देश के लिए राजनीति बहुत जरूरी होती है। देश के भीतर शिक्षा, व्यापार, सड़कों का निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय नीतियाँ, कर जैसे सभी बिंदुओं का क्या ढाँचा होगा, क्या नियम कानून बनाये जाएंगे यह राजनीति के माध्यम से ही तय होता है।
राजनीति हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह किसी देश के लिए रीढ़ की हड्डी के समान है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां की राजनीति लोकतंत्र पर आधारित है। भारत के प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार है। वोट देकर ही हम अपने सांसद, विधायक और दूसरे नेताओं का चयन करते हैं।
राजनीति का आदर्श उदाहरण हमें स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व देखने को मिला था। जब भारत के अनेक अच्छे नेताओं जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी और दूसरे नेताओं ने निस्वार्थ भाव से राजनीति की और भारत को स्वतंत्रता दिला दी।
महात्मा गांधी ने कभी हिंसा का सहारा नहीं लिया। हमेशा अहिंसा और सत्य के रास्ते पर चले और अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ा। भारत के स्वतंत्र होने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने।
उन्होंने देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए बहुत ही नीतियाँ बनाई। यह सभी नीतियाँ राजनीति का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत की धरती ने अनेक अच्छे नेता पैदा किये है, इसमें कोई संदेह नहीं है।
जहां पहले के नेता निस्वार्थ भाव से राजनीति करते थे, वही आजकल स्थितियाँ पूरी तरह से बदल चुकी हैं। एक सच्चा राजनेता सदैव ही देश की सेवा करना चाहता है। वह धन का लालच नहीं करता है। रुपया, पैसे, सोने, चाँदी का उसे कोई लोभ नहीं होता। पर दुर्भाग्यवश आज की पस्थितियां पूरी तरह से बदल चुकी हैं।
अब ज्यादातर नेताओं ने राजनीति को कैरियर के रूप में अपना लिया है। अधिकतर नेता स्वार्थ की राजनीति करते हैं। वे धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांट कर वोट बैंक की राजनीति करते हैं। मौका मिलने पर वह लाखों, करोड़ों का घोटाला कर देते हैं और अपने पैसों को विदेशी बैंकों में जाकर छिपा देते हैं।
आज देश में ऐसे बहुत से नेता हैं जिन पर हत्या, अपहरण, बलवा, दंगे कराना जैसे गंभीर अपराध करने के आरोप लगे हैं और मुकदमे भी चल रहे है। इसके बावजूद वे राजनीति में सक्रिय हैं। चुनाव होने पर ऐसे नेता पैसे बांट कर मतदाताओं को ख़रीद लेते हैं और फिर से वोट पाकर सत्ता में आ जाते हैं।
देश की जनता को इस तरह की राजनीति से दूर रहना चाहिये। चुनाव होने पर यदि कोई नेता आपको पैसे देता है या खरीदने की कोशिश करता है तो उसे तुरंत ही मना कर दें। उसके दिए पैसों को स्वीकार न करें।
केवल उसी नेता को वोट दें जो ईमानदारी से आपके क्षेत्र में काम करता हो। जनता की समस्याओं का समाधान करता हो। आपके क्षेत्र का विकास करता हो। आधुनिक नेताओं में अटल बिहारी बाजपेई का नाम लिया जा सकता है जिन्होंने सबसे अच्छी राजनीति की।
उन्होंने देश के सभी वर्गों हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई और दूसरे अल्पसंख्यक वर्गों के साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाया। कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। अटल बिहारी बाजपेई के विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे। वह एक अच्छे और महान नेता थे।
अब सवाल उठता है कि आदर्श राजनीति कैसी होनी चाहिए? आदर्श राजनीति वही है जो देश को विकास के पथ पर ले जाए। उसे आगे बढ़ाएं, न कि उसे पीछे ढकेले। जहां हर युवा के पास नौकरी हो, हर बच्चे के पास स्कूल जाने का अधिकार हो, हर किसान की फसल खेतों में लैलहा रही हो, व्यापारियों को लाभ हो। सभी खुश रहें और रामराज जैसी स्थिति हो। पर यह सब इतना भी आसान नहीं है।
आज के समय में देश की बढ़ती हुई जनसंख्या 135 करोड़ के आंकड़े को भी पार कर चुकी है। इतनी बड़ी जनसंख्या को रोटी, कपड़ा, मकान और दूसरे अन्य संसाधन दे पाना आज मुश्किल हो रहा है। भारत के नेता देश की जनसंख्या को नियंत्रित करने में असफल रहे हैं और कोई नेता इसके बारे में बात भी नहीं करता है।
सभी नेता सोचते है की जितने अधिक लोग होंगे, उतने अधिक वोट उनको चुनाव में मिलेंगे। जनसंख्या के अलावा रोज़गार आज एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है। देश की 60% जनसंख्या युवा है। भारत एक नौजवान देश है। इसके बावजूद भी यहां नौकरियों की बहुत कमी है। देश में किसानों की हालत तो और भी बुरी है।
हर साल कितने ही किसान कर्ज के बोझ के कारण फाँसी के फंदे पर झूल जाते हैं। ऐसा कोई भी महीने नहीं जाता जब अखबारों में किसानों द्वारा आत्महत्या करने की ख़बरें नहीं प्रकाशित होती।
2012 के आंकड़ों की बात करें तो 135000 किसानों ने आत्महत्या कर ली। 2018 में सिर्फ महाराष्ट्र राज्य में 60000 किसानों ने आत्महत्या कर ली। देश के उड़ीसा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में किसानों की हालत बेहद खराब है।
ज्यादातर किसान अपनी फसल की बुवाई के लिए साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेते हैं। पर मौसम की मार, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफान और दूसरी समस्याओं के कारण बहुत बार उनकी फसलें नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में किसान अपना कर्ज चुकाने में नाकाम रहता है। इन सारी समस्याओं से बचने के लिए वह खुदकुशी कर लेता है।
दूसरी तरफ आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार, जम्मू कश्मीर की समस्याएं भारत को घेरे हुए हैं और देश को पीछे ले जाना चाहती हैं। मैं आशा करता हूं कि भारत के नये नेता इन सारी समस्याओं को हल करने के लिए उचित राजनीति करेंगे। वह संसद में बैठकर ऐसे कानून, नियम और बिल पारित करेंगे जिससे इन सारी समस्याओं से मुक्ति मिले और हमारा भारत एक विकसित देश बन सके।
आज जहां बहुत से नेता स्वार्थभाव से राजनीति कर रहे हैं तो वहीं कुछ अच्छे नेता भी हैं। हमें हमेशा ही सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। मैं आशा करता हूं कि देश की धरती ऐसे नेताओं को पैदा करेगी जो उचित राजनीति कर भारत को एक महान देश बनाएँगे।
इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूं। धन्यवाद
Very nice i read your complete article i’m very impressed the way it was expressed and explained
2022 i’m planning to fight MLA election from my home town
I need to learn more about speaking skills for politics
Best Regards
Deepak kaparwan