रेड क्रॉस दिवस पर भाषण Speech on Red Cross Day in Hindi

रेड क्रॉस दिवस पर भाषण Speech on Red Cross Day in Hindi

सभी आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज मैं आप सभी के साथ रेड क्रॉस डे के उपलक्ष्य पर अपने विचार साझा करना चाहता हूं।

रेड क्रॉस दिवस पर भाषण Speech on Red Cross Day in Hindi

आदरणीय श्रोताओं, हम रोज मर्रा के जीवन में यह देखते हैं कि सड़क हादसों के दौरान कई लोग घायल हो जाते हैं। उन लोगों को सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है एवं कोई भी उनकी मदद करने के लिए आगे नहीं आता।

ऐसा ही पहले भी हुआ करता था। इंसान प्राचीन काल से स्वार्थी रहा है। पहले के समय में राजाओं के मध्य बहुत ज्यादा भयावह युद्ध हुआ करते थे। उन युद्धों में घायल होने वालों की संख्या बहुत ज्यादा हुआ करती थी।

युद्ध में लड़ाई के दौरान मारे जाने वाले लोगों से ज्यादा लोग घायल होकर मारे जाते थे। विश्व युद्धों के दौरान मरने वालों की संख्या और ज्यादा बढ़ गई। लड़ाई के दौरान अचानक से मरना ज्यादा कष्टदायी नहीं होता था, लेकिन घायल होने के दौरान मरना बहुत ज्यादा कष्टदायी होता था और घायल होने और मृत होने के मध्य के समय में यदि घायलों को उपचार मिल जाता तो उन्हे बचाया भी जा सकता था।

आदरणीय श्रोताओं मैंने युद्धों के दौरान अब तक घायलों की बात की और यह बताया कि उनकी युद्धों के दौरान क्या स्थिति होती थी, लेकिन घायलों के उपचार के लिए भी कुछ लोग आगे आए और उन्होने इस प्रक्रिया को एक वैश्विक स्तर की मुहिम के रूप में आगे बढ़ाया।

आज के दिन सन 1863 से रेड क्रॉस डे मनाया जाता है। श्री हेनरी दुनांट का जन्मदिन 8 मई को आता है और उन्ही के जन्मदिवस पर अन्तराष्ट्रीय कमिटी के द्वारा रेड क्रॉस डे मनाने का निर्णय लिया गया था। हेनरी दुनांट रेड क्रॉस फाउंडेशन के संस्थापक थे और एक समाजसेवी थे।

हेनरी का जन्म 1828 में जेनेवा में हुआ था और वो पहले ऐसे इंसान थे जिन्हे शांति के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हेनरी ने अपना सारा जीवन घायलों की सेवा में लगाया और उन्होने रेड क्रॉस अभियान भी चलाए।

हेनरी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध थे और उन्होने पूरी दुनिया को अपने विचारों से प्रेरित किया। हेनरी रेड क्रॉस के संस्थापक थे लेकिन उनके जीवनकाल के दौरान रेड क्रॉस उतना अधिक प्रसिद्ध नहीं था, जितना कि उनकी मृत्यु के बाद हुआ।

रेड क्रॉस अभियान का विश्व युद्ध प्रथम के दौरान बहुत अधिक प्रचार किया गया और लोगों को जागरूक किया गया। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान यह अभियान एक बड़े आंदोलन के रूप में उभरा और लोगों ने इस अभियान से बहुत कुछ सीखा।

रेड क्रॉस अभियान का सर्वप्रथम उद्देशय यही था कि दुनिया भर में जितने भी बीमार अथवा घायल लोग हैं उनका इलाज किया जाए एवं उन्हे यथा संभव मदद दी जा सके। पहली बार विश्व रेड क्रॉस डे मनाने की घोषणा 14वें अंतराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में की गई थी। दरअसल उस दौरान इस पर केवल विचार भर किया गया था, लेकिन 15वें अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह निश्चय किया गया कि, 8 मई को विश्व रेड क्रॉस डे के रूप में मनाया जाएगा।

हालांकि. उसके बाद इस पर काफी विवाद हुआ और मनाया जाये या नहीं इस बात का फैसला मझधार में ही रह गया। रेड क्रॉस अभियान काफी ज्यादा प्रभावी था और यह मानव जीवन को बेहतर बनाने में काफी ज्यादा सहायक भी है।

कुछ साल बीत गए और लीग ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटी के पास, रेड क्रॉस सोसाइटी की जनरल असेंबली द्वारा यह दरख़्वास्त की गई कि इसे दुबारा मनाने के लिए बात की जाए और चर्चा की जाए। कुछ ही समय बाद यानी कि सन 1948 में इसे वैश्विक स्तर पर पर अपनाया गया और रेड क्रॉस डे के रूप में पहली बार 8 मई को मनाया गया। रेड क्रॉस डे को वैश्विक स्तर पर रेड क्रॉस और रेड सरसेंट डे का नाम 1984 में दिया गया था।

रेड क्रॉस डे को मनाए जाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण और उद्देशय छुपा है। विश्व रेड क्रॉस डे को मनाने के दौरान लोगों को इस बात के लिए जागरूक किया जाता है कि वे एक दूसरे की मदद करें।

आपदाओं के दौरान घायलों की मदद करने से राहतकार्य कितना अधिक सुचारू और सफल हो सकता है यह रेड क्रॉस के अभियान के अंतर्गत लोगों को बताया गया। रेड क्रॉस डे का एक मकसद और यह भी है लोग रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़ें।

मौजूद वक़्त में रेड क्रॉस सोसाइटी में 3 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं, और दिन ब दिन यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। लोग रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़कर अन्य लोगों को मदद करें और मानवता का संदेश दें।

रेड क्रॉस को मनाते वक़्त यह संदेश दिया जाता है कि मानवों का धर्म मानवता है, लोगों को आजादी दी जानी चाहिए, अभिव्यक्ति की आजादी, कुछ भी करने की आजादी, सपने देखने की आजादी, खुश रहने की आजादी।

रेड क्रॉस के ये सभी उद्देशय मानव गुणों के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। मानवता हमें यह बताती है कि हमें दूसरों की मदद क्यूं करनी चाहिए। हम इस पृथ्वी को साथ मिलकर कैसे बेहतर बना सकते हैं और इसे एक बेहतर रूप प्रदान कर सकते हैं। शांति और खुशहाली से भरा विश्व कितना सुंदर और मनोरम लगेगा। यहां रहना कितना सुखद होगा।

आदरणीय श्रोताओं एक भारतीय के तौर पर मुझे लगता है कि रेड क्रॉस अभियान में कही गई सारी बातें भारतीय मूल में निहित हैं। हम सभी भारतीय यह जानते हैं कि भारतीय संस्कारों और संस्कृति में इस बात का जिक्र कई बार हुआ है कि समस्त विश्व के लोग हमारे अपने बंधु बांधव हैं।

गीता का सबसे बड़ा ज्ञान यही है कि वसुधैव कुटुम्ब, जिसका अर्थ होता है कि हम सभी वासुदेव की संताने हैं एवं उन्ही के परिवार के सदस्य भी हैं।

विश्व में मौजूद कोई भी इंसान चाहे वो किसी भी जाति धर्म समुदाय का हो, सर्वप्रथम वह मानव है और उसे एक मानव के तौर पर मानवता जरूर दिखानी चाहिए। एक भारतीय होने के नाते रेड क्रॉस डे के सभी मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में उतारे एवं इस दिन के उद्देश्य को सफल बनाकर दुनिया को खूबसूरत परिवेश के रूप में बदलें।

मेरे विचार सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद। मैं यह आशा करता हूँ कि रेड क्रॉस डे के उपलक्ष्य पर मेरे विचार जानकार आप सभी काफी ज्यादा प्रेरित हुए होंगे और आने वाले दिनों में उन विचारों का क्रियान्वयन करेंगे।

धन्यवाद, जय हिंद, जय मानवता

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