महिला सशक्तिकरण पर भाषण Speech on Women Empowerment in Hindi
महिला सशक्तिकरण पर भाषण Speech on Women Empowerment in Hindi
इस आर्टिकल में हमने मोटीवेट कर देने वाला महिला सशक्तिकरण पर ज़बरदस्त सा स्पीच लिखा है। यह स्पीच सभी महिलओं को प्रेरणा देता है और उन्हें अपने आपको ना ही कमज़ोर पड़ने देंगी और ना ही पुरुषों से कम समझेंगी।
महिला सशक्तिकरण पर भाषण Speech on Women Empowerment in Hindi
माननीय प्रधानाचार्य, सभी अध्यापक और सभी छात्रों को मेरा नमस्कार,
आज हम सभी यहाँ महिला सशक्तिकरण को मनाने के लिए इकठ्ठा हुए है। आज मैं इस अवसर भारत में महिला सशक्तिकरण पर भाषण देना चाहूँगा/ चाहूंगी। जैसे कि हम सभी जानते है कि आज हमारे देश में महिलाओं की स्थिति बहुत ही ख़राब है और हमें इस विषय पर ध्यान देने चाहिए और लैंगिग समानता लाने के लिये हिंदुस्तान में महिला सशक्तिकरण बहुत आवश्यक है।
इसे आसान भाषा में कह सकते है कि महिलाओं को पुरषों के बराबरी में लाने के लिए महिला सशक्तिकरण करना जरुरी है। महिला सशक्तिकरण अर्थात “नारियों को अपने खुद के निर्णय लेने और उनकी सोच को बदलना ही महिला सशक्तिकरण कहलाता है”।
दोस्तों भारत एक पुरुष प्रधान देश है अर्थात देश की आधी शक्ति। महिला केवल घर में काम करने और घर सँभालने पर मजबूर किया जाता है वो सायद ये नही जानते है कि महिलाएं इस समाज की आधी शक्ति है और पुरुष और महिला दोनों साथ में कदम से कदम मिलाकर चले तो ये देश की पूरी शक्ति बन जायेगी। हमारे देश को विकासशील देश को विकसित कर देंगे।
शायद ये पुरषों को नही पता है कि महिलाएं कितनी शक्तिशाली है। भारत के सभी पुरुषों को ये समझना जरुरी है कि वो नारी के शक्ति को समझे और उनको आत्मनिर्भर बनाये और देश, और परिवार में अपनी शक्ति को दिखाने के लिए आगे बढ़ने दे।
बिना महिला सशक्तिकरण के हमारे देश और समाज में नारी को उसका असली स्थान नही मिल सकता है जिसकी वो हमेशा से हक़दार रही है। ये सदियों पुरानी परम्पराओं और दुष्टताओं को बिना महिला सशक्तिकरण के बिना महिलाये इसका सामना नही कर सकती है और ये वही पुरानी रीतियों और मूढ़ताओं में फंसी रहेंगी।
यही कारण है कि नारियों को सभी बन्धनों से मुक्त होकर निर्णय नही ले सकती। हमें अपनी और उनकी सोच को बदलना होगा ताकि वो स्वतंत्रता पूर्वक अपने फैसले ले सके।
महिला सशक्तिकरण से हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते है लेकिन उसके लिए ये आवश्यक है कि उसकी आवश्यकता को महसूस करते हुए विश्व में नारी शक्ति को जगाने के लिए हर साल दुनिया भर में 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हर साल महिला सशक्तिकरण पर नारियों को उतेजित करने के लिए एक नया थीम दिया जाता है। वर्ष 2017 में इसके लिए थीम था “Be bold for change” इसका अर्थ होता है “महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिए महिलाओं को साहसिक होकर खुद आगे आना होगा”।
हमारे ग्रंथो मे भी लिखा है “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” इसका अर्थ है जहाँ नारी की पूजा होती है वहां देवता भी निवास करते है। हमारे देश में नारियों को बहुत सी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है जैसे दहेज़ प्रथा। ये एक ऐसी प्रथा है जो प्राचीन समय से चली आ रही है।
लड़के वाले बिना किसी डर के दहेज़ मांगते है। ऐसा लगता है जैसे किसी की शादी नही उसको बेचने का काम है। दोस्तों हम सभी को मिल कर दहेज़ प्रथा को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर देना चाहिए और नारियों को उनके अधिकारों के अनुसार किसी को भी चुनने का मौका दिया जाना चाहिए।
दोस्तों हमारे देश में नारियों का खुलेआम घुमने का अधिकार नही है क्योकि कुछ बुरे लोगो की वजह से सबको डर रहता है कि कहीं नारियों के साथ कोई बलत्कार जैसे दुष्कर्म न कर दे। इसकी वजह से नारी कहीं घूम नही पाती है।
ये इस देश के पुरषों का कर्तव्य है कि वो सभी नारियों को समान अधिकार दे और उनको बुरी नजरो से न देखे। क्योकि उनका भी अधिकार है की वो भी नीडरता से कहीं भी आ जा सके।
हमारे देश में लड़कियों को बोझ समझा जाता है और कहीं न कहीं यही वजह है की उनको आने से पहले ही हम ख़त्म कर देते है। लेकिन वर्तमान समय में धीरे-धीरे बदलाव के बाद अब कन्या भ्रूणहत्या की दर बहुत ही कम हुई है और ये सभी संकेत है कि लोग महिलाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे है और उनके अधिकारों को समझने लगे है।
धीरे धोरे हमारे देश की महिलाएं आगे आ रही है और महिला सशक्तिकरण से सभी नारियों को हिम्मत मिल रही है। आप सभी ने बहुत बार किसी नेता के मुह से, टीवी चैनल में ये शब्द सुना होगा “परिषद् बदल रहा है और महिला सशक्तिकरण से महिलाओं की भागीदारी सभी दिशाओं में बढ़ रही है”। धीरे धीरे देश बदल रहा और लड़कियां भी लडको से कम नही है। आज लड़कियां भी लडको के साथ कदम से कदम मिला कर चल रही है और उनके घर वाले भी उनका साथ दे रहे है।
आज के इस ज़माने में बहुत सी लड़कियां डाक्टर, इंजिनियर, वकील, आईएस और पीसीएस जैसे पद पर काम कर रही है। लेकिन इतने बदलाव के बाद भी अभी भी बहुत से राज्यों के छोटे छोटे गावं में भी कुछ बदलाव बाकि है और वहां के लोगो को भी जागरूक करना होगा और देश को आगे बढ़ने में नारियों का हाथ होना चाहिए और समय समय पर परिवर्तन भी जरुरी है।
दोस्तों मैं भारत के सभी पुरषों से निवेदन करूँगा कि महिला सशक्तिकरण के जरिये महिलाओं को आगे आने का मौका दे और अपनी मानसिकता को बदले, क्योकि महिला सशक्तिकरण एक सोच है और जरुरत है इस सोच को आगे बढाने की।
महिलाओं की जीवन के कौशलता को उनकी जीवन रेखा बनाने की। जिससे समय आने पर वो भी अपना खुद का व्यापार कर सके। पुरषों को उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए ताकि वो किसी से पीछे न रहे और किसी से डरे न। हमारी और आप की सोच से ही हम नारियों को आगे बढ़ा सकते है और उनके खुशहाल जीवन की कमाना कर सकते है।
हमें मिल कर महिला सशक्तिकरण पर अमल करना चाहिए और अपने जान, पहचान और रिश्तेदारों में इस बात के बारे बात करनी चाहिए क्योकि हमारे और आप के जरिये ही इस देश की सोच बदल सकती है। अगर इस देश का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सोच बदल ले तो पूरे देश को सोच बदल सकती है। धन्यवाद
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