विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण Speech on World Population Day in Hindi
विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण Speech on World Population Day in Hindi
आज इस आर्टिकल में हमने विश्व जनसँख्या दिवस पर स्पीच प्रस्तुत किया है। आशा करते हैं आपको यह भाषण पसंद आएगा। आप इस स्पीच से चाहे तो स्कूल और कॉलेज के भाषण में मदद ले सकते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण Speech on World Population Day in Hindi
आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। आज हम सभी “विश्व जनसंख्या दिवस” को मनाने के लिए एकत्रित हुए है। हर साल 11 जुलाई का दिन “विश्व जनसंख्या दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
विश्व की बढ़ती जनसंख्या के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुवात संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालक परिषद ने 1989 में की थी। उस समय विश्व की आबादी लगभग 5 अरब थी। इस दिवस को मनाने का विचार डॉक्टर केसी जचारिया (Dr KC Zachariah) ने दिया था जब वो विश्व बैंक में काम कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में विश्व की आबादी 7.6 अरब है। 2030 तक विश्व की आबादी 8.6 मिलियन पहुँचने की उम्मीद है। प्रति वर्ष 83 मिलियन लोग जन्म ले रहे है। भारत और चीन की आबादी कमशः 125 और 132 करोड़ है जो विश्व जनसंख्या का 18% और 19% है। यदि विश्व की बढ़ती जनसंख्या को नही रोका गया तो सभी संसाधन खत्म हो जायेंगे और युद्ध के हालात बन जायेंगे।
विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य AIM OF WORLD POPULATION DAY
विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य इस प्रकार है-
- आज बढती हुई आबादी से सब लोग परेशान है। 2018 के अनुसार विश्व की आबादी लगभग 7।6 अरब है। बढ़ती आबादी में अनेक समस्याएं पैदा हो रही है
- स्वास्थ्य, प्रजनन, असुरक्षित यौन सम्बन्ध, गर्भधारण समस्याएं, कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याएँ बढ़ रही है। इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण इन समस्याओं का हल निकालना है। पूरे विश्व में खराब स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से हजारो गर्भवती महिलाओं की मौत हो जाती है। विश्व में 800 महिलायें रोज बच्चे को जन्म देते हुए मर जाती है। पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं न होने की वजह से ऐसा होता है
- इसके अलावा युवाओ के बीच सुरक्षित गर्भ निरोध के उपाय का प्रचार करना भी विश्व जनसंख्या दिवस का लक्ष्य है
- कम उम्र और अधिक उम्र में शादी के प्रभाव को समझाना भी इसका लक्ष्य है
- कन्या भ्रूण हत्या को रोकना
- प्रजनन समबन्धी समस्याओं के समाधान को हर महिला तक पहुँचाना
- लोगों को गर्भधारण संबंधी बीमारियों के बारे में शिक्षित करना। बार बार गर्भधारण से होने वालो खतरो के बारे में जागरूक करना
- परिवार नियोजन की सेवाएं एवं सुविधाये सभी स्त्री-पुरुष तक पहुंचाना
- लड़कियों को लड़को के बराबर महत्व देना
- विश्व की बढ़ती जनसंख्या को रोकना
- सभी लोगो का जीवन स्तर सुधारना
- यौन रोगों के बारे में शिक्षित करना और यौन रोगों के बचाव के उपाय बताना
- लड़कियों की शिक्षा के लिए समाज को जागरूक बनाना
- वयस्क शिक्षा (यौन शिक्षा) के बारे में लोगो को जागरूक करना
कैसे मनाते है विश्व जनसंख्या दिवस HOW TO CELEBRATE WORLD POPULATION DAY
इस तरह विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है-
- स्कूल, कॉलेजों में विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध, भाषण, व्याख्यान, लेखन, चित्रकला, सेमीनार, गोलमेज चर्चा, गीत, खेल प्रतियोगिता, कविता जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
- हमारे प्रिंसिपल, टीचर्स हमे बढ़ती जनसंख्या से होने वाले खतरे के बारे में सावधान करते है।
- विश्व जनसंख्या दिवस पर पोस्टर लगाये जाते है।
- न्यूज चैनेल के द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस पर खबरों का प्रसारण और प्रेस कांफेरेंस किया जाता है
- टीवी पर विश्व जनसंख्या और इससे जुडी बातो पर कार्यक्रम दिखाया जाता है। जनसंख्या से जुडी समस्याओं पर कार्यक्रम दिखाया जाता है।
विश्व जनसंख्या दिवस की थीम THEMES OF WORLD POPULATION DAY
विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष अलग होता है-
- 2012 का विश्व जनसंख्या दिवस- “जननीय स्वास्थ्य सेवा के लिये विश्वव्यापी पहुँच”
- 2013 का विश्व जनसंख्या दिवस- “किशोरावस्था में गर्भावस्था पर ध्यान”
- 2014 का विश्व जनसंख्या दिवस- “जनसंख्या प्रचलन और संबंधित मुद्दे पर चिंता के लिये एक समय और युवा लोगों में निवेश करना”
- 2015 का विश्व जनसंख्या दिवस- “आपातकाल में अतिसंवेदनशील जनसंख्या”
- 2016 का विश्व जनसंख्या दिवस- “किशोर लड़कियों में निवेश’
- 2017 का विश्व जनसंख्या दिवस- “परिवार नियोजन: जन सशक्तिकरण और राष्ट्र विकास”
- 2018 का विश्व जनसंख्या दिवस- “परिवार नियोजन हमारा मानवाधिकार है”
बढ़ती जनसंख्या भारत के लिए बड़ी चुनौती GROWING POPULATION IS A CHALLENGE FOR INDIA
आज भारत जनसंख्या विस्फोट की समस्या से जूझ रहा है। 2011 के अनुसार भारत की आबादी 125 करोड़ से अधिक हो गयी है। आज देश में रोजगार, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, कुपोषण, घर, गरीबी जैसी अनेक समस्यायें पैदा हो रही है। आंकड़ों के अनुसार भारत में हर मिनट 25 बच्चे पैदा होते हैं।
ये आकड़े सिर्फ अस्पतालों के है क्यूंकि अनेक बच्चे घर पर ही जन्म लेते है। विशेषज्ञों का कहना है की यदि भारत ने अपनी आबादी पर कोई रोक नही लगाई तो यह 2030 तक चीन की 132 करोड़ की आबादी को पार करके विश्व में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जायेगा।
देश के शहरों का हाल बढ़ती जनसंख्या के कारण बहुत खराब हो रहा है। आये दिन सड़को पर जाम लगा रहता है। यातायात के साधन- बस, ट्रेन, टैम्पो पूरे नही पड़ रहे है। शहरों में अधिक आबादी की वजह से प्रदुषण बहुत हो रहा है। बेरोजगारी की वजह से अपराध बहुत बढ़ गया है। आये दिन लूटमार, चोरी, हत्या जैसी घटनाये शहरों में सुनने को मिलती है।
आज इतनी बेरोजगारी है की कोई सरकारी नौकरी निकलने पर लाखो की संख्या में लोग आवेदन करते है। पेयजल का संकट गहरा गया है। दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में पानी बहुत सीमित मात्रा में रह गया है। पानी की बहुत किल्लत हो गयी है।
नदियाँ प्रदूषित हो चुकी है। बढ़ती आबादी की वजह से आज गरीब वर्ग मलिन बस्तियों में रहने को मजबूर है। बढ़ती आबादी की वजह से रोटी कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, ईधन जैसी बुनियादी जरुरतो को पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
भारत में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए 1950 में परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया गया था। पर यह कार्यक्रम असफल रहा। जबकि चीन ने 1979 में एक बच्चा नीति लागू कर दी। इससे वहां पर जनसंख्या रोकने में बहुत मदद मिली।
भारत में बढ़ती आबादी के कारण CAUSES OF GROWING POPULATION IN INDIA
आज देश में बढ़ती आबादी के अनेक कारण है। गरीबी, अशिक्षा, परिवार नियोजन कार्यक्रम का आभाव, गर्भ निरोध संसाधनो की कमी, कम मृत्यु दर एवं उच्च जन्म दर, वयस्क शिक्षा (यौन शिक्षा) की कमी, लड़के की चाह- इन सभी कारणों की वजह से आज भारत की आबादी तेजी से बढ़ती जा रही है। हम सभी का कर्तव्य है की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करे।
यदि पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति खुद का परिवार नियोजन कर ले तो पूरा विश्व ही नियोजित हो जायेगा। “विश्व जनसंख्या दिवस” के दिन को हम सभी लोगो को गम्भीरता पूर्वक मनाना चाहिये। इसी कथन के लिए मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ।
धन्यवाद!