पदार्थों की अवस्थाएँ, और परिवर्तन States of Matter in Hindi

इस लेख में आप पदार्थ क्या है और पदार्थों की अवस्थाएँ The States of matter in Hindi तथा पदार्थ के भौतिक गुणधर्मों की जानकारी प्राप्त करेंगे। अगर आप अपने चारो तरफ देखेंगे तो खुद को पदार्थों के बीच ही पायेंगे, क्योंकि धरती पर तथा अंतरिक्ष में सिर्फ पदार्थ ही हैं, पदार्थों के अलावा और कुछ नहीं है।

पदार्थ की अवस्थाएं (States of matter) कक्षा पाँच से विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया जाता है तथा एक अंक से लेकर छः अंकों तक इसे परीक्षाओं में विभिन्न प्रकार से पूछा जाता है।

पदार्थ की परिभाषा The definition of Matter

आपके मन में प्रश्न आया होगा की पदार्थ क्या है? और यह कैसे बनते हैं इत्यादि, सरल भाषा में समझे तो जिस वस्तु का कुछ वजन हो और वह स्थान घेरता हो अर्थात द्रव्यमान हो उसे पदार्थ कहते हैं। उदाहरण के तौर पर आपकी बाइक, टीवी, चप्पल, जल और चूल्हा जलाने वाला गैस इत्यादि ये सब पदार्थ है।

अब हम समझेंगे की पदार्थ के कितने प्रकार या अवस्थाएँ होती हैं? आपने ऊपर पदार्थ के उदाहरण के रूप में जल और चूल्हा जलाने वाला गैस को देखा तो आपके मन में यह प्रश्न जरुर आया होगा की पानी तो स्वयं रूक नहीं सकता और गैस भी, तो उसे पदार्थ कैसे कहेंगे? आप बेहतर तरीके से समझ जायेंगे अगर आप पदार्थ के प्रकार और उनके गुण-धर्म के बारे में पढेंगे।

पदार्थ की अवस्थाएँ या प्रकार Types and State of Matter in Hindi

भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान के अनुसार पदार्थ के कुल पाँच अवस्थाएँ निर्धारित की गयी हैं लेकिन आमतौर पर सिर्फ तीन को ही उद्बोधित किया जाता है इनमें से दो को बाद में शामिल किया गया है।

पदार्थ के प्रकार

  1. ठोस
  2. द्रव
  3. गैस

1. पदार्थ की ठोस अवस्था Soild States of Matter

पदार्थ के मुख्य तीन अवस्थाओं में पहला ठोस पदार्थ है। जिस पदार्थ का आकार और आयतन निश्चित होता है और जिसपर अतिरिक्त बल लगाने पर वह प्रतिरोध दर्ज की जाती है उसे ठोस पदार्थ कहा जाता है।

ठोस पदार्थों को क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय दो भागों में बाटा जाता हैं। क्रिस्टलीय ठोस पदार्थों की गल्नाक बिंदु निश्चित होती हैं और ये बहुत हद तक पारदर्शी होते हैं। क्रिस्टल में परमाणुओं, अणुओं अथवा आयनों का क्रम सुव्यवस्थित होता है। क्रिस्टलीय ठोस की प्रवृत्ति अलग अलग होती है अर्थात कुछ भौतिक गुण जैसे विद्युत् की प्रतिरोधकता अथवा अपवर्तनांक अलग अलग हो सकते हैं।

ठोस अक्रिस्टलीय में घटक सुव्यवस्थित नहीं होते हैं तथा इनका गलनांक निश्चित होता है। इन्हें काटने पर इनकी सतह खुरदुरी होती है अर्थात ये विदलन का गुण धारण नहीं करती।

ठोस पदार्थ के गुण-धर्म Properties of Solid matter

  • ठोस पदार्थ की अणु-संरचना बेहद जटिल होती है।
  • ठोस के अणु बेहद नजदीक होते है तथा सहसंयोजक बंध बनाते हैं।
  • ठोस पदार्थ के अणुओं की गतिविधि इनके जटिल संरचना तक सीमित होती है अर्थात ये मुक्त होकर गतिविधि नहीं कर सकते।
  • ये बेहद ही ठोस होते हैं।
  • उदाहरण- लोहा, पत्थर, स्टील, हिरा इत्यादि

2. पदार्थ की द्रव अवस्था Liquid States of Matter

आपने पदार्थ की ठोस अवस्था को जाना और उससे पहले आपने पदार्थ के शुरुवाती उदाहरण में जल तथा गैस को पढ़ा था जिसे आप यहाँ बेहतर समझ पायेंगे। द्रव की परिभाषा के अनुसार पदार्थ की वह अवस्था जिसमें वह तरल रूप में हो अथवा उसका प्राकृतिक गुण बहना हो उसे द्रव कहते हैं। उदाहरण – पानी, पेट्रोल, कोल्ड्रिंक इत्यादि।

द्रव की आण्विय संरचना को देखें तो द्रव के अणु ठोस पदार्थ के अणुओं के मुकाबले थोड़ा दूर-दूर होते हैं और प्रवाह का गुण होने से इन्हें तरल प्रवाह भी कहा जाता है और ये उसी पात्र का आकार धारण कर लेते हैं जिसमें ये रखे जाते हैं।

द्रव के गुण-धर्म Properties of Liquid matter

  • द्रव की आणविय संरचना ठोस के मुकाबले थोड़ा दूर होते हैं लेकिन मुक्त नहीं होते
  • द्रव का निश्चित आयतन और आकार नहीं होता
  • द्रव की गल्नाक और क्वथनांक निश्चित होता है।
  • उदा- जल, तेल इत्यादि।

3. पदार्थ का गैस या वाष्प अवस्था Liquid States of Matter

किसी पदार्थ को किसी निश्चित बिंदु पर गर्म करने से उसके आयतन और आकार में परिवर्तन होता है तो उसे गैस (वाष्प) कहते हैं।

लगभग हर पदार्थ के गलनांक और क्वथनांक बिंदु निश्चित होते हैं और उसी तापमान पर वह पिघलता या जमता है। उदा. के तौर पर पानी का क्रांतिक ताप 374 से. है और उससे अधिक तापमान पर वह द्रव अवस्था से गैस या वाष्प अवस्था में बदल जाता है।

द्रव की अपेक्षा गैस के आणविक संरचना सरल होते हैं इसलिए गैस अवस्था में आते ही पदार्थ मुक्त हो जाता है और उसे संग्रहित करने और उपयोग में लेने के लिए विशेष साधनों को उपयोग में लिया जाता है।

गैस पदार्थ के गुणधर्म Properties of Gas Matter

  • गैस के अणु दूर-दूर होते हैं और मुक्त होते हैं।
  • गैस का कोई पृष्ठ बल नहीं होता है।
  • गैस अवशता में पदार्थ का कोई निश्चित आकर नहीं होता।
  • उदा- ऑक्सिजन, हाइड्रोजन इत्यादि

पदार्थ की भौतिक अवस्थाओं में परिवर्तन Change in Physical States of Matter

पदार्थ की भौतिक अवस्थाओं में परिवर्तन हिन्दी में जानकारी
पदार्थ की भौतिक अवस्थाओं में परिवर्तन

जड़ीकरण एक चरण है जहाँ एक तरल ठोस में बदल जाता है जब उसका तापमान उसके हिमांक बिन्दु से कम हो जाता है।

गलन एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक पदार्थ ठोस चरण से तरल (द्रव) चरण में बदल जाता है।

वाष्पीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें तरल पदार्थ सीधे गैस पदार्थ में बदल जाता है।

संक्षेपण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पदार्थ की भौतिक स्थिति गैसीय चरण से तरल चरण में बदल जाती है।

उर्ध्वपातन वह प्रक्रिया है जिसमें ठोस पदार्थ बिना द्रव चरण में गए सीधे वाष्प अवस्था में बदल जाता है।

निक्षेपण वह भौतिक अवस्था है जिसमें वाष्प बिना द्रव चरण में गए सीधे ठोस रूप मे बदल जाता है।

हर पदार्थ तीन अवस्थाओं में पाया जाता है उदा. के तौर पर लोहा जो एक ठोस पदार्थ है जिसे आकार देने के लिए बेहद ही श्रम, साधन और समय लगता है लेकिन ब्लैकबोर्ड पर घिसा जाने वाला chalk भी ठोस पदार्थ के अंतर्गत आता है लेकिन वह बेहद आसानी से टूट जाता है। इसीलिए हर पदार्थ तत्व, योगिक और मिश्रण रूप में होता है। जो निम्नलिखित हैं।

1. तत्व Elements

जिन ठोस पदार्थों की संरचना एक ही प्रकार के अणुओं से मिलकर बना होता है उसे तत्व कहते हैं। तत्व की आणविक नाभिकीय संरचना सामान होती है और इनकी ख़ास बात यह होती है की इन्हें रासायनिक प्रक्रिया से दो से ज्यादा और भिन्न गुणों वाले पदार्थों में बदला नहीं जा सकता। निचे दिए हुए प्रकारों से आप बेहतर समझ पायेंगे।

तत्व को भी मुख्य दो भागों में बाटा जाता है

अभी तक 114 तत्व खोजे गएँ हैं जिसमें से ज्यादातर धातु हैं। धातु को खोजने और इस शारिणी में शामिल करने के प्रयास नियमित होते रहते हैं।

  1. धातु
  2. अधातु

धातु (Metal)

धातु वह होते हैं जिनकी आणविक संरचना बेहद जटिल होती है और इनके आकार परिवर्तन में बहुत ही श्रम लगती है। धातु मुख्य रूप से ऊष्मा और विद्युत के सुचालक होते है। उदा. लोहा, तांबा, सोना, चांदी इत्यादि।

अधातु (Nonmetal)

अधातु मुख्य रूप से भंगुर होते हैं और थोड़े से आघात से इन्हें आकार दिया जा सकता है तथा ये विद्युत और ऊष्मा के कुचालक होते हैं  उदा. चाक, ब्रोमिन इत्यादि।

2. यौगिक Compounds

योगिक को जानने से पहले आप पानी को देखिये जिसे हम रोज पीते हैं और आपको पता ही होगा की पानी दो तत्वों से मिलकर बना होता है पहला ऑक्सिजन और हाइड्रोजन. इसलिए पानी एक योगिक है।

परिभाषा के अनुसार दो या दो से अधिक तत्वों से सह्संयोजन से किन्ही भी समान/विपरीत गुणों वाले पदार्थों के योग से जो पदार्थ बनता है उसे योगिक कहते हैं। उदा. जल।

3. मिश्रण Mixtures

दिए गए नाम से प्रतीत होता हैं की ये मिश्रण (मिलावट) है, परिभाषा के अनुसार दो से अधिक शुद्ध पदार्थों के संयोजन से किसी पदार्थ का निर्माण होता है तो उसे मिश्रण कहते हैं। मिश्रण स्वयं में अशुद्ध होता है और इन्हें फिर से अलग करने के लिए विशेष रासायनिक या भौतिक प्रक्रियाओं का सहारा लेना पड़ता है।

मिश्रण को दो भागों में बाटा जाता है-

  1. समांगी मिश्रण
  2. विसमांगी मिश्रण

1. समांगी मिश्रण (Homogeneous mixture)

समांगी मिश्रण में ऐसे मिश्रण शामिल हैं जिनके स्वयं के अवयवी संघटन समान होते हैं जैसे की शक्कर और पानी का मिश्रण, नमक और पानी का मिश्रण इत्यादि। (आसानी से मिल जाते हैं)

2. विसमांग मिश्रण (Heterogeneous mixture)

विसमांगी मिश्रण में ऐसे मिश्रणों का उपयोग होता है जिनके अवयवी संघटन एक जैसे नहीं है उदा. बालू में नमक का मिश्रण वातावरण की हवा में धुल कणों का मिश्रण इत्यादि। असमांग मिश्रण को अलग करना समांग मिश्रण से सरल और सस्ता होता है। (आपस में नहीं घुलते हैं)

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने पदार्थ की अवस्थाएँ (States of matter in hindi) पढ़ा तथा पदार्थ के अन्य अवस्थाएँ जैसे ठोस, द्रव और गैस के विभिन्न प्रारूपों के बारे में भी जाना, आशा है की यह लेख आपको सरल और जानकारी से भरपूर लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.