सारस और केकड़ा की कहानी Stork and Crab Story in Hindi
सारस और केकड़ा की कहानी Stork and Crab Story in Hindi
एक बूढ़े और चालाक केकड़े को मछली पकड़ने में मुश्किल हो रही थी। भूख से बचने के लिए, और आसानी से भोजन पाने के लिए उसने एक योजना बनाई वह एक दिन उदास चेहरे के साथ नदी के किनारे पर बैठ गया।
पूछे जाने पर, सारस ने यह आगाह किया कि एक अकाल होगा, और तालाब में सभी जानवर जल्द ही मरेंगे। भोली-भाली मछलियाँ सारस पर विश्वास करती थी और उसने उसकी मदद मांगी क्योंकि मछलियाँ तो किसी अन्य जगह नहीं जा सकती हैं। सारस खुशी से अपने मुंह में मछली ले जाने के लिए सहमत हो गया और उन्हें पहाड़ों के पास एक दुसरे झील में छोड़ने के लिए राज़ी हो गया।
इस तरह सारस झूठ ल कर एक-एक करके सभी मछलियों को खाने लगा और अपना पेट भरने लगा। एक दिन उसने एक केकड़ा खाने का फैसला किया और उसे अपनी पीठ पर ले गया। रास्ते में केकड़े ने जब पास एक बंजर भूमि पर बहुत सी मछलियों के कंकाल को देखा और इसके बारे में सारस से पूछा।
तो सारस ने गर्व से स्वीकार किया कि वह सभी मछलियों को खा गया है और अब वह उस केकड़े को खा जाएगा। उस केकड़े ने यह सुनकर जल्दी से एक काम किया और अपने पंजो की मदद से सारस को मार डाला और अपना जीवन बचा लिया।
कहानी से शिक्षा
अफवाह पर विश्वास मत करें अभिनय से पहले जानकारी की प्रामाणिकता की जांच करें। जब तक अपनी आँखों से ना देखलें किसी की भी बात पर विश्वास ना करें।
Nice story