सुदर्शन क्रिया क्या है और कैसे करें? What is Sudarshan Kriya in hindi ?
आध्यात्मिक एवं योग गुरु श्री श्री रविशंकर ने सुदर्शन क्रिया को पूरे विश्व में प्रचलित कर दिया है। वे सुदर्शन क्रिया का प्रशिक्षण देते हैं। उन्होंने “आर्ट ऑफ लिविंग संस्था” की स्थापना की है जो लोगो को सुदर्शन क्रिया का सिखाती हैं।
स्त्रियों को इसे करने में कुल 45 मिनट का समय लगता है। सुदर्शन क्रिया करने के बाद व्यक्ति का मन बहुत शांत हो जाता है। मन से चिंता और विचलन समाप्त हो जाता है। व्यक्ति प्रसन्नता का अनुभव करता है। इसके बहुत से फायदे हैं जो हम आपको इस लेख में बताएंगे।
सुदर्शन क्रिया क्या है और कैसे करें? What is Sudarshan Kriya in hindi ?
क्या है सुदर्शन क्रिया? What is Sudarshan Kriya?
सुदर्शन क्रिया एक ब्रीथिंग एक्सरसाइज है जिसकी मदद से अपने तनाव, स्ट्रेस, अवसाद क्रोध, थकान, नकारात्मक विचार, डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आजकल की जीवनशैली बहुत ही तनावपूर्ण बन गई है। लोगों के पास आराम करने का बिल्कुल भी वक्त नहीं होता है।
पैसा कमाने के लिए लोग आजकल सुबह से शाम तक लगे रहते हैं जिससे उनका तनाव बढ़ जाता है। “सु” का अर्थ है सही और “दर्शन” का अर्थ है दृष्टि। इस तरह सुदर्शन का अर्थ है सही दृष्टि। यह सांसो से जुड़ा हुआ एक व्यायाम है।
इस क्रिया से शरीर और आत्मा में एक लय और समन्वय स्थापित होता है जिससे व्यक्ति निरोगी और ऊर्जावान महसूस करता है। इस क्रिया को करने से शरीर के 90% विषाक्त पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।
जो लोग प्रतिदिन सुदर्शन क्रिया करते हैं उनकी प्रतिरक्षात्मक शक्ति (इम्यूनिटी सिस्टम) बहुत अधिक बढ़ जाता है, सहनशक्ति बढ़ जाती है और वह व्यक्ति अपने कार्य में बेहतर प्रदर्शन करता है। वह जीवन में प्रसन्नता का अनुभव करता है और सकारात्मक विचार उसके दिमाग में नही आते हैं। इस क्रिया को करने से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। सभी मानसिक बीमारियां दूर रहती हैं। सुदर्शन क्रिया में कुल 4 चरण होते हैं।
सुदर्शन क्रिया का रहस्य Secret of Sudarshan Kriya
श्वास जीवन का प्रथम सत्य है। बिना सांस लिए कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता है। जब भी कोई बालक जन्म लेता है तो सबसे पहले श्वास लेता है। जीवन से मृत्यु तक श्वास (साँस) लेकर ही व्यक्ति जीवित रहता है।
सुदर्शन क्रिया कैसे करे? How to do Sudarshan Kriya?
यह चार प्रकार से की जाती है – उज्जयी प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम, ओम का जाप और क्रिया योग।
1. उज्जयी प्राणायाम
सुदर्शन क्रिया करने से पूर्व वज्रासन की स्थिति में बैठ जाते हैं। शुरुआत में साँस लेने और छोड़ने का समय बराबर होना चाहिए। नाक से सांस लेना चाहिए और अपना पूरा ध्यान सांस पर लगाना चाहिए। सांस छोड़ते समय भी यही करना चाहिए। 1 मिनट में कम से कम 2-4 बार सांस लेनी चाहिए।
2. भस्त्रिका प्राणायाम
सुदर्शन क्रिया में जल्दी-जल्दी सांस ली और छोड़ी जाती है। 1 मिनट में लगभग 30 बार सांस ली और छोड़ी जाती है। जो लोग इसे नियमित करते हैं उनका मन शांत हो जाता है। उनकी चिंता, तनाव, डिप्रेशन और नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं।
3. ओम का जाप
अब व्यक्ति को ओम का जाप करना होता है। इस पवित्र मंत्र मानते हैं। सुबह के समय ओम का जाप करने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है। सुबह के समय इसे करना उपयोगी होता है।
4. क्रिया योग
यह सुदर्शन क्रिया का अंतिम भाग है। इस क्रिया में पहले धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हैं, फिर धीरे-धीरे तेज करने लगते हैं। यह पूरा एक चक्र होता है। ध्यान रहे कि सांसो को अंदर लेने का समय बाहर छोड़ने वाले समय से दोगुना होना चाहिए। इस तरह सुदर्शन क्रिया अब पूर्ण होती है।
सुदर्शन क्रिया करने का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। परंतु इससे किसी योग्य ट्रेनर की देखरेख में करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं इसे ना करें ।
सुदर्शन क्रिया से फायदे Benefits of Sudarshan Kriya
- इसे करने से ह्रदय गति और रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) नियंत्रित रहता है।
- जो लोग इसे रोजाना करते हैं उनकी चिंता अपने आप कम हो जाती है। उनको किसी डॉक्टर यह मनोचिकित्सक के पास जाकर दवा नहीं लेनी पड़ती। सुदर्शन क्रिया से चिंता मनोविकार को आसानी से कम किया जा सकता है।
- सुदर्शन क्रिया करने से शरीर के 90% से अधिक विषाक्त पदार्थ नष्ट हो जाते हैं।
- यह प्राणायाम मन से समय लगता है को दूर करता है। यह शरीर के लिए वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है।
- इसे 12 सप्ताह तक नियमित रूप से करने से प्राकृतिक प्रतिरक्षा कोशिकाओं की मात्रा बढ़ जाती है और व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है।
- सुदर्शन क्रिया से नींद अच्छी आने लगती है। जिन लोग को नींद नहीं आती है उन्हें इसे अवश्य करना चाहिए।
- एम्स नई दिल्ली में कैंसर रिसर्च की हेड डॉक्टर विनोदा कोचुपिलाई के अनुसार- सुदर्शन क्रिया से कैंसर जैसे भयंकर रोगों में फायदा होता है। कैंसर के मरीज अवसाद और डिप्रेशन से ग्रस्त हो जाते हैं। जो मरीज सुदर्शन क्रिया करते हैं उनमें खुश रहने की भावना उत्पन्न होती है। इससे इलाज में फायदा होता है।
- सुदर्शन क्रिया करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। इसे करने से चेतना का विकास होता है। व्यक्ति अपने आसपास की चीजों के बारे में ज्यादा जागरूक हो पाता है।
- सुदर्शन क्रिया करके दिमाग को शांत रखा जा सकता है। यह एक बेहतरीन उपाय है।
जो लोग इसे करते हैं उनकी “निर्णय क्षमता” बेहतर हो जाती है। हमारे जीवन में जो भी निर्णय हम लेते हैं उसी के अनुसार भविष्य में सफल या असफल होते हैं। इसलिए “निर्णय क्षमता” सही होना बहुत जरूरी है। सुदर्शन क्रिया करने से शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से काम करते हैं और कोलेस्ट्रॉल कम होता है जिससे मोटापा कम होता है।
Very useful for healthcare just like beautiful rose of life