थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms Cause Treatment in Hindi

थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms Cause Treatment in Hindi

क्या आप थायराइड ग्रंथी की बीमारियों के बारे में जानना चाहते हैं?
क्या आप थायराइड ग्लैंड के बीमारियों के प्रकार, कारण, लक्षण, इलाज तथा खानपान के बारे में जानना चाहते हैं?

अगर हां,  तो आज हम आपको इस पोस्ट में थायराइड ग्रंथी के बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी देंगे। परंतु थायराइड ग्रंथि के बीमारियों के बारे में जानने से पहले हमें यह जानना होगा कि थायराइड क्या  होता है?

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थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms Cause Treatment in Hindi

थायराइड क्या होता है? What is Thyroid in Hindi?

थायराइड ग्रंथि गले में होता है जो तितली के आकार के जैसे दिखता है इसीलिए इसे बटरफ्लाई ग्लैंड भी कहा जाता है।  वैसे तो यह ग्रंथि शरीर में बहुत ही छोटे आकार में होता है परंतु यह शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यहां तक कि बहुत सारे लोगों को थायराइड ग्रंथि के बारे में पता तक नहीं होता है परंतु अब आपको इसके बारे में जानने की बहुत ही आवश्यकता है।

वैसे तो थायराइड ग्रंथि होता बहुत छोटा है परंतु शरीर में सबसे ज्यादा काम आने वाला और मेहनत करने वाला यह ग्रंथि है। इसका सबसे बड़ा काम शरीर के सभी भागों का सही तरीके से विकास करना है। शरीर का सही विकास  करने के लिए थायराइड ग्रंथि, एक हार्मोन को उत्पन्न कर करता है जिसे थायरोक्सिन कहते हैं।

डॉक्टरों का कहना है आज के दिन में 50 में से 1 महिला को थायराइड ग्लैंड से जुड़ी बीमारियाँ हैं।  इसीलिए अगर आप एक महिला हैं और अगर आपका स्वास्थ्य बीच-बीच में बिगड़ रहा है तो अपने डॉक्टर से थायराइड टेस्ट के बारे में जरुर बात करें।

थायराइड ग्रंथि दो प्रकार के ग्रोथ रेगुलेटिंग हार्मोन / शरीर का विकास करने वाले हार्मोन उत्पन्न करता है-  Thyroid gland generates two types of Growth Regulating Hormone

  1. ट्राईआयोडोथायरोनिन Triiodothyronine (T3)
  2. थायरोक्सिन Thyroxine (T4)

यह दोनो हार्मोन शरीर के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है और इनके संतुलन को सही रखना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि यह दोनों हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म तथा विकास दोनों को संतुलित रखते हैं।

इसीलिए अगर इन हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है तो शरीर का मेटाबॉलिज्म तथा विकास दोनों सही तरीके से नहीं हो पाता है। यह दोनों हार्मोन कैलोरीज और ऑक्सीजन को ऊर्जा में बदल कर कोशिकाओं तक पहुंचाते हैं जिससे शरीर को ताकत मिलती है और साथ ही विभिन्न अंगों का विकास होता है।

इसका एक और बहुत महत्वपूर्ण काम है की यह बेसल मेटाबोलिक रेट – बीएमआर BMR (Basal Metabolic Rate) को भी सक्रिय कर देता है। इससे यह शरीर में बने हुए ऊर्जा को काम में लगाता है।

पीयूष ग्रंथि(Pituitary gland) थायराइड स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन –  टी एस एच Thyroid Stimulating Hormone (TSH), को उत्पन्न करता है जो थायराइड हार्मोन T3 और T4 के उत्पादन को तेज करता है। थायरोक्सिन की सही मात्रा खाने और पूरक आहार के द्वारा शरीर को मिले हुए आयोडिन और विटामिन डी पर निर्भर करता है। थायरोक्सिन हार्मोन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, को ऊर्जा में बदल देता है और कोशिकाओं का विकास करता है।

इससे यह तो साफ हो जाता है की अगर हमारा थायराइड ग्लैंड स्वस्थ रहता है तो यह सही मात्रा में थायरोक्सिन उत्पादन करेगा जिससे की मनुष्य के शरीर का विकास भी अच्छे से होगा अगर थायरोक्सिन का उत्पादन सही तरीके से नहीं हो पाएगा तो शरीर का विकास सही तरीके से नहीं हो पाएगा।

थायराइड ग्रंथि सही प्रकार से काम ना करने पर थायरोक्सिन का उत्पादन असंतुलित हो जाता है जिसके कारण दो प्रकार के स्वास्थ्य प्रॉब्लम हो सकते हैं-

  1. हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
  2. हाइपोथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)

थायराइड समस्याओं के प्रकार Types of Thyroid problems

1. हाइपोथायरायडिज्म Hypothyroidism

हाइपोथायरायडिज्म में थायराइड हार्मोन की मात्रा रक्त में कम हो जाती है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अंडरएक्टिव थायरॉयड हो या थायराइड ग्रंथि को चलाने वाला कोई अन्य ग्रंथि सही प्रकार से काम न कर रहा हो।

इसके कई प्रकार के कारण हो सकते हैं परंतु डॉक्टरों का कहना है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा हाइपोथायरायडिज्म होता है। गर्भावस्था के दौरान हाइपोथायरायडिज्म से जूझते हुए महिलाओं को अपना बहुत ख्याल रखना पड़ता है।

2. हाइपरथायराइडिज्म Hyperthyroidism

हाइपरथायराइडिज्म के अवस्था में थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा थायराइड हार्मोन उत्पादन करने लगता है जिसके कारण रक्त में थायरोक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है। थायराइड की मात्रा शरीर में ना ही ज्यादा होना चाहिए और ना ही कम होना चाहिए। इसकी मात्रा हमेशा संतुलित रहना चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए सही है।

थायराइड समस्याओं के कारण Causes of Thyroid problems in Hindi

हाइपोथायरायडिज्म के कारण  Hypothyroidism causes in Hindi

हाइपोथायरायडिज्म होने के कई कारण हो सकते हैं जिसके कारण थायरोक्सिन हार्मोन के लेबल शरीर में कम हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं वह कारण क्या हैं?

हाशिमोटो रोग – इसके कारण भी हो सकता है। यह स्व – प्रतिरक्षित रोग के कारण भी हो सकता है जिसमें यह थायराइड ग्रंथि के किसी एक भाग को अनुपयोगी बना देता है। ज्यादातर महिलाओं में थायराइड से जुड़े हुए स्व प्रतिरक्षित रोग पाए गए हैं।

थाइरॉडिटिस – थाइरोइड ग्रंथि में सुजन आने के कारण। इसमें प्रारंभ में अधिक थायरोक्सिन हार्मोन उत्पन्न हो जाते हैं जिसके कारण बाद में थायराइड हार्मोन में कमी आती है जो हाइपोथायरायडिज्म का रूप ले लेता है।  यह प्रॉब्लम ज्यादातर महिलाओं में गर्भावस्था के बाद देखा गया है।

थायराइड का रेडियोऐक्टिव इलाज करवाने के बाद भी पाया गया है की थायराइड ग्रंथि अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाता है। इस अवस्था को अंडरएक्टिव थायराइड भी कहते हैं  जिसमें थायराइड अपने हॉर्मोंस को जरूरत के अनुसार उत्पादन नहीं कर पाता है  जिसके कारण हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है।

दिमाग में हाइपोथैलेमस और पीयूष ग्रंथि जैसे अंग सही प्रकार से काम ना करने पर भी थायराइड ग्रंथि सही प्रकार से हार्मोन उत्पादन नहीं कर पाता है। यह प्रॉब्लम खासकर किसी प्रकार के दिमागी कमजोरी या चोट लगने के कारण होती है।

हाइपोथायरायडिज्म के लिए ली जाने वाली दवाइयों के कारण भी थायराइड ग्रंथि सही प्रकार से थायरोक्सिन की मात्रा उत्पादन नहीं कर पाता है।

आयोडीन की कमी के कारण भी ज्यादातर हाइपोथायरायडिज्म की प्रॉब्लम वयस्क लोगों में  देखा गया है। मनुष्य के शरीर को मात्र सुई के नोक जितना आयोडीन प्रतिदिन जरूरत होता है इसलिए आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

हाइपरथायराइडिज्म के कारण Hyperthyroidism causes in Hindi

ग्रेव्स रोग – वयस्क लोगों में ग्रेव्स रोग हाइपरथायराइडिज्म का एक मुख्य कारण है। इस बीमारी  के कारण थायराइड ग्रंथि ज्यादा से ज्यादा थाइरोइड हॉर्मोन उत्पादन करने लगता है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस ग्रेव्स रोग में शरीर का प्रतिरक्षा प्रणाली कुछ इस प्रकार का एंटीबाडी उत्पादन करने लगता है जो ज्यादा से ज्यादा थायरोक्सिन स्टिमुलेटिंग हार्मोन को बढ़ा देता है जिसके कारण खून में थायरोक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है।

थायराइड ग्रंथि में अधिक गठान होना –  कभी-कभी थायराइड ग्रंथि में  कुछ गठानें हो जाती है  वैसे तो उनका कोई काम नहीं होता है। परंतु बाद में कभी-कभी यहीं गठानें थायराइड ग्रंथि के जैसे ही काम करने लगते हैं और इसी कारण थायरोक्सिन हार्मोन जरूरत से ज्यादा उत्पादन होने लगता है और यही हाइपरथायराइडिज्म की प्रॉब्लम को जागृत करता है।

हाइपोथायरायडिज्म के लिए ली जाने वाली दवाइयों के कारण भी कभी-कभी लोगों को हाइपरथायराइडिज्म से भुगतना पड़ जाता है। थायराइड के  रोगियों को हमेशा बीच-बीच में अपने शरीर थायराइड हार्मोन के परिमाण को जानने के लिए टेस्ट करवाना बहुत ही जरूरी होता है।

कभी-कभी सही प्रकार से टेस्ट ना करवाने के कारण दवाइयां सही से नहीं दी जाती हैं जिसके कारण थायरोक्सिन की मात्रा खून में बढ़ जाती है।

थाइरॉडिटिस – कभी-कभी किसी इन्फेक्शन या किसी और कारण से थायराइड ग्रंथि में सूजन आ जाता है जिसे  थाइरॉडिटिस कहते हैं। इस अवस्था मेंथायराइड ग्रंथि असंतुलित तरीके से कभी-कभी बहुत ज्यादा थायराइड  हार्मोन उत्पादन करने लगता है।

घेंगा रोग (Goiter) – कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से थायराइड ग्रंथि बड़ा हो जाता है या फिर उसमें एक से ज्यादा   गठानें होने लगती है। किसी के एक रूप को घेंगा रोग कहते हैं।

थायराइड ग्रंथि के बड़े हो जाने के कारण थायराइड ग्रंथि में थायरोक्सिन उत्पादन पड़ जाता है जिसके कारण हाइपरथायराइडिज्म होता है। अगर किसी व्यक्ति को घेंगा रोग हो जाता है तो उसे सर्जरी के माध्यम से निकाल दिया जाता है।

विटामिन बी12 के कमी के कारण भी हाइपोथायराइडिज्म हो सकता है। अंडे, दूध, पनीर, दूध उत्पाद, मांस, मछली विटामिन बी12 की मात्रा ज्यादा पाई जाती है  जो शरीर के लिए अच्छा है।

थायराइड की समस्याओं के लक्षण Symptoms of Thyroid problems in Hindi

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण Hypothyroidism symptoms in Hindi

  • कार्बोहाइड्रेड और  चीनी का सही प्रकार से मेटाबॉलिज्म ना हो पाना।
  • वजन बढ़ जाना।
  • डिप्रेशन।
  • मासिकधर्म ठीक से ना होना।
  • घुटनों और जोड़ों में दर्द होना।
  • गर्मी और ठंड दोनों की संवेदनशीलता।
  • कोलेस्ट्रोल की मात्रा शरीर में बढ़ जाना।
  • गले में तनाव और खिंचाव महसूस होना।
  • दृष्टि की समस्याएं।
  • बालों का पतला हो जाना।
  • त्वचा का सूखापन।

हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण Hyperthyroidism symptoms in Hindi

  • बार-बार घबराहट महसूस होना।
  • ज्यादा गर्मी वाले तापमान को सह न पाना।
  • घेंगा रोग का होना।
  • जल्द से जल्द वजन कम होते जाना।
  • हृदय का अनियमित तरीके से या जल्दी-जल्दी धड़कना।
  • सही से नींद ना आना।

थायराइड रोग के लिए नैदानिक परीक्षण Diagnostic Tests for Thyroid Disease

  1. हार्मोन की सही मात्रा जानने के लिए T3, T4 Test  करवाना बहुत आवश्यक है।
  2. थाइरोइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन Thyroid-stimulating hormone (TSH) की भी परीक्षा कई जगहों पर की जाती है।
  3. थायराइड एंटीबॉडी टेस्ट।
  4. रेडियोएक्टिव आयोडीन अपटेक Radioactive iodine uptake (RAIU)
  5. थाइरोइड स्कैन।
  6. थायराइड का अल्ट्रासाउंड /  अल्ट्रासोनोग्राफी।

थायराइड रोगियों के लिए सही आहार Best Diet for Thyroid Patients

थायराइड रोगि क्या ना खाएं? Foods to Avoid with Thyroid Problems

  • सोयाबीन।
  • पत्ता गोभी।
  • ग्लूटेन युक्त भोजन।
  • फैट युक्त खाना।
  • ज्यादा चीनी या चीनी युक्त भोजन।
  • ज्यादा तेल युक्त या तेल में पकाया हुआ खाना।
  • अत्यधिक फाइबर युक्त खाना ना खाएं।
  • कॉफ़ी ना पिए।
  • शराब का सेवन ना करें।

थायराइड रोगि क्या खाएं? Foods best for Thyroid Problems

  • टूना, ट्राउट जैसी ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछलियों का सेवन करना ।
  • चावल ब्रैड और अनाज खाएं।
  • ताजे फल और सब्ज़ियाँ।
  • दूध पिए क्योंकि यहां विटामिन डी की कमी पूरा करता है और हाशिमोटो जैसे रोगों से दूर रखता है।
  • बींस खायें।

थायराइड का इलाज Treatment of Thyroid Disease or Problems

थायराइड के इलाज के बारे में  यहां अच्छे से बताया नहीं जा सकता है। थायराइड के मरीजों को हर दो-तीन महीने में अपने थायराइड हार्मोन की जांच करवानी होती है उसके बाद ही डॉक्टर सही दवाइयां और खान पान के बारे में पेशेंट को बताते हैं।

किसी भी प्रकार के  थायराइड  बीमारी के लक्षण होने पर तुरंत अपने  डॉक्टर से बात करें या किसी एंडोक्राइनोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

आशा करते हैं आपको इस पोस्ट से बहुत कुछ जानने को मिला होगा।  यह पोस्ट मात्र जानकारी हेतु है किसी भी प्रकार के चिकित्सा के लिए सबसे पहले अपने नजदीकी चिकित्सा केंद्र के डॉक्टर से ही संपर्क करें। क्या आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें।

Knowledge Source –

https://www.everydayhealth.com/hs/thyroid-pictures/foods-to-avoid/#10
https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/hypothyroidism/diagnosis-treatment/drc-20350289
https://www.medicinenet.com/hypothyroidism/article.htm
https://www.nhs.uk/Conditions/Thyroid-under-active/Pages/Treatment.aspx

4 thoughts on “थायराइड के लक्षण कारण व उपचार Thyroid Symptoms Cause Treatment in Hindi”

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  2. नशे की लत के कारन मेरे शरीर में कम्पन हो गया और धड़कन तेज हो जाती है (, पोसत . कफ सिरप , का नशा प्लीज बताये क्या करू.

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