यूनिसेफ – संयुक्त राष्ट्र बाल कोष What is UNICEF and How it Works in Hindi?
यूनिसेफ क्या है एवं यह किस तरह कार्य करता है? यूनिसेफ की स्थापना वर्ष 1946 में, यूनाइटेड नेशन्स इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स इमरजेंसी फण्ड के रूप में हुई थी। यह फण्ड मूलतः द्वितीय विश्व युद्ध से प्रभावित राष्ट्रों में बच्चों के लिए त्वरित राहत पहुँचाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।
यूनिसेफ – संयुक्त राष्ट्र बाल कोष What is UNICEF and How it Works in Hindi?
यह वर्तमान में यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेन्स फण्ड नामक एक स्थायी संस्था के रूप में कार्यरत है। यूनिसेफ का मुख्यालय न्यूयॉर्क (अमेरिका) में स्थित है। आज के दौर में, यूनिसेफ का उद्देश्य निम्न विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों में बच्चों एवं माताओं के जीवन स्तर को सुधारना है।
यह स्वयंसेवकों के दलों को शिशु एवं मातृ रक्षा तथा देखभाल से सम्बंधित प्रशिक्षण प्रदान करती है एवं स्वच्छ पेय जल, रोग प्रतिरोधकता, स्वच्छता तथा शिक्षा सम्बंधित सुविधाओं की सहज उपलब्धता के लिए धन प्रदान करती है।
यूनिसेफ के मुख्य उद्देश्यों में बाल मजदूरी, बाल शोषण तथा कन्या के प्रति भेदभाव से जुड़ी सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाना आदि शामिल हैं। वर्तमान में, यूनिसेफ 8,000 से अधिक लोगों का समूह है, जो 157 से अधिक देशों में सेवारत है।
यूनिसेफ ‘कन्वेंशन ऑन चाइल्ड राइट्स’ द्वारा उल्लिखित मूल बाल अधिकारों के विभिन्न देशों में पालन के लिए प्रतिबद्ध है। यूनिसेफ अपने कार्यों में पुख्ता शोध एवं अनुभव के आधार पर उन स्तरों पर अधिक ज़ोर देती है , जिसके द्वारा अधिक से अधिक बच्चों को लाभ प्राप्त हो तथा वे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने में समर्थ हो सकें, विशेषकर आपातकाल की स्थिति में।
यूनिसेफ के कार्य यूनाइटेड नेशन स्टेट्स द्वारा चिन्हित सहस्त्राब्दि( सतत) विकास लक्ष्य अथवा मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स, के साथ अधिक सामंजस्य के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है एवं 48 में से मुख्यतः 13 उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मुख्यतः उत्तरदायी है। यूनिसेफ के कार्यों को 5 प्रमुख सामरिक वर्गों में विभाजित किया गया है।
यह सभी आपस में अन्तर्सम्बंधित हैं ; अर्थात किसी एक वर्ग में प्रगति किसी दूसरे वर्ग को भी प्रगति की तरफ आगे लेकर आती है। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रयासों के द्वारा गरीबी में कमी लाकर, बच्चों के सुरक्षित जीवन, विकास एवं शिक्षा में निवेश को सुनिश्चित करवाना है।
यह 5 प्रमुख सामरिक वर्ग निम्नलिखित हैं:-
छोटे बच्चों के अस्तित्व एवं विकास हेतु
सतत विकास लक्ष्य 4 के अंतर्गत शिशु मृत्यु दर घटाने, तथा लक्ष्य 6 के अंतर्गत लोगों के बीच मलेरिया नियंत्रण के लिए, यूनिसेफ द्वारा शुरूआती समय में ही व्यापक शिशु स्वास्थ्य देखभाल पर अधिक ज़ोर दिया जा रहा है, जिसमे शिशु की प्रसवपूर्व सुरक्षा पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है।
स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत गर्भवती महिला की उचित देखभाल, नवजात शिशु की जन्म के 4 सप्ताह तक समुचित जाँच एवं आवश्यक पोषण, जननी स्तनपान को बढ़ावा देना इत्यादि शामिल हैं। यूनिसेफ अन्य संस्थाओं को तत्काल प्रभाव से प्रसूति शास्त्र तथा धन की उपलब्धता करवाने के ज़रिये सामाजिक संगठन तथा शोध कार्यों के प्रयोग की वकालत करता है।
दशकों से चली आ रही स्वास्थ्य प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए, यूनिसेफ द्वारा 40% तक वैक्सीन(टीका) विकासशील देशों के शिशुओं को उपलब्ध कराए जाते हैं एवं तकनीकी सहायता के ज़रिये कठिन प्रसव प्रक्रियाओं को पूरा किया जाता है।
इस टीका वितरण योजना में मुख्यतः विटामिन A की दवाएं तथा सूक्ष्मपोषक तत्वों को वितरित किया जाता है, जिनके कारण बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास तथा कुपोषण अथवा अल्पपोषण संबंधित बीमारियां नियंत्रित की जाती हैं।
बुनियादी शिक्षा एवं लैंगिक समानता
सतत विकास लक्ष्य 2 तथा 3 के अंतर्गत, यूनिसेफ को अन्य राष्ट्रों तथा संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करते हुए बुनियादी शिक्षा एवं लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, तथा लोगों में इसके विषय में जागरूक करना है।
इसमें बच्चों को स्कूल जाने के लिए विकास तत्परता के आधार पर (विशेषकर छूटे हुए तथा जो लाभकारी वर्ग से नही आते), को समुदाय द्वारा संचालित शिक्षण एवं चिकित्सा संस्थानों में शामिल किया जाना है। इसके लिए स्कूलों में बाल-सुलभ वातावरण स्थापित करने के लिए उचित पेय जल, स्वच्छ कक्षाएं एवं भोजन उपलब्ध कराना आवश्यक है।
एच. आई.वी./एड्स तथा बच्चे
एच.आई.वी./एड्स एक ऐसी बीमारी है जो अपने साथ मृत्यु तो लाती ही है, परंतु अपने पीछे छोड़ जाती है गरीबी तथा व्यक्ति के सामाजिक जीवन की तबाही। एड्स को हराना; सतत विकास लक्ष्य 6 का उद्देश्य है।
यूनिसेफ विभिन्न राष्ट्रों, एन.जी.ओ. तथा धार्मिक समूहों के साथ मिलकर लिंग संवेदनशील रोकथाम शिक्षा, कौशल एवं सेवा शिविर संचालित कर युवाओं विशेषकर किशोर युवक, युवतियों को इस रोग के विषय में जागरूकता फ़ैलाने का कार्य कर रहा है।
शिशु सुरक्षा: सतत विकास लक्ष्य
आघात योग्य की सुरक्षा, का अनुपालन करते हुए, यूनिसेफ को हिंसा, शोषण, दुर्व्यवहार तथा भेदभाव को नियंत्रण में लाते हुए, बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना है।
इसके लिए सरकार द्वारा बाल सुरक्षा अधिनियमों का अधिक प्रचार-प्रसार, स्थिति विश्लेषण, एवं कानून तोड़ने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान होना आवश्यक है। यूनिसेफ द्वारा, स्कूलों में संसाधनों की सहज उपलब्धता, समुदाय तथा परिवारों की सहायता से,अधिकारहीन एवं इस बीमारी के कारण लावारिस हुए बच्चों की समुचित देखभाल की ज़िम्मेदारी निभाई जाती है।
प्रगति विश्लेषण तथा बाल अधिकारों के लिए साझीदारी एवं वकालत
सतत विकास लक्ष्य 8 का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर विकास हेतु साझेदारियां स्थापित करना है।इसके अलावा इसका कार्य राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय नीतियों का पालन करते हुए बाल अधिकारों को अधिक मजबूती प्रदान करनी है।
इन अधिकारों की पूर्ति के लिए सर्व प्रथम बच्चों में गरीबी दर को कम करना आवश्यक है। आलोचनात्मक विषयों पर स्वयं को न्यायोचित ठहराते हुए, यूनिसेफ अपने कार्यों में ज्ञान प्रबंधन को प्राथमिकता देती है।जिसके अंतर्गत विभिन्न शोध कार्य, निगरानी परिणाम तथा सीखे हुए अध्यायों को वापस उपलब्ध करवाना इत्यादि शामिल है।
प्रगति तथा चुनौतियाँ
सतत विकास लक्ष्य द्वारा निर्धारित सभी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए विश्व के अधिकांश राष्ट्र अभी भी बहुत पिछड़े हुए हैं। और इसका परिणाम निश्चित तौर पर उन राष्ट्रों तथा वैश्विक स्तर पर बच्चों को सर्वाधिक रूप से हानि पहुंचाएगा।
उचित प्रयासों के अभाव से बाल मृत्यु दर स्वतः बढ़ेगी। सहस्त्रों बालक अपना भविष्य गर्त में जाते हुए देख रहे हैं क्योंकि उनके राष्ट्र की सरकारें उन्हें बुनियादी शिक्षा उपलब्ध करवा पाने में भी असमर्थ हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति अभी भी संभव है, परंतु इसके लिए राष्ट्रों द्वारा मजबूत प्रतिबद्धता, संकल्प तथा ध्यान केंद्रित करने की शीघ्रातिशीघ्र आवश्यकता है। ऐसा करके ही बाल शिक्षा एवं अधिकारों को उपलब्ध कराकर वैश्विक विकास तथा शांति की उम्मीद बनायी रखी जा सकती है।
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