धातु क्या है और इसकी उपयोगिता Uses of Metals In Hindi
इस लेख में आप धातु क्या है? तथा धातु की उपयोगिता Uses of metals In Hindi के विषय में आप पढ़ेंगे। साथ ही हमने धातु के प्रकार, भौतिक गुण, रासायनिक गुण, एवं विशेषताएं, दी गई हैं।
धातु किसे कहते हैं? What is Metal in Hindi?
वे तत्व जो आसानी से किसी भी तत्व के साथ आबंध बना लेते हैं वे धातु कहलाते हैं। आबंध बनाने के गुण के कारण ही धातु, अधातुओं से ज्यादा उपयोगी होती है और उनकी कीमत भी ज्यादा होती है।
प्रकृति से अधिकतर धातु खनिजों से प्राप्त अयस्कों से ही मिलते हैं, जैसे कि एल्युमिनियम, कैल्शियम, पोटेशियम, टाइटेनियम, लोहा इत्यादि। ज्यादातर धातुएं खनिज एवं अयस्क के रूप में ही प्राप्त होते हैं। ऐसे तत्व जो बहुत आसानी से इलेक्ट्रॉन को त्यागकर आबंध बना सकते हैं, वे धातु कहलाते हैं।
रसायन शास्त्र में तत्वों को दो भागों में बांटा गया है, जिनमें धातु और अधातु का समावेश होता है। धातु तत्व विद्युत के सुचालक होते हैं। आमतौर पर सभी धातु अपने ठोस अवस्था में ही होते हैं।
दूसरे शब्दों में यदि धातु को परिभाषित किया जाए तो ये ऐसे तत्व होते हैं, जो विद्युत और उस्मा के सुचालक हो और साथ ही वे चमक तथा तनन क्षमता का गुण रखते हो ऐसे तत्व धातु कहलाते हैं।
तकरीबन हजारों साल पहले मानव ने धातु की खोज की थी। उत्तर पाषाण काल में सबसे पहले ताम्र धातु अथवा तांबा खोजा गया था। लोहे की पहचान उत्तर वैदिक काल में प्रचलित हुई थी।
लेकिन ऐसे भी कई अपवाद हैं, जो धातु के गुण तो नहीं धराते लेकिन उन्हें धातु कहा जाता है, जैसे पारा अथवा मरक्यूरी। कहने को तो पारा एक प्रकार का धातु होता है, लेकिन यह द्रव अवस्था में भी अपना गुड़ परिवर्तित कर लेता है।
धातु कितने होते हैं? इसके प्रकार How many Metals are There in Hindi
आवर्त सारणी के मुताबिक अबतक लगभग 118 तत्व की खोज की जा चुकी है, जिनमें से 91 ऐसे तत्व हैं जो धातु हैं। धातु को कुल दो श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें लौह धातु और अलौह धातु का समावेश होता है। धातु के यह दोनों ही प्रकार अपने अलग-अलग गुण और परिभाषा रखते हैं।
लेटिन भाषा के शब्द से फेरस अथवा लोहा शब्द का उद्गम हुआ है। लौह धातु ऐसे धातु को कहा जाता है, जिनमें लोहे की मात्रा अधिक हो और वह भी शुद्ध रूप में। यदि धातु लोहे की शुद्ध अवस्था में ना हो परंतु उसमें मिश्रित लोहा होता है।
लौह धातु का उपयोग अलौह धातुओं के मुकाबले ज्यादा किया जाता है। अपनी संरचना और गुड़धर्म के हिसाब से विभिन्न प्रकार से इसका उत्पादन किया जाता है।
अधिकांश व्यवसायिक और औद्योगिक क्षेत्र में लौह धातु का विस्तृत स्तर पर प्रयोग किया जाता है। कच्चा लोहा, स्टेनलेस स्टील, हल्के वजन के स्टील इत्यादि लौह धातु में गिने जाते हैं। इन धातुओं की तनन क्षमता बहुत अधिक होती है।
लौह धातु को छोड़कर सभी शुद्ध धातुएं अलौह तत्व कहलाते हैं। एलुमिनियम, लेड, तांबा, जस्ता, निकल इत्यादि का समावेश अलौह धातु के श्रेणी में किया जाता है। जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट हो रहा है, कि ऐसे तत्व जिनमें लोहा का प्रयोग ना किया गया हो वे अलौह धातु कहलाते हैं।
सभी धातुओं की लिस्ट अंग्रेजी में List of Metals
![पीरीआडिक टेबल](https://www.1hindi.com/wp-content/uploads/2021/09/Periodic-Table-1-1020x512.jpg)
S. No. | Metal Elements Name | Short Symbol | Atomic Number |
1. | Lithium | Li | 3 |
2. | Beryllium | Be | 4 |
3. | Sodium | Na | 11 |
4. | Magnesium | Mg | 12 |
5. | Aluminium | Al | 13 |
6. | Potassium | K | 19 |
7. | Calcium | Ca | 20 |
8. | Scandium | Sc | 21 |
9. | Titanium | Ti | 22 |
10. | Vanadium | V | 23 |
11. | Chromium | Cr | 24 |
12. | Manganese | Mn | 25 |
13. | Iron | Fe | 26 |
14. | Cobalt | Co | 27 |
15. | Nickel | Ni | 28 |
16. | Copper | Cu | 29 |
17. | Zinc | Zn | 30 |
18. | Gallium | Ga | 31 |
19. | Rubidium | Rb | 37 |
20. | Strontium | Sr | 38 |
21. | Yttrium | Y | 39 |
22. | Zirconium | Zr | 40 |
23. | Niobium | Nb | 41 |
24. | Molybdenum | Mo | 42 |
25. | Technetium | Tc | 43 |
26. | Ruthenium | Ru | 44 |
27. | Rhodium | Rh | 45 |
28. | Palladium | Pd | 46 |
29. | Silver | Ag | 47 |
30. | Cadmium | Cd | 48 |
31. | Indium | In | 49 |
32. | Tin | Sn | 50 |
33. | Cesium | Cs | 55 |
34. | Barium | Ba | 56 |
35. | Lanthanum | La | 57 |
36. | Cerium | Ce | 58 |
37. | Praseodymium | Pr | 59 |
38. | Neodymium | Nd | 60 |
39. | Promethium | Pm | 61 |
40. | Samarium | Sm | 62 |
41. | Europium | Eu | 63 |
42. | Gadolinium | Gd | 64 |
43. | Terbium | Tb | 65 |
44. | Dysprosium | Dy | 66 |
45. | Holmium | Ho | 67 |
46. | Erbium | Er | 68 |
47. | Thulium | Tm | 69 |
48. | Ytterbium | Yb | 70 |
49. | Lutetium | Lu | 71 |
50. | Hafnium | Hf | 72 |
51. | Tantalum | Ta | 73 |
52. | Tungsten | W | 74 |
53. | Rhenium | Re | 75 |
54. | Osmium | Os | 76 |
55. | Iridium | Ir | 77 |
56. | Platinum | Pt | 78 |
57. | Gold | Au | 79 |
58. | Mercury | Hg | 80 |
59. | Thallium | Tl | 81 |
60. | Lead | Pb | 82 |
61. | Bismuth | Bi | 83 |
62. | Polonium | Po | 84 |
63. | Francium | Fr | 87 |
64. | Radium | Ra | 88 |
65. | Actinium | Ac | 89 |
66. | Actinium | Th | 90 |
67. | Protactinium | Pa | 91 |
68. | Uranium | U | 92 |
69. | Neptunium | Np | 93 |
70. | Plutonium | Pu | 94 |
71. | Americium | Am | 95 |
72. | Curium | Cm | 96 |
73. | Berkelium | Bk | 97 |
74. | Californium | Cf | 98 |
75. | Einsteinium | Es | 99 |
76. | Fermium | Fm | 100 |
77. | Mendelevium | Md | 101 |
78. | Nobelium | No | 102 |
79. | Lawrencium | Lr | 103 |
80. | Rutherfordium | Rf | 104 |
81. | Dubnium | Db | 105 |
82. | Seaborgium | Sg | 106 |
83. | Bohrium | Bh | 107 |
84. | Hassium | Hs | 108 |
85. | Meitnerium | Mt | 109 |
86. | Darmstadtium | Ds | 110 |
87. | Roentgenium | Rg | 111 |
88. | Copernicium | Cn | 112 |
89. | Nihonium | Nh | 113 |
90. | Flerovium | Fl | 114 |
91. | Moscovium | Mc | 115 |
92. | Livermorium | Lv | 116 |
धातुओं के रासायनिक गुण एवं विशेषताएं Chemical uses and characteristics of metals
रासायनिक तौर पर धातु सर्वाधिक समृद्ध तत्व होते हैं। गौरतलब है कि धातु आसानी से आबंध बना लेती है जिस कारण उसके रासायनिक गुणधर्म भी बढ़ जाते हैं। निम्न धातुओं के रासायनिक गुण एवं प्रयोग हैं :-
- स्वाभाविक रूप से धातु अपने से अधिक क्रियाशील होते है। धातुओं द्वारा हवा के साथ आबंध बनने पर धातु आक्साइड का निर्माण होता है। धातुओं को उनकी क्रियाशीलता के कारण ज्वलनशील तत्व के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। सबसे ज्यादा ज्वलनशील धातु सोडियम, लिथियम है और सबसे कम क्रियाशील धातु पारा है।
- धातु अधिक क्रिया शील होकर अक्सर आबंध बना लेते हैं। जब वे जल के साथ आबंध बनाते हैं तब वे हाइड्रोजन को मुक्त कर देते हैं, जिस कारण वहां क्षार का निर्माण होता है।
- धातु जब अम्ल के साथ अभीक्रिया करती है तब वह लवण का निर्माण करती है।
- वे धातुएं जो कम क्रियाशील होती हैं उनसे यदि क्रिया करानी हो तब उबलते हुए पानी का उपयोग किया जाता है। ऐसे में अभीक्रिया कराने पर यह धत्विक आक्साइड का निर्माण होता है।
धातु के भौतिक गुण Physical Characteristics of Metal in Hindi
धातुओं के रासायनिक के साथ साथ भौतिक गुण भी कई सारे हैं। ये सभी गुण ही धातु को अधातु से अलग करते हैं। धातु के भौतिक गुण निम्नलिखित हैं :-
- आघातवर्ध्यता (Mallebilty) :- धातुओं के अंदर यह गुण होता है कि उनके पीटकर उनसे चादर बनाई जा सके। छतों पर लगाई जाने वाली टीन की चादर को ऐसे ही बनाया जाता है।
- चमक (Shining) :- चमक भी धातुओं का ही एक गुण है। धातुएं सामान्य तत्वों से ज्यादा चमकती हैं एवं प्रकाश को परावर्तित करती हैं।
- तन्यता (Ductility) :- धातुओं का एक गुण तन्यता भी है। तन्यता का अर्थ होता है कि उन्हे खींचकर तार का रूप दिया जा सकता है। जैसे कि आपने कॉपर की तार देखी ही होगी। क्या आप जानते हैं कि यदि 2ग्राम सोने को खींचा जाए तब यह कुल 2 किलोमीटर तक खींचा जा सकता है।
- प्रवर्तकता (Reflection) :- धातुएं चमकदार होती हैं क्यूंकि वे अपने ऊपर से प्रकाश को परावर्तित कर देती हैं। धातुओं के उलट अधातुओं के अंदर परवर्तन का गुण नहीं होता। अधातुएं पड़ने वाले प्रकाश को अवशोषित कर लेती हैं।
- अपररुपता (Allotropic modification) :- धातुओ का आबंध बनाने का गुण ही उन्हे अधातुओं से अलग करता है। आबंध बनाने के गुण के कारण ही धातुएं अपरुप होती हैं, यानी कि किसी भी धातु को कई सारे रूप में देखा जा सकता है।
धातु की उपयोगिता Uses of Metals In Hindi
मुख्यतः धातु का उपयोग आभूषण वगैरह बनाने के लिए किया जाता है, जैसे सोना, चांदी इत्यादि। इसके साथ ही घर में सजावट के सामान तैयार करने के लिए भी धातु का ही उपयोग किया जाता है। देखा जाए तो सबसे ज्यादा धातु ही किसी भी कार्य में इस्तेमाल किए जाते हैं।
लोहे, पीतल, तांबा इत्यादि के बर्तन बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। अधिकतर जब घर का निर्माण किया जाता है, तो उसके दरवाजे, खिड़कियां, ग्रिल इत्यादि बनाने में भी धातु ही इस्तेमाल होता है।
दुनिया के लगभग चीजों के निर्माण में धातु का सबसे अधिक हिस्सा होता है। दैनिक जीवन से लेकर बड़े बड़े उद्योगों और कारखानों में भी धातु के सहायता से व्यवसाय किए जाते हैं। यदि देखा जाए धातु का व्यापार आज के समय में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण और फायदेमंद व्यापार साबित हुआ है।
क्योंकि धातु ऊष्मा का सूचालक होता है इसीलिए विभिन्न बिजली के कार्य में भी जो तार का निर्माण किया जाता है, उनमें भी धातु का ही उपयोग होता है। इसके अलावा धातुओं के गलनांक के साथ ही क्वथनांक भी काफी ज्यादा होता है।
विषेशन किसे कहते हैँ?
Excellent information. Thanks for sharing!