क्रिया – क्रिया के भेद -Verb in hindi VYAKARAN

क्रिया – क्रिया के भेद -Verb in hindi VYAKARAN

क्रिया के शाब्दिक अर्थ से तात्पर्य है ‘करना’। जिस कार्य या गतिविधि से किसी कार्य के करने या होने का ज्ञान हो, उसे क्रिया कहा जाता है।

क्रिया के द्वारा किसी कार्य की समाप्ति अथवा प्रक्रिया को दर्शाया जाता है। जो व्यक्ति या वस्तु क्रिया को करते हैं, उसे ‘कर्ता’ कहा जाता है, अर्थात वह कार्य उस ‘कर्ता’ के द्वारा ही किया जाता है।

क्रिया – क्रिया के भेद -Verb in hindi VYAKARAN

क्रिया को हिंदी व्याकरण में विकारी शब्दों की श्रेणी में रखा गया है, अर्थात क्रिया के रूप अलग अलग लिंग अथवा वचन के साथ परिवर्तित किये जाते हैं। किसी भी वाक्य को हिंदी व्याकरण के अंतर्गत, क्रिया की अनुपस्थिति में पूर्ण नहीं माना जा सकता।

जैसे: हंसना, रोना, नाचना, गाना, लिखना, पढ़ना, चलना, जाना, आना, नहाना, खाना, पीना, देखना, जागना, मारना, पीटना, कूदना, दौड़ना, खेलना इत्यादि।

क्रिया के उदाहरण के तौर पर निम्नलिखित वाक्य आते हैं:

  • राम आज भंडारे में खाना खा रहा होगा।
  • सुरैया पुराने समय में फिल्मों में गाना गाया करती थी।
  • अली कल वाली गलती के लिए बच्चे को पीट रहा है।
  • बच्चा अपनी मां के बिना बहुत रो रहा होगा।
  • आज अनंत ने कहा था कि बारिश होने वाली है।
  • गधा बहुत ज़्यादा देर से रेंक रहा है।
  • घोड़ा चने के खेत में हिनहिना रहा है।
  • तितली अपने पंख फैला कर उड़ रही है।
  • आज गांव वाले घर में चौक पूरा जाएगा।
  • कुम्हार द्वारा मिट्टी कई रंगों में रंगी जाती है।
  • पिया वर्षों के बाद आंध्र प्रदेश से अपने घर लौट आई है।
  • खुशियों की बेला के वक़्त सखियां मंगल गीत गाती हैं।
  • मीरा अपनी आँखों में काजल लगा रही होगी।माँ ने नज़र से बचाने के लिए अपने बेटे को काला टीका लगाया।
  • बच्चे के सर पर पलंग से गिरने के कारण चोट लग गई है।

धातु रूपक्रिया के मूल रूप को धातु कहा जाता है। इसी मूल रूप से क्रिया को बनाया जाता है।

जैसे: खिल, लिख, कह, पढ़, खा, जा, ला, आ, बैठ, खोल, दिखा, लेट, पलट, उठ, झुक, रो, हंस, बोल, चीख, गा, नाच इत्यादि।

धातु के भेद 

  1. मूल धातु :- वह धातु जो किसी पर आश्रित न होकर स्वतंत्र होती है, उसे मूल धातु कहते हैं| उदाहरण के तौर पर :- जा, गा, रो, लिख, पढ़, कर उठ आदि| 
  2. सामान्य धातु :- कई बार धातु में ना प्रत्यय जोड़कर उसका रूप सरल कर दिया जाता है, धातु के इस भेद को सामान्य धातु कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- जाना, खाना, बोलना, रोना, हंसना, पढ़ना, सोना, बैठना, लिखना, घूमना आदि| 
  3. व्युत्पन्न धातु :- किसी भी सामान्य धातु में जब प्रत्यय लगा दिया जाता है और उसे बदल दिया जाता है, तब उसे सामान्य धातु कहा जाता है| उदहारण के तौर पर :- खुलवाना, धूलवाना, कटवाना आदि| 
  4. यौगिक धातु :- प्रत्यय जोड़कर बनाई गई क्रिया से जब प्रत्यय अलग कर दिया जाता है तब उसे यौगिक धातु कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- खाना से खिलाई, लिखना से लिखा आदि| 

क्रिया के भेद – kriya ke bhed :

कर्म के आधार पर, क्रिया के प्रमुख रूप से दो निम्नलिखित भेद होते हैं:-

  1. अकर्मक क्रिया
  2. सकर्मक क्रिया

1) अकर्मक क्रिया: 

अकर्मक क्रिया का शाब्दिक अर्थ होता है बिना कर्म के। अर्थात अकर्मक क्रियाएं वे क्रिया होती हैं, वाक्य में जिनके प्रयोग के लिए किसी प्रकार के कर्म की आवश्यकता नही होती। अकर्मक क्रिया वाले वाक्यों में क्रिया की पूर्ति के लिए कर्ता पूर्ण रूप से उत्तरदायी होता है तथा इसमें कर्म की अनुपस्थिति रहती है।

जैसे: हंसता, फांदना, लौटना, रुकना, ठहरना, मिलना, रोना, छुपना, लजाना, जताना, निभाना, बनाना, होना, बढ़ना, जीना, चमकना, घटना, जागना, उछालना, डरना, बुदबुदाना, कूदना, मरना, तैरना, सोना, नहाना, बरसना, चढ़ना, उतरना इत्यादि।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण के तौर पर निम्नलिखित वाक्य आते हैं:

  • राम सो चुका है।
  • मीरा खा रही होगी।
  • श्याम रो रहा था।
  • राधा लजा रही थी।
  • गाड़ी आ चुकी थी।
  • बादल बरस चुके थे।
  • गंगा बहती रहती है।
  • सांप रेंग रहा था।
  • बच्चा रो रहा है।
  • पक्षी उड़ते हैं।
  • मौसम गर्म हो गया।
  • मोर नाच रहे थे।
  • पायल बज रही है।
  • बच्चे खिलखिला रहे हैं।
  • कोयल कुहुक रही थी।

2) सकर्मक क्रिया:

सकर्मक क्रिया का शाब्दिक अर्थ होता है कर्म के साथ।अर्थात सकर्मक क्रियाएं वह क्रियाएं होती हैं, वाक्य में जिनके प्रयोग हेतु कर्म की उपस्थिति अनिवार्य हो जाती है। सकर्मक क्रिया का प्रभाव कर्ता से कहीं अधिक कर्म पर पड़ता है, इसीलिए इन्हें सकर्मक क्रिया कहा जाता है। अर्थात वे क्रियाएं जिन्हें करने के लिए कर्म का होना अनिवार्य है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण के तौर पर निम्नलिखित वाक्य आते हैं:

  • वह सीढ़ी से उतर रहा है।
  • राम कुर्सी पर बैठा है।
  • नेहा गीत गा रही होगी।
  • चिड़िया पेड़ पर रहती है।
  • माताजी भजन कर चुकी है।
  • मोहन बंसी बजाया करते थे।
  • राम ने शिवधनुष को तोड़ा था।
  • बच्चा ज़ोर से हंस रहा है।
  • अक्षय फिल्म देख रहा होगा।
  • गीतू खाना खा चुकी है।
  • प्रिया वंदना कर चुकी होगी।
  • मीरा रोटियां बना रही है।
  • नौकर बर्तन धुल चूका है।
  • मोहित कुश्ती लड़ चुका होगा।
  • अनंत बहुत अच्छी कविताएँ लिखता है।
  • महिमा कक्षा में किताब पढ़ रही है।

सकर्मक क्रिया के भेद :-

सकर्मक क्रिया के भेद :- 

  1. एककर्मक क्रिया 
  2. द्विकर्मक क्रिया 
  3. अपूर्ण क्रिया 

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