वाच्य की परिभाषा, भेद Voice – Vachya in Hindi VYAKARAN
आईये जानें वाच्य की परिभाषा, भेद के विषय में What is Voice – Vachya in Hindi VYAKARAN
वाच्य की परिभाषा, भेद Voice – Vachya in Hindi VYAKARAN
वाच्य की परिभाषा
कर्ता, कर्म और भावों की प्रधानता को बदलने की प्रक्रिया वाच्य एवं वाच्य परिवर्तन कहलाती है| दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वाच्य परिवर्तन से वाक्य के कहने का तरीका एवं. निर्देशन बदल जाता है| उदाहरण के तौर पर वाक्य
“राम खाना खा रहा था”
को देखा जा सकता है| यह एक कर्ता प्रधान वाक्य है| इसका अर्थ यह है कि इस वाक्य में कर्ता द्वारा कार्य किया जा रहा है| उसी प्रकार यदि इस वाक्य को
“खाना राम द्वारा खाया जा रहा है”
लिखा जाए, तब यह समझा जा सकता है कि यह एक क्रिया प्रधान वाक्य है| इस प्रकार की प्रकिया को वाच्य परिवर्तन कहा जाता है|
वाच्य के भेद
- कर्ता वाच्य
- कर्म वाच्य
- भाव वाच्य
कर्त वाच्य
इस प्रकार के वाक्यों के दौरान वाक्य में कर्ता प्रधान होता है, और सारा कार्य उसी के द्वारा किया जा रहा होता है| उदाहरण के तौर पर :-
- वह अपने घर जा रहा है|
- मैं कविता लिख रहा है|
- ट्रेन पेट्रोल से चल रही है|
- मजदूर सड़क को बना रहे हैं|
कर्म वाच्य
इस प्रकार के वाक्यों में कर्म प्रधान होता है, एवं वाक्य में सारा कार्य कर्म के द्वारा किया जा रहा होता है| उदाहरण के तौर पर :-
- पेट्रोल द्वारा कार को चलाया जा रहा है|
- सड़क को मजदूरों के द्वारा बनाया जा रहा है|
- कविता मेरे द्वारा लिखी जा रही है|
- घर को उसके द्वारा जा रहा था|
भाव वाच्य
इस प्रकार के वाक्यों में कर्ता या कर्म की प्रधानता न होकर, भावों की प्रधानता होती है| उदाहरण के तौर पर :-
- अब यह मुझसे सहा नहीं जाता|
- धूप में टहला नहीं जाता|
- बारिश में घुमा नहीं जाता|