बोनसाई पेड़ क्या होते हैं? लगाने के फायदे नुकसान What are Bonsai Trees in Hindi? Its Advantages Disadvantages

बोनसाई पेड़ क्या होते हैं? लगाने के फायदे नुकसान What are Bonsai Trees in Hindi? Its Advantages Disadvantages

बोनसाई प्लांट बनाने की कला हजारों साल पुरानी है। आजकल बोनसाई पौधों को खूबसूरती के लिए लोग अपने घरों में लगाने लगे हैं। बाजार में बोनसाई के पेड़ों की बहुत मांग है।

इनकी कीमत 1 से 5 हजार रपये तक हो सकती है। जो पेड़ जितने पुराने होते हैं उतने महंगे मिलते हैं। बोनसाई के पेड़ों के बीज का मूल्य 100 रूपये से शुरू होता है।

बोनसाई पेड़ क्या होते हैं? लगाने के फायदे नुकसान What are Bonsai Trees in Hindi? Its Advantages Disadvantages

बोनसाई प्लांट क्या होता है What are Bonsai plants?

बोनसाई एक जापानी शब्द है इसका अर्थ होता है “बौने पौधे”। चीनी भाषा में बोनसाई शब्द का अर्थ होता है “पौधे उगाने वाले पात्र (बर्तन)”। बोनसाई तकनीक द्वारा पौधों को छोटा (लघु) रूप प्रदान किया जाता है। चीन जापान में यह विशेष रूप से प्रचलित है।   

बोनसाई प्लांट कैसे बनाते है How are bonsai trees made?

बीज से बोन्साई पौधे कैसे उगायें या बनायें?

आईये जानते हैं बीज से बोनसाई के पौधे बनाने की विधि क्या है। बहुत से लोग बाजार से बोनसाई के बीज लाते हैं। इसके लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करें-

  1. एक पर्याप्त जगह वाले गमले का चुनाव करें।
  2. उसमें खाद और मिट्टी भरें।
  3. बाजार से अच्छी क्वालिटी वाला बोनसाई का बीज खरीदें।
  4. बीज को मिट्टी में रोपे। बीज के 2 सेंटीमीटर ऊपर मिट्टी की परत होनी चाहिए।
  5. समय समय पर पानी देते रहे। बोनसाई का पेड़ तैयार हो जाएगा।

साधारण पौधों से बोनसाई के पेड़ बनाने की विधि क्या है?

  1. जिस पौधे को आप बोनसाई पेड़ बनाना चाहते हैं उसकी जड़ को हल्का हल्का कांटे और मिट्टी साफ कर दें। शाखाओं को जरूरत के हिसाब से काट दें।
  2. अब इस पौधे को गमले में रखें। इस गमले में 2 से 3 इंच मोटी मिटटी की परत होनी चाहिये। उसके उपर इस पौधे को लगायें। फिर चारो तरफ से मिटटी भरें।
  3. ध्यान रहे कि गमला बड़ा लें जिससे 1, 2 सालों तक आपको गमला बदलने की आवश्यकता ना पड़े।
  4. पौधे को समय समय पर पानी देते रहे।
  5. पौधे की शाखाओं को तार से बांधकर आप उसे मनचाहा आकार दे सकते हैं।
  6. पौधे की शाखाओं को नीचे झुकाने के लिए वजन भी बाँध सकते हैं।

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भारतीय जलवायु के अनुरूप प्रमुख बोनसाई पौधे / पेड़

आम, अमरूद, अनार, मुसम्मी, पलाश, रबड़, सिल्वर ओक, पीपल, अंजीर, चीकू, क्रिसमस ट्री, विलायती इमली, शहतूत, पहाड़ी गुलाब, दिन का राजा, परिजात, सुरु, लीची,, आंवला, नींबू, अमलतास, बरगद, संतरा, गूलर, गुलमोहर, नीम, बोगनवेलिया, नाशपाती, चमेली, देवदार, फर, नाशपाती, बर्च, सेमल   

बोनसाई पेड़ो के बारे में विशेष बातें Tips for Bonsai plant

आईये जानते हैं बोनसाई पौधों के विषय में कुछ मुख्य बातें –

  1. बोनसाई पेड़ हमेशा जलवायु के अनुरूप लगाने चाहिए। जो पौधे आपकी जलवायु के अनुरूप है उसको ही लगाना चाहिए जैसे- आम, अनार, अमरुद, पीपल इत्यादि।
  2. बोनसाई के पेड़ों के लिए मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में खाद डालनी चाहिए।
  3. बोनसाई के पेड़ों को धूप में रखना चाहिए या ऐसे स्थान पर रखें जहाँ धूप आती हो।
  4. बोनसाई के पेड़ों की समय-समय पर काट छांट करते रहना चाहिए।
  5. कुछ सालों बाद बोनसाई के पेड़ो की मिट्टी बदल देनी चाहिए।
  6. कुछ लोगों का मानना है कि वास्तुशास्त्र की दृष्टि से बोनसाई के पौधे घर के भीतर नहीं लगाने चाहिए। उसे बाहर लगाया जा सकता है।  
  7. बोनसाई के पेड़ों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए। बहुत अधिक पानी भरने से बचना चाहिए। फव्वारे से पानी डालना बेहतर होगा।

बोनसाई पेड़ों की प्रमुख शैलियां

बोनसाई पेड़ों की प्रमुख शैलियां
  1. सीधे वृक्ष: इस प्रकार के पेड़ों में फर, चीड़, सिल्वर ऑक जैसे वृक्ष आते हैं जो सीधे बड़े होते हैं।
  2. दो तने वाले वृक्ष: इसमें पौधे के दो तने को विकसित होने दिया जाता है।
  3. अनेक तने वाले वृक्ष: इस प्रकार के पौधे में अनेक तने विकसित होने दिए जाते हैं।
  4. तिरछा बोनसाई: इस प्रकार के बोनसाई में पौधे को 45 डिग्री के मोड़ पर घुमा दिया जाता है और उसी दिशा में बढ़ने दिया जाता है।
  5. झाड़ू नुमा बोनसाई: इस प्रकार के बोनसाई में पौधे की शाखाओं को तार से बांध दिया जाता है। देखने में यह झाड़ू जैसा लगता है।   
  6. चट्टानी बोनसाई: इस प्रकार के बोनसाई के पेड़ में पत्थर, चट्टान के टुकड़े, कंकण, गिट्टी आदि उपर ही सतह पर रख दिये जाते हैं। इससे उसकी सुंदरता बढ़ जाती है।
  7. कैस्केड बोनसाई: इस प्रकार के बोनसाई पौधे के तने को आधा झुका दिया जाता है। गमले के पेंदे से नीचे तक झुकाया जाता है। जरूरत पड़ने पर तांबे के तारों से बाँधा जाता है।  

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बोनसाई पेड़ के फायदे और नुक्सान

बोनसाई पेड़ों के निम्नलिखित लाभ हैं

  1. बोनसाई के पेड़ छोटे आकर्षक दिखते हैं। इसे लगाकर आप अपने घर की सुंदरता बढ़ा सकते हैं।
  2. जिन लोगों के पास जगह की कमी है वह भी बोनसाई के पेड़ लगाकर अपने घर में हरियाली बढ़ा सकते हैं।
  3. दूसरे पेड़ पौधों को अधिक पानी और अधिक देखरेख की आवश्यकता होती है, परंतु बोनसाई के पेड़ छोटे होते हैं, इसलिए इनकी देखरेख में मामूली समय खर्च होता है। इस पौधे की सिंचाई में बहुत ही कम पानी लगता है।
  4. आजकल बोनसाई पेड़ एक अच्छे रोजगार के रूप में उभरा है। आप भी बोनसाई पेड़ों की नर्सरी लगाकर इसका व्यापार शुरू कर सकते हैं और अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।   
  5. बुजुर्ग लोग बोनसाई पेड़ लगाकर और उसकी देखरेख करके अपना समय आसानी से काट सकते हैं।
  6. घर में बोनसाई के पेड़ लगाकर बच्चों और भावी पीढ़ी को पेड़ पौधों के महत्व के बारे में आसानी से बताया जा सकता है।

बोनसाई के पेड़ों से निम्नलिखित नुकसान हैं

  1. नेगेटिव ऊर्जा वाले बोनसाई पेड़ों को घर में नहीं लगाना चाहिए। नागफनी का पौधा इसी प्रकार का नकारात्मक ऊर्जा वाला पौधा माना जाता है।
  2. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह बोनसाई पेड़ों का विकास रुक जाता है वे जिस घर / आफिस में होते हैं उसका विकास रोक देते हैं।
  3. सूखे मुरझाए और टूटे हुए बोनसाई के पौधे नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं।
  4. कांटेदार बोनसाई के पौधों को घर में नहीं लगाना चाहिए। वह हाथों में चुभकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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