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Home » Technology » कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

Last Modified: March 28, 2019 by बिजय कुमार 2 Comments

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस – कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृत्रिम तरीके से विकसित की गयी बुद्धि को कहते है। आज इसका क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में इसका विस्तृत इस्तेमाल होने वाला है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल कार निर्माण, चैटबॉट (जो वेबसाइट सर्फ करते समय चैटिंग करते हुए सह जानकारी मुहैया कराते हैं), पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (गूगल असिस्टेंट, अमेजन एलेक्सा, एप्पल सीरी, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्टना आदि), रोबोट निर्माण, कम्प्यूटर, फेसबुक, यूट्यूब, स्पीच रिकग्निशन, मौसम का पूर्वानुमान, कंप्यूटर साइंस, वायुयान निर्माण, चिकित्साशास्त्र, स्पेस स्टेशन जैसे कामो में हो रहा है।

आज अनेक कम्पनियां इसमें भारी निवेश कर रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुवात 1950 के दशक में हुई थी। यह रोबोटिक्स सिस्टम के द्वारा काम करता है। यह इन्सान की सोच पर काम करता है। तथ्यों पर अपनी प्रतिक्रिया भी देता है। आईबीएम कंपनी का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस डीप ब्ल्यू कंप्यूटर (Deep Blue Computer) ने कास्पोरोव को शतरंज मे हराया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना जॉन मैकार्थी  (John McCarthy) ने की थी। उनके दोस्तों मार्विन मिन्सकी, हर्बर्ट साइमन, ऐलेन नेवेल ने मिलकर शुरुवाती कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास और शोध कार्य किया था। इस तकनीक के द्वारा ऐसे जटिल कामो को किया जा सकता है जो मनुष्य के लिए सम्भव नही है।

Table of Content

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  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास HISTORY OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे  ADVANTAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE
      • जीपीएस (GPS) तकनीक का फायदा
      • रोजमर्रा के कामो में इस्तेमाल
      • खनिज, पेट्रोल, और ईधन की खोज में इस्तेमाल
      • खेलो की रणनीति बनाने में
      • चिकित्सा क्षेत्र में
      • अन्य फायदे
    • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान DISADVATAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE
      • बेरोजगारी का कारण
      • उच्च कीमत और लागत
      • रचनात्मक शक्ति खत्म कर सकती है
      • खतरनाक हाथियारो का निर्माण
      • अनुभव के साथ बेहतर नही होती
      • सही और गलत का फर्क करने में असफल
  • निष्कर्ष CONCLUSION

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस / कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फायदे व नुक्सान Advantages Disadvantages of Artificial Intelligence in Hindi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इतिहास HISTORY OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE

1956 में डार्टमाउथ कॉलेज में जॉन मैकार्थी ने सबसे पहले “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” विषय पर कार्यशाला का अयोजन किया था। अपनी स्पीच में सबसे पहले “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” शब्द का उल्लेख किया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे  ADVANTAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे इस प्रकार है-

जीपीएस (GPS) तकनीक का फायदा

कार और फोन में जीपीएस (GPS) तकनीक का इस्तेमाल करके हम किसी भी स्थान पर आसानी से पहुँच सकते है। हम रास्तों को भूलने के बारे में चिंतित नही होते है। हमे चिन्हों और साइनबोर्ड को याद रखने की जरूरत नही होती है। मनचाही जगह पर इस तकनीक का इस्तेमाल करके आसानी से पहुँच सकते है। इस तकनीक में “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल किया जाता है।

रोजमर्रा के कामो में इस्तेमाल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल हमारे स्मार्ट फोन और कम्यूटर में भी होता है। लिखते समय कीबोर्ड हमारी गलतियों को सुधारता है, सही शब्दों का विकल्प भी देता है। जीपीएस (GPS) तकनीक, मशीन पर चेहरे ही पहचान करना, सोशल मिडिया में दोस्तों को टैग करना जैसे कामो में इस्तेमाल होता है।

वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग संस्थानों द्वारा डेटा को व्यवस्थित और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है। स्मार्टकार्ड सिस्टम में भी “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल किया जाता है।

खनिज, पेट्रोल, और ईधन की खोज में इस्तेमाल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की मदद से हम ऐसे अनेक काम कर सकते है जो मनुष्य नही कर सकता है। समुद्र तल की गहराई में खनिज, पेट्रोल, और ईधन की खोज का काम, गहरी खानों में खुदाई का काम बहुत कठिन और जटिल होता है। समुद्र की तलहटी में पानी का गहन दबाव होता है। इसलिए रोबोट्स की सहायता से ईधन की खोज की जाती है।

खेलो की रणनीति बनाने में

अब “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल क्रिकेट, फ़ुटबाल, बेसबाल, शतरंज जैसे खेलो की तस्वीरे लेने में प्रमुख रूप से किया जा रहा है। यह कोच को रणनीति का सुझाव भी देता है।

चिकित्सा क्षेत्र में

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल अब चिकित्सा क्षेत्र में में दवाओ के साइड इफेक्ट, ओपरेशन, ऍक्स रे, बिमारी का पता लगाने, जांच, रेडियोसर्जरी, जैसे कामो में किया जा रहा है।

अन्य फायदे

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीन कोई ब्रेक नही लेती है, यह अनेक घंटो तक बिना रुके काम कर सकती है। बार बार दोहराए जाने वाले काम मनुष्य के लिए बहुत नीरस होते है, पर मशीने इनको आराम से कर सकती है। इसलिए अलावा फैक्ट्री, लैब में खतरनाक/ जानलेवा।

दुर्घटना जनक कामो को “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीनों की मदद से किया जा सकता है। “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल करके कम से कम गल्ती होती है। काम को 100% सटीकता से किया जा सकता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुकसान DISADVATAGES OF ARTIFICIAL INTELLIGENCE

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  के नुकसान इस प्रकार है

बेरोजगारी का कारण

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फ़ैल सकती है। फैक्ट्री, कारखानों, बैंको में इसका व्यापक इस्तेमाल करने से हजारो लोगो की नौकरी छिन सकती है।

उच्च कीमत और लागत

बैंक, ऐटीएम, होस्पिटल, फैक्ट्री किसी भी जगह “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” से युक्त मशीन लगाना बहुत महंगा साबित होता है। खराब हो जाने पर इसको ठीक करना भी आसान नही होता है। इनका रखरखाव भी बहुत खर्चीला होता है। ऐसी मशीनों के सोफ्टवेयर प्रोग्राम को बार बार बदलने की जरूरत पड़ती है।

रचनात्मक शक्ति खत्म कर सकती है

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की मदद से हम नई डिजाइन, नई चीजो की रचना कर सकते है। बहुत अधिक संभवना है की इसके व्यापक इस्तेमाल से हम पूरी तरह “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर ही आश्रित हो जाये और निकम्मे और आलसी होकर अपनी रचनात्मक शक्ति खो बैठे।

खतरनाक हाथियारो का निर्माण

इस बात की बहुत सम्भावना है की इसकी मदद से मशीने स्वचालित हथियार बना डाले जो खुद ही समूची मानव जाति का नाश कर दे। ऐसा होने पर कुछ लोग सम्पूर्ण मानव आबादी पर शासन कर सकते है, शोषण कर सकते है।

अनुभव के साथ बेहतर नही होती

जिस तरह मनुष्य नये कामो को करने पर नवीन अनुभव प्राप्त करता है और अगली बार उसी काम को बेहतर तरह से करता है, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” की तकनीक ऐसा नही कर पाती है। वो अपने सोफ्टवेयर के अनुसार ही काम करती है।

सही और गलत का फर्क करने में असफल

“कृत्रिम बुद्धिमत्ता” तकनीक से युक्त मशीने अपने फीड प्रोग्राम के अनुसार ही काम करती है। मशीनों के अंदर कोई भावना या नैतिक मूल्य नही होता है, वो सही और गलत काम में फर्क नही कर पाती है। विपरीत परिस्थति होने पर “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” तकनीक से युक्त मशीने निर्णय नही ले सकती है।

निष्कर्ष CONCLUSION

आज के लेख में हमने आपको “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनेक फायदे है और साथ ही साथ अनेक नुकसान है। विज्ञान की इस शाखा का इस्तेमाल हमे सोच समझकर मानव कल्याण के लिए करना चाहिये। इस पर पूरी तरह से निर्भर रहना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए हमे “कृत्रिम बुद्धिमत्ता” का इस्तेमाल संतुलित रूप में करना होगा।

Filed Under: Technology Tagged With: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कृत्रिम बुद्धिमत्ता

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. deepak rathod says

    September 12, 2019 at 11:16 am

    thanks sir bahut kuch sikhne ko mila

    Reply
  2. Hsk says

    August 11, 2023 at 6:27 pm

    Thanks
    Good .

    Reply

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