बच्चे और गुब्बारे वाले की कहानी The Child and The Balloon Seller Story in Hindi

आज हम आपको – बच्चे और गुब्बारे वाले की कहानी बताएँगे The Child and The Balloon Seller Story in Hindi

कहानी शीर्षक : बच्चे और गुब्बारे वाले की कहानी The Child and The Balloon Seller Story in Hindi

एक बार एक गांव में मेला हो रहा था। मेले में बहुत सारे लोग अपने परिवार के साथ घूमने आए थे। मेले में बहुत सारे मिठाईयों की दुकान, खिलौने, और गुब्बारे बेचने वाले भी थे। एक कोने में एक गुब्बारे वाला अपने साइकिल पर गुब्बारे बेच रहा था।

तभी उसके पास एक छोटा सा बच्चा आया और उससे पूछने लगा – गुब्बारे वाले यह जो लाल वाला गुब्बारा है क्या यह ऊपर उड़ेगा? तभी उस गुब्बारे वाले ने उत्तर दिया – हां यह लाल वाला गुब्बारा ऊपर उठेगा।

उसी समय उस बच्चे ने दोबारा गुब्बारे वाले से प्रश्न किया – क्या यह नीला वाला गुब्बारा ऊपर उड़ेगा? गुब्बारे वाले ने दोबारा उत्तर दिया – हां बच्चे यह गुब्बारा ऊपर उड़ेगा। उस बच्चे ने तीसरी बार फिर से प्रश्न किया – गुब्बारे वाले क्या यह हरा वाला गुब्बारा ऊपर हवा में उड़ेगा?

यह सुनकर उस गुब्बारे वाले ने हंसते हुए उस बच्चे को जवाब दिया – हां बच्चे यह सभी गुब्बारे हवा में उड़ेंगे। बेटा, गुब्बारा हवा में जाएगा या नहीं यह उसके रंग और आकार पर निर्भर नहीं होता है बल्कि वह तो उसके अंदर में भरे हुए हवा या गैस पर निर्भर करता है।

कहानी से शिक्षा

जिस प्रकार गुब्बारे के बाहर के रंग और आकार पर गुब्बारे का ऊपर उड़ना निर्भर नहीं होता उसी प्रकार हमारा भी ऊपर उठना या सफलता प्राप्त करना हमारे बाहरी रंग रूप, हमारे व्यक्तिमत्व पर, हमारी क्षमताओं पर, हमारी योग्यताओं पर निर्भर नहीं होता यह सब तो केवल गुब्बारे रंग है। हमारा ऊपर उठना या हमारी सफलता को छूना हमारे मनोभाव, धारणाओं, हमारी मनोदृष्टि पर निर्भर करता है।

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