मेरे पिताजी पर निबंध Essay on My father in Hindi

आज इस लेख में हमने मेरे पिताजी पर निबंध प्रस्तुत किया है। Essay on My father in Hindi इस आर्टिकल में आप अपने पिता/पापा के व्यवसाय और उनके विषय में जानकारी जोड़ कर लिख सकता हैं।

मेरे पिताजी पर निबंध Essay on My father in Hindi

एक पिता ही अपनी पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ साथ नैतिक जिम्मेदारियों को भी निभाता है। एक पिता अपने आपको अधिक से अधिक कठोर दिखाता है परंतु उनके जितना दयालु कोई नही होता है।

एक पिता ही है जो अपनी खुशियों को ध्यान न देकर, परिवार की और नजदीकी लोगों को खुशियाँ प्रदान करने में लगा रहता है। पिता जितना संघर्षशील व्यक्ति कोई नही हो सकता है वो अपने लोगों के लिए कुछ भी कर सकता है। पिता ही है जो अपने जीवन काल मे अपने लिए कुछ न करके दूसरों के सब कुछ करता रहता है।

मेरे पिता का नाम भगवान दास है मेरे पिता एक किसान है और वे कृषि से ही अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह शांत स्वभाव प्रवृति के व्यक्ति हैं। मेरे पिता मेरे सभी जरूरतों को पूरी करने की कोशिश करते हैं। मेरे पिता का जैसा नाम है उनका वैसा ही काम है।

मेरे पिता बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं वह अपना काम बहुत परिश्रम से करते हैं। मेरे पिता मेरे लिए प्रतिदिन अपना कीमती समय निकालकर मेरे साथ समय व्यतीत करते हैं और दिन भर की गतिविधियों एवं मेरी समस्याओं की जानकारी लेते हैं तथा समस्याओं का निवारण करते हैं। उन्होंने आज तक मुझे किसी चीज की कमी नहीं होने दी है, वह खुद बड़े कष्ट के साथ रहते हैं परंतु अपने परिवार को कभी दुखी नहीं होने देते हैं और ना ही देख सकते हैं।

मेरे पिता एक अनुशासन प्रिय व्यक्ति हैं वह हमेशा लोगों को अनुशासन में रहना सिखाते हैं और खुद भी अनुशासन में रहते हैं वह पूरे परिवार को अनुशासित रखने की पूरी कोशिश करते हैं। उनकी दिनभर की कार्यशैली समय के अनुसार होती रहती है वह समय से अपना सारा कार्य समाप्त करते हैं। वे मुझे हमेशा अनुशासित रहने की सलाह देते रहते है और अनुशासन में रहने के फायदे भी बताते हैं।

मेरे पिता मेरे जीवन को तथा सभी कार्य एवं परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य आदि को गंभीरता से लेते हैं कोई भी किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं करते हैं। वह सभी कि सुनते हैं और उनकी मदद करते हैं और हमें सिखाते हैं कि सभी कार्य को बड़ी गंभीरता के साथ करना चाहिए।

मेरे पिता समय-समय पर पूरे परिवार के साथ बाहर घूमने के लिए जाते हैं और बीच-बीच में मुझे अपने साथ पिकनिक भी ले जाते हैं और मेरे द्वारा की गई सभी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। मेरे लिए अच्छे-अच्छे सामान भी खरीदते हैं और अपने परिवार की सभी जरूरतों को पूरा करते हैं।

वह अपनी समस्याओं को कभी सामने नहीं आने देते और ना ही किसी का महसूस होने देते हैं कि उनको कोई समस्या है। वह कई समस्याओं से घिरे होते हुए भी लोगों की मदद करते हैं और खुश रहने की कोशिश करते हैं।

वह परिवार की और मेरी किसी भी गलती पर मुझे डांटते या मारते नहीं हैं बल्कि मुझे अपने साथ बिठाकर बहुत प्यार से समझाते हैं और उस गलती का परिणाम बताते हुए गलती करने से मना करते हैं। मेरे पिता मुझसे बहुत प्यार करते हैं।

मेरे पिता कभी किसी समस्या पर अपना संयम नहीं खोते हैं वह धैर्यपूर्वक समस्याओं का निवारण करते हैं। मैंने अपने पिता से सीखा है कि जीवन में कुछ भी हो जाए पर अपना नियंत्रण कभी नहीं खोना चाहिए। उचित एवं संयम से अपने कार्य को करते रहना चाहिए तभी हमारा कार्य सही ढंग से पूर्ण होगा एवं सफलतापूर्वक होगा

मेरे पिता समय-समय पर मुझे गलत-सही बातों के बारे में जानकारी देते हैं और उनका हमेशा प्रयास रहता है कि वह सभी को खुश रख सकें। मुझे अपने पिता पर गर्व है कि मैं उनका पुत्र हूं और मेरे पिता जैसा संसार में कोई नहीं है इस बात का मुझे बहुत गर्व है।

2 thoughts on “मेरे पिताजी पर निबंध Essay on My father in Hindi”

  1. एहसासो के इस दौर में आज एक एहसास उतर आया
    बिन पिता बचपन किसको भाया है
    वो बच्चों की खुशियों का सांता क्लॉज़ है
    वो उनकी दुनिया का सबसे प्यारा राजकुमार है।

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