भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भाषण Speech on Indian Education System in Hindi
आज के इस लेख में हमने भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भाषण प्रस्तुत किया है Speech on Indian Education System in Hindi मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरा ये भाषण पसंद आएगा।
भारतीय शिक्षा प्रणाली पर भाषण Speech on Indian Education System
पढ़ें : भारतीय शिक्षा प्रणाली पर पूर्ण जानकारी
माननीय प्रधानाचार्य, सभी अध्यापक और सभी छात्रगण आप सभी को मेरा नमस्कार,
दोस्तों, जैसा की हम सभी जानते है कि आज हम भारतीय शिक्षा प्रणाली (Indian Education System) के बारे में आज यहाँ चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए है। हम सभी जानते है कि भारत में शिक्षा का बहुत ही पुराना इतिहास है। नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय विश्व में सबसे पुराने विश्वविद्यालय थे, जोकि भारत में ही स्थित थे।
लेकिन वर्तमान समय में भारतीय शिक्षा प्रणाली आज भी विश्व भर में बेहतरीन होने के मामले में बहुत ही पीछे है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में कई सारे कमियाँ है जिसे हमें मिलकर इस चुनौती को पार करके भारतीय शिक्षा प्रणाली को कमियों को दूर करना होगा। जिससे हमारे छात्रों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।
दोस्तों, अगर मैं अपने विचारों की बात करूँ तो मेरा मानना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली वर्तमान समय में विद्यार्थियों के उम्मीदों पर खरा नही उतर रहा है क्योंकि विद्यार्थियों की शिक्षा पूरी होने के बाद भी उनको अपने शिक्षा के अनुसार रोज़गार नही मिला पाता है। इससे पता चलता है कि विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिक्षा, मिलने वाले रोज़गार से बिलकुल अलग है।
जिससे छात्रों को रोज़गार न मिलने के कारण निराशा का सामना करना पड़ता है। अगर पिछले कुछ वर्षो की बात करें तो हमारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनो ने ही इस मुद्दे को गंभीर रूप से लिया है। दोनों सरकारों ने ही शिक्षा और रोज़गार के बीच की दूर को कम करने के लिए कई सारे प्रयास कर रही है।
दोस्तों, वैसे तो हमारे देश मे आई.आई.टी (IIT), आई.आई.एम (IIM), कानून विद्यालय जैसी अन्य कई उत्कृष्ट शिक्षा संस्थाएं चल रही है, वैसे तो हमारे यहाँ के विद्यार्थी 90% या उससे अधिक अंक प्राप्त करते है लेकिन फिर बहुत बार IIT, IIM जैसे जगहों पर 90% अंक भी कम पड़ जाते है और छात्रों को उनके पसंद के अनुसार अच्छे संस्थानों और कॉलेजों में दाख़िला नही मिल पाता है।
बहुत बार अच्छे में दाख़िला मिलने के बाद भी छात्रों को उनके स्तर की नौकरी नही मिल पाती, इसका मुख्य कारण यह है कि हमारी शिक्षा प्रणाली में छात्रों को केवल किताबी ज्ञान दिया जाता है और प्रक्टिकल ज्ञान की कमी होने के कारण ही विद्यार्थियों को अच्छी नौकरी नही मिल पाती है। हमारे देश की बेरोज़गारी की बढ़ने के पीछे कहीं-न-कहीं भारतीय शिक्षा प्रणाली (Indian Education System) भी एक मुख्य वजह है।
दोस्तों अगर शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात की जाये तो आंकड़े बहुत निराशा करते है। आप सभी इसका अंदाजा इससे लगा सकते है कि हमारी सरकार ने पिछले कुछ वर्षो में शिक्षा पर जीडीपी का 3.8 % खर्च कर रही थी लेकिन वर्तमान समय में इसमें सुधार किया गया है और शिक्षा पर जीडीपी का 4.6 % खर्च किया जाने लगा है।
इससे पता चलता है कि हमारी सरकार धीरे-धीरे शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार कर रही है, और इसके साथ साथ लोगो को भी शिक्षा के प्रति जागरूकता भी फैला रही है। जैसा की हम सब जानते है कि हमें दी जाने वाली किताबी ज्ञान, बाहरी दुनिया से बिलकुल अलग है जिसके वजह से छात्रों को बेरोज़गारी जैसी समस्या से झूझना पड़ता है।
इस समस्या से बचने के लिए विशेषज्ञों का मानना है कि हमें Indian Education System के पाठ्यक्रम और ढांचे में विशेष परिवर्तन करने की जरुरत है और शिक्षा प्रणाली को अपनी जरुरत के अनुरूप बनाया जाए। जिससे बेरोज़गारी जैसे बड़ी समस्याओं का सामना करने में आसानी होगी, और छात्रों के लिए रोज़गार की बेहतर संभावनाओं की उत्पत्ति होगी।
आखिर कैसे हम भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधर कर सकते है। अगर मैं अपने विचारों की बात करूँ तो मेरा मानना है कि स्कूल और शिक्षकों को छात्रों के ऊपर नियमों और अनुशासन का अनावश्यक बोझ डालने के बजाय छात्र शिक्षा की ओर कैसे आकर्षित हो इसका उपाय ढूँढना चाहिए। जिससे छात्रों को ज्ञान प्राप्त करने में एक रोमांच प्राप्त हो।
आज़ादी के इतने सालों के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में हम आज भी वही खड़े है। आज के समय में बहुत से देशों में शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली को कागज़ मुक्त कर दिया गया है। मैं ये सोच कर आश्चर्य में हूँ कि आज के इस दौर में जहाँ तकनीकी इतनी आगे है लेकिन फिर भी हमारी शिक्षा प्रणाली इतनी पीछे है।
मेरा मानना है कि छात्रों को कम्प्यूटर असिस्टेड तकनीकों के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए, और क्लास-रूम टीचिंग से लेकर होम-वर्क असाइनमेंट तक, इसे पूरी तरह से कंप्यूट्रीकृत किया जाना चाहिए।
किसी भी शिक्षा प्रणाली में, स्कूल और कॉलेज के कार्यक्रम उसका महत्वपूर्ण भाग होते है। जहाँ पर छात्र को अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए एक अच्छा मंच प्राप्त होता है। आजकल हमारी शिक्षा प्रणाली में कई नए विषयों, पैटर्न और उपकरणों में संशोधन कर रही है। स्कूलों में पाठ्यक्रम प्रारूप में निर्धारित किया जा रहा है ताकि छात्रों को सभी विषयों का बुनियादी ज्ञान मिल सके।
दोस्तों हमारी शिक्षा प्रणाली में सबसे बड़े बदलाव की जरूरत है कि हमें अपना ध्यान सैद्धांतिक शिक्षा के बजाय व्यावहारिक शिक्षा पर देना चाहिए। हमारी शिक्षा अभी तक कक्षा तक ही सीमित है। जिसके कारण जब छात्र अपनी शिक्षा पूरी करते है तो उनको रोज़गार के लिए जगह जगह जाना पड़ता है। इस समस्या का उपाय यह है कि छात्रों को सैद्धांतिक शिक्षा और व्यावहारिक शिक्षा दोनों ही देना चाहिए। जिससे उनको अपने आजीविका के लिये रोज़गार आसानी से मिल जाये।
दोस्तों, मैं अपने भाषण के अंत में, मैं आप सभी से पूछना चाहता हूँ क्या भारत में शिक्षा प्रणाली बदलनी चाहिए या नहीं? मैं तो यही कहूँगा कि हां, शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव और सुधार करना चाहिए। केवल शिक्षित न हों बल्कि चीजें को सीखें और प्रतिभा के साथ शिक्षित हों। मैं उम्मीद करता हूँ की आप सभी को मेरा ये भाषण अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
क्या भारत में शिक्षा प्रणाली बदलना चाहिए या नहीं? इसके बारे में आप की क्या राय है हमें कमेंट में बताएं