आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय Acharya Balkrishna Biography in Hindi

आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय Acharya Balkrishna Biography in Hindi

पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति, पतंजलि के महासचिव, निदेशक एवं अध्यक्ष बालकृष्ण हैं। वो पतंजलि योगपीठ के मुख्यालय में बनी एक इमारत में बने अस्पताल की प्रथम मंज़िल पर स्थित एक साधारण से दफ्तर में काम करते हैं।

आचार्य बालकृष्ण का जीवन परिचय Acharya Balkrishna Biography in Hindi

जीवन परिचय

4 अगस्त 1972 को बालकृष्ण का जन्म हुआ था, उनकी माँ का नाम सुमित्रा देवी और उनके पिताजी का नाम जय बल्लभ है। आज पतंजलि पूरे विश्व में एक भारतीय ब्रांड बन गया है। यह भारत के लिये इतिहास बन चुका है। पतंजलि अपनी अच्छी गुणवत्ता के कारण दिन प्रतिदिन पतंजलि प्रसिद्धि की ओर बढ़ता जा रहा है।

बाज़ार में इसकी बढ़ती मांग केवल बालकृष्ण की मेहनत और लगन का एक कारण है। बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने मिलकर एक आचार्य कुलम की स्थापना की। बालकृष्ण और बाबा रामदेव ने मोदी के “स्वच्छ भारत” आंदोलन में भी भाग लिया।

प्रारंभिक जीवन

उन्होंने संस्कृत भाषा में आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों का ज्ञान प्राप्त किया। उनका जन्म दिवस पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट से जुड़े लोग ‘जड़ी-बूटी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। उनके पिता का नाम – जय बल्लभ है। माता का नाम सुमित्रा देवी हैं और वह नेपाल के मूल निवासी है।

बाल कृष्ण के पुरुष्कार

योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में उन्हें कई सम्मान और पुरुष्कार से नावाज़ा गया। 2004 में 23 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में एक शिविर के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम ने उन्हें सम्मान दिया।

2007 अक्टूबर में नेपाल के प्रधानमंत्री और केबिनेट मंत्रियों के सामने जड़ीबुटी के छुपे ज्ञान को उजागर करने के मामले में उनको सम्मान दिया गया। 2012 में उनको विरंजन फाउंडेशन द्वारा सुजाना श्री पुरुस्कार प्रदान किया गया।

बालकृष्ण ने कई गृथों की रचनायें की – भोजन कौतुहल, आयुर्वेद जडीबुटी रहस्य आयुर्वेद महोदधि, विचार क्रांति, आजिर्नामृत मंजरी। महान योग के मार्गदर्शक आचार्य बालकृष्ण जी योगपीठ के अधययक्ष है। वह एक बहुत ही प्रसिद्द योग गुरु है ।

बालकृष्ण जी ने अपना शिक्षा आचार्य बलदेवजी महाराज के उपस्थिति में हुआ । बालकृष्ण – आचार्य बालकृष्ण एक महान विद्वान और एक महान मार्गदर्शक है।

बाल कृष्ण की शोध

शोध के क्षेत्र में आचार्य रामकृष्ण ने बहुत अहम भूमिका निभायी है। वह अब तक 41 शोध पत्र लिख चुके है। सभी शोध पत्र आयुर्वेदिक दवाइयों से संबंधित है। बालकृष्ण ने विश्व विद्यालय में मिलने वाले खाद्य परिसर के बारे में अध्ययन किया है और इनका परिक्षण भी किया है।

आयुर्वेदिक दवाओं के लिये लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ बालकृष्ण ने लोगों को योग के लिये भी जागरूक भी किया है। वह आयुर्वेद की दिशा में अपना योगदान कर रहे है। वह घरेलू नुस्खे भी बताते है। जिससे लोगों को बहुत लाभ भी मिलता है।

पतंजलि में बाल कृष्ण के पद

  • बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति है।
  • वह महासचिव पतंजलि ट्रस्ट है।
  • वह महासचिव पतंजलि के रिसर्च फाउन्डेशन है।
  • उनकी पतंजलि ग्रामोद्योग ट्रस्ट है।
  • प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष है।
  • पतंजलि फूड और हर्बल पार्क के प्रबंध और निदेशक है।

पतंजलि का व्यवसाय

आज पतंजलि भारतीय बाजार में अपनी अलग पहचान बना चुका है। उसमें ज़्यादातर योगदान आचार्य बालकृष्ण का है। जड़ी – बूटियों के अपने ज्ञान की बजह से और उनके लगातार किये हुये शोध के कारण वह आने वाले भविष्य में कई बड़े  योगदान पतंजली और आयुर्वेद को दे सकते है।

आचार्य बालकृष्ण ने इसी साल सितंबर में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में 97 फीसदी के साथ फ़ोर्ब्स की सूची में जगह बनाई। साल 2006 में इस कंपनी की स्थापना उन्होंने सबसे लोकप्रिय योग गुरु बाबा रामदेव के साथ मिलकर भारत में की थी।

रामदेव इस कंपनी में निजी तौर पर कोई मालिकाना हक़ नहीं रखते है। वह अपनी कंपनी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी काम करते है और बाबा रामदेव इसके उत्पादों का विज्ञापन करते हैं।

बालकृष्ण का कहना है कि अरबपतियों की सूची में उनका पतंजलि के कारण आया यह हमारे भारतीय उपभोक्ताओं के बढ़ते हुये पतंजलि के भरोसे का ही एक सबूत है, पतंजलि आज बाज़ार में क़रीब साढ़े तीन सौ उत्पाद बेचती है।

बाल कृष्ण ने कहा कि , हमारी कंपनी की जो संपत्ति है वह किसी की एक की निजी संपत्ति नहीं है। ये हमारे समाज और उनकी सेवा के लिए है। आचार्य बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के एक महासचिव होने के साथ साथ 5,000 पतंजलि क्लीनिक की देखभाल भी करते है और एक लाख से ज्यादा योग की कक्षाओं का संचालन भी करती है।

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने भारतीय एफ एम सी जी बाजार को तूफान से लिया है। 2015-16 में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ कंपनी न केवल घरेलू नाम है, बल्कि प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को करीबी प्रतिस्पर्धा दे रही है।

हालांकि बाबा रामदेव सभी पतंजलि के उपभोक्ता उत्पादों का समर्थन करते हैं, लेकिन भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ रहे एफएमसीजी ब्रांड की भयानक सफलता के पीछे आदमी रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण हैं।

2015-16 में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ कंपनी का न केवल घरेलू नाम है बल्कि यह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को करीबी प्रतिस्पर्धा दे रही है। हालांकि बाबा रामदेव सभी पतंजलि के उपभोक्ता उत्पादों का समर्थन करते हैं, लेकिन भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ रहे एफ एम सी जी ब्रांड की भयानक सफलता के पीछे आदमी रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को मानते हैं।

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