चार्ली चैपलिन की जीवनी Charlie Chaplin Biography in Hindi

इस लेख में आप चार्ली चैपलिन की जीवनी Charlie Chaplin Biography in Hindi पढ़ेंगे। इसमें उनके जन्म व प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, कैरियर, निजी जीवन, फिल्में तथा मृत्यु के विषय में जानकारी दी गई है।

चार्ली चैपलिन की जीवनी Charlie Chaplin Biography in Hindi

कहते हैं कि किसी कलाकार को अपने विचार और भावनाओं को प्रकट करने के लिए किसी विशेष भाषा की जरूरत नहीं होती। कला स्वयं में ही एक ऐसा अनोखा माध्यम होती है, जो हर किसी को आनंदित कर देती है।

जब आनंद और हंसी की बात आती है, तो चार्ली चैपलिन जैसे महान कलाकार का नाम ज़रूर लिया जाता है। चार्ली चैपलिन मूक अर्थात बिना ध्वनि वाले फिल्मों में काम करने वाले एक सुप्रसिद्ध हास्य अभिनेता, संगीतकार एवं फिल्म निर्माता थे।

सदियों में एक बार ही ऐसे कलाकार का जन्म होता है, जो अपने टैलेंट से पूरी दुनिया का दिल जीत लेता है। अपने अनोखे और शानदार करियर के लिए पहचाने जाने वाले चार्ली चैपलिन आज भी हास्य कला की दुनिया में एक अद्वितीय नाम है। 

सर चार्ली चैपलिन के सफलता के पीछे उनकी कई दुख भरी कहानी भी है। गरीबी की दलदल से उठकर आसमान छूने वाले चार्ली आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

चार्ली चैपलिन का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, जहां पिता की अनुपस्थिति में उनकी परवरिश माता के द्वारा किया गया। मात्र 9 वर्ष की आयु में ही अपना पेट पालने के लिए चार्ली ने अपनी माता के साथ काम करना शुरू कर दिया था। 

संघर्ष के बदौलत चार्ली चैपलिन ने लोगों के बीच जगह बनानी शुरू कर दी, इसके बाद से उनकी शोहरत दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई। अपने जीवन में उन्होंने कई फिल्मों में किरदार निभाए हैं और इसके अलावा चार्ली चैपलिन के जीवन पर भी कई फिल्में बनाई गई हैं।

चार्ली चैपलिन का जन्म और प्रारंभिक जीवन Charlie Chaplin Birth & Early Life in Hindi

16 अप्रैल 1889 को इंग्लैंड की राजधानी लंदन में चार्ली चैपलिन का जन्म हुआ था। उनकी माता का नाम हन्ना चैपलिन और पिता का नाम चार्ल्स चैपलिन सीनियर था। 

उनका पूरा नाम चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन जूनियर था। चार्ली की माता हन्ना एक असफल शोमेकर की बेटी थी और उनके पिता एक कसाई के बेटे थे, जो एक गायक भी थे।

जब चार्ली चैपलिन का जन्म हुआ था, उनकी घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं थी। उनके माता-पिता के रिश्ते काफी समय से खराब चल रहे थे। जिसके पश्चात 1891 के साल में दोनों अलग रहने लगे। 

परिवारिक और आर्थिक परेशानियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि बचपन में चार्ली के जन्म का कोई भी अधिकारीक रिकॉर्ड नहीं बनवाया गया। तलाक़ के बाद चार्ली की माता के पास ड्रेस मेकिंग तथा नर्सिंग के अलावा दूसरा कोई भी कमाई का जरिया नहीं था।

पिता की तरफ से चार्ली और उनकी मां के लिए कोई भी वित्तीय सहायता नहीं प्राप्त हुई थी। घर के बिगड़ते हालातों के कारण मात्र सात वर्ष की आयु में चार्ली को लैम्बेथ वर्क हाउस, इसके पश्चात नॉरवूड स्कूल जैसे कई अन्य ऐसे संस्थानों में भेजा गया, जो बेसहारा बच्चों की परवरिश करते थे। 

कुछ सालों बाद चार्ली एवं उनके भाई सिडनी दोनों को अपने पिता के पास रहने के लिए भेज दिया गया। चार्ली चैपलिन के पिता एक शराबी थे, और खराब स्वास्थ्य के चलते 38 साल की उम्र में ही उनकी मृत्यु हो गई।

चार्ली की मां बहुत बीमार पड़ने लगी थी, इसके बाद उनके अलावा घर में कोई कमाने वाला भी नहीं बचा था। इसी वजह से चार्ली अपनी माता को अस्पताल ले जाने के लिए दर-दर भटकने लगे। 

जैसे तैसे मां का इलाज करवाने के बाद कुछ साल बाद ही हन्ना की बीमारियां वापस लौटा आई। चार्ली चैपलिन अपने प्रारंभिक जीवन में अपनी माता के लिए कहते थे, कि उस समय हमारी स्थिति इतनी खराब थी, कि हम अपने मां के दुर्भाग्य को स्वीकार करने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते थे। 

चार्ली चैपलिन का कैरियर Charlie Chaplin Career in Hindi

बेहद कम उम्र में ही चार्ली चैपलिन ने माता के साथ काम करना शुरू कर दिया था। जब वह 9 साल के थे, तब अक्सर अपनी मां हन्ना के साथ उनके मंच प्रदर्शन को देखने जाया करते थे।

एक दिन भरी भीड़ में उनकी माता की आवाज प्रदर्शन के बीच में ही थोड़ी खराब हो गई, जिसके बाद वह आगे प्रदर्शन नहीं कर पा रही थी। पैसे देकर बैठी लोगों की भीड़ अब वहां के मैनेजमेंट डायरेक्टर पर गुस्सा करने लगी। 

इसी बीच चार्ली अपनी माता के पास आकर प्रदर्शन करने में अपनी दिलचस्पी जताते हैं, उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं था इसलिए न चाहते हुए भी उन्होंने इसकी हामी भर दी।

यही वह शुरूआत था जब चार्ली चैपलिन पहली बार मंच पर आए। 10 साल की उम्र में चार्ली को वह कॉन्ट्रैक्ट मिलने लगे, जो उनकी माता को मिला करते थे। 

जिम्मेदारियों के कारण इस बीच चार्ली की पढ़ाई लिखाई भी पूरी तरह से बंद हो गई। पिता के गुजरने के बाद अपनी बीमार मां के हालातों को देखकर चार्ली चैपलिन अब पैसे कमाने में जुट गए। 

एक मशहूर अभिनेता बनने की दिशा में चार्ली चैपलिन का झुकाव हुआ। एक प्रभावी महत्वकांक्षा के साथ चार्ली ने कई छोटी-बड़ी नौकरियां की लेकिन उसमें उन्हें कोई फायदा नहीं दिखा। 

लंदन के एक थिएटर एजेंसी के साथ 14 साल की आयु में उन्होंने काम करने का पंजीकरण करवाया। लेकिन दुर्भाग्यवश उनका काम असफल रहा। 

चार्ली चैपलिन को जब शर्लक होम्स के प्रोडक्शन में ‘बिली द पेज बॉय’ की भूमिका मिली, तो यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने कई कॉमेडी कंपनियों के साथ काम किया और एक हास्य अभिनेता के रूप में लोगों के बीच आते रहे। 

उसी दौरान 1906 में चार्ली चैपलिन एक बेहद प्रसिद्ध कार्लो की कंपनी में शामिल हो गए। इसके बाद 1910 में एक नए अभिनय ‘जिमी द फीयरलेस’ की भूमिका निभाने के बाद वे बेहद प्रसिद्ध हो गए।

लोगों को उनके अभिनय की बारीकियां इतनी पसंद आई, कि एकाएक बड़े-बड़े फिल्म में काम करने लगे और सबसे प्रतिष्ठित कलाकारों में से एक बन गए। 

चार्ली चैपलिन का फ़िल्मी कैरियर Charlie Chaplin Acting Career in Hindi

charlie chaplin standing with his stick
Image Credit – Tom Margie

चार्ली चैपलिन के फिल्मी कैरियर में एक बड़ा बदलाव तब आया, जब उन्होंने न्यूयॉर्क मोशन पिक्चर कंपनी में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। 

कीस्टोन कॉमेडी स्टूडियो के एक अभिनेता फ्रेड मेस के स्थान पर काम करने के लिए चार्ली चैपलिन राजी हो गए। इसके बाद अगले कुछ सालों में उन्होंने कई फिल्में की और प्रसिद्धिया बटोरते गए। 

उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया जब 4 मई 1914 के दिन ‘कॉट इन द रेन’ फ़िल्म रिलीज हुई। यह उनके निर्देशन में बनी पहली और सफल फिल्म साबित हुई। ‘टिलीज पंक्चर्ड रोमांस’ जोकि एक फीचर लेंथ कॉमेडी फिल्म थी, उसमें चार्ली चैपलिन  की सहायक भूमिका ने उन्हें व्यवसायिक सफलता प्रदान की। 

अप्रैल 1915 में पर्दे पर आई एक फिल्म ‘द ट्रैम्प’ ने चार्ली के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया। चार्ली चैपलिन प्रत्येक किरदार में इस प्रकार खो जाते थे, की फिल्म में जो अभिनय किया जाता था, वह दर्शकों को असली लगता था। कहा जाता है कि चार्ली चैपलिन के आलोचक भी उनकी कला का बखान करने से नहीं चूकते थे। 

बेहद कम समय में ही चार्ली चैपलिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म की दुनिया में सबसे बड़े अभिनेताओं में से एक बन चुके थे। 26 साल की उम्र में वे ऐसे अभिनेता थे, जिन्हें म्यूच्यूअल कंपनी में काम करने के लिए $670000 प्रतिवर्ष दिया जाता था।

आने वाले कुछ सालों में चार्ली ने अपने किरदारों में कुछ कमी महसूस की और उसे स्वीकार करके कुछ नया और बेहतरीन करने का निर्णय लिया। 

बीसवीं सदी में चार्ली निरंतर प्रगति करते गए और अपने जीवन में उन्होंने कुछ ऐसे ऐतिहासिक फिल्मो में किरदार निभाए जो लोगों के दिल और दिमाग में छा गए। ‘दी किड, ‘दी पिलग्रिम’, ‘अ वुमन इन पैरिस’, ‘द गोल्ड रश’ इसके बाद 1928 में ‘सर्कस’ फिल्म पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुई।

चार्ली चैपलिन का निजी जीवन Charlie Chaplin Personal Life in Hindi

चार्ली चैपलिन ने अपने जीवन में कम समय में ही बहुत कुछ प्राप्त कर लिया था। वह लोगों के इतने पसंदीदा थे, की जब भी उनकी फिल्में रिलीज होती थी, तो उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ जाती थी।  

सफलताओं के अलावा चार्ली चैपलिन कई विवादों के कारण भी प्रसिद्धि में रहते हैं। खासकर उनके असल जिंदगी में अजीबोगरीब कारनामों से वह मीडिया का एक मुद्दा बन चुके थे।

1918 में तब पहली बार वे विवाद में आए जब उन्होंने 16 वर्षीय अभिनेत्री मिल्ड्रेड हैरिस से लॉस एंजेलिस में अचानक से शादी कर ली। लोगों की नजर में तब वे एक विवादित व्यक्ति के रूप में उभरे जब मिल्ड्रेड हैरिस ने चार्ली से अवैवाहिक संबंधों के बावजूद गर्भवती होने का दावा किया। 

इसी वजह से शायद चार्ली चैपलिन ने बिना किसी को बताए अपना पहला विवाह विवादों से बचने के लिए किया। चार्ली चैपलिन अपने शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थे, जिसके परिणाम स्वरुप 2 साल बाद ही 1920 में दोनों का तलाक हो गया।

इसके अलावा ‘द गोल्ड रश’ फिल्म के दौरान चार्ली ने एक किशोरी अभिनेत्री लिटा ग्रे के साथ दूसरी शादी कर ली। एक बार फिर वे तब सुर्ख़ियों में आये जब 16 साल की लिटा ग्रे ने अपने गर्भावस्था का चौकाने वाला खुलासा किया। जिसके बाद चार्ली को उनसे शादी करनी पड़ी। 

लेकिन लिटा ने जब चार्ली चैपलिन पर घरेलु हिंसा का आरोप लगाया, तो वे फिरसे विवाद में आये,1926 के बाद दोनों अलग रहने लगे और कुछ समय बाद ही उनका तलाक हो गया।

इसके बाद सन 1936 में चार्ली चैपलिन ने फिर एक शादी की जिसके बाद 1942 में एक मशहूर अभिनेत्री जोआन बेरी से उनके नाजायज संबंध का खुलासा हुआ। आखिर में 1943 में 18 वर्ष की युवती ‘ऊना ओ’नील’ से शादी की जो उनका एक सफल विवाह साबित हुआ। 

जिस तरह चार्ली चैपलिन ने एक सामान्य अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया था, उसके पश्चात वे एक मशहूर हास्य अभिनेता के रूप में उभरे। उन्होंने एक निर्देशक, संगीतकार, पटकथा लेखक और संपादक के रूप में कार्य किया। 1899 से लेकर 1976 के बीच चार्ली चैपलिन ने कई बड़ी फिल्में बनाई। 

चार्ली चैपलिन के सबसे मशहूर और सफल फिल्मों में ‘द किड’ (1921), ‘अ वूमेन इन पेरिस’ (1923), ‘द गोल्ड रश’ (1925), ‘सर्कस’ (1928), ‘सिटी लाइट्स’ (1931), ‘मॉडर्न टाइम्स’ (1936), ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ (1940), ‘महाशय वर्डौक्स’ (1947), ‘लाइमलाइट’ (1952), ‘अ किंग इन न्यूयॉर्क’ (1957), ‘हांगकांग से एक काउंटेस’ (1967) का नाम आता है। 

चैपलिन की फिल्मों में विशेष चमत्कार क्या है? What is Special about Chaplin’s Films?

चार्ली चैपलिन को फिल्मों की दुनिया का बादशाह यूं ही नहीं कहा जाता है। आज भी फिल्म की दुनिया में नए अविष्कार और कलाकार आने के बावजूद भी चार्ली चैपलिन जैसे महान अभिनेता की जगह कोई नहीं ले पाया है और शायद कोई ले भी नहीं पाएगा। 

कहा जाता है, कि जब उनकी फिल्में लगती थी, तो उनके प्रशंसकों से लेकर आलोचकों तक हर कोई उसे देखना पसंद करता था।

वे फिल्म के किरदार में इस प्रकार लीन हो जाते थे, कि सामने बैठे दर्शक अपने जीवन के पलों को उनके अभिनय से जोड़ कर देखते थे। हर कोई चार्ली चैपलिन के किरदारों को अपने असली जीवन में उतार कर महसूस कर सकता था। 

बहुत कम कलाकार होते हैं, जो दर्शकों के साथ इतना गहरा तालमेल बना पाते हैं। चार्ली चैपलिन भी उन्हीं महान लोगों में से एक थे, जिनकी फ़िल्में किसी चमत्कार से कम नहीं होती थी। 

शायद वे अपनी फिल्मों में इतनी सटीकता और गहराई इसलिए ला पाते थे, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा और सहा है। वह हर एक किरदार को अपने जीवन की सच्चाई से जोड़कर लोगों को परोसते थे, जिसके कारण ही कम समय में ही उन्हें बड़ी सफलता प्राप्त हुई। 

चार्ली चैपलिन की मृत्यु Charlie Chaplin Death in Hindi

फिल्मों की दुनिया में सर चार्ली चैपलिन एक अमर नाम बन हैं। अपने अंतिम फिल्म ‘A Countess from Hong Kong’ में अभिनय करने के बाद चार्ली चैपलिन का स्वास्थ्य धीरे-धीरे खराब होने लगा था। 

1977 के पश्चात वे शारीरिक रूप से बेहद कमजोर पड़ गए थे। खराब स्वास्थ्य की वजह से वह चलने में भी असमर्थ थे। जिसके कारण उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। 

काफी समय से बीमार चल रहे चार्ली चैपलिन ने अपने अंतिम समय में किसी से भी मुलाकात करना बंद कर दिया था। 25 दिसंबर 1977 के दिन उनका देहांत हो गया। जिसके पश्चात उनके शव को स्विजरलैंड के कोर्सिअर-सुर-वेवे कब्रिस्तान में दफनाया गया। 

जीवन के बाद भी चार्ली चैपलिन एक बड़े विवाद में पड़ गए थे, जब उनके शव को कुछ फिरौती मांगने वाले लोगों द्वारा चोरी कर लिया गया। लगभग ग्यारह सप्ताह के बाद चार्ली चैपलिन के शव को वापस उनके परिवार को सौंपा गया।

आशा करते हैं चार्ली चैपलिन की जीवनी से आपको उनके विषय में अधिक से अधिक जानने को मिला होगा।

Featured Image Credit – Wikimedia

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