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Home » Educational » बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: एक विस्तृत अध्ययन

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना: एक विस्तृत अध्ययन

Last Modified: March 21, 2025 by बिजय कुमार 32 Comments

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका शुभारंभ 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत नामक स्थान से हुआ।

इस विशेष स्थान को चुनने का कारण यह था कि हरियाणा उन राज्यों में शामिल था जहाँ उस समय लिंगानुपात की स्थिति अत्यंत चिंताजनक थी।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में लगातार घटते हुए बाल लिंगानुपात (Child Sex Ratio – CSR) की गंभीर समस्या का समाधान करना और समग्र रूप से बालिकाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।  

यह एक संयुक्त पहल है जिसे भारत सरकार के तीन प्रमुख मंत्रालयों द्वारा संचालित किया जाता है: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, और शिक्षा मंत्रालय। 

इन मंत्रालयों का एक साथ आना इस योजना के बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों को एकीकृत करके योजना की व्यापकता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है। 

घटते लिंगानुपात जैसी जटिल समस्या का समाधान करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर एक साथ ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।  

इस योजना का सर्वव्यापी नारा “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” है। यह सरल लेकिन शक्तिशाली नारा देश के नागरिकों के बीच बालिकाओं के संरक्षण और शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है। 

यह एक ऐसे सांस्कृतिक परिवर्तन की आवश्यकता पर जोर देता है जहाँ बेटियों को बेटों के समान ही महत्व और सम्मान दिया जाए।  

वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में बाल लिंगानुपात में लगातार गिरावट आ रही थी, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन गया था। 

इन आंकड़ों के अनुसार, 2001 में बाल लिंगानुपात प्रति 1000 लड़कों पर 927 लड़कियां था, जो 2011 में और भी घटकर मात्र 918 रह गया। यह चिंताजनक स्थिति इस योजना की आवश्यकता और तात्कालिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना न केवल बालिकाओं के अस्तित्व और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है, बल्कि इसका एक व्यापक उद्देश्य समाज में उनके प्रति एक सकारात्मक और सम्मानजनक दृष्टिकोण विकसित करना भी है।

Table of Content

Toggle
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के मुख्य उद्देश्य
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत लाभ और प्रावधान
    • शिक्षा प्रोत्साहन: 
    • बचत योजना: 
    • कन्या भ्रूण हत्या पर रोक: 
    • महिला सशक्तिकरण:
    • आर्थिक सहायता: 
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रावधान
    • सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 
    • लिंग परीक्षण पर रोक: 
    • अलग-अलग राज्यों में विशेष लाभ: 
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का आवेदन प्रक्रिया
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का प्रभाव: विश्लेषण और मूल्यांकन
  • योजना में नवीनतम दिशानिर्देश और संशोधन
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से संबंधित अन्य सरकारी योजनाएं
  • निष्कर्ष और सिफारिशें

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के मुख्य उद्देश्य

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया था। इनमें सबसे प्रमुख है कन्या भ्रूण हत्या की कुप्रथा को रोकना। 

इसके अतिरिक्त, इस योजना का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य देश में बालिकाओं की शिक्षा को व्यापक रूप से बढ़ावा देना है। योजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य देश के लिंगानुपात में सकारात्मक सुधार लाना है, जो सामाजिक संतुलन और लैंगिक समानता के लिए आवश्यक है।  

इस योजना का एक दूरगामी उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भी है, जिसके लिए शिक्षा और कौशल विकास महत्वपूर्ण उपकरण हैं। 

अंततः, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का लक्ष्य समाज में लड़कियों के प्रति एक सकारात्मक सोच और सम्मानजनक दृष्टिकोण विकसित करना है, ताकि उन्हें समान अवसर और अधिकार मिल सकें।  

योजना का एक केंद्रीय उद्देश्य लिंग-आधारित भेदभाव और लिंग चयनात्मक गर्भपात की प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना है। यह बालिकाओं के जीवन की सुरक्षा, उनकी समग्र सुरक्षा और उनकी शिक्षा को हर स्तर पर सुनिश्चित करने पर भी विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करती है।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की प्रत्येक बालिका को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके और वह अपने जीवन के सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक जीवन में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम हो। 

इसके अतिरिक्त, यह योजना बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने और बालिकाओं को किसी भी प्रकार के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न से बचाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।  

महिलाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देना इस योजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है, जिससे वे न केवल अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो सकें बल्कि आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बन सकें। 

अंत में, योजना का एक व्यापक लक्ष्य समाज के सभी स्तरों पर लैंगिक समानता के महत्व और बालिकाओं के अमूल्य योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, ताकि एक ऐसा वातावरण बन सके जहाँ प्रत्येक लड़की को समान अवसर मिलें और वह सम्मान के साथ जीवन जी सके।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत लाभ और प्रावधान

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं और महिलाओं को विभिन्न प्रकार के लाभ और प्रावधान प्रदान किए जाते हैं। 

इनमें शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उपाय, बचत योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता, कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए कानूनी प्रावधान और जागरूकता अभियान, महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष कार्यक्रम, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत आर्थिक सहयोग शामिल हैं।

शिक्षा प्रोत्साहन: 

योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। 

हालांकि, उपलब्ध स्रोतों में प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं है, लेकिन लड़कियों के लिए शिक्षा तक पहुंच को सुगम बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने पर विशेष जोर दिया गया है। 

इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में लड़कियों के लिए कार्यात्मक शौचालयों का निर्माण और प्रावधान भी शामिल है। माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के नामांकन की दर में प्रति वर्ष कम से कम 1% की वृद्धि सुनिश्चित करने और उनके कौशल विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 

इसके अतिरिक्त, योजना उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए लड़कियों को प्रोत्साहित करती है, जिसके लिए विशेष पहलें और छात्रवृत्तियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। 

स्कूलों में बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास, जिसमें लड़कियों के लिए अलग शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था शामिल है, स्कूलों को लड़कियों के लिए अधिक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करता है।  

बचत योजना: 

इस योजना के तहत बेटी के जन्म पर माता-पिता को विभिन्न बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसमें सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY) एक प्रमुख घटक है। 

सुकन्या समृद्धि योजना विशेष रूप से बेटियों के लिए डिज़ाइन की गई एक बचत योजना है जो आकर्षक ब्याज दर और कर लाभ प्रदान करती है।

वर्तमान में (जुलाई से सितंबर 2024 तक), SSY पर ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष है। इस योजना के तहत प्रति वर्ष न्यूनतम जमा राशि ₹250 और अधिकतम जमा राशि ₹1.5 लाख निर्धारित की गई है। 

यह खाता बालिका के 10 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले किसी भी समय खोला जा सकता है। खाते में जमा 15 वर्षों तक किया जा सकता है, और खाता बालिका के 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर या 18 वर्ष की आयु के बाद उसकी शादी के समय परिपक्व होता है। 

सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए पात्र हैं, और इस खाते से प्राप्त ब्याज और परिपक्वता राशि भी पूरी तरह से कर-मुक्त है।  

कन्या भ्रूण हत्या पर रोक: 

कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए इस योजना के तहत सख्त कानूनी प्रावधान लागू किए गए हैं, विशेष रूप से पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) अधिनियम, 1994 के तहत। 

इस अधिनियम का उद्देश्य लिंग-आधारित भेदभाव को समाप्त करना और लिंग चयनात्मक गर्भपात को रोकना है। योजना के तहत व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाए जाते हैं ताकि लोगों को लिंग चयन के हानिकारक परिणामों के बारे में शिक्षित किया जा सके। 

चिकित्सा सुविधाओं की कड़ी निगरानी और अवैध लिंग निर्धारण परीक्षणों को रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

महिला सशक्तिकरण:

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार करती है। 

योजना के दायरे में अब गैर-पारंपरिक आजीविका विकल्पों में लड़कियों के कौशल विकास को भी शामिल किया गया है, जिसमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं। 

इसके अतिरिक्त, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन (Menstrual Hygiene Management – MHM) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। 

खेलों में लड़कियों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है और उनके लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाते हैं ताकि वे सशक्त महसूस कर सकें।  

आर्थिक सहायता: 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना सीधे तौर पर सभी बालिकाओं को आर्थिक सहायता प्रदान नहीं करती है, लेकिन विभिन्न राज्यों में सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं के तहत आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाता है। 

इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana – PMMVY) के तहत दूसरी बालिका के जन्म पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसका उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य में सुधार करना और गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाले मजदूरी के नुकसान की भरपाई करना है।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रावधान

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। इनमें सुकन्या समृद्धि योजना, लिंग परीक्षण पर कानूनी रोक (पीसीपीएनडीटी एक्ट), और विभिन्न राज्यों में बालिकाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए अतिरिक्त लाभ शामिल हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 

(इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी ऊपर अनुभाग 3 में दी गई है)।

लिंग परीक्षण पर रोक: 

लिंग परीक्षण पर रोक लगाने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट, 1994 एक अत्यंत महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है। यह अधिनियम लिंग चयनात्मक गर्भपात को रोकने के उद्देश्य से बनाया गया था। 

यह जन्म से पहले या बाद में किसी भी रूप में लिंग चयन को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है और प्रसवपूर्व नैदानिक तकनीकों का उपयोग केवल आनुवंशिक असामान्यताओं या विकारों का पता लगाने के लिए करने की अनुमति देता है, न कि भ्रूण के लिंग का निर्धारण करने के लिए। 

इस अधिनियम के तहत लिंग चयन करते हुए पाए जाने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं के लिए कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें कारावास और भारी जुर्माना दोनों शामिल हैं। 

इसके अतिरिक्त, सभी आनुवंशिक परामर्श केंद्रों, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों के लिए जो प्रसवपूर्व नैदानिक सेवाएं प्रदान करते हैं, उनका अनिवार्य पंजीकरण आवश्यक है ताकि इन सेवाओं के दुरुपयोग को रोका जा सके।  

अलग-अलग राज्यों में विशेष लाभ: 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए, भारत के विभिन्न राज्यों ने अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार बालिकाओं के लिए अतिरिक्त योजनाएं और पहलें शुरू की हैं। 

उदाहरण के लिए, मध्य प्रदेश में ‘लाडली लक्ष्मी योजना’ एक लोकप्रिय योजना है जो बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसी प्रकार, तमिलनाडु में ‘मुख्यमंत्री बालिका संरक्षण योजना’ बालिकाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए कार्य करती है। 

ओडिशा सरकार ने भी ‘निर्भया कढ़ी’, ‘मो गेलहा जिया’, ‘कल्पना अभिजन’, ‘स्वर्ण कालिका’ और ‘वीरांगना योजना’ जैसी कई अभिनव पहलें लागू की हैं, जिनका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना, लिंग चयन का मुकाबला करना, उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना और बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना है। 

झारखंड के पलामू जिले ने भी “100 दिन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” नामक एक विशेष अभियान चलाया, जिसके माध्यम से जिले में लैंगिक समानता और बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। 

ये राज्य-विशिष्ट लाभ और योजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और स्थानीय स्तर पर बालिकाओं की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करते हैं।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का आवेदन प्रक्रिया

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत विशिष्ट लाभों के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है, खासकर राज्य-विशिष्ट योजनाओं के लिए। 

सामान्य तौर पर, इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करने और सहायता के लिए किसी भी आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र या महिला एवं बाल विकास कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए, जो इस योजना का एक महत्वपूर्ण वित्तीय घटक है, माता-पिता या अभिभावक को डाकघर या किसी भी राष्ट्रीयकृत या निजी बैंक की शाखा में जाना होता है जहाँ यह योजना उपलब्ध है। 

वहां से आवेदन पत्र प्राप्त करके उसे ध्यानपूर्वक भरना होता है और आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होता है।  

आवेदन के साथ जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों में मुख्य रूप से बेटी का जन्म प्रमाण पत्र शामिल है, जो किसी मान्यता प्राप्त सरकारी निकाय या अस्पताल द्वारा जारी किया जाना चाहिए। 

इसके अतिरिक्त, माता-पिता का पहचान प्रमाण भी आवश्यक होता है, जिसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट जैसे दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सकते हैं। 

निवास प्रमाण पत्र के तौर पर उपयोगिता बिल (जैसे टेलीफोन, बिजली या पानी का बिल) या ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट आदि स्वीकार्य हैं। 

बैंक खाता विवरण भी आवश्यक होता है, और बालिका और माता-पिता दोनों की पासपोर्ट साइज फोटो की भी आवश्यकता होती है। सुकन्या समृद्धि खाता हमेशा बालिका के नाम पर ही खोला जाता है।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए पात्रता मानदंड मुख्य रूप से बालिका की आयु और राष्ट्रीयता पर आधारित है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार में 10 वर्ष से कम आयु की एक बालिका का होना अनिवार्य है। 

इसके अलावा, बालिका का भारत का निवासी होना भी आवश्यक है। अनिवासी भारतीय (NRI) इस योजना के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का प्रभाव: विश्लेषण और मूल्यांकन

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने भारत में बालिकाओं के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। योजना के आरंभ से लेकर अब तक, देश के कई हिस्सों में बाल लिंगानुपात (SRB) में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। 

राष्ट्रीय स्तर पर, जन्म के समय लिंगानुपात 2014-15 में 918 से बढ़कर 2023-24 में 930 हो गया है। कुछ विशेष जिलों ने इस मामले में और भी अधिक सराहनीय प्रगति दिखाई है।  

शिक्षा के क्षेत्र में भी इस योजना का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 

लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrollment Ratio – GER) 2014-15 में 75.51% था, जो 2023-24 में बढ़कर 78% हो गया है। उच्च शिक्षा के स्तर पर भी महिलाओं के नामांकन में वृद्धि दर्ज की गई है।  

स्वास्थ्य के क्षेत्र में, संस्थागत प्रसव की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसका सीधा सकारात्मक प्रभाव मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने पर पड़ा है। संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 2014-15 में 61% था, जो 2023-24 तक बढ़कर 97.3% से अधिक हो गया है।  

हालांकि, कुछ अध्ययनों में यह भी तर्क दिया गया है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने जन्म के समय लिंगानुपात या लड़कियों की शिक्षा जैसे प्रमुख संकेतकों पर कोई खास महत्वपूर्ण बदलाव नहीं लाया है। 

इन अध्ययनों के अनुसार, 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों का लिंगानुपात लिंग चयन का एक विश्वसनीय संकेतक नहीं है, और जन्म के समय लिंगानुपात में जो भी सुधार हुआ है, वह मामूली है। 

इसके अतिरिक्त, कुछ शोधों ने योजना के कार्यान्वयन और वित्तीय संसाधनों के उपयोग में कुछ कमियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें प्रचार और जागरूकता अभियानों पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करना शामिल है, जबकि जमीनी स्तर पर किए जाने वाले ठोस कार्यों पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है।  

इन आलोचनाओं के बावजूद, यह निर्विवाद है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना ने लैंगिक भेदभाव के महत्वपूर्ण मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से उठाया है और लड़कियों के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा की है। 

सामुदायिक स्तर पर लोगों को जोड़ने और व्यवहार में परिवर्तन लाने पर ध्यान केंद्रित करने के कारण, समाज में धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव आना शुरू हुआ है।  

यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस योजना का कार्यान्वयन भारत के विभिन्न राज्यों और जिलों में अलग-अलग गति से हुआ है। 

कुछ क्षेत्रों में जहां प्रभावी कार्यान्वयन और सामुदायिक भागीदारी रही है, वहां अधिक सफलता मिली है, जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों में प्रगति धीमी रही है। योजना के दीर्घकालिक प्रभाव का पूरी तरह से आकलन करने के लिए निरंतर निगरानी और मूल्यांकन आवश्यक है।  

योजना में नवीनतम दिशानिर्देश और संशोधन

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर इसमें संशोधन किए गए हैं और नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। 

हाल के वर्षों में, इस योजना को महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार के एक व्यापक कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति’ के साथ एकीकृत कर दिया गया है। यह एकीकरण 15वें वित्त आयोग की अवधि, यानी 2021-2022 से 2025-2026 तक लागू रहेगा।  

मिशन शक्ति के अंतर्गत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को ‘संबल’ उप-योजना के तहत शामिल किया गया है, जिसका मुख्य ध्यान महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा पर है। मिशन शक्ति की एक अन्य उप-योजना, ‘सामर्थ्य’, विभिन्न पहलों के माध्यम से महिलाओं के व्यापक सशक्तिकरण पर केंद्रित है।  

एक महत्वपूर्ण संशोधन के तहत, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के अंतर्गत अब दूसरी बालिका के जन्म पर भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस संशोधन का उद्देश्य मातृ स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और गर्भावस्था तथा प्रसव के कारण होने वाली मजदूरी के नुकसान की भरपाई करना है।  

वर्तमान में, यह योजना स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास और सामुदायिक जागरूकता जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण पर अधिक जोर देती है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों के बीच सक्रिय सहयोग शामिल है। 

योजना के नए घटकों में लड़कियों को विभिन्न प्रकार के कौशल सिखाना, माध्यमिक विद्यालयों में उनके नामांकन की दर को बढ़ाना, मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाना और बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल किए गए हैं।  

सरकार अब जन्म के समय लिंगानुपात पर पहले से कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करेगी और यह लक्ष्य रखा गया है कि माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों के प्रवेश में प्रति वर्ष कम से कम 1% का सुधार हो। 

इसके अतिरिक्त, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का अब देश के सभी जिलों में विस्तार किया जाएगा ताकि इसका लाभ अधिक से अधिक बालिकाओं तक पहुंच सके।  

योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता अब जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात (SRB) के आधार पर अलग-अलग निर्धारित की जाती है। 

उदाहरण के लिए, जिन जिलों में SRB 918 या उससे कम है, उन्हें प्रति वर्ष 40 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। 919 से 952 के बीच SRB वाले जिलों के लिए यह राशि 30 लाख रुपये है, और 952 से अधिक SRB वाले जिलों को 20 लाख रुपये प्रति वर्ष प्रदान किए जाते हैं। 

मंत्रालय अब नए परिसरों के निर्माण और मौजूदा परिसरों के उन्नयन पर भी विशेष ध्यान देगा ताकि बालिकाओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।  

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से संबंधित अन्य सरकारी योजनाएं

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अकेली नहीं है, बल्कि यह भारत सरकार द्वारा बालिकाओं के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही कई अन्य महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं के साथ मिलकर काम करती है। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं निम्नलिखित हैं:  

  • सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY): यह BBBP के तहत एक प्रमुख बचत योजना है जो बालिकाओं के भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। (इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी ऊपर अनुभाग 3 में दी गई है)।  
  • बालिका समृद्धि योजना (Balika Samridhhi Yojana): यह योजना गरीब परिवारों की बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।  
  • सीबीएसई उड़ान योजना (CBSE Udaan Scheme): यह योजना मेधावी छात्राओं को इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।  
  • माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना (National Scheme of Incentive to Girls for Secondary Education): इस योजना का उद्देश्य माध्यमिक स्तर पर लड़कियों के नामांकन और उपस्थिति को बढ़ावा देना है।  
  • राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day): हर साल 24 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिवस बालिकाओं के अधिकारों और उनके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।  
  • किशोरियों के लिए योजना (Scheme for Adolescent Girls): यह योजना किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और कौशल विकास की जरूरतों को पूरा करती है।  
  • लाडली योजना और कन्या कोष योजना (Ladli Scheme and the Kanya Kosh Scheme): ये राज्य-विशिष्ट योजनाएं हैं जो बालिकाओं को वित्तीय सहायता और अन्य लाभ प्रदान करती हैं।  
  • धनलक्ष्मी योजना (Dhanalakshmi scheme): यह योजना बालिकाओं के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।  
  • कन्याश्री प्रकल्प योजना (Kanyashree Prakalpa Yojana): पश्चिम बंगाल सरकार की यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देती है।  
  • लाडली लक्ष्मी योजना (Ladli Laxmi Yojana): मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।  
  • मुख्यमंत्री बालिका संरक्षण योजना (Chief Minister’s Girl Child Protection Scheme): तमिलनाडु सरकार की यह योजना बालिकाओं की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करती है।  
  • ओडिशा सरकार की पहलें: ओडिशा सरकार ने भी ‘निर्भया कढ़ी’, ‘मो गेलहा जिया’, ‘कल्पना अभिजन’, ‘स्वर्ण कालिका’ और ‘वीरांगना योजना’ जैसी कई पहलें शुरू की हैं जो BBBP के उद्देश्यों को स्थानीय स्तर पर पूरा करने में मदद करती हैं। 

यह तालिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं को दर्शाती है:

योजना का नाममुख्य उद्देश्यमुख्य लाभ
सुकन्या समृद्धि योजनाबालिका के भविष्य के लिए बचत को प्रोत्साहित करनाउच्च ब्याज दर, कर लाभ
बालिका समृद्धि योजनागरीब परिवारों की बालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करनावित्तीय सहायता
सीबीएसई उड़ान योजनामेधावी छात्राओं को इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करनाकोचिंग, मार्गदर्शन
माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों को प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजनामाध्यमिक स्तर पर लड़कियों के नामांकन और उपस्थिति को बढ़ावा देनावित्तीय प्रोत्साहन
राष्ट्रीय बालिका दिवसबालिकाओं के अधिकारों और महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ानाजागरूकता
किशोरियों के लिए योजनाकिशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और कौशल विकास की जरूरतों को पूरा करनास्वास्थ्य सेवाएं, पोषण, कौशल विकास
लाडली योजनाबालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना (राज्य-विशिष्ट)वित्तीय सहायता
कन्या कोष योजनाबालिकाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना (राज्य-विशिष्ट)वित्तीय सहायता
धनलक्ष्मी योजनाबालिकाओं के जन्म और शिक्षा को प्रोत्साहित करनावित्तीय प्रोत्साहन
कन्याश्री प्रकल्प योजनाबालिकाओं की शिक्षा और कल्याण को बढ़ावा देना (पश्चिम बंगाल)वित्तीय सहायता, शिक्षा सहायता
लाडली लक्ष्मी योजनाबालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना (मध्य प्रदेश)वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री बालिका संरक्षण योजनाबालिकाओं की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना (तमिलनाडु)वित्तीय सहायता
ओडिशा सरकार की पहलें (‘निर्भया कढ़ी’, ‘मो गेलहा जिया’, आदि)बाल विवाह रोकना, लिंग चयन का मुकाबला करना, शिक्षा बढ़ावा देना, आत्मरक्षा प्रशिक्षणजागरूकता, प्रशिक्षण, सहायता

निष्कर्ष और सिफारिशें

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना निसंदेह भारत में बालिकाओं के संरक्षण, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है। 

इस योजना ने देश के कुछ क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं, विशेष रूप से बाल लिंगानुपात में सुधार और लड़कियों के शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते नामांकन के रूप में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

हालांकि, यह भी सत्य है कि योजना के कार्यान्वयन में अभी भी कई चुनौतियां विद्यमान हैं। सांस्कृतिक प्रतिरोध, वित्तीय संसाधनों का असमान वितरण और उपयोग, और प्रभावी निगरानी तंत्र की कमी जैसी बाधाएं योजना के पूर्ण प्रभाव को प्राप्त करने में अभी भी बाधक बन रही हैं।

योजना के प्रभाव को और अधिक व्यापक और गहरा बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें प्रस्तुत हैं। सबसे पहले, जमीनी स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की गुणवत्ता में सुधार करना अत्यंत आवश्यक है। 

शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी हस्तक्षेपों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, न कि केवल जागरूकता अभियानों पर। इसके साथ ही, एक मजबूत और पारदर्शी निगरानी तंत्र स्थापित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना के उद्देश्य प्रभावी ढंग से प्राप्त हो रहे हैं। 

सामुदायिक जुड़ाव को और अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि स्थानीय स्तर पर लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

लिंग भेदभाव के मूल कारणों को संबोधित करने और समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए निरंतर और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। 

शहरी क्षेत्रों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, जहां कन्या भ्रूण हत्या और शिक्षा की कमी जैसी समस्याएं अभी भी गंभीर रूप से मौजूद हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों और हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना भी महत्वपूर्ण है। 

अंत में, योजना की प्रगति का नियमित मूल्यांकन और हितधारकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करना आवश्यक है ताकि समय-समय पर आवश्यक सुधार किए जा सकें और योजना को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

Filed Under: Educational Tagged With: bbbp, bbbpy, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. अकिलखान says

    April 22, 2017 at 9:10 pm

    नमस्कार विजयकुमारजी, मैं एक हिंदी अध्यापक हूँ | मुझे टाइपिंग से संबंधित कार्य होता है अतः हिंदी मैं बोलकर टाइपिंग कैसे करें | कृपया मार्दर्शन करें |
    धन्यवाद |

    Reply
  2. priya says

    April 26, 2017 at 10:24 am

    beti bachao

    Reply
  3. arun says

    September 14, 2017 at 6:12 pm

    Nice

    Reply
  4. Ankit Kumar says

    October 6, 2017 at 9:18 am

    नमस्ते सर, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना में मुक्त में 2लाख रुपये मिलेंगे।

    Reply
  5. Raj says

    December 13, 2017 at 12:47 pm

    Beti bachao yojana me 2 lac milne wale hai is it true. What is the truth behind this. This rumour is spreading all over.

    Reply
  6. SOnU says

    December 15, 2017 at 1:43 pm

    bhaaot hi achhi jankari di aapne

    Reply
  7. Shubhangi modanwal says

    December 21, 2017 at 11:10 am

    Hii sri

    Reply
  8. Raginee Gupta says

    December 26, 2017 at 2:58 pm

    Meri beti 17yr.ki Hai 12 Me pad rahi hai is yojana se high education me gov.se kya help mil sakta hai

    Reply
  9. SANDEEP SINGH says

    December 28, 2017 at 5:39 am

    How apply to this scheme????
    Plzz tell me any one….

    Reply
  10. Hare krishan says

    December 28, 2017 at 8:33 am

    Meet beti 10 year ki hai is yojna se kya labh milega iska pura process kya hai

    Reply
  11. Balgovind says

    December 30, 2017 at 1:55 pm

    8 se 32 age ki ladkiyon ki liye gaon me form aa rakha hai jisme 2 lakh milne hai likha hai or isme kisi v mantra laya ki muhar nhi hai ye scheme sahi hai ya galt please coment kar k jankari de do.

    Reply
  12. manoj says

    January 2, 2018 at 9:02 am

    सर मैं छत्तीसगढ़ से हू। अभी यहाँ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के तहत 1 फॉर्म डल रहा है। जिसे दिल्ही महिला बाल विकाश मंत्रलय में पोस्ट किया जा रहा है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि 2 लाख पैसा मिलना है।क्या ये सही है।

    Reply
  13. Subhani says

    January 28, 2018 at 1:19 pm

    Sir Humse 1200 rupees लेकर बताया ki aap ko 58000 रुपये मिलेंगे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के teht kya ye sahi h

    Reply
  14. Vijay Singh says

    February 11, 2018 at 5:41 pm

    इस योजना में बैंक अकाउंट में हर महीने कितने पैसे जमा करने पड़ेंगे

    Reply
  15. Vijay Singh says

    February 11, 2018 at 5:42 pm

    पूर्वांचल बैंक का खाता मान्य होगा

    Reply
  16. neeta bisht says

    February 12, 2018 at 1:34 pm

    बहुत अच्छी यौजना और बहुत अच्छी जानकारी है, धन्यबाद

    Reply
  17. Vijay Kumar.sahu says

    March 3, 2018 at 3:16 pm

    Sir mere pass yek aisa form hai Jo ki 8 to 32 year grills ke liye hai Jo ki Mai uski pik kaise send Karu mujhe options nahi mil raha please sir mujhe koi options batay

    Reply
  18. sukhdev says

    March 9, 2018 at 5:13 pm

    अभी यहाँ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के तहत 1 फॉर्म डल रहा है। जिसे दिल्ही महिला बाल विकाश मंत्रलय में पोस्ट किया जा रहा है। जिसमे दावा किया जा रहा है कि 2 लाख पैसा मिलना है।क्या ये सही है।

    Reply
  19. B B PISALKAR says

    March 30, 2018 at 10:24 pm

    beti bachao beti padhao ke yojana antargat 200000 ru mil rahe true or false

    Reply
  20. AJAY says

    April 4, 2018 at 12:00 pm

    30, 2018 at 10:24 pm

    beti bachao beti padhao ke yojana antargat 200000 ru mil rahe true or false

    Reply
  21. Ragini says

    July 13, 2018 at 10:59 am

    Meri ak beti h sir pr me pdhane me asmrth hu ak to rent p thti hu or pdhayi kese krau pliz hme btay ki kesr form bhre modi ji jo nikale h beti pdhao ka

    Reply

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