म्यूचुअल फंड के फायदे व नुकसान Benefits and Risks of Mutual Funds in Hindi
इस लेख में आप म्यूचुअल फंड के फायदे व नुकसान Benefits and Risks of Mutual Funds in Hindi जानेंगे। इसमें म्यूचुअल फंड का अर्थ, निवेश से पहले की जानकारी, फायदे, नुकसान, पैसा कैसे लगाएं जैसी जानकारी दी गयी है।
म्यूचुअल फंड क्या है? What is Mutual Fund in Hindi
बीते कुछ समय में महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन समय बीतने के साथ ही अर्थव्यवस्था में कई सुधार भी आए हैं।
एक तरफ़ जहां अर्थतंत्र को क्षति पहुंची है, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बड़ी संख्या में निवेशकों की नजर बनी हुई है।
वर्तमान समय में यदि किसी प्रख्यात निवेश क्षेत्र की बात की जाए तो शेयर अथवा स्टॉक मार्केट पहले नंबर पर आता है। दरअसल म्यूच्यूअल फंड तथा स्टॉक मार्केट यह दोनों ही बाजार के ही अभिन्न अंग है।
म्यूच्यूअल फंड के जरिए निवेशक एक निश्चित धनराशि को निवेश करके लाभ प्राप्त करते है। व्यक्ति चाहे किसी भी पेशे का हो सभी का उद्देश्य अपने निवेश से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करना होता है।
अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो म्यूच्यूअल फंड एक ऐसा फंड होता है, जो कई सारे निवेशकों के पैसों से मिलकर बना होता है जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में इन्वेस्ट करके संभवित प्रॉफिट कमाना होता है।
म्यूच्यूअल फंड यह कई मायनों में शेयर मार्केट जैसा होता है, लेकिन वास्तव में इससे बहुत अलग है। जहां एक तरफ शेयर मार्केट में रिस्क बहुत ज्यादा होता है वहीं दूसरी ओर म्यूच्यूअल फंड लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए काफी अच्छा विकल्प है।
इसमें जमा किए गए फंड को एक सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह इन्वेस्ट किया जाता है। फंड को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर अथवा एक्सपर्ट्स को नियुक्त किया जाता है, जो हर समय बाजार में इन्वेस्ट करने के लिए अपना फोकस बनाए रखते हैं।
ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) म्यूच्यूअल फंड जैसी कई स्कीम का संचालन करती है। AMC यह भारत सरकार के सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया(SEBI) के अंतर्गत रजिस्टर्ड होती है।
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले की कुछ जरूरी जानकारियाँ Important things to know before investing in Mutual Funds in Hindi
किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम में हाथ डालने से पहले एक बार अच्छे से उसके बारे में जान लेना बहुत जरूरी होता है। हालांकि म्यूच्यूअल फंड स्टॉक मार्केट की तुलना में कम रिस्की होता है। लेकिन फिर भी इन्वेस्टर्स को इसके बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही कोई फैसला करना चाहिए।
यदि आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको इसके विषय में कुछ जरूरी बातें पता होना बेहद आवश्यक है।
म्यूच्यूअल फंड को थोड़ा थोड़ा डायवर्सिफाईड फील्ड में लगाया जाता है, जिनमें शेयर मार्केट, गवर्नमेंट बॉन्ड्स, रियल स्टेट, सिक्योरिटीज, एफडी, कॉरपोरेट बॉन्ड्स, गोल्ड इत्यादि का समावेश होता है। फंड को बांट कर अलग-अलग जगह लगाने का मुख्य उद्देश्य भविष्य में आने वाले आर्थिक खतरों को कम करने का होता है।
एक बार कंपनी को प्रॉफिट होने के बाद कुछ हिस्सा वह खुद रख कर अधिकतम प्रॉफिट इन्वेस्टर्स को दे दिया जाता है। म्यूच्यूअल फंड शॉर्ट टर्म के लिए एक अच्छा इन्वेस्टमेंट स्कीम नहीं माना जा सकता।
वैसे तो म्यूचुअल फंड को कई कैटेगरी में बांटा जाता है, लेकिन ज्यादा प्रचलित असेट्स क्लास बेस्ड म्यूच्यूअल फंड के प्रकार हैं – इक्विटी म्युचुअल फंड, डेट म्युचुअल फंड, हाइब्रिड म्युचुअल फंड।
इक्विटी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने पर निवेशक का पैसा स्टॉक अथवा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है। जैसा कि पहले बताया गया की स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म निवेश करने से एक निश्चित लाभ मिल सकता है।अधिकतम 5 वर्ष या उससे अधिक निवेश करने पर इन्वेस्टर्स को एक अच्छा खासा रिटर्न मिल सकती है।
डेट म्युचुअल फंड में रिस्क काफी कम होता है। स्कीम के अंतर्गत फंड को कॉरपोरेट बॉन्ड्स, गवर्नमेंट बॉन्ड्स, शेयर मार्केट, मनी मार्केट इत्यादि में इन्वेस्ट किया जाता है। म्यूचल फंड में इन्वेस्टर्स को कोई भी टाइम बॉउंडेशन नहीं होती।
तीसरे अथवा हाइब्रिड म्यूच्यूअल फंड की बात की जाए तो यह इक्विटी म्यूच्यूअल फंड और डेट म्युचुअल फंड का मिश्रण कहा जा सकता है, जिसमें फंड को इन दोनों ही क्षेत्रों में लगा दिया जाता है।
कोई भी व्यक्ति जो म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहता है, उसे इन सभी स्कीम्स के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए जिसके आधार पर वह निवेश करने में सही निर्णय ले सके।
इसके अतिरिक्त सबसे मुख्य बात यह है कि किसी भी फंड में इन्वेस्ट करने से पहले निवेशक को उसके पिछले परफॉर्मेंस का भी अच्छे से मूल्यांकन कर लेना चाहिए।
हालांकि म्यूच्यूअल फंड कंपनीयां यह दावा करती हैं की बीते समय के प्रॉफिट या लॉस के आधार पर आने वाले समय की तुलना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि मार्केट में कभी भी फ्लकचुएशन देखा जा सकता है।
म्यूच्यूअल फंड इन्वेस्टर्स को फ्यूचर रिटर्न्स देखते हुए ही किसी भी फंड में अपना पैसा लगाना चाहिए। यदि आप पहली बार इस फंड में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तथा इस क्षेत्र में आपको ज्यादा जानकारी नहीं है तो एक बार एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
म्यूचुअल फंड के फायदे Benefits of Mutual Funds in Hindi
वर्तमान समय में इन्वेस्टर्स को म्यूचुअल फंड की स्कीम्स काफी आकर्षित कर रही हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में और भी बेहतरीन म्युचुअल फंड स्कीम्स बाजार में लाई जाएंगी जिनसे इन्वेस्टर्स की समस्याएं और भी कम हो जाएंगी।
इस आर्टिकल में हम आपको म्यूचुअल फंड के कुछ बेहतरीन फायदे बताएंगे जिनके आधार पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने में आपको सरलता होगी।
1. कम राशि में निवेश की शुरुआत
म्यूचल फंड का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि कोई भी रुचिकर निवेशक मात्र ₹100 से भी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने की शुरुआत कर सकता है। छोटे राशि से निवेश करने के पश्चात भी पेशेवर एक्सपर्ट्स द्वारा फंड को सुनियोजित ढंग से नियंत्रित किया जाता है।
2. सुरक्षित निवेश
जैसा कि पहले बताया गया है कि म्यूचुअल फंड यह भारत सरकार के SEBI के अंतर्गत रजिस्टर किया गया है, तत्पश्चात दूसरे विभिन्न फंड्स की तुलना में म्यूचुअल फंड काफी सुरक्षित निवेश माना जा सकता है।
क्योंकि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के द्वारा म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया गया फंड नियंत्रित किया जाता है जिसके कारण लोगों की धनपूंजी की सुरक्षा भी गवर्नमेंट की जिम्मेदारी बन जाती है।
3. इन्वेस्टमेंट में विविधता
म्यूच्यूअल फंड की विभिन्न स्कीम के तहत शेयर्स, बांड्स, सिक्योरिटी जैसे कई विकल्प निवेशकों के लिए मौजूद होते हैं। इन्वेस्टर्स अपने पसंदगी अनुसार अपनी धनराशि को विविध क्षेत्रों में लगा सकता है।
इसके अलावा निवेशक के बजट के मुताबिक ही म्यूचुअल फंड में विभिन्न प्रकार के बोनस, सिक्योरिटीज, एफडी इत्यादि को खरीदा जा सकता है।
4. लोंग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन विकल्प
मार्केट में उतार अथवा चढ़ा होना एक आम बात होती है। मार्केट फ्लक्चुएशन के कारण म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना शॉर्ट टर्म के लिए थोड़ा रिस्की होता है लेकिन वही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट जिसमें 5 साल अथवा उससे अधिक समय के लिए इन्वेस्ट करने पर 20% से अधिक प्रॉफिट होने के चांसेस कहीं अधिक बढ़ जाते हैं।
5. मनी विड्रो में सरलता
म्यूच्यूअल फंड की सबसे अच्छी बात यह होती है कि इनमें निवेशक स्वेच्छा से आवश्यकता पड़ने पर पैसे निकाल सकते हैं। ऐसी सेवाएं सिर्फ म्यूच्यूअल फंड में ही देखी जाती हैं, जहां निवेशकों को कुछ दिनों के अंदर ही पैसे निकालने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
वहीं अन्य फंड्स की बात करें तो इन्वेस्टर्स को इस प्रोसेस में काफी दिनों का समय लग जाता है और जब तक टाइम लिमिट पूरी ना हो जाए तब तक निवेशक अपने पैसे वापस निकाल नहीं सकते। म्यूच्यूअल फंड की यही सेवाएं इसे बाकी अन्य फंड से अलग और बेहतरीन बनाती है।
म्यूचुअल फंड के नुकसान Risks of Mutual Funds in Hindi
अब तक हमने म्यूचल फंड के सभी फायदों के बारे में जाना। भले ही म्यूचुअल फंड वर्तमान समय में मार्केट के सबसे विख्यात स्कीम्स में से एक बन चुका है, लेकिन फिर भी दूसरी ओर इसके कई नुकसान भी हैं।
कई बार इसमें निवेशकों को जोखिम उठाना पड़ जाता है, जिससे रिटर्ंस में भी काफी अंतर देखा जा सकता है। म्यूच्यूअल फंड के कुछ हानियों को निम्नलिखित बताया गया है-
1. अनिश्चित लाभ
जिस तरह शेयर मार्केट में निवेश करना एक जोखिम भरा कार्य होता है, वही म्युचुअल फंड भी काफी हद तक हाई रिस्क विकल्प है। बाजार में अस्थिरता के कारण म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न में भी काफी अंतर देखा जा सकता है।
वहीं दूसरी ओर ऐसे कई स्कीम्स है जिनमें निवेशकों को उनके रिटर्ंस की गारंटी भी दी जाती है, लेकिन म्यूचुअल फंड में ऐसा नहीं होता। थोड़े समय अंतराल के लिए मुनाफा होना बहुत मुश्किल है लेकिन कुछ सालों के बाद रिटर्ंस प्राप्त हो सकते हैं।
2. नए निवेशकों के लिए कठिनाई
म्यूचल फंड एक ऐसा फील्ड है, जिसमें इन्वेस्ट करने के लिए तकनीकी जानकारी होना बेहद जरूरी है। बाजार में बिना किसी समझ के सीधे निवेश करने से नए निवेशकों को काफी घाटा सहन करना पड़ सकता है।
म्यूच्यूअल फंड में बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह लिए सीधे इन्वेस्टमेंट मार्केट में उतरने पर पैसा डूबने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
3. खर्च अनुपात
अब तक आप जान चुके हैं कि म्यूचुअल फंड को संचालित करने के लिए एक्सपर्ट्स की नियुक्ति की जाती है। फंड में निवेश करने के अलावा लोगों को कुछ एक्स्ट्रा शुल्क भी देना पड़ता है, जिसके पश्चात ही म्यूच्यूअल फंड में निवेशकों को शामिल किया जाता है।
यदि निवेशक बिना कोई खर्च अनुपात अदा किए म्यूच्यूअल फंड का लाभ लेना चाहते हैं तो उनके लिए यह संभव नहीं हो पाएगा।
4. निवेश के पश्चात नियंत्रण नहीं
म्यूचुअल फंड में निवेशकर्ता अपने पैसों के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकता है कि वह किस बॉन्ड, सिक्योरिटी इत्यादि में लगाए गए हैं।
लेकिन एक बार यदि निवेशकर्ता ने इस फंड में अपने पैसे लगा दिए तो वह यह नहीं तय कर सकता कि उसके पैसे किस क्षेत्र में लगने चाहिए। यानी कि म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने का डिसीजन सिर्फ फंड मैनेजर्स के पास ही होता है।
म्यूचुअल फंड में पैसा कैसे लगाएं? How to Invest in Mutual Funds?
म्यूचुअल फंड में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सके उसके लिए पहली बार निवेश करने से पूर्व उसके विषय में जरूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। कितने अवधि तथा किस उद्देश्य से निवेशकर्ता म्यूचुअल फंड में पैसे लगाना चाहता है यह बात भी अच्छी तरह से पता होना चाहिए।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान(SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। इस फंड में इन्वेस्ट करने का दूसरा अन्य तरीका भी है जिसे lump sum कहा जाता है। एक पोर्टफोलियो के जरिए निवेशकर्ता म्यूचुअल फंड में निश्चित समय अंतराल और उद्देश्य के आधार पर इनवेस्ट कर सकता है।
आप सीधे डिमैट अकाउंट बनाकर अथवा किसी फंड एजेंट से सलाह लेकर म्यूचुअल फंड में निवेशक बन सकते है। म्यूच्यूअल फंड के बारे में इंटरनेट पर विभिन्न जानकारियां उपलब्ध है। म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करना काफी रिस्क का काम है, जिसके लिए निवेशकर्ता को स्वयं ही पूरी सावधानी से निर्णय लेना होगा।
आईये जानते हैं म्यूचुअल फंड में निवश करने के कुछ बेहतरीन टिप्स –
- किसी भी म्यूचुअल फंड में लंबे समय के लिए नियमित पैसा लगायें तभी आप म्यूचुअल फंड में पैसा कमा पाएंगे। कम समय में अधिक मुनाफा कमाने के बारे में न सोचे।
- सारा पैसा एक ही फंड में ना लगाएं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स में निवेश करें। डायवर्सिफाइड फंड में पैसा लगाएं।
- किसी भी फंड में एकमुश्त रकम ना लगाएं। थोड़ी थोड़ी रकम सभी फंड्स में निवेश करें।
- किसी भी फंड मैं पैसा लगाते समय पिछले 5 साल का रिकॉर्ड चेक करें। उसके बाद निवेश करें।
- फंड में लंबे समय तक एक निश्चित राशि लगाते रहे। इसलिए आप वही पैसा म्यूचुअल फंड्स में लगाएं जो आपके पास अतिरिक्त हो, जो आप आसानी से लगा सके। अपनी काम के आवश्यक पैसे को म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट ना करें।
- दोस्तों को देख कर किसी म्यूचुअल फंड में निवेश ना करें। आप खुद यह जांच करें कि उस फंड ने (जिसमे आप पैसा लगाने की योजना बना रहे है) पिछले 5 सालों में कैसा परफॉर्मेंस दिया है।
- म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय पहले यह निर्धारित करें कि कितने साल के लिए आपको निवेश करना है। यदि आप 1 से 2 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए अलग म्यूचुअल फंड होते हैं। यदि आप 5, 7, 10 सालों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए दूसरे म्यूचुअल फंड्स होते हैं।
- किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय उससे जुड़े खर्चों के बारे में पता करें। एंट्री एग्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेशियो जैसे खर्चों को अच्छी तरह पता लगा ले। इन खर्चों की वजह से आपका मुनाफा कम हो सकता है। इसलिए पहले से ही इसके बारे में पता कर ले।
- किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करें। यह देखें कि फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है। उसकी स्कीमों का परफॉर्मेंस कैसा है। बाजार में उस फंड की शाख कैसी है। उसे फंड मैनेज करने का कितना अनुभव प्राप्त है।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने म्यूचुअल फंड के फायदे व नुकसान (Advantages and Disadvantages of Mutual Funds in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल तथा आकर्षक लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
Disclaimer: Mutual Fund investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully.