कोरोनरी आर्टरी डिजीज हृदय रोग, लक्षण, इलाज Coronary Artery Disease in Hindi , Cause, Symptoms, and Treatment

कोरोनरी आर्टरी डिजीज हृदय रोग, लक्षण, इलाज Coronary Artery Disease in Hindi, Cause, Symptoms, and Treatment

कोरोनरी हृदय रोग (CAD) Coronary Artery Disease (Heart Disease) एक गंभीर रोग है। इस रोग में ह्रदय तक रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन और पोषक पदार्थ पहुंचाने वाली धमनिया बंद हो जाती हैं। उसमें प्लाक (वसायुक्त पदार्थ) बन कर जम जाता है।

धमनियों पर कोलेस्ट्रोल की परत जमने से धमनियों के रस्ते सिकुड़ जाते हैं और व्यक्ति के हृदय को सही मात्रा में रक्त नहीं पहुंच पाता है। जिस कारण उसके सीने में दर्द होने लगता है। इस बीमारी से और भी बीमारियां  उत्पन्न होती हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप इस रोग से बच सकते हैं।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज हृदय रोग, लक्षण, इलाज Coronary Artery Disease in Hindi, Cause, Symptoms, and Treatment

कोरोनरी हृदय रोग के  लक्षण

सीने में दर्द (एंजाइना) होना

यह रोग होने पर आपको सांस लेने में बेचैनी और सीने में भारीपन महसूस हो सकता है। जैसे कोई पैर रखकर आपके सीने पर खड़ा हुआ है। इस दर्द को सीने का दर्द (एंजाइना) कहते हैं। यह मुख्य रूप से सीने के बीच में या बाएं तरफ होता है। दर्द होने पर व्यक्ति को भावनात्मक तनाव और उत्तेजना महसूस होती है।

सांस लेने में दिक्कत होना/ पूरी सांस ना आना

जब आपके हृदय की धमनियों सही मात्रा में हृदय तक खून नहीं पहुंचा पाती हैं तो व्यक्ति सांस नहीं ले पाता है। उसे बहुत थकावट भी होती है। हृदय धमनी रोग की पहचान यही है कि व्यक्ति पूरी तरह से सांस नहीं ले पाता है।

हार्ट अटैक (हृदयाघात)

जब हृदय की धमनियां पूरी तरह बंद हो जाती है तो हार्ट अटैक पड़ता है। इस रोग का एक प्रमुख लक्षण है सीने, कंधों और हाथ पैरों पर बहुत ही दबाव और दर्द महसूस होता है। कई बार व्यक्ति को पसीना आने लगता है। पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं से अधिक पाया जाता है। कई बार हार्ट अटैक बिना किसी लक्षण के पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

कोरोनरी हृदय रोग के कारण

बढ़ती उम्र

30 से अधिक उम्र बढ़ने पर इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि ह्रदय की धनिया कमजोर और नष्ट होने लगती हैं।

लिंग

पुरुषों में यह रोग होने की संभावना अधिक है। महिलाओं के लिए इस रोग की संभावना कम है।

पारिवारिक इतिहास

किसी व्यक्ति के नजदीकी रिश्ते में यदि यह बीमारी  है तो उस व्यक्ति को यह होने की संभावना अधिक है। पारिवारिक इतिहास इसका प्रमुख कारण है। यदि किसी के पिता, माता, भाई बहनों को 55 वर्ष से पूर्व ह्रदय धमनी रोग होता है तो उस व्यक्ति को होने की संभावना अधिक है।

उच्च रक्तचाप

जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या होती है उनके हृदय की धमनियों कठोर हो जाती हैं जो रक्त के प्रवाह को रोक देती हैं। ऐसे लोगों को कोरोनरी हृदय रोग आसानी से हो सकता है।

धूम्रपान

करने वालों को यह रोग होने की संभावना बहुत अधिक है। सेकंड हैंड धूम्रपान करने पर इसकी संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

मधुमेह (डायबिटीज)

मधुमेह के रोगियों को यह रोग होने की संभावना बहुत अधिक है। टाइप 2 डायबिटीज और कोरोनरी हृदय रोग के लक्षण एक जैसे होते हैं जैसे मोटापा और उच्च रक्तचाप।

मोटापा

मोटापे के शिकार लोगों को कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना बहुत अधिक है।

व्यायाम न करना

जो लोग अपनी दिनचर्या में कोई व्यायाम नहीं करते हैं उन्हें यह लोग आसानी से हो सकता है।

तनाव और अवसाद

तनाव भरा जीवन जीने से आपके हृदय की धमनिया नष्ट हो सकती हैं और कोरोनरी हृदय रोग आपको हो सकता है।

Help Source – Mayoclinic

कोरोनरी हृदय रोग का इलाज

दवाइयों द्वारा इलाज

यह रोग होने पर डॉक्टर बीटा ब्लॉकर्स, दर्द की गोलियां, नाइट्रोग्लिसरीन, स्प्रे जैसी दवाइयां देते हैं। कैल्शियम श्रृंखला को रोकने वाली दवाइयां भी दी जाती हैं जिससे मरीज के ह्रदय को सही मात्रा में रक्त पहुंच सके। मरीज के रक्तचाप को संतुलित करने वाले गोलियां भी दी जाती हैं। एस्प्रिन (दर्द नाशक दवाइयां) देने से मरीज के ह्रदय की धमनियों में खून के थक्के नहीं जमते हैं। इससे हार्ट अटैक से रक्षा होती है।

सर्जरी द्वारा इलाज

कोरोनरी हृदय रोग होने पर कई बार डॉक्टर सर्जरी द्वारा इलाज करते हैं। लेजर तकनीक, धमनी बायपास सर्जरी और एनजीओ प्लास्टिक सर्जरी द्वारा इस रोग का इलाज सर्जरी विधि से किया जाता है। हृदय तक पहुंचने वाली धमनियों को काट कर खोला जाता है। लेजर तकनीक में सर्जरी द्वारा हृदय की धमनियों में कुछ महीने छेद किए जाते हैं जिससे उचित मात्रा में रक्त हृदय तक पहुंचे।

Help Source – MedicalNewsToday

कोरोनरी हृदय रोग में क्या खाना चाहिये

  • इस रूप में साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। सुबह नाश्ते में फल खाने चाहिए। सुबह और शाम के खाने में अनाज और सब्जियां प्रमुख रूप से खाने चाहिए। सलाद, बीन, दाल, काबुली चने का सेवन करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
  • बिना क्रीम के दूध का सेवन करना चाहिए जिसमें कम से कम वसा हो।
  • सोयाबीन का सेवन करना बहुत अच्छा रहेगा। सोयाबीन के दूध से बना पनीर (टोफू) का सेवन भी कर सकते हैं।
  • कोरोनरी हृदय रोग होने पर भोजन पकाते समय कम से कम तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। उच्च फैट वाले तेलों के स्थान पर ओलिव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे तेल जिसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है उसका सेवन करें।
  • इस रोग में मिठाइयों का सेवन कम से कम करना चाहिए।
  • इस रोग में मछली और समुद्र आहार (सी फूड) खाना काफी फायदेमंद होता है।
  • कोरोनरी हृदय रोग में अदरक का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है। अदरक के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और रक्तचाप भी कम होता है।
  • सूखे मेवे का इस्तेमाल करना बहुत लाभकारी होता है, इस रोग में बादाम काजू अखरोट छुआरे जैसे सूखे मेवे खाए जा सकते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं।

Help Source – Aafp.org

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