बत्तख पालन व्यवसाय और इसके फायदे Duck Farming and Its benefits in Hindi
बत्तख पालन व्यवसाय और इसके फायदे Duck Farming and Its benefits in Hindi
बत्तख पालन व्यवसाय में बहुत ही कम लागत, कम पूंजी खर्च होती है और मुनाफा अच्छा होता है। 6 महीने में ही बत्तख अंडे देने लायक हो जाती है। बत्तख का 1 अंडा 6 से 8 रूपये में बिकता है। इसके मांस की मांग भी बहुत अधिक है।
बत्तख के आवास, आहार पर बहुत ही कम खर्च होता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इस व्यापार को अपनाकर समृद्ध बन सकता है। 10 मादा बच्चों के लिए एक नर बत्तख को रखा जा सकता है। 5 से 6 महीने की हो जाने पर यह प्रजनन करने योग्य हो जाती हैं।
बत्तख पालन के कुछ प्रमुख तथ्य Duck Farming and Its benefits in Hindi
- 6 महीने का हो जाने पर यह अंडा देना शुरू कर देती है
- साल में 300 से 320 अंडे देती है
- एक अंडे का वजन 65 से 70 ग्राम होता है
- 40 हफ्ते का हो जाने पर एक बत्तख का वजन 1.5 से 2 किलो हो जाता है
- बत्तख बच्चों की मृत्युदर 2.5% है और वयस्क बत्तख की मृत्युदर साल में 5 से 6% होती है
बत्तख की प्रमुख नस्लें Important Breeds of Ducks in Hindi
- अंडे देने वाली नस्लें- इंडियन रनर
- मांस देने वाली नस्ल- सफेद पैकिंग, एलिसबरी, मस्कोवी, राउन, आरफींगटन, स्वीडन, पेकिंग
- मांस और अंडों के लिए संयुक्त रूप से- खाकी कैंपबेल प्रजाति
बत्तख पालन के लिए आवास Duck House or Shed
बत्तख पालने के लिए बड़ी जमीन की जरूरत नहीं पड़ती है। यह छोटी जगह में भी रह सकती हैं। छोटी मोटी झोपड़ियां, छोटे कमरे इनके रहने के लिए पर्याप्त हैं। लकड़ी के घर भी बनाए जा सकते हैं। बत्तख के दड़बे में शुद्ध हवा आनी जानी चाहिए।
हर बत्तख को 2 से 3 स्क्वायर फीट की जगह जरूरी होता है। ये गीली जगह पर रहना पसंद करती हैं। बत्तख के आवास में निकलने और प्रवेश करने का रास्ता होना चाहिए।
शिकारी जानवर जैसे- कुत्ते, लोमड़ी, बिल्लियों से इनको बचाना जरूरी है। इसके आवास में नीचे फर्श पर पुआल बिछा सकते हैं। बत्तखों के दड़बे में 5 से 6 इंच के गड्ढे बना दें जिसमें यह अंडे दे सकें।
बत्तख का आहार Ducks Feed
बत्तखें कुछ भी खा लेती हैं, बसर वह खाना गीला होना चाहिए। सुखा खाना इसके गले में फंस जाता है। रसोई का कचरा, जूठन, घर का बचा खाना, सब्जी, चावल मक्का, चोकर, घोंघे, अनाज जैसे ज्वार, सोयाबीन, गेहूं, चावल, मछली का आहार, खनिज पदार्थ, विटामिन ये खा सकते हैं।
मच्छरों का लारवा इनको बहुत पसंद होता है। नालियां, पानी के स्रोत, गंदगी की जगह, तालाब, झील ये सब बत्तख पालने के लिए आदर्श संसाधन है। नालियों में छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े खा कर ये आसानी से अपना पेट भर लेती हैं। इसलिए इनके आहार पर कुछ खास खर्च नहीं करना पड़ता।
बत्तख में होने वाले रोग Disease in Ducks
डक प्लेग, वायरस हेपिटाइटिस रोगों से बचाव के लिए बत्तख को समय-समय पर टीके लगवाने चाहिए।
बत्तख के अंडों का भंडारण
बत्तख के अंडों का भंडारण करने के लिए आप रेफ्रिजरेटर फ्रिज का इस्तेमाल कर सकते हैं
बत्तख पालन के फायदे Advantages of Duck Farming Business in Hindi
- मुर्गी या मछली पालन की तुलना में बत्तख पालना काफी आसान है। अच्छी नस्ल वाली बत्तख जैसे इंडियन रनर और कैंपबेल साल में 300 से ज्यादा अंडे देती है। यह अंडे बाजार में 7 से 9 रूपये में आसानी से बिक जाते हैं। दर्जन के हिसाब से 108 से लेकर 130 रूपये तक आप कमा सकते हैं। इस तरह आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है। सिर्फ एक बतख के अंडे बेचकर आप साल में 700 से 1000 तक कमा सकते हैं।
- मुर्गियों की तुलना में बत्तख में कम रोग होते हैं। इसलिए इनके मालिकों को कम खर्च करना पड़ता है।
- एक अंडा 50 से 70 ग्राम तक होता है जिससे अधिक मात्रा में प्रोटीन प्राप्त होता है।
- बत्तख के खाने पर कम खर्च होता है। आमतौर पर यह आस पड़ोस के कीड़ों को खा कर पेट भर लेती हैं। पानी में से घोंघे खाना इन्हें पसंद है।
- नमी वाले स्थानों पर मुर्गी पालन का बिजनेस सफल नहीं होता, पर ऐसे स्थानों पर बतख पालन का बिजनेस बहुत अच्छा होता है। नम जगह बत्तख को बहुत सूट करता है।
- मुर्गियों की तुलना में बत्तख का जीवन काल लंबा होता है।
- मछली पालन के साथ बत्तख पालन आसानी से किया जा सकता है। जिन तालाबों में मछली पालन होता है बत्तख उसमे तैरती रहती है। इसकी बीट को मछलियाँ खाकर अपना पेट भर लेती हैं। बत्तख पानी में पाए जाने वाले कवक फंजाई, घोंघे, कीड़े, शैवाल, एलगी जैसा सभी कुछ खा लेती हैं। इन्हें मछली खाना विशेष रूप से पसंद होता है। बत्तख की बीट से तालाब की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। बतख पालन से काफी फायदा भी है।
- आसपास के जगह पर जन्मे मच्छरों का लारवा खाकर ये सफाई कर्मचारी का काम भी करती है और हमें रोगों से बचाती है। 5-6 बत्तख 1 हेक्टेयर तालाब या आबादी में मच्छरों का लारवा खाकर साफ कर देती हैं।
- मुर्गी पालन की तुलना में इस व्यवसाय में कम जोखिम होता है। बत्तख बच्चों की मृत्यु दर मुर्गी की तुलना में बहुत कम है।
बतख पालन में ध्यान देने योग्य बाते Some Important things to consider in Duck Farming
- गंदा पानी पीने से बत्तख बच्चों को निमोनिया हो सकता है। इसलिए उन्हें पीने के लिए साफ पानी दें।
- बत्तख बच्चों को 15 दिन तक पानी में न जाने दें।
- बहुत कम स्थान पर बहुत अधिक बत्तख को ना रखें। इससे उन्हें दिक्कत हो सकती है। दाना सूखा आहार/ दाना न दें।
बत्तख का जन्म से अंडा देने तक के समय मे कितने किलो भोजन देना पड़ता है ?