Contents
- 1 भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध Essay on Indian Freedom Fighters in Hindi
- 1.1 महात्मा गांधी Mahatma Gandhi
- 1.2 सुभाषचंद्र बोस Subhash Chandra Bose
- 1.3 भगत सिंह Bhagat Singh
- 1.4 अशफाक उल्ला खां Ashfaqulla Khan
- 1.5 डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद Dr. Rajendra Prasad
- 1.6 रानी लक्ष्मी बाई Rani Lakshmi Bai
- 1.7 लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri
- 1.8 मंगल पांडे Mangal Pandey
- 1.9 जवाहरलाल नेहरु Jawaharlal Nehru
- 1.10 लाला लाजपत राय Lala Lajpat Rai
- 1.11 बाल गंगाधर तिलक Bal Gangadhar Tilak
- 1.12 चन्द्रशेखर आजाद Chandrashekhar Azad
- 1.13 भीमराव अम्बेडकर Bhimrao Ambedkar
- 1.14 सरदार वल्लभभाई पटेल Sardar Vallabh Bhai Patel
- 2 निष्कर्ष Conclusion
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध Essay on Indian Freedom Fighters in Hindi
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो से आजाद हुआ। उन्होंने लगभग 200 सालो तक हमारे देश पर राज किया। अंग्रेज यहाँ पर व्यापार करने आये थे पर देखते ही देखते उन्होंने यहाँ पर अपनी सत्ता बना ली। देश के लोगो पर तरह तरह के जुल्म किये। प्रताड़ित किया, हजारो लोगो की हत्या कर दी। अंग्रेजों ने ऐसा कानून पारित किया जिससे देश के टुकड़े टुकड़े हो जाये।
उन्होंने “फूट डालो और राज करो” नीति अपनायी। आखिर में जब वो यहाँ से गये तो देश का बंटवारा करके गये। उन्होंने “पाकिस्तान” नाम का एक नया देश बना दिया। हमारे देश को आजाद करने में अनेक सेनानियों ने योगदान दिया है।
महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु जैसे अनेक वीरों ने हँसते हँसते अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी पर देश को आजादी दिलवा दी। हमे अपने स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना चाहिये। आज हम भारत में आजादी भरी जिन्दगी जी रहे है, हमे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का दिल से सम्मान करना चाहिये।
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध Essay on Indian Freedom Fighters in Hindi
प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी इस प्रकार है-
महात्मा गांधी Mahatma Gandhi
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इनको सभी लोग प्यार से “बापू” कहकर सम्बोधित करते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। देश को आजाद करवाने में इनका बड़ा योगदान है।
बापू ने भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चम्पारण और खेडा सत्याग्रह, खिलाफत आन्दोलन किया हमारे देश को आजाद कराने के लिए। इन्होने “करो या मरो” का नारा दिया। इन्होने अहिंसा के मार्ग पर चलने को कहा।
सुभाषचंद्र बोस Subhash Chandra Bose
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इनको हम लोग प्यार से “नेताजी” कहकर पुकारते है। आपका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िसा के कटक शहर में हुआ था। इन्होने देश को आजाद करने के लिए “आजाद हिन्द फ़ौज” की स्थापना की। इन्होने देश की सेवा करने के लिए ICS जैसी उच्च नौकरी को छोड़ दिया।
आपने अपना प्रसिद्ध नारा दिया “तुम मुझे खून दो! मैं तुम्हे आजादी दूंगा” इन्होने “दिल्ली चलो” का नारा दिया। महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस दोनों देश को आजादी दिलवाना चाहते थे पर सुभाष चंद्र बोस “गर्म दल” के सेनानी थे। महात्मा गांधी की “अहिंसा नीति” से वो सहमत नही थे। इस वजह से वो जर्मनी जाकर हिटलर से भी मिले थे।
भगत सिंह Bhagat Singh
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इनका जन्म 27 सितंबर 1907 को पंजाब में हुआ था। ये बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। ये बचपन से ही देशभक्ति की भावना से भरे हुए थे। इन्होने पंजाब के युवाओं को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कहा।
इन्होने सुखदेव, राजगुरु, के साथ मिलकर “लाहौर षड्यंत्र” किया। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विधान सभा में बम फेका। इन्होने किसी को मारने का प्रयास नही किया और खुद ही गिरफ्तारी दे दी। 23 मार्च 1931 को इनको फांसी दे दी गयी।
अशफाक उल्ला खां Ashfaqulla Khan
इनका जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। ये भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख रूप से सक्रिय क्रांतिकारी थे। इन्होने काकोरी काण्ड में मुख्य भूमिका निभाई थी। ब्रिटिश सरकार ने इन पर महाभियोग चलाया और 19 दिसम्बर 1927 को इनको फैजाबाद की जेल में फांसी दे दी गयी। अपनी फाँसी से पहली रात को इन्होने ये कविता लिखी थी-
जाऊँगा खाली हाथ मगर, यह दर्द साथ ही जायेगा;जाने किस दिन हिन्दोस्तान, आजाद वतन कहलायेगा।
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं, फिर आऊँगा-फिर आऊँगा; ले नया जन्म ऐ भारत माँ! तुझको आजाद कराऊँगा।।
जी करता है मैं भी कह दूँ, पर मजहब से बँध जाता हूँ; मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कह पाता हूँ।
हाँ, खुदा अगर मिल गया कहीं, अपनी झोली फैला दूँगा; औ’ जन्नत के बदले उससे, यक नया जन्म ही माँगूँगा।।
डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद Dr. Rajendra Prasad
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इनका जन्म 3 दिसम्बर 1884 को जीरादेई, बिहार में हुआ था। देश के स्वतंत्रता सेनानियों में इनका नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। इनको भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया था। इन्होने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इनको “देशरत्न” कहकर भी पुकारते है।
रानी लक्ष्मी बाई Rani Lakshmi Bai
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ये उत्तर प्रदेश के झांसी की रानी थी। इनका जन्म 1828 में उत्तरप्रदेश के बनारस जिले में हुआ था। उस समय भारत का गर्वनर डलहौजी था। इन्होने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। अंग्रेजो ने राज्य हड़प नीति बनाकर इनके राज्य को हड़पने की योजना बनाई। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र दामोदर राव को राजा बनाने से इंकार कर दिया। 18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रितानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई।
लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri
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इन्होने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय में हुआ था। देश को आजाद करवाने के लिए इन्होने अनेक आंदोलनों में हिस्सा लिया। 1921 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।
ये भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। इन्होने 1965 में भारत- पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त थी। ये अपनी सादगी, देशभक्ति, ईमानदारी के लिए जाने जाते है। मरणोपरांत इनको “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।
मंगल पांडे Mangal Pandey
इन्होने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इनका नाम बच्चा बच्चा जानता है। मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को बलिया में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 21 मार्च 1857 को इन्होने लेफ्टिनेंट बाग़ पर हमला कर उसे घायल कर दिया।
8 अप्रैल 1857 को इनको विद्रोह के लिए फाँसी दे दी गयी। मंगल पांडे को फाँसी देने के बाद अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह और बगावत पूरे उत्तर भारत में फ़ैल गया। भारत सरकार ने इनकी याद में 1984 में डाक टिकट जारी किया।
जवाहरलाल नेहरु Jawaharlal Nehru
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इनका जन्म 14 नवंबर 1889 उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। भारत की आजादी की लड़ाई में इन्होने केन्द्रीय भूमिका निभाई थी। ये बच्चो से बहुत प्यार करते थे। बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरु बुलाते थे। महात्मा गांधी से प्राभावित होकर इन्होने 1929 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया।
पश्चिमी कपड़ो और विदेशी सम्पत्ति का त्याग कर दिया। उन्होंने खादी कुर्ता और टोपी पहनना शुरू कर दिया। 1920-1922 में असहयोग आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया और इस दौरान पहली बार गिरफ्तार किए गए। कुछ महीनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
लाला लाजपत राय Lala Lajpat Rai
पढ़ें: लाला लाजपत राय का जीवन परिचय Lala Lajpat Rai biography in hindi
ये भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहते है। इनका जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब में हुआ था।। ये भारतीय गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे।
सन 1928 में इन्होने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लाठी चार्ज में ये बुरी तरह घायल हो गये। 14 नवंबर 1928 को इनकी मृत्य हो गयी। इन्होने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की थी।
बाल गंगाधर तिलक Bal Gangadhar Tilak
पढ़ें: बाल गंगाधर तिलक निबंध व जीवनी Lokmanya Bal Gangadhar Tilak Biography in Hindi
ये एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और वकील थे। इनका जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी जिले में हुआ था। ये अंग्रेजी शिक्षा के घोर विरोधी थे। ये मानते थे की अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सस्कृति के प्रति अनादर सिखाती है।
इनको “लोकमान्य” की उपाधि दी गई थी। “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा” ये नारा इन्होने दिया। उन्हें केसरी नामक अखबार में अपने लेखो की वजह कई बार जेल जाना पड़ा।
चन्द्रशेखर आजाद Chandrashekhar Azad
पढ़ें: चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय Chandrashekhar Azad biography in hindi
ये स्वतंत्रता संग्राम में राम प्रसाद बिस्मिल और भगत सिंह के गुट में थे। इनका जन्म 23 जुलाई 1906 में भाबरा गाँव, उन्नाव जिला में हुआ था। ये हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गये।
इस संस्था के माध्यम से आजाद ने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 9 अगस्त 1925 को काकोरी काण्ड किया और फरार हो गये। इन्होने ब्रिटिश हुकूमत से लाला लाजपत राय की मौत का बदला सांडर्स की हत्या करके लिया। दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया।
भीमराव अम्बेडकर Bhimrao Ambedkar
पढ़ें: डॉ भीम राव आंबेडकर का जीवन परिचय Dr Bhimrao Ambedkar Life History in Hindi
ये अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, विधिवेत्ता और समाज सुधारक थे। भारत का संविधान इन्होने ही लिखा है। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था। इन्होने अछूत (दलितों) को बराबरी का हक देने के लिए अभियान चलाया। उस समय देश में बहुत जातिवाद था। इन्होने 1956 में बौध धर्म अपना लिया। इनको मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।
सरदार वल्लभभाई पटेल Sardar Vallabh Bhai Patel
पढ़ें: सरदार वल्लभभाई पटेल- निबंध और तथ्य Sardar Vallabhbhai Patel Essay Facts
भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। स्वतंत्रता आन्दोलन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 नडीयाद गुजरात में हुआ था। 1928 में इन्होने गुजरात में बारडोली आंदोलन का नेतृत्व किया।
म गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। स्वतंत्रता आन्दोलन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 नडीयाद गुजरात में हुआ था। 1928 में इन्होने गुजरात में बारदोली आंदोलन का नेतृत्व किया।
निष्कर्ष Conclusion
आज के लेख में हमने आपको प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसके अलावा बेगम हजरत महल, गणेश विद्धार्थी, जय प्रकाश नारायण, बटुकेश्वर दत्त, अशफाक अली, रवीन्द्रनाथ टैगोर, विपिनचंद्र पाल, नाना साहब, तात्या तोंपे, चिरंजन दास, राजा राममोहन राय ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई।
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