भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, जानकारी सूची Name List of Indian Freedom Fighters in Hindi
इस अनुच्छेद मे हमने प्रमुख भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, जानकारी सूची Name List of Indian Freedom Fighters in Hindi लिखा है जिसमे हमने उन महान लोगों के नाम और जानकारी विषय मे विस्तार से बताया है। इन महान देशभक्तों मे से कुछ लोगों से शांति तो कुछ लोगों ने उग्र रूप के माध्यम से अपनी भूमिका निभाई। इन्हीं के कोशिशों के कारण आगे चलकर हमारा देश भारत आज़ाद हुआ।
ब्रिटिश हुक़ूमत ने लगभग 200 सालों तक हमारे देश पर राज किया और भारतीयों के ऊपर अत्याचार किया। अंग्रेज़ भारत पर व्यापार करने आये थे पर देखते ही देखते उन्होंने धोखे से यहाँ पर अपनी सत्ता बना ली। उसके बाद धीरे-धीरे सभी जगहों पर कब्ज़ा कर लिया। जलियांवाला बाग मे हजारों लोगों को मार डाला।
इसी प्रकार के क्रूर कार्यों को सहन नया करके कुछ महान लोगों ने स्वतंत्रता की लड़ाई पर भाग लिया। इन्हीं मे कुछ मुख्य क्रांतिकारियों और स्वयंत्रता सेनानियों के नाम और जानकारी हमने इस लेख मे बताया है।
आईए जानते हैं भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, जानकारी सूची Name and List of Indian Freedom Fighters in Hindi. इसे एक निबंध के रूप मे भी अपनी परीक्षा मे लिख सकते हैं और भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर क्लिक करके उनके विषय मे विस्तार मे जानकारी पढ़ सकते हैं।
1. शहीद उधम सिंह Shaheed Udham Singh
शहीद उधम सिंह का जन्म जुलाई 31, 1899 को संगरूर जिला, पंजाब, भारत मे हुआ था। जनरल डायर के कहने पर जलियाँवाला बाग मे हजारों लोगों को ब्रिटिश पुलिस वालों ने गोली से भून डाला। इसका बदला लेने के लिए शहीद उधम सिंह ने लंदन मे जनरल डायर (माइकल ओ ड्वायर) को मार डाला। इसके कारण उन्हें जुलाई 31, 1940 को फांसी लगा दी गई।
2. लाला लाजपत राय Lala Lajpat Rai
लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी 1865 को जगराओं भारत मे हुआ था। वह एक महान भारतीय स्वयंत्रता सेनानी थे जिनका स्वतंत्रता की लड़ाई मे बड़ा योगदान रहा। उन्होंने पंजाब केसरी पत्रिका की शुरुवात की जिसके कारण भारतीय हमेशा प्रेरित रहे। उनकी मृत्यु 17 नवंबर 1928 लाहौर मे हुआ था।
3. झांसी की रानी Rani of Jhansi (Laxmi Bai)
झांसी की रानी का जन्म 19 नवंबर 1928 को काशी, भारत मे हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश शासन का जम कर सामना किया और सन 1857 के विद्रोह मे महत्वपूर्ण योगदान दिया। ब्रिटिश शासन का सामना करते हुए रानी लक्ष्मी बाई की ग्वालियर मे 17 जून 1858 मे मृत्यु हो गई।
4. तात्या टोपे Tatya Tope
तात्या टोपे का जन्म नाम रामचन्द्र पांडुरंगा था। उनका जन्म सं 1814 मे एक ब्राह्मण परिवार मे एओला, नासिक मे हुआ था। उन्होंने सन 1857 के विद्रोह मे जनरल के पद पर रह कर असीम भूमिका निभाया। उन्हें 18 अप्रैल 1859 को शिवपुरी मे फांसी लगा दिया गया।
5. महात्मा गांधी Mahatma Gandhi
इनको सभी लोग प्यार से “बापू” कहकर सम्बोधित करते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। देश को आजाद करवाने में इनका बड़ा योगदान है।
बापू ने भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चम्पारण और खेडा सत्याग्रह, खिलाफत आन्दोलन किया हमारे देश को आजाद कराने के लिए। इन्होने “करो या मरो” का नारा दिया। इन्होने अहिंसा के मार्ग पर चलने को कहा।
6. सुभाषचंद्र बोस Subhash Chandra Bose
इनको हम लोग प्यार से “नेताजी” कहकर पुकारते है। आपका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओड़िसा के कटक शहर में हुआ था। इन्होने देश को आजाद करने के लिए “आजाद हिन्द फ़ौज” की स्थापना की। इन्होने देश की सेवा करने के लिए ICS जैसी उच्च नौकरी को छोड़ दिया।
आपने अपना प्रसिद्ध नारा दिया “तुम मुझे खून दो! मैं तुम्हे आजादी दूंगा” इन्होने “दिल्ली चलो” का नारा दिया। महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस दोनों देश को आजादी दिलवाना चाहते थे पर सुभाष चंद्र बोस “गर्म दल” के सेनानी थे। महात्मा गांधी की “अहिंसा नीति” से वो सहमत नही थे। इस वजह से वो जर्मनी जाकर हिटलर से भी मिले थे।
7. गोपाल कृष्ण गोखले Gopal Krishna Gokhle
गोपाल कृष्ण गोखले, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक भारतीय उदार राजनीतिक नेता और एक समाज सुधारक थे। उनका जन्म 9 मई, 1866 को कोथलुक, रत्नागिरी जिला, महाराष्ट्र, भारत मे हुआ था। गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और सर्वेंट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी के संस्थापक थे।
सोसाइटी के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य विधायी निकायों के माध्यम से, उन्होंने गोखले ने भारतीय स्वशासन के लिए और अन्य सामाजिक सुधारों के लिए अभियान चलाया। वह कांग्रेस पार्टी के उदारवादी गुट के नेता थे जिन्होंने मौजूदा सरकारी संस्थानों के साथ काम करके सुधारों की वकालत की। उनकी मृत्यु 19 फरवरी 1915, को मुंबई भारत मे हुआ था।
8. शहीद भगत सिंह Shaheed Bhagat Sing
इनका जन्म 27 सितंबर 1907 को पंजाब में हुआ था। ये बचपन से ही देश के लिए कुछ करना चाहते थे। ये बचपन से ही देशभक्ति की भावना से भरे हुए थे। इन्होने पंजाब के युवाओं को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कहा।
इन्होने सुखदेव, राजगुरु, के साथ मिलकर “लाहौर षड्यंत्र” किया। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विधान सभा में बम फेका। इन्होने किसी को मारने का प्रयास नही किया और खुद ही गिरफ्तारी दे दी। 23 मार्च 1931 को इनको फांसी दे दी गयी।
9. राज गुरु Raj Guru
इनका पूरा नाम शिवराम राज गुरु था। उनका जन्म 24 अगस्त 1908 को महाराष्ट्र मे हुआ था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन मे इनकी मुख्य भूमिका थी। यह महाराष्ट्र के रहने वाले थे। इन्होंने लाहौर 1928 मे एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी को मार डाल था।
उससे एक दिन पहले लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई थी जिसके कारण उन्होंने यह बदला लेते हुए कदम उठाया। उसके बाद वे पकड़े गए और 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और सुखदेव के साथ फांसी लगा दी गई।
10. सुखदेव थापर Sukhdev Thapar
शहीद सुखदेव थापर एक भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 15 मई 1907, को लुधियाना पंजाब ब्रिटिश भारत मे हुआ था। वे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के एक वरिष्ठ सदस्य थे। उन्होंने भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ कई कार्यों में भाग लिया और 23 मार्च 1931 को 23 वर्ष की आयु में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा उन्हें भगत सिंह और राज गुरु के साथ फांसी दे दी गई।
11. राम प्रसाद बिस्मिल Ram Prasad Bismil
वे एक महान भारतीय क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 11 जून 1897 मे जहाजहांपुर, भारत मे हुआ था। उन्होंने 1918 के मैनपुरी षडयंत्र में भाग लिया, और 1925 के काकोरी षड्यंत्र, और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष किया। स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ, वे एक देशभक्त कवि भी थे और कलम, राम, अयात और बिस्मिल नाम का उपयोग करते हुए हिंदी और उर्दू में लिखे।
लेकिन, वह अंतिम समय में “बिस्मिल” नाम से ही लोकप्रिय हुए। वे आर्य समाज से जुड़े थे जहाँ उन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश से प्रेरणा मिली। 19 दिसम्बर 1927 को उन्हें , वह अंतिम समय में “बिस्मिल” नाम से ही लोकप्रिय हुए। वे आर्य समाज से जुड़े थे जहाँ उन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश से प्रेरणा मिली। 19 दिसम्बर 1927 को उन्हें गोंडा जैल मे दो दिन पहले ही फांसी लगा दी गई।
12. खुदीराम बोस Khudiram Bose
खुदीराम बोस (खुदीराम बसु) एक भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत के ब्रिटिश शासन का विरोध किया था। इनका जन्म 3 दिसम्बर 1889 को मिदनापुर, बंगाल मे हुआ था। प्रफुल्ल चाकी के साथ मुजफ्फरपुर षड़यंत्र केस में उनकी भूमिका के लिए, उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और बाद में उन्हें फांसी दे दी गई, जिससे वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे कम उम्र के शहीदों में से एक बन गए।
खुदीराम ने प्रफुल्ल चाकी के साथ मिलकर ब्रिटिश न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या करने का प्रयास किया, गाड़ी पर बम फें। मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड, एक अलग गाड़ी में बैठा था, बम फेंकनया सफल नहीं हुआ लेकिन इसमें दो ब्रिटिश महिलाओं की मौत हो गई। खुदीराम को दो महिलाओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया और अंत में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। उन्हें 11 अगस्त 1908 को मुजज़फ़रपुर बंगाल मे फांसी लगा दी गई।
13. अशफाक उल्ला खां Ashfaqulla Khan
इनका जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। ये भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में प्रमुख रूप से सक्रिय क्रांतिकारी थे। इन्होने काकोरी काण्ड में मुख्य भूमिका निभाई थी। ब्रिटिश सरकार ने इन पर महाभियोग चलाया और 19 दिसम्बर 1927 को इनको फैजाबाद की जेल में फांसी दे दी गयी। अपनी फाँसी से पहली रात को इन्होने ये कविता लिखी थी-
जाऊँगा खाली हाथ मगर, यह दर्द साथ ही जायेगा;जाने किस दिन हिन्दोस्तान, आजाद वतन कहलायेगा।
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं, फिर आऊँगा-फिर आऊँगा; ले नया जन्म ऐ भारत माँ! तुझको आजाद कराऊँगा।।
जी करता है मैं भी कह दूँ, पर मजहब से बँध जाता हूँ; मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कह पाता हूँ।
हाँ, खुदा अगर मिल गया कहीं, अपनी झोली फैला दूँगा; औ’ जन्नत के बदले उससे, यक नया जन्म ही माँगूँगा।।
14. डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद Dr. Rajendra Prasad
इनका जन्म 3 दिसम्बर 1884 को जीरादेई, बिहार में हुआ था। देश के स्वतंत्रता सेनानियों में इनका नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। इनको भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया था। इन्होने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इनको “देशरत्न” कहकर भी पुकारते है।
15. रानी लक्ष्मी बाई Rani Lakshmi Bai
ये उत्तर प्रदेश के झांसी की रानी थी। इनका जन्म 1828 में उत्तरप्रदेश के बनारस जिले में हुआ था। उस समय भारत का गर्वनर डलहौजी था। इन्होने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। अंग्रेजो ने राज्य हड़प नीति बनाकर इनके राज्य को हड़पने की योजना बनाई। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र दामोदर राव को राजा बनाने से इंकार कर दिया। 18 जून 1858 को ग्वालियर के पास कोटा की सराय में ब्रितानी सेना से लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु हो गई।
16. लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri
इन्होने “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय में हुआ था। देश को आजाद करवाने के लिए इन्होने अनेक आंदोलनों में हिस्सा लिया। 1921 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई।
ये भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे। इन्होने 1965 में भारत- पाक युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त थी। ये अपनी सादगी, देशभक्ति, ईमानदारी के लिए जाने जाते है। मरणोपरांत इनको “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।
17. मंगल पांडे Mangal Pandey
इन्होने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इनका नाम बच्चा बच्चा जानता है। मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को बलिया में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 21 मार्च 1857 को इन्होने लेफ्टिनेंट बाग़ पर हमला कर उसे घायल कर दिया।
8 अप्रैल 1857 को इनको विद्रोह के लिए फाँसी दे दी गयी। मंगल पांडे को फाँसी देने के बाद अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह और बगावत पूरे उत्तर भारत में फ़ैल गया। भारत सरकार ने इनकी याद में 1984 में डाक टिकट जारी किया।
18. जवाहरलाल नेहरु Jawaharlal Nehru
इनका जन्म 14 नवंबर 1889 उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। भारत की आजादी की लड़ाई में इन्होने केन्द्रीय भूमिका निभाई थी। ये बच्चो से बहुत प्यार करते थे। बच्चे इनको प्यार से चाचा नेहरु बुलाते थे। महात्मा गांधी से प्राभावित होकर इन्होने 1929 में सविनय अवज्ञा आंदोलन में हिस्सा लिया।
पश्चिमी कपड़ो और विदेशी सम्पत्ति का त्याग कर दिया। उन्होंने खादी कुर्ता और टोपी पहनना शुरू कर दिया। 1920-1922 में असहयोग आंदोलन में सक्रिय हिस्सा लिया और इस दौरान पहली बार गिरफ्तार किए गए। कुछ महीनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
19. लाला लाजपत राय Lala Lajpat Rai
ये भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहते है। इनका जन्म 28 जनवरी 1865 को पंजाब में हुआ था।। ये भारतीय गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे।
सन 1928 में इन्होने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लाठी चार्ज में ये बुरी तरह घायल हो गये। 14 नवंबर 1928 को इनकी मृत्य हो गयी। इन्होने पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना की थी।
20. बाल गंगाधर तिलक Bal Gangadhar Tilak
ये एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और वकील थे। इनका जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी जिले में हुआ था। ये अंग्रेजी शिक्षा के घोर विरोधी थे। ये मानते थे की अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सस्कृति के प्रति अनादर सिखाती है।
इनको “लोकमान्य” की उपाधि दी गई थी। “स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा” ये नारा इन्होने दिया। उन्हें केसरी नामक अखबार में अपने लेखो की वजह कई बार जेल जाना पड़ा।
21. विनायक दामोदर सावरकर Vinayak Damodar Savarkar
विनायक दामोदर सावरकर को मराठी मे स्वातंत्र्यवीर सावरकर के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 28 मई 1883, मे भागूर, बॉम्बे मे हुआ था। वे एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और राजनेता थे जिन्होंने हिंदू राष्ट्रवादी दर्शन को सूत्रबद्ध किया। साथ ही वह हिंदू महासभा में एक अग्रणी व्यक्ति भी थे। उनके घर बॉम्बे मे ही फरवरी 26, 1966 को उनकी मृत्यु हो गई।
22. चन्द्रशेखर आजाद Chandrashekhar Azad
ये स्वतंत्रता संग्राम में राम प्रसाद बिस्मिल और भगत सिंह के गुट में थे। इनका जन्म 23 जुलाई 1906 में भाबरा गाँव, उन्नाव जिला में हुआ था। ये हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गये।
इस संस्था के माध्यम से आजाद ने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 9 अगस्त 1925 को काकोरी काण्ड किया और फरार हो गये। इन्होने ब्रिटिश हुकूमत से लाला लाजपत राय की मौत का बदला सांडर्स की हत्या करके लिया। दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया।
23. भीमराव अम्बेडकर Bhimrao Ambedkar
ये अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, विधिवेत्ता और समाज सुधारक थे। भारत का संविधान इन्होने ही लिखा है। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था। इन्होने अछूत (दलितों) को बराबरी का हक देने के लिए अभियान चलाया। उस समय देश में बहुत जातिवाद था। इन्होने 1956 में बौध धर्म अपना लिया। इनको मरणोपरांत भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।
24. सरदार वल्लभभाई पटेल Sardar Vallabh Bhai Patel
भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। स्वतंत्रता आन्दोलन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 नडीयाद गुजरात में हुआ था। 1928 में इन्होने गुजरात में बारडोली आंदोलन का नेतृत्व किया।
वह गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। स्वतंत्रता आन्दोलन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है इनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 नडीयाद गुजरात में हुआ था। 1928 में इन्होंने गुजरात में बारडोली आंदोलन का नेतृत्व किया।
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख मे आपने भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, जानकारी विस्तार से पढ़ा। इसके अलावा बेगम हजरत महल, गणेश विद्धार्थी, जय प्रकाश नारायण, बटुकेश्वर दत्त, अशफाक अली, रवीन्द्रनाथ टैगोर, विपिनचंद्र पाल, नाना साहब, चिरंजन दास, राजा राममोहन राय ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई। आशा करते हैं।
आपको भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, जानकारी सूची (Name List of Indian Freedom Fighters in Hindi) से इन महान नरम और गरम नेताओं के विषय मे जानकारी मिली होगी।
Featured Image Source – https://www.inmemoryglobal.com/remembrance/2015/08/say-thank-you-to-the-freedom-fighters/
Five lines about bharat mata