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Home » Educational » प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi

प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi

Last Modified: January 4, 2023 by बिजय कुमार 27 Comments

प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi

इस अनुच्छेद में हमने प्राकृतिक आपदा पर निबंध (Essay on Natural Disasters in Hindi) हिन्दी में लिखा है। इसमें हमने आपदा के कारण, प्रकार, प्रभाव और प्रबंधन के विषय में पूरी जानकारी दी है। इस निबंध में हमने सभी प्रकार के आपदाओं के विषय में 3000 शब्दों में पूरी जानकारी दी है।

सबसे पहले हम आपको बताते हैं प्राकृतिक आपदा क्या है? तो चलिए शुरू करते हैं – प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi

Table of Content

Toggle
  • प्राकृतिक आपदा क्या है? What is Natural Disaster in Hindi?
  • प्राकृतिक आपदाओं का पर्यावरण पर प्रभाव Effect of Natural Disaster on Environment in Hindi
  • प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार और उनका आपदा प्रबंधन Types of Natural Disasters in Hindi with Management
    • 1. भूकंप किसे कहते हैं? What is Earthquake in Hindi? (पढ़ें: भूकंप की पूरी जानकारी)
      • भूकंप प्रबंधन Earthquake management in Hindi
    • 2. बिजली गिरना क्या है? What is Lightening in Hindi?
      • बिजली गिरने पर प्रबंधन Lightening Management in Hindi
    • 3. सुनामी किसे कहते हैं? What is Tsunami in Hindi? (पढ़ें: सुनामी की पूरी जानकारी)
      • सुनामी पर प्रबंधन Tsunami Disaster Management in Hindi
    • 4. बाढ़ किसे कहते है? What is Flood in Hindi? (पढ़ें: बाढ़ की पूरी जानकारी)
      • बाढ़ आपदा प्रबंधन Flood Disaster Management in Hindi
    • 5. चक्रवाती तूफान क्या है? What is Cyclone in Hindi? (पढ़ें: चक्रवात )
      • चक्रवाती तूफान प्रबंधन Cyclone Disaster Management in Hindi
    • 6. अकाल या सूखा पड़ना क्या है? What is Drought in Hindi?
      • सूखे से निपटने के उपाय Drought solutions in Hindi
    • 7. जंगल में आग लगना What is Wildfire in Hindi?
      • जंगल में आग लगने पर प्रबंधन Management in Wildfire in Hindi
    • 8. हिमस्खलन किसे कहते हैं? What is Avalanche in Hindi?
      • हिमस्कलन पर आपदा प्रबंधन Disaster Management in Avalanche in Hindi
    • 9. भूस्खलन किसे कहते हैं? What is Landslide in Hindi?
      • भूस्खलन होने पर प्रबंधन Disaster Management for Landslide in Hindi
    • 10. ज्वालामुखी फटना क्या है? What is Volcano eruption in Hindi?
      • ज्वालामुखी फटने पर आपदा प्रबंधन Disaster management in Volcano eruption in Hindi
    • 11. महामारी किसे कहते है? What is Epidemic in Hindi?
      • महामारी फैलने पर आपदा प्रबंधन Epidemic Management tips in Hindi
    • 12. ओलावृष्टि क्या है? What is Hail in Hindi?
    • 13. बादल फटना किसे कहते हैं? What is Cloud Burst in Hindi?
  • निष्कर्ष Conclusion

प्राकृतिक आपदा क्या है? What is Natural Disaster in Hindi?

ऐसी कोई भी प्राकृतिक घटना जिससे मनुष्य के जीवन या सामग्री को हानि पहुंचे प्राकृतिक आपदा कहलाता है। सदियों से प्राकृतिक आपदायें मनुष्य के अस्तित्व के लिए चुनौती रही है।

जंगलो में आग, बाढ़, हिमस्खलन, भूस्खलन, भूकम्प, ज्वालामुखी, सुनामी, चक्रवाती तूफ़ान, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदायें बार-बार मनुष्य को चेतावनी देती है। वर्तमान में हम प्राकृतिक संसाधनो का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है।

ये मनुष्य के मनमानी का ही नतीजा है। इन आपदाओं को ‘ईश्वर का प्रकोप या गुस्सा‘ भी कहा जाता है। आज मनुष्य अपने निजी स्वार्थ के लिए वनों, जंगलो, मैदानों, पहाड़ो, खनिज पदार्थो का अंधाधुंध दोहन कर रहा है। उसी के परिणाम स्वरुप प्राकृतिक आपदायें दिन ब दिन बढ़ने लगी है।

हमे सावधानीपूर्वक प्राकृतिक संसाधनो का इस्तेमाल करना चाहिये। ऐसी आपदाओं के कारण भारी मात्रा में जान-माल की हानि होती है।

अगर हम भारत और आस पास के कुछ बड़े प्राकृतिक आपदाओं की बात ही करें तो –

  • 1999 में ओड़िसा में महाचक्रवात आया जिसमे 10 हजार से अधिक लोग मारे गये।
  • 2001 का गुजरात भूकंप कोई नही भूल सकता है। इसमें 20 हजार से अधिक लोग मारे गये। यह भूकंप 26 जनवरी 2001 में आया था। इसमें अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, गांधीनगर, कच्छ, जामनगर जैसे जिले पूरी तरह नष्ट हो गये।
  • 2004 में हिन्द महासागर में सुनामी आ गयी। इसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, श्रीलंका, इंडोनेशिया, दक्षिण भारत प्रभावित हुए। इसमें 2 लाख से अधिक लोगो की जान चली गयी।
  • 2014 में जम्मू कश्मीर में भीषण बाढ़ आई जिसमे 500 से अधिक लोग मारे गये।

प्राकृतिक आपदाओं के कई प्रकार हैं –

  1. जंगलो में आग
  2. आंधी
  3. बाढ़ और मूसलाधार बारिश
  4. बिजली गिरना,
  5. सूखा (अकाल)
  6. महामारी
  7. हिमस्खलन, भूखलन
  8. भूकम्प
  9. ज्वालामुखी
  10. सुनामी
  11. चक्रवाती तूफ़ान
  12. बादल फटना (क्लाउड ब‌र्स्ट)
  13. ओलावृष्टि
  14. हीट वेव

इस तरह की आपदायें कुछ समय के लिए आती है पर बड़ी मात्रा में नुकसान करती है। सभी मकानों, परिसरों, शहरो को नष्ट कर देती है और बड़ी मात्रा में जान-माल का नुकसान होता है। हर कोई इनके सामने बौना साबित होता है। निचे हमने इन सभी प्राकृतिक आपदाओं के विषय में विस्तार में बताया है।

प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi (विडियो)

प्राकृतिक आपदाओं का पर्यावरण पर प्रभाव Effect of Natural Disaster on Environment in Hindi

प्राकृतिक आपदा अपने साथ बहुत सारा विनाश लेकर आती है। इससे धन-जन का भारी नुकसान होता है। मकान, घर, इमारते, पुल, सड़के टूट जाती है। करोड़ो रुपये का नुकसान हो जाता है।

रेल, सड़क, हवाईमार्ग बाधित हो जाता है। वन्य जीव नष्ट हो जाते है, वातावरण प्रदूषित हो जाता है। वन नष्ट हो जाते है, परिस्तिथिकी तंत्र को नुकसान पहुचता है। जिस शहर, देश में भूकंप, बाढ़, सुनामी, तूफ़ान, भूस्खलन जैसी आपदा आती है वहां पर सब कुछ नष्ट हो जाता है।

लाखो लोग बेघर हो जाते हैं। फोन सम्पर्क टूट जाता है। जलवायु परिवर्तित हो जाती है। लाखो लोग अचानक से काल के गाल में समा जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हमेशा अपने पीछे भयंकर विनाश छोड़ जाती है। शहर को दोबारा बनाने में फिर से संघर्ष करना पड़ता है।

करोड़ो रुपये फिर से खर्च करने पड़ते है। बाढ़, मूसलाधार बारिश, ओलावृष्टि जैसी आपदा सभी फसलों को नष्ट कर देती है जिससे देश में अनाज की कमी हो जाती है। लोग भुखमरी का शिकार हो जाते हैं। सूखा, महामारी जैसी प्राकृतिक आपदा आने से पूरे प्रदेश में बीमारी फ़ैल जाती है जिससे हजारो लोग मौत का शिकार बन जाते हैं।

1992-93 में इथोपिया में भयंकर सूखा पड़ा जिसमे 30 लाख से अधिक लोगो की मृत्यु हो गयी। आज भी हर साल हमारे देश में राजस्थान, गुजरात, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, मध्यप्रदेश में सूखा पड़ता रहता है।

प्राकृतिक आपदाओं के प्रकार और उनका आपदा प्रबंधन Types of Natural Disasters in Hindi with Management

अब आईये आपको हम एक-एक करके विस्तार में सभी प्राकृतिक आपदा के प्रकार और प्रबंधन के विषय में बताते हैं-

1. भूकंप किसे कहते हैं? What is Earthquake in Hindi? (पढ़ें: भूकंप की पूरी जानकारी)

पृथ्वी की सतह के अचानक हिलने को भूकंप या भूचाल कहते है। इसमें धरती में दरारें पड़ जाती है और तेज झटके लगते है। भूकंप आने से घर, मकान, इमारतें, पुल, सड़के सब टूट जाते है। इमारतों में दबने से हजारो लाखो लोगो की मौत हो जाती है।

पृथ्वी के अंदर की प्लेटो में हलचल और टकराने की वजह से भूकंप आते है। 26 जनवरी 2001 में गुजरात में विनाशकारी भूकंप आया था। इसमें 20000 से अधिक लोगो की जान चली गयी थी। अप्रैल 2015 में नेपाल में विनाशकारी भूकंप आया था जिसमे 8000 से अधिक लोग मारे गये। 2000 से अधिक लोग घायल हुए।

भूकंप प्रबंधन Earthquake management in Hindi

  1. भूकंप आने पर इमारत, बिल्डिंग, मकान, ऑफिस से फ़ौरन बाहर खुले में आ जायें।
  2. किसी भी इमारत के पास न खड़े हों।
  3. किसी मेज के नीचे छिप जायें।
  4. भूकंप के समय लिफ्ट का प्रयोग न करें। सीढ़ियों से नीचे उतरें।
  5. जब तक भूकंप के झटके लगते रहे बाहर खुले स्थान में बैठे रहे।
  6. अगर कार मे है तो किसी खुली जगह पर कार पार्क कर दें। कार से बाहर निकल आयें।

2. बिजली गिरना क्या है? What is Lightening in Hindi?

बिजली बारिश के मौसम में आसमान से जमीन पर गिरती है। हर साल विश्व में 24000 लोग आसमानी बिजली गिरने से मौत के शिकार हो जाते है। आसमान में विपरीत दिशा में जाते हुए बादल जब आपस में टकराते है तो घर्षण पैदा होता है।

इससे ही बिजली पैदा होती है जो जमीन पर गिरती है। चूँकि आसमान में किसी तरह का कोई कंडक्टर नही होता है इसलिए बिजली कंडक्टर की तलाश करते करते जमीन पर पहुच जाती है। बारिश के मौसम में बिजली के खम्भों के पास नही खड़े होना चाहिये। मूसलाधार बारिश होने पर बिजली गिरना आम बात है। हर साल सैकड़ो लोग बिजली गिरने से मर जाते है।

बिजली गिरने पर प्रबंधन Lightening Management in Hindi

  1. जब भी मौसम खराब हो, आसमान में बिजली चमक रही हो कभी भी किसी पेड़ के नीचे न खड़े हो और कम से कम 5-6 मीटर दूर रहें। बिजली के खम्बो से दूर रहे।
  2. धातु की वस्तुओं से दुरी बनाये रहे। बिजली के उपकरणों से दूर रहे। मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें।
  3. पहाड़ी की चोटी पर खड़े न हो।
  4. पानी में न नहाये। ऐसा करके आप बिजली से बच सकते हैं।
  5. बिजली गिरते समय अगर आपके आस पास कोई छुपने की जगह ना हो तो किसी गड्ढे जैसी जगह पर घुस कर चुप जाएँ या सर को नीचे करके, घुटनों को मोड़कर पंजों के सहारे नीचे बैठ जाएँ, और अपने दोनों पैर के एडियों को जोड़ें और कानों को उन्ग्लिओं से बंद कर दें।

3. सुनामी किसे कहते हैं? What is Tsunami in Hindi? (पढ़ें: सुनामी की पूरी जानकारी)

सुनामी की परिभाषा है “बन्दरगाह की तरंगे” समुद्र तल में हलचल, भूकंप, दरार, विस्थापन, प्लेट्स हिलने के कारण सुनामी की बेहद खतरनाक तरंगे उत्पन्न होती है। इस लहरों की गति 400 किमी/ घंटा तक हो सकती है। लहरों की उंचाई 15 मीटर से भी अधिक हो सकती है। सुनामी के कारण भारी धन-जन हानि होती है।

आसपास के क्षेत्रो, समुद्रतट, बंदरगाह, मानव बस्तियों को ये नष्ट कर देती है। 26 दिसम्बर 2004 को हिन्द महासागर में सुनामी आने से 11 देशो में 2.8 लाख लोग मारे गये। 10 लाख से अधिक लोग बेघर हो गये। करोड़ो रुपये का नुकसान हुआ। इस सुनामी में भारत का दक्षिणी छोर “इंदिरा पॉइंट” नष्ट हो गया।

सुनामी पर प्रबंधन Tsunami Disaster Management in Hindi

  1. सुनामी से बचाव के लिए एक जीवन रक्षा किट बना लें। इसमें खाना, पानी, फोन, दवाइयां, प्राथमिक उपचार किट रखे।
  2. सुनामी आने से पहले अपने स्थान से बाहर निकलने की ड्रिल एक दो बार कर लें। आपके पास एक अच्छा रास्ता होना चाहिये जिससे आप फ़ौरन उस स्थान से सुरक्षित स्थान पर जा सकें।
  3. आपके पास शहर का एक नक्शा होना चाहिये क्यूंकि सुनामी आने पर हजारो की संख्या में लोग शहर से बाहर जाने लगते है।
  4. सरकारी चेतावनी, मौसम विभाग की चेतावनी को आप ध्यानपूर्वक सुनते रहे। जादातर सुनामी भूकंप के बाद आती है।
  5. यदि पशु अजीब व्यवहार करे, पक्षी स्थान छोड़कर जाने लगे तो ये सुनामी का संकेत हो सकता है।
  6. सुनामी आने से पहले समुद्र का पानी कई मीटर पीछे चला जाता है, इस बात पर भी ध्यान देना बहुत आवश्यक है।
  7. सुनामी से बचने के लिए समुद्र तट से दूर किसी स्थान पर चले जाएँ।

4. बाढ़ किसे कहते है? What is Flood in Hindi? (पढ़ें: बाढ़ की पूरी जानकारी)

किसी स्थान पर जब अचानक से ढेर सारी बारिश हो जाती है तो पानी जगह जगह भर जाता है। ऐसी स्तिथि में सड़के, रास्ते, खेत, नदी, नाले सभी भर जाते है। जीवन अवरुद्ध हो जाता है। इसी स्तिथि को बाढ़ कहते है। बारिश का यह पानी बहता रहता है।

बाढ़ आने पर निचले भागो में रहने वाले लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाते है। फसलों को बहुत नुकसान होता है। अधिक बाढ़ आ जाने से पशु-पक्षी पानी में डूबकर मर जाते है। लोगो का जीना मुश्किल हो जाता है। 2005 में मुंबई में भयानक बाढ़ आ गयी जिसमे 5000 लोग मारे गये। इसमें मुंबई शहर को पूरी तरह से रोक दिया था।

बाढ़ आपदा प्रबंधन Flood Disaster Management in Hindi

  1. बाढ़ से बचने के लिए किसी ऊँची सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिये जहाँ पानी न हो।
  2. अपने साथ में खाने-पीने का जरूरी सामान, दवाइयां, टोर्च, पीने का पानी, रस्सी, चाक़ू, फोन जैसा जरूरी सामान ले लें।
  3. बाढ़ में घर का बिजली का मेंन स्विच बंद कर दें।
  4. घर की कीमती वस्तुएं, कीमती कागजात को उपर वाली मंजिल में रख दें।
  5. बहते बाढ़ के पानी में न चले। इससे आप बह सकते हैं।
  6. गिरे हुए बिजली के तार से दूर रहे। आपको करेंट लग सकता है।

5. चक्रवाती तूफान क्या है? What is Cyclone in Hindi? (पढ़ें: चक्रवात )

हमारे देश में चक्रवात प्रायः बंगाल की खाड़ी में आते हैं। ये समुद्र की सतह पर निम्न वायु दाब के कारण उत्पन्न होते है। तेज हवायें बारिश के साथ गोलाकार रूप में दौड़ती है जो समुद्रतट पर जाकर भयंकर विनाश करती है।

यह रफ्तार के अनुसार श्रेणी 1 से लेकर श्रेणी 5 तक होते है। इनकी गति 280 किमी/ घंटा से अधिक हो सकती है। देश में 1839 में कोरिंगा चक्रवात आया था जिसमे 20000 से अधिक लोगो की मौत हो गयी। 1999 में ओड़िसा में 05B नाम का चक्रवात आया था जिसमे 15000 से अधिक लोग मारे गये थे।

चक्रवाती तूफान प्रबंधन Cyclone Disaster Management in Hindi

  1. आंधी, तूफ़ान, चक्रवातीय तूफ़ान आने पर घर में ही रहना चाहिये। घर से बाहर नही निकलना चाहिये।
  2. सभी खिड़की दरवाजे बंद कर लेना चाहिये। पक्के मकान में ही रहना चाहिये।
  3. आंधी-तूफ़ान आने पर बिजली चली जाती है। इसलिए अपने पास बैटरी, टोर्च, ईधन, फोन, लालटेन, माचिस, खाना, पीने का पानी पहले से रखे।
  4. प्राथमिक उपचार किट भी अपने पास रखे। स्थानीय रेडियो का प्रसारण सुनते रहे।

6. अकाल या सूखा पड़ना क्या है? What is Drought in Hindi?

सूखा में किसी स्थान पर कई महीनो, सालों तक कोई वर्षा नही होती है, जिसके कारण भूजल का स्तर गिर जाता है। इससे कृषि बुरी तरह प्रभावित होती है। पालतु पशुओ, पक्षियों, मनुष्यों के लिए पेयजल का संकट हो जाता है जिसके कारण पशु, जानवर, मनुष्य मर जाते है। सूखा के कारण कुपोषण, भुखमरी, महामारी जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है।

सूखा के कारण उस स्थान पर किसी फसल की खेती नही हो पाती है। यह 3 प्रकार का होता है- मौसमीय सूखा, जलीय सूखा, कृषि सम्बन्धी सूखा। कई महीनों तक वर्षा नही होने से, भूजल का अत्यधिक दोहन, वनों की कटाई, जल चक्र का नष्ट होना, पहाड़ियों पर अत्यधिक खनन पेड़ो की अत्यधिक कटान ये सब कारण सूखा पड़ने के लिए उत्तरदाई है।

सूखे से निपटने के उपाय Drought solutions in Hindi

  1. सूखे की समस्या से निपटने के लिए वर्षा के जल का संरक्षण टैंको और प्राकृतिक जलाशयों में करना चाहिये।
  2. सागर जल अलवणीकरण किया जाना चाहिए जिससे समुद्र के जल को सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
  3. अशुद्ध जल को पुनः शुद्ध करना चाहिये। अपशिष्ट जल का प्रयोग घर की सफाई, सब्जियाँ धोने, बगीचे को पानी देने, कार, वाहन सफाई में कर सकते है।
  4. बादलो की सीडिंग करके अधिक वर्षा प्राप्त की जा सकती है।
  5. सूखा की समस्या से बचने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिये।
  6. जिन क्षेत्रो में सूखा की समस्या रहती है वहां लोगो को सीमित मात्रा में पानी इस्तेमाल करना चाहिये।
  7. ऐसे क्षेत्रो में अधिक पानी का दोहन करने वाली फैक्ट्री, उद्योगों को बंद करना चाहिये।

7. जंगल में आग लगना What is Wildfire in Hindi?

गर्मियों के मौसम में अक्सर जंगलो में आग लग जाती है। इसके पीछे मानवीय और प्राकृतिक कारण जिम्मेदार होते हैं। कई बार मजदूर घास, पत्तियों में आग लगाकर छोड़ देते है जिससे आग पूरे जंगल में फ़ैल जाती है।

कई बार सूरज की गर्म किरणों से सूखी पत्तियों में आग लग जाती है। उतराखंड राज्य में चीड़ के जंगलो में अक्सर आग लगती रहती है।

जंगल में आग लगने पर प्रबंधन Management in Wildfire in Hindi

  1. जंगल में आग लगने पर वन विभाग के कर्मचारियों को तुरंत सूचित करना चाहिये।
  2. जंगल की आग बुझाना अत्यंत कठिन काम है। इसे अधिक स्टाफ और आधुनिक उपकरणों की सहायता से बुझाया जा सकता है।
  3. हेलीकाप्टर के जरिये पानी का छिड़काव करके जंगल की आग बुझाई जा सकती है।
  4. जंगल में आग लगने पर फौरन पुलिस को फोन करना चाहिये।
  5. हानिकारक धुवें से बचने के लिए अपने मुंह पर कपड़ा बाँध लेना चाहिये।
  6. किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिये।
  7. जंगल के किनारे स्तिथ घर को खाली कर देना चाहिये। फायर फाइटर को फोन करना चाहिये।

8. हिमस्खलन किसे कहते हैं? What is Avalanche in Hindi?

पहाड़ो पर हिम (बर्फ), मलवा, चट्टान, पेड़ पौधे आदि के अचानक खिसकने की घटना को हिमस्खलन कहते हैं। बर्फ से ढके पहाड़ो पर इस तरह की प्राकृतिक आपदा जादा होती है। यह बहुत विनाशकारी होता है। अपने मार्ग में आने पर घर, मकानों, पेड़ पौधों को तोड़ देता है।

इसमें दबकर हर साल हजारो लोगो की जान चली जाती है। यह सड़को, पुलों, राजमार्गो को तबाह कर देता है। पहाड़ो को काटकर सड़के बनाना, मानवीय कार्य, लगातार बारिश, भूकंप, जमीन में कम्पन, अधिक बर्फबारी, डेल्टा में अधिक अवसाद का जमा होना- ये सभी कारणों की वजह से हिमस्खलन होता है।

हिमस्कलन पर आपदा प्रबंधन Disaster Management in Avalanche in Hindi

  1. हिमस्खलन में गिरने वाले बर्फ को रोकने के लिए लोहे के तारो का जाल बनाकर पहाड़ो पर सड़कों की सुरक्षा की जा सकती है।
  2. सोफ्टवेयर द्वारा पहाड़ी जगहों में ऐसे स्थानों का पता लगा सकते हैं जहाँ हिमस्खलन आ सकता है।
  3. पहाड़ो पर अधिक से अधिक पेड़ लगाकर, ढलानों को काटकर चबूतरा बनाकर, मजबूर दीवार बनाकर हिमस्खलन को रोका जा सकता है।

9. भूस्खलन किसे कहते हैं? What is Landslide in Hindi?

यह प्राकृतिक आपदा भूवैज्ञानिक घटना है। भूस्खलन के अंतर्गत पहाड़ी, पत्थर, चट्टान, जमीन खिसकना, ढहना, गिरना, मिटटी बहना जैसी घटनाये होती है। यह छोटी से बड़ी मात्रा में हो सकता है। छोटे भूस्खलन में छोटे-छोटे पत्थर नीचे की तरफ गिरते है।

बड़े भूस्खलन में पूरी की पूरी पहाड़ी ही नीचे गिर जाती है। इससे जान-मान, धन-जन की हानि होती है। यह भारी बारिश, भूकंप, धरातलीय हलचल, मानवीय कार्यों जैसे पहाड़ो पर पेड़ो की कटाई, चट्टानों को काटकर सड़क, घर बनाने, पानी के पाइपों में रिसाव से होता है।

भूस्खलन होने पर प्रबंधन Disaster Management for Landslide in Hindi

  1. भूस्खलन होने पर फ़ौरन उस स्थान से निकल जाना चाहिये।
  2. अपने साथ में एक सेफ्टी किट रखनी चाहिये जिसमे जरूरी सामान, फर्स्ट ऐड बोक्स, पीने का पानी हो।
  3. रेडिओ, टीवी पर मौसम की जानकारी लेते रहे।
  4. अगर आपका घर भूस्खलन के क्षेत्र में है तो जादा से जादा पेड़ चारो तरफ लगाइये। पेड़ पहाड़ो को बांधे रखते है।
  5. अपने घर के आस पास की जगह की नियमित जांच करते रहिये।
  6. जिस स्थान पर उपर से चट्टान गिरने का खतरा हो वहां से दूर रहे।
  7. हेलिकॉप्टर या बचाव दल का फोन नम्बर हमेशा अपने पास रखे।

10. ज्वालामुखी फटना क्या है? What is Volcano eruption in Hindi?

ज्वालामुखी में पृथ्वी के भीतर से गर्म लावा, राख, गैस का तीव्र विस्फोट होता है। यह प्रकिया धीरे भी हो सकती है और तीव्र भी। यह प्राकृतिक आपदा 3 प्रकार का होता है- सक्रीय ज्वालामुखी, प्रसुप्त ज्वालामुखी, मृत ज्वालामुखी।

इसी वर्ष 2018 में ग्वाटेमाला में ज्वालामुखी विस्फोट होने से 33 लोगो की मौत हो गयी, 20 लोग घायल हुए और 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए। ज्वालामुखी का धुआं बहुत ही हानिकारक होता है। विस्फोट होने पर यह 100 किमी से अधिक के दायरे में आकाश में फ़ैल जाता है जिसके कारण हवाई जहाजो की उड़ाने रद्द करनी पड़ती है।

ज्वालामुखी फटने पर आपदा प्रबंधन Disaster management in Volcano eruption in Hindi

  1. ज्वालामुखी फटने पर फ़ौरन घर का कीमती सामान अपने साथ लेकर सुरक्षित स्थान पर चले जायें।
  2. अपने पालतु पशुओं को भी साथ ले जायें।
  3. मौसम विभाग, स्थानीय रेडियो प्रसारण को सुनते रहे जिससे आपको नई जानकारी मिलती रहे।
  4. स्थानीय मार्गो का एक नक्शा अपने पास रखे।
  5. साथ में एक जीवन रक्षा किट भी साथ रखे जिसमे दवाइयाँ, टोर्च, पीने का पानी, अन्य सामान हो। अपने मित्रो और परिवार के साथ में रहे (अकेले न रहे)।
  6. बचाव दल का नम्बर अपने पास रखे।
  7. ज्वालामुखी राख से अपनी कारो, मशीनों को बचाने के लिए प्लास्टिक के कवर से ढंक दें।

11. महामारी किसे कहते है? What is Epidemic in Hindi?

किसी क्षेत्र विशेष में जब कोई बीमारी बड़े पैमाने पर फ़ैल जाती है तो उसे महामारी कहते हैं। यह संक्रमण के कारण हवा, छूने, पानी के माध्यम से फैलती है। कई बार यह पूरे देश में फ़ैल जाती है। 2009 में पूरे विश्व में एच1एन1 इंफ्लूएंजा (स्वाइन फ्लू) की बिमारी फ़ैल गयी। जल्द ही यह भारत में भी फ़ैल गयी थी। भारत में 2700 लोग स्वाइन फ्लू से मारे गये और 50 हजार से अधिक लोग बीमार हो गये।

वर्ष 2019 में चीन से शुरू हुए नोवेल कोरोना वायरस (nCOVID) की वज़ह से दुनिया भर में लाखों लोग इससे इन्फेक्टेड हो गए। जिसके कारण हजारों लोगों की जान इसमें चहली गयी।

महामारी फैलने पर आपदा प्रबंधन Epidemic Management tips in Hindi

  1. महामारी (संक्रामक रोग) बरसात और ठंडे के मौसम में अधिक होते है। रोगाणु- विषाणु पानी के माध्यम से सबसे जल्दी फैलते है इसलिए साफ़ पानी पीना चाहिये। दस्त, पेचिस, हैजा, मियादी बुखार, पीलिया, पोलियो जैसे रोग अशुद्ध पानी के सेवन से फैलते हैं।
  2. इनसे बचने के लिए ताज़ी कटी सब्जियों, फलों का सेवन करना चाहिये। भोजन करने से पहले हाथो को अच्छी तरह से धोइये। नियमित रूप से नाख़ून कांटे, दाढ़ी और बाल कटवाएं।
  3. रोज साबुन और मलकर नहायें और खाना खाने के बाद-पहले अच्छे से हांथ धोएं।
  4. किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा आने पर शांत रहे। अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकारी आदेशो का पालन करें, अकेले न रहे। अपने परिवार के साथ ही रहे।
  5. अपने पास पुलिस, अस्पताल, अग्निशमन सेवा, एम्बुलेंस, बचाव दल का फोन नम्बर जरुर रखे।
  6. अपने पास एक आपातकालीन किट जरुर रखे। इसमें माचिस,टोर्च, रस्सी, चाक़ू, पानी, टेप, बैटरी से चलने वाला रेडियो रखे।
  7. अपने परिचयपत्र, कागजात, जरूरी कागज अपने पास रखे।

12. ओलावृष्टि क्या है? What is Hail in Hindi?

आसमान में जब बादलो में मौजूद पानी की बुँदे अत्यधिक ठंडी होकर बर्फ के रूप में जमकर जमीन पर गिरती है तो उसे ओलावृष्टि या वर्षण प्राकृतिक आपदा कहते है। इसे आम भाषा में ओला गिरना भी कहा जाता है। यह अक्सर गर्मियों के मौसम में दोपहर के बाद गिरते है। ओलावृष्टि अक्सर तब होती है जब बादलो में गडगडाहट और बिजली बहुत अधिक चमकती है।

ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान किसानो को होता है। अधिक ओलावृष्टि होने से फसलें बर्फ के गोलों से ढँक जाती है और नष्ट हो जाती है। यदि बर्फ के गोले बड़े हो तो मकान, खिड़की, कारो के शीशे तोड़ देते हैं। कुछ महीनो पहले हिमाचल प्रदेश में ओलावृष्टि होने से 2.5 करोड़ का नुकसान हुआ। सेब, नाशपाती की फसलें बर्बाद हो गयी थी।

13. बादल फटना किसे कहते हैं? What is Cloud Burst in Hindi?

इस प्राकृतिक आपदा मेघविस्फोट भी कहते है। जब बादल अधिक मात्रा में पानी लेकर चलते है और उनके मार्ग में कोई बाधा अचानक से आ जाती है तो बादल अचानक से फट जाते हैं। ऐसा होने से उस  स्थान पर करोड़ो लीटर पानी अचानक से गिर जाता है। पानी की विशाल मात्रा मजबूत पक्के मकानों, सडकों, पुलों, इमारतों को ताश के पत्ते की तरह तोड़ देती है।

उतराखंड, केदारनाथ, बद्रीनाथ, जम्मू-कश्मीर, जैसे राज्यों में बादलो के मार्ग में हिमालय पर्वत,पहाड़ियाँ, गर्म हवा आ जाने के कारण बादल फटने की घटनाये होती रहती हैं। 2013 में उतराखंड में बादल फटने से 150 से अधिक लोग मारे गये। धन-जन की भारी बर्बादी हुई।

निष्कर्ष Conclusion

आज के लेख में हमने आपको विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के बारे में जानकारी दी है। इससे बचने के उपाय अपनाकर आप भी इस आपदाओं से बच सकते हैं। आशा करते हैं आपको यह लेख प्राकृतिक आपदा पर निबंध Essay on Natural Disasters in Hindi अच्छा लगा होगा।

पढ़ें: पर्यावरण संरक्षण पर जबरदस्त नारे

Filed Under: Educational, Essay Tagged With: प्राकृतिक आपदा पर निबंध, बाढ़ से कैसे बचें, शीत ऋतू निबंध

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. alok Kumar says

    November 17, 2018 at 6:55 pm

    mast guru

    Reply
  2. Rachna says

    December 30, 2018 at 11:22 am

    Bahut Achha lga
    Thanks so much

    Reply
    • Reena gupta says

      May 23, 2020 at 8:37 pm

      आपका लेख मेरे school के reference के लिए काफ़ी उपयोगी सिद्ध हुआ। बहुत बहुत धन्यवाद

      Reply
  3. Janvi says

    January 7, 2019 at 1:11 pm

    Nice I like it

    Reply
  4. Jatin says

    February 13, 2019 at 10:59 pm

    Fabulous

    Reply
  5. Akash maurya says

    April 17, 2019 at 4:58 pm

    Thik hai

    Reply
  6. Harsh Sharma says

    May 29, 2019 at 7:40 am

    Its good for learning and understanding

    Reply
  7. yogi rana says

    July 30, 2019 at 6:23 pm

    Very nice information

    Reply
  8. Sneha Rathore says

    September 8, 2019 at 4:45 pm

    Its good for reading

    Reply
  9. ananya lakshmy says

    September 15, 2019 at 10:58 am

    thank you..

    Reply
  10. anju says

    September 20, 2019 at 4:44 am

    Very nice essay writing for students

    Reply
  11. Karuna says

    November 21, 2019 at 7:27 pm

    Very nice

    Reply
  12. Ashley says

    November 27, 2019 at 6:28 pm

    This really helped me to do my project. Thanks so much ❤️

    Reply
  13. Komal says

    January 2, 2020 at 8:39 pm

    I never read such a big essay like this….as I searched and clicked on it I got a perfect essay to write on…otherwise I have to search the same topic a lot lot and a lot….I was really shocked when I saw your excellent essay. Keep on writing….I appreciate you and your hard work. 🙂

    Reply
  14. Pranjal Gupta says

    January 3, 2020 at 7:36 pm

    Very nice

    Reply
  15. Arun Rathore says

    January 20, 2020 at 3:06 pm

    That’s good information for me. I like this and it has practical file and essay on natural.

    Reply
  16. Sahebrao Baban Pokharkar says

    May 13, 2020 at 12:05 pm

    This is very understanding essay.

    Reply
  17. Aditi says

    June 4, 2020 at 10:37 am

    Literally it’s an amazing essay with lots of precautions as well as knowledge..keep writing essays with many points
    ……deep appreciation from my heart to ur essay and hard work

    Reply
  18. Mujtaba karim says

    July 8, 2020 at 8:36 pm

    Thanks! Its language is easier and it’shelp me to complete my project

    Reply
  19. Tanisha Shaw says

    August 30, 2020 at 11:08 am

    Thank u so much
    This website helps me a lot to complete my project.
    And it’s language is also
    so simple.

    Reply
  20. Kartikey Tripathi says

    October 23, 2020 at 3:08 pm

    बहुत अच्छा लगा।
    इसके लिए आपका धन्यवाद।

    Reply
  21. Vishnukumarjasawat says

    January 9, 2021 at 12:44 pm

    Thank u for help me this is very helpful for me Essay

    Reply
  22. Anonymous says

    February 26, 2022 at 4:42 pm

    Very excellent, helped me writing my project a lot

    Reply
  23. Anonymous says

    July 27, 2022 at 9:33 pm

    thank you brother or sister

    Reply
  24. JSS Private School says

    August 22, 2022 at 9:37 pm

    This essay has gone for our school recommendation in the Hindi holiday homework

    Reply

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