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Home » Essay » पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

Last Modified: January 19, 2023 by बिजय कुमार 35 Comments

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

इस लेख में हिंदी में पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution in Hindi) को सरल शब्दों में लिखा गया है। इसमें पर्यावरण प्रदूषण क्या है, प्रदूषण के कारण, इसके कुल प्रकार, प्रभाव तथा पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

यह निबंध स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए हमने लिखा है। इसमें हमने –

  • प्रदुषण क्या है?
  • इसके कितने प्रकार हैं?
  • प्रदुषण के स्रोत और कारण क्या-क्या हैं?
  • इसके बुरे प्रभाव क्या हैं?
  • और पर्यावरण प्रदुषण के समाधान के विषय में बताया है

Table of Content

Toggle
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi
  • पर्यावरण प्रदूषण क्या है? What is Environmental Pollution in Hindi?
  • पर्यावरण प्रदूषण के कारण Causes of Environmental Pollution in Hindi
    • जंगलों का दोहन Destruction of Forests
    • परिवहन साधनों में वृद्धि Increased in Vehicles and Transportation
    • प्राकृतिक संसाधन का शोषण Exploitation of Natural Resources
    • जनसंख्या वृद्धि Increased Population
    • आधुनिक तकनीकें Advanced Technology
    • लोगों में जागरूकता का अभाव Lack of Awareness in Peoples
  • पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार Type of Environmental Pollution in Hindi
    • वायु प्रदूषण (Air pollution)
    • जल प्रदूषण (Water pollution)
    • भूमि प्रदूषण (Land pollution)
    • ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution)
    • प्रकाश प्रदूषण (Light pollution)
  • पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव Effect of Environmental Pollution in Hindi
  • पर्यावरण प्रदूषण : 10 नियंत्रण एवं उपाय How To Control Pollution in Hindi?
  • निष्कर्ष Conclusion

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi

सभी कक्षा के बच्चे इस प्रदुषण पर निबंध (Essay on Pollution) लेख को अपने अनुसार लघु और लंबा बना कर लिख सकते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध Essay on Environmental Pollution in Hindi विडियो

पर्यावरण प्रदूषण क्या है? What is Environmental Pollution in Hindi?

पर्यावरण प्रदूषण (Environmental pollution) का अर्थ होता है पर्यावरण का विनाश। यानि की ऐसे माध्यम जिनके कारण हमारा पर्यावरण दूषित होता है। इसके प्रभाव से मनुष्य और प्राकृतिक दुनिया को ना भुगतना पड़े उससे पहले हमें इसके विषय में जानना और समझना होगा।

मुख्य प्रकार के पर्यावरण प्रदूषण हैं – वायु प्रदुषण, जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, ऊष्मीय प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण और प्रकाश प्रदूषण।

पर्यावरण वह आवरण होता है, जिसमें समस्त सजीव सृष्टि निवास करती है। पर्यावरण को दूषित करने के परिपेक्ष में प्रदूषण शब्द प्रयोग किया जाता है। 

प्रदूषण  प्रकृति को क्षति पहुंचाने वाला वह दोष है, जिसके वजह से पृथ्वी का संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण में होने वाले अवांछनीय बदलाव जिससे प्रकृति सहित समस्त जीवों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, उसे प्रदूषण कहते हैं।

सजीवों के विकास के लिए पर्यावरण का शुद्ध और संतुलित बने रहना बहुत जरूरी होता है। लेकिन ऐसे कारकों की सूची दिन-ब-दिन लंबी होती जा रही है, जो पर्यावरण प्रदूषण को फलने में मदद कर रहे हैं। 

विभिन्न कारणों की वजह से प्रदूषण अपना स्तर बढ़ा रहा है, जिससे पूरे विश्व को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण के कारण Causes of Environmental Pollution in Hindi

जंगलों का दोहन Destruction of Forests

घने जंगलों को काट कर मानव बस्ती से कुछ दूरी पर जो बड़े-बड़े कारखाने बनाए जाते हैं, उनसे निकलने वाले जहरीले धुएं और गंदा पानी भी प्रदूषण को बढ़ाने में उतना ही जिम्मेदार है। 

जिस प्रकृति ने अब तक हमें जीवंत रखा है, उसी को नष्ट करने के लिए हम सभी बेहद उत्साह के साथ आगे बढ़े जा रहे हैं जिससे एकाएक जंगलों का अंधाधुन दोहन हो रहा है।

परिवहन साधनों में वृद्धि Increased in Vehicles and Transportation

अभी की तुलना कुछ दशकों पहले से की जाए तब तक सड़कों पर परिवहन साधनों की कमी थी, लेकिन शुद्ध वातावरण भरपूर था। 

आज बिल्कुल विपरीत हो रहा है, जहां अब सड़कों पर लोगों की जगह जहरीली गैसे छोड़ने वाली और पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित करने वाली परिवहन का संचालन हो रहा है।

प्राकृतिक संसाधन का शोषण Exploitation of Natural Resources

इंसान अपने स्वार्थ के लिए क्या-क्या नहीं करता है। प्रकृति के अनमोल छुपे हुए भंडार को खोज कर उसे गलत तरीके से उपयोग किया जा रहा है। 

प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुन शोषण के वजह से आने वाली पीढ़ियों के लिए इस खजाने का बना रहना बेहद कठिन नजर आ रहा है। 

जनसंख्या वृद्धि Increased Population

जनसंख्या वृद्धि को भी प्रदूषण वृद्धि में योगदान देने के लिए एक कारण माना जा सकता है। पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं के अलावा यह बहुत सारे अन्य समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार है। 

आखिर प्रदूषण को फैलाने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान तो मानव द्वारा ही दिया जा रहा है। प्रतिदिन जनसंख्या में होने वाली वृद्धि हमें एक नई समस्या की ओर ले जा रही है।

आधुनिक तकनीकें Advanced Technology

प्रदूषण का स्तर बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकें भी जिम्मेदार है। विकास के नाम पर होने वाली प्रगति जिसे प्रौद्योगिकी करण के नाम से जाना जाता है, इसके विपरीत पक्ष में होने वाले कुछ नकारात्मक प्रभाव के कारण भी प्रदूषण में वृद्धि होती है। 

इसके अलावा इंसानों द्वारा विकसित किए गए तमाम तकनीकों के वजह से कहीं ना कहीं प्रकृति को क्षति पहुंचती है।

लोगों में जागरूकता का अभाव Lack of Awareness in Peoples

घनी जनसंख्या जहां ज्यादातर प्रतिशत गरीबी, बेरोजगारी, असाक्षरता इत्यादि से भरी पड़ी है, वे पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण के दुष्प्रभाव से पूरी तरह वाकिफ नहीं है। 

यह कहना गलत नहीं होगा कि लोगों का स्वार्थ एक दिन सभी को ले डूबेगा। प्रकृति के प्रति कोई भी जागरूक होने में अधिक रूचि नहीं ले रहा, जोकि पर्यावरण प्रदूषण को अनदेखा करने जैसा हो रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार Type of Environmental Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण (Air pollution)

वायुमंडल में समाहित ऐसे अवांछनीय रज कण और हानिकारक गैसे जो प्रकृति सहित सभी जीवों के लिए घातक है, ऐसा प्रदूषण वायु प्रदूषण कहलाता है। 

यही वायु ऑक्सीजन के तौर पर लोगों के शरीर में प्रवेश करता है और तरह-तरह की बीमारियों को उजागर करता है। वायु प्रदूषण पृथ्वी के तापमान को बुरी तरह से असंतुलित करने के लिए जिम्मेदार है। 

वायु प्रदूषण के चरम सीमा की भयानक कल्पना आने वाले कुछ दशकों के अंदर ही शायद सच में बदल सकता है। आणविक संयंत्र, वाहनों, औद्योगिक इकाइयों इत्यादि विभिन्न अन्य कारणों के परिणाम स्वरूप वायु प्रदूषण फैलता है। 

इसके अलावा यदि प्राकृतिक रूप से देखा जाए, तो कई बार ज्वालामुखी विस्फोट होने के कारण भी इससे जहरीली धुएं सीधे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।

जल प्रदूषण (Water pollution)

ऐसे अवांछनीय और घातक तत्व जो पानी में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं, यह जल प्रदूषण कहलाता है। जल प्रदूषण के परिणाम स्वरूप पानी से उत्पन्न होने वाली बीमारियां लोगों के स्वास्थ्य के समक्ष एक बड़ी परेशानी बन जाती हैं। 

इससे पीलिया, गैस्ट्रिक, टाइफाइड, हैजा, इत्यादि जैसी बीमारियां इंसानों और पशु पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। प्रदूषित जल से सिंचाई करने के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में भी भारी गिरावट आई है।

उद्योगों और बड़े-बड़े कारखानों इत्यादि से निकलने वाले रासायनिक पदार्थों के कारण भी जल प्रदूषण भारी मात्रा में उत्पन्न होता है। जल प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के कारण पीने योग्य स्वच्छ पानी की भी समस्या साफ़ देखी जा सकती है। 

हम इस तरह से जल प्रदूषण के जंजाल में फस चुके हैं, कि वातावरण में चारों तरफ फैली ज़हरीली वायु एसिड वर्षा के रूप में जमीन की गहराइयों तक जाकर प्रत्येक चीज को प्रदूषित कर रही है।

भूमि प्रदूषण (Land pollution)

ऐसे अवांछित और जहरीले पदार्थ जिन्हें जमीन में विसर्जित कर दिया जाता है, लेकिन यह कुछ ही समय के अंदर जमीन की गुणवत्ता को घटाकर प्रदूषण का रूप ले लेती है। 

जमीन या मिट्टी में होने वाले इसी प्रदूषण को भूमि प्रदूषण कहा जाता है। भूमि प्रदूषण के परिणाम स्वरूप कृषि योग्य उपजाऊं जमीने भी इसके प्रकोप से अछूत नहीं रही हैं। अतः ऐसे ही प्रदूषित भूमि पर उपजे अनाज लोगों का स्वास्थ्य खराब कर देते हैं।

कई बार जमीन में दफन किए गए अवशिष्ट इकाइयां पूरी तरह से नष्ट नहीं होते हैं, जिसके कारण यह जमीन में सड़कर भूमि को प्रदूषित करते हैं। अक्सर भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी भूमि प्रदूषण का प्रभाव इसमें देखा जाता है।

ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution)

ऐसी अनियंत्रित और प्रदूषक ध्वनियां जो किसी भी प्रकार से प्रकृति या सजीवों को हानि पहुंचाती हैं, यह ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। ध्वनि प्रदूषण को डेसीबल इकाई में मापा जाता है। 

ध्वनि प्रदूषण ऐसा प्रदूषण है, जिसका प्रभाव तुरंत देखा जा सकता है। श्रवण शक्ति से अधिक ऊंची आवाज में कोई भी ध्वनी श्रवण शक्ति को धीरे-धीरे कमजोर करती है, जिससे कई मनोवैज्ञानिक रोग और अन्य स्वाभाविक बीमारियां उत्पन्न होती है।

सड़कों पर दौड़ने वाली अनियंत्रित वाहनों के इंजन और आवाजों के अलावा औद्योगिक क्षेत्रों से भी ध्वनि प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न होता है। इसके अलावा अलग-अलग उत्सव या कार्यक्रमों में बजने वाले तेज आवाज में लाउडस्पीकर के कारण भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।

प्रकाश प्रदूषण (Light pollution)

प्रकाश प्रदूषण भी अब हमारे सामने एक विकट समस्या बन चुकी है। बिजली की बढ़ती खपत और जरूरत के समय इसकी अनुपलब्धता प्रकाश प्रदूषण का श्रेष्ठ उदाहरण है। 

इसके अलावा प्रकाश प्रदूषण के वजह से हर साल सड़कों पर हजारों की संख्या में एक्सीडेंट हो जाता है। कम उम्र में ही लोगों को कम दिखाई देना, सिर दर्द की समस्या या अंधापन प्रकाश प्रदूषण के दुष्परिणाम है। 

आवश्यकता से अधिक यदि प्रकाश आंखों पर पड़ता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है।

इसके अलावा मानवीय गतिविधियों के कारण भी प्रकाश प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। आवश्यकता से अधिक बिजली का उपयोग करके हाई वोल्टेज बल्ब के उपयोग के कारण भी प्रदूषण जैसे समस्या उत्पन्न होते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव Effect of Environmental Pollution in Hindi

  • पर्यावरण प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव सभी प्राणियों पर पड़ता है। लोगों की स्वास्थ्य की घटती गुणवत्ता और उम्र के साथ ही नए-नए दुर्लभ बीमारियों का उत्पन्न होना यह प्रदूषण की ही देन है।
  • प्रदुषण के कारण कई प्रकार की बीमारियों से पुरे विश्व भर के लोगों को सहना पड़ रहा है। इनमें से कुछ मुख्य बीमारियाँ और स्वास्थ से जुडी मुश्किलें पैदा हो रही हैं – टाइफाइड, डायरिया, उलटी आना, लीवर में इन्फेक्शन होना, साँस से जुडी दिक्कतें आना, योन शक्ति में कमी आना, थाइरोइड की समस्या, आँखों में जलन, कैंसर, ब्लड प्रेशर, और ध्वनि प्रदुषण के कारण गर्भपात।
  • प्रदूषण के कारण जलवायु भी प्रभावित होता है। पृथ्वी के आवरण की सुरक्षा स्वरूप कवच ओजोन परत भी अब घट रही है, जिसके वजह से वायुमंडल का संतुलन बिगड़ रहा है।
  • आज कई शहरों की ऐसी दशा हो गई है कि प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप के कारण लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं। भारत की राजधानी दिल्ली और अन्य कुछ दूसरे स्थान भी प्रदूषित शहरों का उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां लोग शुद्ध ऑक्सीजन के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
  • इंसानों ने प्रकृति का इतना शोषण कर लिया है, कि आगे की पीढ़ी प्रकृति के गर्भ में छिपे हुए अनमोल खजाने स्वरूप प्राकृतिक संसाधनों का लाभ ले पाएंगे यह कहना मुश्किल है। बढ़ते प्राकृतिक प्रदूषण के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों में कमी में भी बढ़ोतरी हो रही है।
  • आज के समय में जिस तरह नई पीढ़ी का आगमन हो रहा है, वह भी प्रदूषण की चपेट से अछूते नहीं रहे हैं। ऐसे बच्चे जो जन्म से ही अब कुपोषित और नई बीमारियों की मार झेलते हुए बड़े हो रहे हैं, उनकी यह दशा का एक कारण प्रदूषण भी है। इसके अलावा यह लोगों के स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण : 10 नियंत्रण एवं उपाय How To Control Pollution in Hindi?

  1. पर्यावरण प्रदूषण को काबू में करने के लिए सभी को एकजुट मिलकर इसके खिलाफ लोगों में जागरूकता लानी होगी।
  2. प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद कर के रीसायकल होने वाले बैग का इस्तेमाल करना चाहिए। हाला की भारत में कई बड़े शहरों में  प्लास्टिक के उपयोग को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।
  3. किसी भी प्रकार के वस्तुओं के निष्कासन के लिए एक नई पद्धति की जरूरत है। जिसमें दशकों तक नष्ट न होने वाले वस्तुओं को नष्ट करने पर पर्यावरण पर कोई प्रभाव न हो।
  4. प्रदूषण से बचने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है।
  5. जंगलों की अवैध कटाई और दुर्लभ पेड़ों की लकड़ियों की तस्करी पर सरकार को मजबूती से प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसे जंगल सुरक्षित रहें।
  6. वाहनों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सभी के पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUC) हो यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए। कोई भी चालक नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़े शुल्क लगाने चाहिए।
  7. नदी के पानी में कचरा फैक कर दूषित करने से लोगों को रोकना चाहिए और नदी के पानी को (सीवेज रीसायकल ट्रीटमेंट) की मदद से स्वच्छ करके पीने के कार्य में लगाना चाहिए।
  8. ऐसे नियमों को पारित करने की आवश्यकता है, जिसमें छोटे बड़े प्रत्येक कारखानों से निकलने वाले जहरीले और गंदे कचरा को रिफाइन करके ही बाहर निकाला जाए।
  9. चाहे किसी भी धर्म के उत्सव या त्यौहार हो इस समय सबसे ज्यादा आवश्यकता शुद्ध पर्यावरण की है। सरकार के साथ-साथ जनता को भी यह समझना चाहिए कि किसी भी उत्सव में आवश्यकता से ज्यादा तेज़ लाउड स्पीकर, पटाखे या किसी भी ऐसे क्रियाकलाप को ना करें, जिससे पर्यावरण दूषित हो।
  10. जागृति लाने का सबसे अच्छा समय प्रारंभिक शिक्षा का होता है। पर्यावरण प्रदूषण को आने वाले समय में कम किया जा सके, इसके लिए बच्चों में पर्यावरण के प्रति रुचि जगाने की आवश्यकता है और इसके अलावा पाठ्यक्रम में भी कुछ विशेष क्रियाकलापों और अध्याय को शामिल करना चाहिए।
  11. लोगों को इस बात का ख्याल रखने की आवश्यकता है कि उनके घर और जिस भी स्थान पर लोग निवास करते हैं, वहां स्वच्छता होनी चाहिए।
  12. कार्यपालिका में सख्ती बरतते हुए ऐसे इलाके जहां पर कचरे फेंकने की व्यवस्था होने के बावजूद भी सड़कों या दुसरी जगहों पर गंदगी दिखाई पड़ती है, ऐसा ना हो और कूड़े कचरे को ठिकाने लगाने के लिए एक निश्चित जगह हो यह सुनिश्चित करना चाहिए।
  13. केमिकल से बने खाद की जगह प्राकृतिक खाद का उपयोग खेतों में करना चाहिए। (पढ़ें: घर पर ही प्राकृतिक खाद कैसे बनायें?)

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

Filed Under: Essay Tagged With: पर्यावरण प्रदुषण का समाधान, पर्यावरण प्रदूषण के स्रोत, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध, पर्यावरण संरक्षण पर नारे

About बिजय कुमार

नमस्कार रीडर्स, मैं बिजय कुमार, 1Hindi का फाउंडर हूँ। मैं एक प्रोफेशनल Blogger हूँ। मैं अपने इस Hindi Website पर Motivational, Self Development और Online Technology, Health से जुड़े अपने Knowledge को Share करता हूँ।

Reader Interactions

Comments

  1. Shubham Agarwal says

    July 1, 2017 at 12:56 pm

    Thnx
    Greatly useful for me

    Reply
  2. Amit says

    February 7, 2018 at 6:08 am

    Very nice

    Reply
  3. Priya Dhawan says

    March 6, 2018 at 8:31 pm

    It’s really awesome essay

    Reply
  4. Goldi laller says

    April 19, 2018 at 8:38 pm

    Wow amazing essay

    Reply
  5. Sonali Menon says

    June 17, 2018 at 4:52 pm

    thank u

    Reply
  6. yogesh sharma says

    June 27, 2018 at 1:45 pm

    Thanku

    Reply
  7. Kunal Tiwalkar says

    July 9, 2018 at 3:07 pm

    Very Nice Article Helpful post for All people.

    Reply
  8. Shubham kumar says

    July 13, 2018 at 1:54 pm

    Sir
    Good

    Reply
  9. Priyanshu Tripathi says

    July 15, 2018 at 7:31 am

    Sabbd milan apne accha nahi kiya hai
    Aur soch badiya hai

    Reply
    • NISARGA says

      October 8, 2018 at 5:32 pm

      Pls give reply in English b’coz I can’t understand

      Reply
  10. Yash shrimankar says

    August 5, 2018 at 2:34 pm

    Thanks

    Reply
  11. Roushan Singh says

    August 9, 2018 at 4:42 am

    Amazing!! Helped me a lot.. thanks

    Reply
  12. Ramnareshrajshakya says

    August 12, 2018 at 5:10 pm

    Thank sir

    Reply
  13. Kartik says

    August 20, 2018 at 3:27 pm

    Very useful for us….

    Reply
  14. Abhishek tiwari says

    September 17, 2018 at 5:25 pm

    Thank you i have gain 12 out of 12 marks from my examination thank u

    Reply
  15. Rahul vaishnav says

    October 7, 2018 at 8:51 am

    Very excellent essay

    Reply
  16. NISARGA says

    October 8, 2018 at 5:23 pm

    I am student ,
    It has helped in my SA-01 examination . The paper is for 90 marks but essay is for 5 marks I have got full marks . I have learned and wrote b’coz I don’t know Hindi it has helped me much.
    Thank you.

    Reply
  17. Vaibhav Sharma says

    November 16, 2018 at 10:35 pm

    क्या मैं अपने नुक्कड़ नाटक में आपके इस निबंध रख सकता हूँ?

    Reply
  18. Praveen kumar says

    December 6, 2018 at 8:16 am

    Nice topic

    Reply
  19. Shikha says

    January 10, 2019 at 8:04 pm

    This essay is very good and interesting thx

    Reply
  20. Sapna chand says

    February 9, 2019 at 10:07 pm

    The best essay thank you sir

    Reply
  21. Asish kona says

    March 22, 2019 at 2:23 pm

    U r studing this but not doing work that is planting ts.why .plzZ plant to save our earth

    Reply
  22. Amma gupta says

    September 16, 2019 at 6:24 pm

    Very bad for the world

    Reply
  23. Saurabh says

    September 20, 2019 at 8:09 pm

    Please explain every paragraph deeply and neetly

    Reply
  24. Prashant says

    October 7, 2019 at 12:17 am

    Thanks for how to control environmental pollution

    Reply
  25. Parth says

    October 17, 2019 at 5:20 pm

    Thanks

    Reply
  26. Parth says

    October 17, 2019 at 5:20 pm

    Thanks for this topic

    Reply
  27. ankit says

    October 19, 2019 at 8:55 pm

    apne prudushan ki puri jankari di hai uske liye dhanywad

    Reply
  28. Shreya says

    November 24, 2019 at 4:45 pm

    I am a student
    This is for my project
    This article is very helpful to me
    Thank you

    Reply
  29. Pravin says

    November 28, 2019 at 5:49 am

    Thank it helped me a lot in my exams

    Reply
  30. Arya says

    December 11, 2019 at 7:44 am

    It is very important for my exam

    Reply
  31. Anonymous says

    December 6, 2020 at 8:28 pm

    Very nice

    Reply

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