भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi
भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi
इस आर्टिकल में हम भारत कि प्रमुख नदियों, सहायक नदियों और उनके बहाव, महत्व, के विषय में पूरी जानकारी दी गयी है।
भारत की नदियाँ इनकी प्रणाली Rivers of India in Hindi
नदियां क्या होती है? What are Rivers?
नदियाँ बहते हुए पानी का एक प्राकृतिक स्त्रोत होती है, आमतौर पर मीठे पानी का । ज्यादातर नदियाँ किसी सागर, समुद्र, झील, या किसी अन्य नदी की ओर बहती है । छोटी नदियाँ को धारा कहा जाता है ।
जेनेरिक शब्द ‘नदी’ के लिए कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है । नदियाँ हाइड्रोलॉजिकल चक्र का हिस्सा होती है । नदियों का वैज्ञानिक अध्ययन पोटेमोलौजी कहलाता है ।
विलियम मोरिस डेविस ने नदियों को उनकी आयू के अनुसार वर्गीकृत किया है-
- युवा नदी – इन नदियों में खड़ी ढाल होती है अथवा इन का बहाव तेज होता है ।
- परिपक्व नदी – इन नदियों में ढाल कम खड़ा होता है और इनका बहाव धीमा होता है ,यह धीरे-धीरे बहती हैं । इन नदियों के चैनल बहुत गहरे ना होकर ज्यादातर चौड़े होते हैं ।
- पुरानी नदी – इन नदियों का ढाल बहुत कम होता है और कटाव ऊर्जा भी कम होती है।
- कायाकल्प नदी – इन नदियों का ढाल विवर्तनिक उत्थान द्वारा बना होता हैं।
नदियों का उपयोप Use and Importance of Rivers
नदियों का मनुष्य जीवन और पृथ्वी में बहुत महत्व है –
- नदियों के पानी को बिजली बनाने के लिए एक इस्तेमाल किया जाता है ।
- नदियों के पानी को स्नान के लिए भी उपयोग किया जाता है ।
- नदियों को कचरे के निपटान के साधन के रूप में भी देखा जाता है ।
- नदियों को हजारों वर्षों से नेविगेशन के लिए इस्तेमाल किया गया है, सबसे पहला सबूत हमें सिंधु घाटी सभ्यता, जो कि उत्तर पश्चिमी भारत में पाई जाती है, में मिलता है ।
- नदियाँ बड़े पैमाने पर परिवहन का एक सस्ता साधन प्रदान करती हैं ।
- नदियाँ भोजन का एक मुख्य स्त्रोत रही है, अक्सर मछली और अन्य खाद्य जलीय जीवन का एक समृद्ध स्रोत मानी जाती है ।
- नदियाँ ताजे पानी का एक प्रमुख स्त्रोत होती है, जो कि पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ।
भारत में नदियों के लाभ Benefits of Rivers in India
भारत की नदियाँ भारतीयों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । नदियाँ देशभर में बड़ी संख्या में लोगों के लिए पीने का पानी, सस्ता परिवहन, बिजली और आजीविका प्रदान करती है । यह आसानी से बताया जा सकता है कि भारत के लगभग सभी प्रमुख शहर नदियों के किनारे स्थित है । भारत की सभी प्रमुख नदियाँ निम्न मुख्य जलविभाजन में से किसी एक से उत्पन्न होती है-:
- अरावली रेंज
- हिमालय और काराकोरम रेंज
- सहयाद्री या पश्चिमी घाट
- विंध्य और सतपुड़ा रेंज
भारतीय उपमहाद्वीप में हिमालयी ग्लेशियरों को मोटे तौर पर तीन नदी घाटियों में बांटा जाता है, अर्थात सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र । सिंधु बेसिन में ग्लेशियरों की संख्या सबसे अधिक है (3500) जबकि गंगा (1000) और ब्रह्मपुत्र (660) घाटियों में कम है । गंगा भारत में सबसे बड़ी नदी प्रणाली है।
भारत की प्रमुख नदियाँ List of Indian Rivers
भारत की निम्न प्रमुख नदियाँ है –
इंडो गंगा मैदानी नदियाँ
इस क्षेत्र में 16 प्रमुख नदियाँ बहती है । प्रमुख हिमालय नदियाँ सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र है । यह नदियाँ लंबी होती है और कई बड़ी और महत्वपूर्ण सहायक नदियों से जुड़ी होती है ।
अरावली रेंज नदी प्रणाली
अरावली रेंज की नदियाँ यमुना एवं अरेबियन सागर की ओर बहती है ।
उत्तर से दक्षिण की ओर बहने वाली नदियाँ
- लूनी नदी, जो कि पुष्कर से निकलती है और कच्छ के रण में गिरती है ।
- सखी नदी, जो कि कच्छ के रण में गिरती है ।
- साबरमती नदी, जो की अरेबियन सागर में गिरती है ।
पश्चिम से उत्तर-पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ
- साहिबी नदी, जो की हरियाणा से शुरू होती है ।साहिबी नदी की निम्नलिखित सहायक नदियाँ हैं –
- दोहन नदी, जो कि अलवर जिले से उत्पन्न होती है ।
- सोता नदी
- कृष्णावती नदी
पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहने वाली नदियाँ
- चंबल नदी
- बनास नदी
- बैराच नदी
- अहर नदी
- वागली वेगन नदी
- गंभीरी नदी
- औराई नदी
गंगा नदी प्रणाली
इस प्रणाली में प्रमुख नदियाँ है –
- गंगा, जो कि विद्यासागर गंगोत्री से प्रारंभ होती है ।
- चंबल नदी, जो कि मध्य प्रदेश से बहते हुए उत्तर प्रदेश में यमुना से जा मिलती है ।
- बेतवा नदी, जो कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होते हुए गुजरती है; यमुना में मिलने से पहले ।
- यमुना नदी
- गोमती नदी, जो कि : नेपाल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश; तीन सीमाओं के जोड़ पर प्रारंभ होती है ।
- घाघरा नदी, जो कि उत्तराखंड के पास से अथार्त नेपाल से प्रारंभ होती है ।
- सोन नदी
- गंडक नदी, जो कि नेपाल से प्रारंभ होती है ।
- कोसी नदी, जो कि बिहार से प्रारंभ होती है ।
- ब्रह्मपुत्र, जो की गंगा से मिलती है एक विशाल नदी का रूप लेने के लिए । बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले गंगा एक शाखा, हुगली को छोड़ती है; जो पश्चिम बंगाल में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराती है ।
ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली
- सांगपो नदी, जो कि तिब्बत से प्रारंभ होती है ।
- दिबांग नदी, जो कि अरुणाचल प्रदेश में बहती है, आसाम में जाने से पहले ।
- सियांग नदी
- लोहित नदी, जो कि अरुणाचल प्रदेश मे बहती है ।
- ब्रह्मपुत्र नदी, आसाम के क्षेत्र से बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है ।
- तीस्ता नदी, जो कि सिक्किम और तिब्बत की सीमाओं से प्रारंभ होती है ।
- जमुना नदी
- पद्मा नदी
ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में जमुना के नाम से जाना जाता है । पद्मा नदी बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले, बांग्लादेश में जमुना नदी में विलीन हो जाती है ।
सिंधु नदी प्रणाली
सिंधु नदी का उदगम, तिब्बत में मानसरोवर के निकट कैलाश रेंज के उत्तरी ढलान में है । नदी का अधिकांश हिस्सा पड़ोसी पाकिस्तान से चलता है, क्योंकि सिंधु जल संधि के नियमन के अनुसार भारत इस नदी से केवल 20% जल का ही उपयोग कर सकता है । इसका एक भाग भारतीय क्षेत्र के माध्यम से चलता है । इसकी 5 प्रमुख सहायक नदियाँ हैं, यह नदियाँ पंजाब से प्रारंभ होती हैं । यह नाम पंच (पांच) और आब (जल) से प्राप्त होता है, इसलिए शब्दों के संयोजन से पंजाब का अर्थ है, पांच नदियों का जल । सिंधु 2000 मील लंबी है । सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदियाँ हैं -:
- इंडस नदी
- सतलज नदी
- चेनाब नदी
- झेलम नदी
- रावी नदी
- व्यास नदी
- श्योक नदी
- जंस्कार नदी
प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली
प्रायद्वीपीय नदियों में मुख्य जल विभाजन पश्चिमी घाट से बना है । प्रायद्वीप की अधिकांश प्रमुख नदियाँ जैसे : महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी का प्रवाह पूर्व और बंगाल की खाड़ी में है । यह नदियाँ अपने प्रारम्भ स्थान पर डेल्टा बनाती है । नर्मदा, पेरियार और ताप्ती ही लंबी नदियाँ हैं, जो पश्चिम में प्रवाहित होती है ।