शीश महल जयपुर, आमेर किला Sheesh Mahal, Amer Fort in Hindi
शीश महल जयपुर, आमेर किला Sheesh Mahal, Amer Fort in Hindi
यह प्रसिद्ध शीश महल आमेर किला, जयपुर, राजस्थान राज्य में स्थित है जिसे महाराजा जयसिंह ने 1623 में बनवाया था। इसे “मिरर पैलेस” के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। इस महल में शीशे के टुकड़े हर तरफ लगे हुए हैं जो देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं।
इसे भित्ति चित्रकला के अनुसार सजाया गया है। दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत प्रसिद्ध हिंदी फिल्म मुगलेआजम का गीत “जब प्यार किया तो डरना क्या” शीश महल में ही फिल्माया गया था। अब यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है और इसे देखने दूर-दूर से विदेशी पर्यटक आते हैं।
शीश महल जयपुर, आमेर किला Sheesh Mahal, Amer Fort in Hindi
शीश महल की विशेषतायें
- यह महल शीशे के टुकड़ों से बना हुआ है। इसमें अनेक रंगो के शीशे लगे हुए हैं। सिर्फ एक मोमबत्ती जलाने से पूरा शीशमहल रोशन हो जाता है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
- इस महल को “दर्पण हॉल” भी कहा जाता है। यह जयमंदिर का एक हिस्सा है। इस महल की छत और दीवारों पर चारों तरफ शीशे के टुकड़े लगे हुए हैं। जयपुर के राजा जयसिंह ने इसे अपने मेहमानों के लिए बनवाया था। यह महल 40 खंभों पर बना हुआ है। सभी 40 खंभों को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है।
- महल में लगे हुए शीशों को बेल्जियम से मंगाया गया था।
- इस किले में गणेश पोल से प्रवेश करते हैं, गणेश पोल से जेलब चौक आंगन में प्रवेश करते हैं, जलेब चौक से एक विशाल मार्ग और एक विशाल सभा हॉल नाम दीवान-ए-आम (आम सभा के लिए जगह) के रूप में। दीवान-ए-आम से किले के तीसरे मंच पर आगे बढ़ते हैं जहां राजा, उनकी रानी और उनके सहायक रहते हैं।
- शीश महल वास्तु कला का अद्भुत नमूना है। शीत ऋतु में महाराजा जयसिंह रहने के लिए सुख निवास छोड़कर शीश महल में रहने आ जाते थे। महल में लगे सैकड़ों शीशे के टुकड़े से यह गर्म रहता था। दोपहर के वक्त महाराजा अपने हरे-भरे बगीचे में बैठकर धूप सकते थे।
शीश महल का जीर्णोद्धार
1970 से 1980 के बीच भारत सरकार ने शीश महल का जीर्णोद्धार करवाया है। इसकी मरम्मत की गई है और यह पहले जैसा ही गौरवयी और सुंदर लगता है। इस महल में संगमरमर पत्थर की कारीगरी भी की गई है। महल की खिड़कियों, झरोखों से ‘मावठा झील’ और आमेर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है।
Featured Image – Ravikiran Rao (Flickr)