दो भाइयों की कहानी The Story of Two Brothers in Hindi
आई आपको बताते हैं – दो भाइयों की ज्ञानवर्धक कहानी The Story of Two Brothers in
दो भाइयों की कहानी The Story of Two Brothers in Hindi
कहानी शीर्षक – दो भाई
एक गांव में दो भाई रहते थे। बड़ा भाई बहुत अमीर था और छोटा भाई बहुत गरीब। बड़े भाई के घर में सभी प्रकार की सुविधाएँ और धन-दौलत सब थी परंतु छोटे भाई के पास खाने के लिए चावल तक नहीं था। बड़े भाई का जीवन बहुत ही सुंदर तरीके से गुज़र रहा था परंतु छोटा भाई बहुत ही दुख कष्ट सह कर अपना गुज़ारा कर रहा था।
दीपावली का त्यौहार आया, बड़ा भाई अपने परिवार के साथ ख़ुशियाँ मना रहा था तो दूसरी तरफ़ छोटे भाई के घर में खाने तक को कुछ नहीं था। छोटे भाई के बच्चे भूख के मारे रो रहे थे। अपने बच्चों का रोना देखकर छोटे भाई को सहन नहीं हुआ और वह अपने बड़े भाई के घर कुछ अनाज मांगने के लिए चला गया ताकि उसके बच्चों को भोजन मिल सके।
वहां उसने अपने बड़े भाई से कुछ अनाज मांगा परंतु उसने छोटे भाई का अपमान करके उसे वापस भेज दिया। छोटा भाई बहुत निराश होकर रोते-रोते अपने घर को लौट रहा था तभी उसको रास्ते में एक बूढ़े व्यक्ति ने रोका जिसके सामने एक लकड़ियों का गट्ठर पड़ा हुआ था। उसने छोटे भाई को सवाल पूछो – बेटा तुम क्यों रो रहे हो? तभी उस छोटे भाई ने अपने बड़े भाई के दुर्व्यवहार के बारे में सब कुछ बताया।
तभी उस बूढ़े व्यक्ति ने छोटे भाई को कहा अगर तुम मेरा यहां लकड़ियों का गट्ठर मेरे घर तक पहुंचा दोगे तो मैं तुम्हें एक ऐसा रास्ता बताऊंगा जिससे की तुम बहुत अमीर बन जाओगे। छोटा भाई मान गया और उसने लकड़ियों का गट्ठर उठाया और उसे लेकर बूढ़े व्यक्ति के घर पर पहुंचा दिया। पहुंचाने के बाद उस बूढ़े व्यक्ति ने उसे एक मालपुआ दिया और कहा – तुम पास के जंगल में पश्चिमी दिशा में जाओ वहां तुम को एक गुफा दिखेगा। उस गुफा में घुसने के बाद तुम्हें कुछ बोने लोग मिलेंगे।
उन बोनों को मालपूआ बहुत पसंद है वह मालपुआ के बदले तुम्हें कुछ भी देने को राज़ी हो जाएंगे। उन्हें मालपुआ के बदले जादुई चक्की माँगना। गरीब भाई ने उस बूढ़े की बात को माना और वह उस गुफा में पहुंचा। वहां उस गरीब भाई ने तिन बोने व्यक्तियों को देखा। उनमें से एक बोने ने उस गरीब भाई को कहा मैं तुम्हें इस मालपुआ के बदले कुछ भी दे सकता हूं।
तभी उसने जादुई चक्की को उस बोने व्यक्ति से मांगा। जादुई चक्की को देते समय उस बोने व्यक्ति ने कहां- यह जादुई चक्की है, तुम्हें जो भी चाहिए तुम इससे मांग सकते हो। जब भी तुम्हें किसी चीज़ की जरूरत हो तो चक्की को घुमाना और मांग लेना। जब भी तुम चक्की को बंद करना चाहो उसके ऊपर एक लाल कपड़ा डाल देना, चक्की बंद हो जायगी। बोने की बात सुनने के बाद वह गरीब भाई अपने घर लौट आया।
घर पहुंचने के बाद उस गरीब भाई ने चक्की घुमाते हुए सबसे पहले कहा – चक्की-चक्की चावल दे? तभी चक्की ने जादू से ढेर सारा चावल उनके सामने निकाल कर डाल दिया। उसके बाद उसने चक्की से दाल निकाला। गरीब भाई के परिवार ने उस दिन पेट भर के खाना खाया और सब सो गए सब सो गए।
बचे खुचे चावल, दाल और अन्य अनाज को लेकर गरीब भाई सवेरे बाज़ार में गया। बाज़ार में अच्छे मूल्य में उसने उन अनाजों को बेच दिया। चक्की की मदद से वह हर दिन कुछ ना कुछ अनाज बनाता और बाजार बेचने जाया करता था। धीरे-धीरे वह अपने बड़े भाई से भी ज्यादा अमीर बन गया।
बड़ा भाई छोटे भाई की अमीरी से जलने लगा और वह सोचने लगा कि – जो कुछ दिनों पहले मुझसे खाने के लिए भीख मांगने आया था वह आज अचानक कैसे अमीर बन गया? छोटे भाई की असलियत जानने के लिए एक दिन वह चोरी चुपके छोटे भाई के घर गया।
जब उसने चक्की से अनाज निकलते हुए देखा तो वह चौक गया और दूसरे दिन जब छोटे भाई के घर पर कोई नहीं था तो उसने चक्की को चुरा लिया और वह अपने परिवार के साथ नाव में बैठकर एक दूसरे राज्य की ओर निकल पड़ा।
बड़े भाई की पत्नी बहुत चिंतित थी की आखिर इस साधारण से चक्की में ऐसा क्या है कि मेरा पति पूरा घर बार छोड़कर इस चक्की को लेकर दूसरे देश जाने की सोच रहा है। नाव पर ही पत्नी ने उस चक्की के विषय में पूछा – तो उसके पति ने चक्की के विषय में सब कुछ बताया और चक्की को उसी समय घूमा कर आदेश दिया – चक्की-चक्की चावल बना।
बस फिर क्या था चक्की चावल बनाने लगा, चावल इतना ज्यादा हो गया की नाव पानी में डूब गया और बड़ा भाई और उसका परिवार सब पानी में डूब कर मर गए। बड़े भाई को चक्की शुरू करना तो देखा था परंतु उससे बंद करने का तरीका नहीं पता था। यही उसके अंत का कारण बना।
कहानी से शिक्षा
- लालच बुरी बाला है / कभी भी जीवन में लालच नहीं करना चाहिए।
- कभी भी दूसरों से घृणा ना करो और सबका मदद करना चाहिए।
Very good story
Very smaller moral story