2020 तिरुमाला ब्रह्मोत्सव त्यौहार Tirumala Brahmotsavam Festival in Hindi
2020 तिरुमाला ब्रह्मोत्सव त्यौहार Tirumala Brahmotsavam Festival in Hindi
भारत देश के हिन्दू धर्म में भगवान की प्रशंसा का वर्णन करने के लिए कई प्रकार के महोत्सव मनाए जाते हैं, उसी तरह आन्ध्र प्रदेश के तिरूमाला वेंकटेश्वर मन्दिर में तिरुपति तिरुमाला ब्रह्मोत्सवम त्यौहार मनाया जाता है।
यह त्यौहार आन्ध्र प्रदेश का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है जो 9 दिनों तक तिरुमाला वेंकटेश्वर मन्दिर में भव्य रुप से एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव प्रत्येक वर्ष सितम्बर-अक्टूबर माह में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस पर्व का मूल स्त्रोत भगवान ब्रह्मा से है।
2020 तिरुमाला ब्रह्मोत्सव त्यौहार Tirumala Brahmotsavam Festival in Hindi
महत्व और कहानी Importance and Story
ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान ब्रह्मा ने पवित्र पुश्नौनी नदी के जंबले क्षेत्र में, मानव जाति के उद्धार के लिए भगवान बाला जी को धन्यवाद दिया था और उनके रूप भगवान वेंकटेश्वर,तथा साथियों श्रीदेवी और भुदेवी के साथ भव्य रूप से पूजा की जाती है। इस उत्सव का नाम भगवान ब्रह्मा से मिलता है क्योंकि उन्होंने ही सबसे पहले तिरुपति मन्दिर में इस त्यौहार का आयोजन किया था। शब्दावली के अनुसार, ब्रह्मोत्सवम की कथा स्वर्ग के राजा इन्द्रजी को चित्रित करती है।
जिन्होंने एक ब्राह्मण राक्षसी का वध कर दिया था, जिसके कारण उन्हें एक ब्राह्मण की हत्या करने का पाप लगा जो ब्रह्मा हत्य दोशम कहलाता है। इन्द्र जी इस पाप के साथ स्वर्गीय ग्रहों में नहीं रह सकते थे, जिसके कारण उन्होंने ब्रह्मा जी से कुछ उपाय करने का अनुरोध किया। तो ब्रह्मा जी ने इन्द्रजी के पापों को दूर करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने भगवान विष्णु को अपने सर पर उठाकर एक विशेष अनुष्ठान किया।
वह अनुष्ठान भगवान विष्णु का पवित्र स्नान था, जिसे अवाबृथा स्नान (Avabritha Snaanam) के नाम से जाना जाता था जो अब ब्रह्मोत्सवम के रूप में मनाया जाता है। यह हिन्दू त्यौहार तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए दूर-दूर तक आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसीलिए इस उत्सव को देखने के लिए देश के विभिन्न राज्यो के साथ ही विदेशो से भी पर्यटक आते है।
तिरुपति-तिरुमाला वेंकटेश्वर मन्दिर में ब्रह्मोत्सवम का उत्सव Celebration of Brahmotsavam in Tirumala Venketeshwar Temple
इस उत्सव के महत्व को इस तथ्य से ज्ञात किया जा सकता है कि हर वर्ष पूरे भारत देश से हजारों भक्त-समूह इस भव्य त्यौहार के साक्षी होते हैं और भगवान वेंकटेश्वर स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 9 दिनों के दौरान आयोजित विभिन्न अनुष्ठानों में वे भाग लेते हैं। जिसमें हर दिन सभी देवताओं की विभिन्न वाहनों जिसे मदविएढुलू कहते है, में विराजमान करके मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा कराई जाती है और संध्या के समय पूजा और आरती की जाती है।
इस महोत्सव के पहले दिन ध्वजा स्तम्भम पर गरुड़ ध्वज फहराया जाता हैं। जो कि यह दर्शाता है कि गरुड़, देवलोक जाता है और सभी देवताओं को इस उत्सव में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करता है। इस शुभ त्यौहार में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालु को वैकुंठ ( स्वर्गीय सुख और भावना ) का अनुभव होता है।
इस त्यौहार के दौरान यह माना जाता है कि शक्तिशाली सांप स्वयं को भगवान के वाहन के रूप में बदल देते है। इस त्यौहार को मनाने का मुख्य कारण यह है कि ईश्वर को जीवन प्रदान करने के लिए प्रार्थना करे, जो उच्च मूल्यों और नैतिकता से भरा हुआ हो।