Contents
- 1 दीपावली / दीवाली त्यौहार पर निबंध Essay on Diwali Festival in Hindi (Deepawali Festival)
- 1.1 दीपावली पर निबंध ESSAY ON DEEPAWALI
- 1.2 दीपावली / दिवाली त्यौहार का इतिहास WHY IS DIWALI CELEBRATED? HISTORY OF DEEPAWALI
- 1.3 “दीपावली” शब्द की उपत्ति ORIGIN OF WORD DIWALI / DEEPAWALI
- 1.4 दीपावली कैसे मनाते हैं HOW IS DIWALI CELEBRATED / DEEPAWALI
- 1.5 दीपावली त्यौहार का महत्व IMPORTANCE OF DIWALI / DEEPAVALI
- 1.6 दीपावली 2019 कब है DEEPAWALI / DIWALI 2019 DATE
- 1.7 भाई दूज का त्यौहार FESTIVAL OF BHAI DOOJ
- 1.8 विश्व के देशों में दीवाली का त्योहार CELEBRATION OF DIWALI IN DIFFERENT COUNTRIES OF WORLD
- 1.9 दीपावली की प्रार्थनाएं PRAYER OF DEEPAWALI (DIWALI PRARTHANA)
- 1.10 दिवाली और वायुप्रदुषण DEEPAWALI / DIWALI AND AIR POLLUTION
- 1.11 प्रदूषण रहित दीपावली कैसे मनायें HOW TO CELEBRATE POLLUITION FREE DIWALI (SAFE DEEPAWALI)
दीपावली / दीवाली त्यौहार पर निबंध Essay on Diwali Festival in Hindi (Deepawali Festival)
क्या आप दिवाली का इतिहास, और पूजा के विषय में पढना चाहते हैं?
क्या आप भारत में दीपावली के महत्व को जानते हैं?
दीपावली / दीवाली त्यौहार पर निबंध Essay on Diwali Festival in Hindi (Deepawali Festival)
दीपावली पर निबंध ESSAY ON DEEPAWALI
दीपावली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। हर देशवासी को इस त्यौहार का इंतजार रहता है। यह रोशनी और प्रकाश का त्यौहार है। इस दिन बच्चों को खाने के लिए तरह तरह की मिठाइयां मिलती हैं और पटाखे चलाने को मिलते हैं।
दीपावली के दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दिखाता है। इस दिन घरों में दिए जलाए जाते हैं। विभिन्न प्रकार की लाइटें, रंग बिरंगी रोशनी लगाई जाती हैं। लोग नए वस्त्र पहनते हैं। शाम को मिठाइयां बांटी जाती हैं, लोग दावतों में जाते हैं।
दीपावली / दिवाली त्यौहार का इतिहास WHY IS DIWALI CELEBRATED? HISTORY OF DEEPAWALI
दीपावली भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग मनाते हैं। सिख समुदाय इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। दीपावली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे। श्रीराम का स्वागत सत्कार करने के लिए अयोध्या के निवासियों ने घी के दीपक जलाए थे।
उस दिन कार्तिक महीने की अमावस्या थी। घने अंधकार में प्रकाश करने के लिए अयोध्या वासियों ने दिए जलाए थे। तब से यह दिन हर साल सभी भारतीय प्रकाश पर्व (दीपावली) के रूप में मनाते हैं। यह त्यौहार दिखाता है कि बुराई पर सदैव अच्छाई की जीत होती है, सत्य की जीत सदैव होती है। यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है।
इस दिन भगवान श्री राम सीता माता के साथ 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। उसी खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन पांडव 12 वर्षों का वनवास काटकर घर लौटे थे। हिंदी कैलेंडर के अनुसार नया वर्ष दीपावली के दिन शुरू होता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और अज्ञान पर ज्ञान की विजय को दिखाता है।
“दीपावली” शब्द की उपत्ति ORIGIN OF WORD DIWALI / DEEPAWALI
दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 2 शब्दों “दीप” और “आवली” से हुई है। दीप का अर्थ है दीपक है जबकि आवली का मतलब लाइन है। इस तरह दीपावली का अर्थ है दीपकों की लाइन।
दीपावली कैसे मनाते हैं HOW IS DIWALI CELEBRATED / DEEPAWALI
- दीपावली का इंतजार सभी बच्चों और बड़ों को होता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। हर तरह का कूड़ा उठाकर बाहर फेंकते हैं। उसके बाद दीवारों, घरों को रंग आ जाता है।
- दुकानदार अपनी दुकान की सफाई करते हैं और नई पेंटिंग करते हैं।
- दीपावली आते ही सभी बाजार चमक उठते हैं। सामानों से भर जाते है।
- घर की स्त्रियां इस दिन रंगोली सजाती हैं।
- बच्चे और पुरुष पटाखे लगाकर अपनी खुशियां मनाते हैं।
- सभी लोग गणेश लक्ष्मी और अन्य देवताओं की पूजा पूरे विधि-विधान से करते हैं। देवी लक्ष्मी को घर आने के लिए निवेदन करते है जिससे घर में खुशहाली आती है।
दीपावली त्यौहार का महत्व IMPORTANCE OF DIWALI / DEEPAVALI
इस दिन हजारों लोग सोने के गहने, बर्तन, कपड़े और दूसरी चीजें खरीदते हैं। दुकानदारों और व्यापारियों के लिए यह त्यौहार प्रमुख है क्योंकि इस दिन बिक्री सबसे अधिक होती है। उनको जादा से जादा लाभ कमाने का मौका मिलता है।
सभी दुकानदारों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार होता है। पटाखे और आतिशबाजी सामग्री के व्यापारी इस दिन माल बेचकर बहट लाभ कमाते हैं। पटाखे से प्रदूषण भी होता है।
दीपावली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार होता है। इस दिन बाजारों में बहुत रौनक होती है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोने के गहने, टीवी,फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन जैसे सामान लेना शुभ समझा जाता है।
शाम को पूजा करने के लिए लोग खील बताशे और गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां लाते हैं। दीपावली के दिन लोग ऐसा मानते हैं कि गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से वह घर में आएंगी। हम सभी को लक्ष्मी (पैसों) की बहुत जरूरत होती है।
इसलिए यह त्यौहार और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से धन और सुख में वृद्धि होती है। संपन्नता घर में आती है। इस दिन धन के देवता “कुबेर” की भी पूजा की जाती है।
दीपावली 2019 कब है DEEPAWALI / DIWALI 2019 DATE
यह त्यौहार 27 अक्टूबर 2019, के दिन मनाया जायेगा।
भाई दूज का त्यौहार FESTIVAL OF BHAI DOOJ
भाई दूज के दिन भाई बहन का गठ्बन्धन कर यमुना नदी में स्नान कराते हैं। बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है और कामना करती है कि वह सदैव दुखों और कष्टों से दूर रहे। भाई अपनी बहन को पैसा या अन्य कोई उपहार देता है।
विश्व के देशों में दीवाली का त्योहार CELEBRATION OF DIWALI IN DIFFERENT COUNTRIES OF WORLD
यह त्यौहार भारत, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया जी मनाया जाता है। नेपाल में यह विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन नेपाली संवत में नया साल शुरू होता है।
- नेपाल- में दीवाली का त्योहार पांच दिनों तक चलता है। पहले दिन कौवे की पूजा की जाती है। उसे प्रसाद दिया जाता है। दूसरे दिन कुत्ते को उसकी ईमानदारी के लिए प्रसाद दिया जाता है। तीसरे दिन गाय को प्रसाद दिया जाता है। चौथे दिन बैल को प्रसाद दिया जाता है।
- मलेशिया- में दीपावली के दिन दूसरे धर्मों के लोगों को घर पर दावत दी जाती है।
- श्रीलंका- में दीपावली का त्यौहार तमिल संप्रदाय के लोग मनाते हैं। इस दिन नृत्य, दावते और आतिशबाजी की जाती है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका- में दीपावली का त्यौहार व्हाइट हाउस में मनाया जाता है। पहली बार सन 2003 में व्हाइट हाउस में दीपावली का त्यौहार मनाया गया था। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। सन 2009 में राष्ट्रपति बराक ओबामा भी दिवाली के उत्सव में सम्मिलित हुए थे।
- ब्रिटेन- में बड़ी मात्रा में भारतीय रहते हैं। प्रिंस चार्ल्स बहुत बार दीपावली के उत्सव में शामिल हो चुके हैं। ब्रिटेन के स्वामीनारायण मंदिर में दीपावली का त्यौहार मुख्य रूप से मनाया जाता है।
- मॉरीशस- में बड़ी मात्रा में हिंदू रहते हैं। दीपावली के दिन वहां पर सरकारी अवकाश होता है।
दीपावली की प्रार्थनाएं PRAYER OF DEEPAWALI (DIWALI PRARTHANA)
क्षेत्र अनुसार प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए बृहदा रंयक उपनिषद की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है-
असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
अनुवाद:
असत्य से सत्य की ओर।
अंधकार से प्रकाश की ओर।
मृत्यु से अमरता की ओर।(हमें ले जाओ)
ॐ शांति शांति शांति।।
दिवाली और वायुप्रदुषण DEEPAWALI / DIWALI AND AIR POLLUTION
दीपावली में चलाये जाने वाले पटाखे और आतिशबाजी की सामग्री से बहुत प्रकार की हानियां होती हैं। इन पटाखों के अंदर ज्वलनशील पदार्थ बारूद होता है। पटाखों से अनेक प्रकार की दुर्घटनाएं होती हैं।
मैग्नीशियम, लेड, जिंक. कैडियम जैसे जहरीले पदार्थ होते हैं। बहुत बार फैक्ट्री में पटाखे बनाते समय ही ज्वलनशील पदार्थ में विस्फोट हो जाता है। हर साल बहुत से मजदूरों की जान चली जाती है। इन पटाखों को चलाने से बहुत सी हानियां हैं।
बहुत से बच्चे और बड़े भी पटाखों को चलाने में घायल हो जाते हैं। पड़ोस में आग भी लग जाती है। यह पटाखे बहुत सारा धुंआ और गैसें छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए अब सरकार पटाखों और आतिशबाजी की सामग्री पर रोक लगा रही है।
सिर्फ 3 दिन पटाखों की बिक्री की जाती है। इस प्रकार के वायु प्रदूषण से बहुत सी बीमारियां होती हैं। अस्थमा और दिल के मरीजों को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसके साथ ही छोटे बच्चों को भी सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसलिए हम सभी को प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने चाहिए।
प्रदूषण रहित दीपावली कैसे मनायें HOW TO CELEBRATE POLLUITION FREE DIWALI (SAFE DEEPAWALI)
हो सके तो पटाखे न चलायें। यदि बहुत आवश्यक हो तो इको फ्रेंडली पटाखे चलाएं। तेज आवाज वाले पटाखे बिल्कुल ना चलाएं क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है। इसके अलावा उच्च क्षमता वाले पटाखे से दूर रहें।
इससे बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पटाखे हमेशा अधिकृत लाइसेंस वाली दुकान से ही खरीदना चाहिये। सस्ते और चाइनीस पटाखों से दूर रहें क्योंकि उनको चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
रॉकेट का इस्तेमाल खुली जगह में करना चाहिए। पटाखों को पास नहीं चलाना चाहिए। उनको दूर से चलाना चाहिए। अस्थमा और दमा के मरीजो को पटाखों से दूर रहना चाहिए।
निष्कर्ष: हम सभी को दीपावाली का त्यौहार धूमधाम से मनाना चाहिए पर इस दिन आतिशबाजी करने से बहुत सारा वायु प्रदूषण होता है। पटाखे बहुत ही खतरनाक होते हैं। हर साल बहुत से लोग आतिशबाजी करते हुए घायल हो जाते हैं।
आतिशबाजी के समय बहुत सारा धुंआ और गैस वायुमंडल में जाता है जिससे वायु प्रदूषण होता है। इसलिए बहुत से लोग दीपावली के दिन पटाखे ना जलाने की सलाह देते हैं। पटाखे चलाने में बहुत सारा धन व्यर्थ ही खर्च हो जाता है। यह धन यदि हम किसी गरीब व्यक्ति को दे दें तो पैसों का सार्थक इस्तेमाल होगा।
आशा करते हैं आपकी दिवाली पर यह निबंध अच्छा लगा होगा। हम सभी को प्रतिवर्ष दिवाली का उत्सव पर्यावरण की प्राकृतिक सुंदरता को बचाने, स्वछता बनाये रखने और आनंद लेने के लिए मनान चाहिए। आप सभी को दीवापली की हार्दिक शुभकामनायें!
Ye post bahut achchhi hai. Diwali ke bare me full on Information mil gaya hai. Aur sabse khas baat is website ka post new hai
nice post about diwali.
Bahut hi acha
Nice
Nice work
बिजय कुमार जी , दिवाली पर आर्टिकल लिखने के लिए धन्यवाद और इसे इंटरनेट पर पब्लिश करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। वैसे तो इंटरनेट पर दिवाली पर बहुत सी जानकारी /आर्टिकल हैं लेकिन आपकी दी हुई दिवाली पर जानकारी बहुत ही क्रिएटिव है। मुझे बहुत अच्छा लगा पड़ कर। शुक्रिया।