लड़कियों की शिक्षा पर भाषण Speech on Girl Education in Hindi

Speech on Girl Education in Hindi: आज के इस लेख में हमने लड़कियों की शिक्षा पर भाषण प्रस्तुत किया है आशा करते हैं आपको यह भाषण अच्छा लगेगा और मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस लेख से जागरूक हों सकेंगे.

लड़कियों की शिक्षा पर भाषण Speech on Girl Education in Hindi

माननीय प्रधानाचार्य, सभी अध्यापक और सभी छात्रगण आप सभी को मेरा नमस्कार, दोस्तों आज हम यहाँ एस विशेष समारोह में उपस्थित हुए है, मैं आज आप सभी से लड़की शिक्षा (girl education) के बारे में अपने भाषण के द्वारा आप सभी से बात करूँगा जो हमारे देश की एक गंभीर समस्या है। 

हम सभी को पता है कि शिक्षा वो राह है जिससे आप उन अज्ञात स्थानों पर भी चले जाते है जिसकी आप ने कभी भी कल्पना भी नही की होगी। जैसे आप अपनी कक्षा में बैठे हुए उत्तरी ध्रुव कैसा है? समुद्र कितना गहरा है? ये सब जान लेते है। यही शिक्षा है।

दोस्तों हम सभी को पता होगा, किसी भी देश के तरक्की के पीछे हमारे युवा होते है। इसमें लड़के और लड़कियाँ दोनों होते है। हम देश के तरक्की की बात तो करते है, लेकिन दूसरी तरफ हम लड़कियों को शिक्षित होने से भी रोकते है। ये देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, हमें इसे महसूस करने की जरुरत है।

किसी मजबूत इमारत का निर्माण उसके मजबूत नीव पर निर्भर होती है। उसी प्रकार हमे अपने राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए सभी नागरिकों को शिक्षा देना अति आवश्यक है। लोग केवल अपने बेटों को ही पढ़ाते है जो हमारे देश का आधा हिस्सा है।

इसीलिए हमारे देश का विकास भी आधा ही हो रहा है। अगर हमे अपने देश को आगे बढ़ाना है तो हमें अपने देश की सभी लड़कियों को शिक्षित करना होगा। क्योंकि शिक्षा की मदद से ही हम पूर्ण क्षमताओं सहित अपने कार्य को पूरा करने में सक्षम हो सकते है।

दोस्तों हमारे संविधान के अनुसार सबको बराबर का हक़ दिया गया, लेकिन हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग है जो अपनी बेटियों को शिक्षित नही करना चाहते है। क्योंकि वो अपनी पुरानी परम्पराओं में विश्वास रखते है। हम आज़ादी के 70 साल बाद भी लड़कियों को शिक्षित करने की समस्या को हल नही कर पाए है।

हमारे देश के लगभग 70% भारतीय गाँव में रहते है और अधिकतर गाँव में लोग अपनी बेटियों के नही पढ़ते है क्योंकि वो अपनी लड़कियों को घर से बाहर भेजना एक बुराई मानते है। अधिकतर माताओं द्वारा ही अपनी लड़कियों बाहर जाने के कारण ये हमारे समाज को और बेहतर बनाने में बाधा डाल रही है। शायद उनको लगता है कि अगर लड़कियाँ घर से बाहर चली गई तो उनका दिमाग दूषित हो जायेगा। और वो अपने धर्म से दूर हो कर विद्रोही हो जाएँगी।

बहुत से लोगो को लगता है कि  लड़कियों का केवल एक ही काम खाना बनाना और घरेलू काम करना ही है। लोगो के इस नज़रिये के कारण ही आज लड़कियाँ केवल घरों तक ही सीमित रह गई है। लोगो की ऐसी सोच की वजह से ही लड़कियों को पीड़ित किय जाता है।

आज के समय में लोग इतने हद तक गिर चुके है कि लड़कियों को मां के गर्भ में ही जन्म लेने से पहले ही मरवा दिया जाता हैं। ऐसे ही अशिक्षित लोगो की वजह से ही ऐसे काम हो रहे है। लेकिन जब व्यक्ति शिक्षित होगा तो अपने द्वारा उठाये गए हर कदम पर सही तरीके से सोचता है और सही निर्णय ले पाता है।

शिक्षा शब्द सिर्फ पुस्तकों और स्कूलों तक सीमित नहीं है, क्योंकि अगर हम अपने चारों ओर देखे तो बहुत सी ऐसी महिलाएं है जिन्होंने पढ़ाई के अलावा कई क्षेत्रों में भी अपना करियर बनाया है

जैसे – भरतनाट्यम नर्तकी गीता चंद्रन, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, पेप्सिको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदिरा नूयी,  बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु, मिस वर्ल्ड – मानुषी छिल्लर आदि। ऐसे बहुत से क्षेत्र है जिसमे लड़कियाँ अपना भविष्य चुन सकती है, लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब हर व्यक्ति जागरूक हो और अपनी लड़कियों को पढ़ाने में कोई संकोच ना करे।

दोस्तों लड़कियाँ हमारे समाज में सभी सकारात्मकता की सोच और मानवता का बहुत ही बड़ा हिस्सा है। लड़कियाँ के होने मात्र से ही माहौल स्वतः ही शिष्टता, सभ्यता और सुखदता से भर जाता है।

अगर हम अपने वास्तविक समाज की बात करे तो केवल लड़कों को ही मौका दिया जाता है कुछ करने और आगे बढ़ने के लिए। लेकिन अगर ये मौका लड़कियों को भी दिया जाने दिया जाने लगा और वो लड़कों के साथ कंधा मिला कर चलने लगी।

तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत हो जाएगी। लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि शायद ऐसा होने में शादियों लग जाये। 7वें अखिल भारतीय शिक्षा सर्वेक्षण 2002 के अनुसार लगभग 50 % से अधिक लड़कियाँ स्कूल में दाख़िला लेने में असफल रहती हैं और जो दाख़िला लेती हैं वे 15 साल की उम्र से पहले स्कूल छोड़ देती हैं। 

किसी लड़की को शिक्षा देने का अर्थ है उसकी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा देना है, क्योंकि जब माता शिक्षित होगी तो वो किसी भी तरह से अपनी लड़कियों को भी पढने के लिए भेजेगा।

हम बिना शिक्षित लड़कियों के एक अच्छे समाज की कल्पना नही कर सकते है। अगर विश्व की महिलायें अच्छी तरह से शिक्षित होंगी तो ही वे नई पीढ़ी को अच्छी शिक्षा दे पाएंगी जिससे हमारा समाज और देश प्रगति की ओर अग्रसर हो पाएगा।

मैं  यहाँ उपस्थित सभी युवा और बुज़ुर्ग लोगों से केवल यही कहना चाहता हूँ कि आप लोगो को भी लड़की की शिक्षा (girl education) के बारे में सोचना चाहिए। आप लोग भी हमारे देश के नागरिक है और ये आप का कर्तव्य है कि आप लोग अपने आस-पास के गावों में जाकर लोगो को जागरूक करना चाहिए।

जिससे हम आने वाले समय में ऐसी समस्याओं को खत्म कर सके। जब आप किसी को जागरूक करते है तो उससे पता चलता है कि आप अपने देश, अपने राज्य के प्रति कितने ईमानदार है

मैं अपने भाषण का यही समापन कर रहा हूँ। अंत मैं यही कहूँगा – स्वस्थ रहिये, खुश रहिये और लोगो को जागरूक करते रहे।

धन्यवाद

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