राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण Speech on Rashtriya Ekta Diwas in Hindi
नमस्कार, राष्ट्रीय एकता दिवस के शुभ अवसर पर अपना कीमती समय निकालकर यहां उपस्थित होने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ! यह मेरा परम सौभाग्य है कि आप जैसे उत्साही नवयुवकों को संबोधित करने का अधिकार मुझे प्राप्त हुआ है आज मैं राष्ट्र की प्रगति के लिए राष्ट्रीय एकता और अखंडता के बारे में आप सभी को जागरूक करना चाहता हूं।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर भाषण Speech on Rashtriya Ekta Diwas in Hindi
राष्ट्रीय एकता दिवस हमारे राष्ट्र की एकता को दर्शाता है इस दिन हम सभी देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस का संदेश देने के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा एकता की भावना लोगों तक पहुंचाते हैं। इसे आम भाषा में समझे तो एकीकरण शब्द का मतलब है कि – विभिन्न चीजों का मिश्रण, ठीक उसी प्रकार राष्ट्रीय एकीकरण का अर्थ है विभिन्न धर्मों, जातियों और समाज के बीच एकता की भावना।
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के याद में उनके जन्मदिन के अवसर पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है। इस दिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने एकता और भारत की अखंडता को बनाने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया था।
आज के ही दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के शुभ अवसर पर मैराथन का भी आयोजन किया जाता है इसमें सभी धर्म जाति संप्रदाय के लोग हिस्सा लेते हैं जिसके द्वारा सभी देशवासियों को एकता का संदेश देने का प्रयास किया जाता है।
भाइयों एवं बहनों आप सभी तो यह जानते ही हैं क़ि अगर कोई काम एक साथ मिलकर किया जाए तो वह आसान हो जाता है और उस कार्य की सफल होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती है। इसी बात को समझाने के लिए हम आप सभी को एक कहानी सुनाना चाहेंगे।
राष्ट्रीय एकता दिवस की कहानी Rashtriya Ekta Diwas Story in Hindi
यह कहानी लखनऊ के एक छोटे से गांव जैनाबाद की है। इस गांव में सुरेश नाम का एक लकड़हारा अपने चार बेटों के साथ रहता था। लकड़हारा रोज सुबह-सुबह जंगल में लकड़ियां काटने के लिए जाया करता था और शाम को गांव में ही आकर लकड़ियां बेचता था।
सुरेश बहुत ही मेहनती और ईमानदार लकड़हारा था उसे दूसरे से कोई मतलब नहीं रहता था वह सिर्फ अपने काम को पूरी इमानदारी से करता था। उसके लिए अगर कोई चिंता की बात थी तो यह कि उसके चारों बेटों का आपस में हमेशा झगड़ा होता रहता था। सुरेश के चारों बेटों का कभी एकमत नहीं होता था वह हमेशा एक दूसरे के खिलाफ रहते थे और एक दूसरे को नीचा दिखाने के बारे में ही सोचते थे।
यह सब देख सुरेश बहुत ही दुखी रहता था और सोचता था कि उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटों का क्या होगा ?? एक बार लकड़हारा सुरेश बहुत ही बीमार पड़ गया अब उसे यह चिंता सताने लगी कि अगर वह मर गया तो उसके चारों बेटों का क्या होगा तभी उसके मन में एक सुझाव आया।
उसने ढ़ेर सारी लकड़ी इकट्ठा की। सुरेश ने अपने चारों बेंटो को बुलाया और उसने सभी को एक एक लकड़ी दे कर उन्हें तोड़ने के लिए कहा तो सभी ने बहुत ही आसानी से अपनी अपनी लकड़ी तोड़ दी। फिर उसने सभी लकड़ियों को इकट्ठा कर एक लकड़ी का गट्ठर बनाया और उसे दोबारा उन्हें बारी बारी से तोड़ने के लिए कहा तो उसमें से कोई भी लकड़ी का गट्ठर तोड़ नहीं पाया।
लकड़हारे ने अपने चारों बेटों को समझाया कि – देखो! जब मैंने तुम सभी को एक एक लकड़ी दी तो तुम लोगों ने बहुत ही आसानी से इसे तोड़ दिया परंतु जब मैंने तुम सबको लकड़ी का गट्ठर दिया तो तुम में से कोई भी उसे तोड़ नहीं पाया।
इसी प्रकार अगर तुम सब मिलकर एक साथ रहोगे तो किसी भी प्रकार की मुसीबत आए तो उसका सामना आसानी से कर सकते हो जो अलग-अलग रहकर नहीं कर सकते। अब लकड़हारा बहुत खुश रहने लगा क्योंकि उसके दिए गए उपदेश उसके बेटों को समझ आ गई थी और वह मिलकर एक साथ रहने लगे थे। इसीलिए कहा जाता है कि एकता में बहुत बल होता है।
इस कहानी से आप सभी को यह समझ आ ही गया होगा ही एकता देश के लिए कितनी आवश्यक है इसलिए राष्ट्रीय एकता दिवस पर युवाओं को इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया जाता है।
आज भारत देश आजाद है तो इसका पूरा श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल हो जाता है क्योंकि इन्होंने ही सर्वप्रथम एकता के लिए आंदोलन शुरू किया था। आजादी के पहले जब हमारे बीच खंडता और भेदभाव जैसी भावना थी तो इसी का फायदा अंग्रेज उठाते थे और हम पर राज करते थे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ही देश के सभी नागरिकों को एकता का संदेश देते थे और आज उसी का परिणाम है कि भारत देश आजाद है क्योंकि भारत से अंग्रेज को निकालना किसी एक अकेला व्यक्ति के बस की बात नहीं थी।
जब लोगों में एकता दिखाई दी तब अंग्रेज भी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और उन्हें भारत छोड़कर जाना ही पड़ा। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को एकता का प्रतीक ही माना जाता है।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर नारे Rashtriya Ekta Diwas Slogan in Hindi
राष्ट्रीय एकता दिवस के लिए ज़बरदस्त नारे –
- अनेकता में एकता, यही भारत की विशेषता
- गौतम, गांधी और नेहरू का यह देश, एकता का देता संदेश
- शांति महान का धर्म है, अशांति अधर्म है
- हमलावर खबरदार, हिंदुस्तान है तैयार
- करे हम ऐसा काम बनी रहे देश की शान।
- जब तक है जान रखेंगे हम देश की शान।
- हिंदू ,मुस्लिम, सिक्ख, इसाई हम सब हैं भाई-भाई
- हमारी ताकत न्याय , स्वतंत्रता और एकता।
- राष्ट्रीय एकता जिंदाबाद, हमारा नारा- भाईचारा
- ‘ह’ से हिंदू, ‘म’ से मुसलमान और हम से हमारा हिंदुस्तान।
- घर-घर से आई आवाज, हम बनाएंगे नया समाज।
- एकता में ही सबल है, जिस देश में नहीं है वह दुर्बल है।
- एकता मूल मंत्र है विकास का देश के सौंदर्य और उद्धार का।
- जब तक रहेगी सांठ- गांठ, होता रहेगा देश का विकास।
- एकता में ही देश का बल है, एकता में ही सुनहरा पल है।
- याद रखो एकता का मान तभी होगी देश की शान।
- राष्ट्रीय एकता है भारत का रीढ़ , इसके बिना है देश शक्ति क्षीण।
- चाहे हो कोई भी विवाद, पर राष्ट्रीय एकता पर चोट करना है अपराध।
- हम एक हैं, एक रहेंगे, यही हमारा नारा।
- जात पात का नाता तोड़ो, भारत को एकता की ताकत से जोड़ो।
- राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना देश के हर नागरिक का फर्ज है।
- अलग भाषा अलग देश फिर भी हमारा भारत एक देश।
- राष्ट्रीय एकता का समझना होगा अर्थ, यह है वह शक्ति जो देश में पैदा करती है सामर्थ।
- राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना, देश को सजाए रखना।
- राष्ट्रीय एकता का करो चुनाव, देश हित से करो लगाओ।
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम सभी भारतीय नागरिकों को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा तभी देश का विकास संभव है क्योंकि विभाजन से एकता में अधिक शक्ति होती है।
जय हिंद, जय भारत