सुनीता विलियम्स की जीवनी Sunita Williams Biography in Hindi
भारत और भारतीय मूल की महिलाएँ आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा दिखा रही है। अब उनकी पहुँच से कोई भी क्षेत्र अछुता नहीं है, यहाँ तक कि अंतरिक्ष भी नहीं। भारत में जन्मी कल्पना चावला के बाद भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यात्रा पूर्ण करके भारत को गौरवान्वित किया है।
सुनीता विलियम्स अमेरिकी नौसेना अधिकारी तथा अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ द्वारा अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाली दूसरी भारतीय महिला है। यह एक ऐसी महिला है, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार अंतरिक्ष की यात्रा करने का कीर्तिमान हासिल किया है और साथ ही 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने का इतिहास रचा है।
सुनीता अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में अभियान दल 14 तथा अभियान दल 15 की सदस्य रह चुकी है। 2012 में इन्होंने अभियान दल 32 में फ्लाइट इंजीनियर बनकर तथा अभियान दल 33 में कमांडर बनकर देश की सेवा की है।
सुनीता विलियम्स की जीवनी व कहानी Sunita Williams Biography in Hindi
प्रारंभिक जीवन
सुनीता विलियम्स का जन्म 13 सितंबर सन् 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य के यूक्लिड शहर में हुआ था। इनका पूरा नाम सुनीता लिन पांड्या विलियम है। इनके पिता दीपक एन पांडेय पेशे से डॉक्टर थे। वह मूल रूप से भारत के गुजरात राज्य के मेहसाणा जिले के झुलासन गाँव के रहने वाले थे।
दीपक एन पांड्या सन् 1958 में गुजरात से जाकर अमेरिका के बोस्टन शहर में बस गये। संगीता विलियम्स की माता बानी जालोकर पांड्या अमेरिका के स्लोवेनिया शहर की रहने वाली थी। वह अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके भाई जय थॉमस पंड्या उनसे चार साल बड़े हैं और उनकी बहन डायना अन्ना तीन साल।
शिक्षा
सुनीता विलियम्स का बचपन अमेरिका में ही बीता। उन्होंने मैसाचुसेट्स से हाई स्कूल पास करने के बाद सन् 1983 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके पश्चात उन्होंने 1987 में यूनाइटेड स्टेटस नेवल एकैडमी से भौतिक विज्ञान से स्नातक किया। इसी साल वह अमेरिका की नौसेना में शामिल हुई।
करियर की शुरुवात
सन् 1989 में उन्हे नेवल एयर ट्रेनिंग कमांड में भेज दिया गया, जहाँ उन्होंने विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर और एयरक्राफ्ट उड़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया। दिसंबर 1995 उन्हें अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल में रोटरी विंग्स डिपार्टमेंट में प्रशिक्षण और स्कूल की सुरक्षा अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया। वहाँ उन्होंने UH60, OH6, और OH58 जैसे हेलीकॉप्टर उड़ाए।
अमेरिकी नौसेना के साथ अपना कैरियर शुरू करने वाली सुनीता विलियम का चयन सन् 1998 में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में हो गया। अगस्त 1998 को जॉनसन स्पेस सेंटर में उनका अंतरिक्ष यात्री बनने का प्रशिक्षण आरंभ हुआ। सुनीता विलियम्स अमेरिका में पले बड़े होने के बाद भी भारत के धर्म और भगवान गणेश को बहुत मानती थी।
वह अंतरिक्ष यात्रा पर जाते वक्त अपने साथ हिंदुओं की धार्मिक पुस्तक भगवद गीता साथ ले जाती थी। सुनीता विलियम ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा 9 दिसंबर 2006 को डिस्कवरी यान के साथ शुरू की। यह यान 11 दिसंबर 2006 को उन्हें लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचा। 192 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद 22 जून 2007 को सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आ गई।
अंतरिक्ष से वापस लौटने के बाद सुनीता विलियम्स सितम्बर 2007 में भारत आयी थी। वह गुजरात के साबरमती आश्रम गई और अपने पैतृक गाँव झुलासन भी गई। वहाँ उन्हें गुजरात सोसायटी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्व प्रतिभा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वह पहली ऐसी महिला है जिन्होंने विदेश में रहते हुए यह पुरस्कार हासिल किया। 4 अक्टूबर 2007 को सुनीता ने अमेरिकी एम्बेसी स्कूल में भाषण दिया। जहाँ उनकी मुलाकात भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से हुई।
सुनीता विलियम की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा 14 जुलाई 2012 को बैकोनुर कोस्मोड्रोम से शुरू हुई। इस बार उन्होंने अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन में 4 महीने व्यतीत किए और अनेक अनुसंधान किए। 18 नवंबर 2012 को उन्होंने अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा सफल कर धरती पर वापस आ गई। उन्होंने अंतरिक्ष में 50 घंटे 40 मिनट चहलकदमी करने का रिकॉर्ड बनाया।
सुनीता विलियम्स ने माइकल जे विलियम्स से विवाह किया है। माइकल एक सेवानिवृत्त संयुक्त राज्य अमेरिका समुद्री कोर के 4 सितारा जनरल हैं। वे नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक और गोताखोर भी है। इन दोनों ने ही अपने करियर के शुरूआती दौर मैं हेलीकाप्टर चलाया है। वे पशु प्रेमी भी हैं और गणेश की उपासक हैं।
सुनीता विलियम्स एक ऐसी असाधारण महिला है, जिन्होंने अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए हैं, जिसके लिए इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
सम्मान व अवार्ड्स
भारत सरकार द्वारा भी इन्हें 2008 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था।
- गवर्नमेंट ऑफ़ रशिया द्वारा 2011 में “स्पेस अभियान दल” में मेरिट आने के लिये मैडल।
- स्लोवेनिया सरकार द्वारा सन 2013 में गोल्डन आर्डर फॉर मेरिट्स का सम्मान।
- गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी द्वारा 2013 में डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी।
- ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल
- नेवी कमेंडेशन मेडल
सुनीता विलियम्स भले ही भारतीय नागरिक न हो, परन्तु भारत के साथ उनका एक खास सम्बन्ध है। उन्होंने अंतरिक्ष से दिए गए अपने पहले संदेश में भारतवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि “मैं आधी भारतीय हूँ। मुझे विश्वास है कि भारत के लोग मुझे अंतरिक्ष में देखकर काफी प्रसन्न होंगे।” नि:सन्देह अंतरिक्ष में 322 दिन बिताने का रिकॉर्ड बनाने वाली सुनीता विलियम्स भारतवासियों के लिए काफी प्रेरणाप्रद हैं।
Featured Image Source – NASA [Public domain], via Wikimedia Commons” href=”https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Sunita_Williams.jpg“