क्रिया विशेषण परिभाषा – Adverb – Kriya Visheshan in Hindi
क्रिया विशेषण – Adverb In Hindi – Kriya Visheshan in Hindi
परिभाषा – Definition of Adverb in Hindi
वे शब्द जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, ऐसे शब्दों को क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर वाक्य “घोड़ा तेज दौड़ता है” को देखा जा सकता है| इस वाक्य में घोड़ा दौड़ रहा है, और उसके दौड़ने की विशेषता है उसका तेज दौड़ना| यह शब्द क्रिया विशेषण के अंतर्गत आता है|
उदाहरण के तौर पर अन्य वाक्य :-
- वह प्रतिदिन टहलने जाते हैं|
- वह काफी तेज चलता है|
- संगीता लिखती है|
- घोड़ा तेज दौड़ता है|
- वह वहां रहता है|
- बिल्ली भागती है|
- अलमारी के ऊपर कलम रखी है|
क्रिया विशेषण परिभाषा – Adverb – Kriya Visheshan in Hindi
क्रिया विशेषण का वर्गीकरण – Kriya Visheshan ka vargikaran
- अर्थ के आधार पर
- रूप के आधार पर
- प्रयोग के आधार पर
प्रयोग के आधार पर :-
वे क्रिया विशेषण जो प्रयोग के आधार पर विभिन्न होते हैं उन्हे प्रयोग के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है| ऐसे क्रिया विशेषण निम्न प्रकार के होते हैं :-
- साधारण क्रिया विशेषण :- वे क्रिया विशेषण जो वाक्य में स्वतंत्र रूप से शामिल होते हैं, वे साधारण क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- 1) सुनो जल्दी आओ| 2) अरे! रमेश कहाँ गया?
- संयोजक क्रिया विशेषण :- वे क्रिया विशेषण जो किसी ना किसी उपवाक्य से जुड़े होते हैं उन्हे संयोजक क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- जहां पर अभी तुम हो, वहां पर कभी मैं था|
- अनुबद्ध क्रिया विशेषण :- क्रिया विशेषण के वे शब्द जो किसी घटना का निश्चित होना दर्शाते हैं वे अनुबद्ध क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- 1)यह तो यकीनन तुम्हारा ही काम है| 2)उनके आने का इंतजार है बस|
रूप के आधार पर :-
क्रिया विशेषण के वे भेद जो रूप के अर्थ को दर्शाते हैं वे रूप के आधार पर वर्गीकृत किए जाते हैं| इस आधार पर क्रिया विशेषण के भेद हैं :-
- मूल क्रिया विशेषण :- क्रिया विशेषण के वे शब्द जो दूसरे शब्दों में प्रत्यय लगाए बगैर ही तैयार हो जाते हैं वे मूल क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- ठीक, सदा, दूर, ऊपर, आज, अचानक इत्यादि|
- यौगिक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जिनका निर्माण हमेशा उपसर्ग या प्रत्यय लगाकर किया जाता है, वे शब्द यौगिक क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- कभी कभी, बैठते, इतना, उतना, सबेरे, इत्यादि|
- स्थानीय क्रिया विशेषण :- स्थानीय क्रिया विशेषण ऐसे शब्द होते हैं जो बिना किसी भी फेर बदल के विशेष स्थानों पर प्रयोग किए जाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- 1)वह दौड़कर चलती है| 2)तुम अपना सिर पढ़ोगे|
यौगिक शब्दों का निर्माण
- संज्ञा से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- प्रेमपूर्वक, मन, रातभर, सांय, आजन्म, सबेरे इत्यादि|
- सर्वनाम से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- उतना, इतना, अब, कब, यहां, वहां इत्यादि|
- विशेषण से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- बहुधा, पहले, धीरे इत्यादि|
- क्रिया से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- नहाते, धोते, खाते, पीते, जागते, सोते, बैठते इत्यादि|
- शब्दों की द्विरुक्ती से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- घर-घर, कहाँ कहाँ, बीच बीच, कभी कभी, अभी अभी, साफ साफ, जहां जहां, एक एक, ठीक ठीक इत्यादि|
- विभिन्न शब्दों के मेल से से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- देश विदेश, घर बार, आसपास, जहां कहीं, कल परसों, रात दिन इत्यादि|
- संस्कृत के करण कारक से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- साधारणतया, कृप्या इत्यादि|
- तः प्रत्यय लगाने से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- वस्तुतः, मुख्यतः, विशेषतः, सामान्यतः, उदाहरणतः इत्यादि|
- उपसर्गों को जोड़ने से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- प्रत्येक, प्रतिफल इत्यादि|
- धातु से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- देखने जाते, वे आते इत्यादि|
- अवव्य से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- यहाँ तक, वहां तक इत्यादि|
- दो समान या अलग क्रिया विशेषण में न लगाकर बनाई गई क्रिया विशेषण :- कुछ न कुछ, कभी न कभी इत्यादि|
- अनुकरण वाचक की द्विरुक्ती से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- पटपट, धड़ाधड़, गटगट इत्यादि|
- पूर्वकालिक क्रदंत और विशेषण के जोड़ से बनी यौगिक क्रिया विशेषण :- विशेषकर, बहुतकर, मुख्य कर इत्यादि|
अर्थ के आधार पर :-
वे क्रिया विशेषण जो अर्थ के आधार पर विभिन्न होते हैं उन्हे अर्थ के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है| ऐसे क्रिया विशेषण निम्न प्रकार के होते हैं :-
- स्थान वाचक क्रिया विशेषण :- ऐसे शब्द जिनसे यह ज्ञात हो कि क्रिया किस स्थान पर हुई है, वे शब्द स्थान वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- जहां, तहां, बाहर, दूर पास, अंदर, दाएं, बाएं, इधर, उधर, जिधर, उस ओर, इस ओर इत्यादि| उदाहरण के तौर पर वाक्य :- 1)वह मेरे पास बैठी है| 2) सुनो, बाहर बैठो| 3)तुम वहां चले जाओ| 4)बाहर दौड़ लगाओगे| 5)इस ओर चले आओ|
- काल वाचक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो क्रिया के होने के समय को दर्शाएँ वे शब्द काल वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः :- अब, कब, कल, परसों, कई बार, लगातार, परसों, पहले, हर बार, कभी, अभी इत्यादि| उदाहरणतः वाक्य :- 1)तुम कल जाओगे| 2)मैं आज नहाउंगा| 3)कल शाम को चलेंगे| 4)मैं 31 को जाऊंगा| 5)सुबह ट्रेन पकड़नी है|
- परिणाम वाचक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो क्रिया के परिणाम को दर्शाएं उन्हे परिणाम वाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- जरा, खूब, अस्तु, अल्प, पूर्णतया, यथाक्रम, बराबर, थोड़ा – थोड़ा, तिल तिल, किंचित, बराबर, सर्वथा, इतना, कितना, अत्यन्त, केवल इत्यादि| उदाहरण के तौर पर वाक्य :- 1)बराबर बांट दो| 2)इतना मत बोलो| 3)ज्यादा पढ़ो| 4)सच लिखो| 5)बड़ा बड़ा लिखो|
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो यह दर्शाएं कि क्रिया किस विधि या रीति से की गई है उन्हे रीति वाचक क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- गलत, हंसते, फटाफट, तेजी से, कदापि, सचमुच, झूमते हुए, सहसा, तेजी, क्योंकि इत्यादि| उदाहरण के तौर पर वाक्य :- 1)वैशाली मेहनत करती है| 2)मैं तेज भागता हूँ| 3)पानी में धीरे धीरे चलना चाहिए| 4)घोड़ा तेज़ तेज़ चलता है| 5)वह ध्यान पूर्वक पढ़ रहा है|
रीति वाचक क्रिया विशेषण के प्रकार :-
- निश्चय वाचक क्रिया विशेषण :– वे शब्द जो क्रिया के निश्चित होने का बोध कराएं वे निश्चय वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- यथार्थ में,दरअसल, बेशक, वस्तुतः, अवश्य, अलबत्ता, सही, जरूरी इत्यादि|
- अनिश्चय वाचक क्रिया विशेषण :– वह क्रिया विशेषण जो किसी क्रिया के अनिश्चित होने का बोध कराए वह अनिश्चय वाचक क्रिया विशेषण कहलाता है| उदाहरण के तौर पर :- यथासंभव, कदाचित, शायद, बहुतकर इत्यादि|
- कारणात्मक क्रिया विशेषण :– वे शब्द जो क्रिया के कारण को दर्शाएं वे कारणात्मक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- क्यों, किसलिए, अतएव, अतः इत्यादि|
- आकस्मिकतात्मक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो क्रिया के अचानक होने का बोध कराएं वे आकस्मिकतात्मक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- एकाएक, सहसा, अचानक इत्यादि|
- स्वीकारात्मक क्रिया विशेषण :– वे शब्द जिनसे क्रिया को स्वीकार करने का बोध हो, वे शब्द स्वीकारात्मक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरणतः बिल्कुल, जी, अच्छा, हाँ, ठीक, सच इत्यादि|
- निषेधात्मक क्रिया विशेषण :- वे शब्द क्रिया की मनाही करें उन्हे निषेधात्मक क्रिया विशेषण कहा जाता है| उदाहरण के तौर पर :- न, मत, नहीं, इत्यादि|
- आवृत्यात्मक क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो क्रिया के होने की ध्वनि को दर्शाएं वे शब्द आवृत्यात्मक कहलाते हैं| उदाहरणतः धड़ाधड़, गटागट, कल कल, इत्यादि|
- अवधारक क्रिया विशेषण :– वे शब्द जो दो क्रियाओं के मध्य कार्य करें वे, अवधारक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| उदाहरण के तौर पर :- मात्र, ही, तो, भर, तक इत्यादि|
- निष्कर्ष क्रिया विशेषण :- वे शब्द जो क्रिया के निष्कर्ष का बोध कराएं उन्हे निष्कर्ष क्रिया विशेषण कहा जाता है| जैसे :- अतः, इसलिए इत्यादि|
अंग्रेजी के आधार पर क्रिया विशेषण – Adverb In English
परिभाषा :- अंग्रेजी में क्रिया विशेषण, हिन्दी जितनी ही समृद्ध नहीं हैं| न तो वहां पर भेद के उपभेद हैं, न ही वहां दो से ज्यादा भेद| यह देखा जा सकता है कि अंग्रेजी में क्रिया एवं क्रिया की व्याख्या काफी ज्यादा सीमित है| ऐसा इसलिए क्यूंकि अंग्रेजी की व्याकरण में कई शब्दों का अर्थ एक ही कर दिया जाता है| जैसे drink को देखा जा सकता है| यह एक शब्द क्रिया एवं क्रिया विशेष्य दोनों के रूप में लिया जा सकता है|
अंग्रेजी के आधार पर क्रिया के भेद :-
- प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण
- संबंध वाचक क्रिया विशेषण
प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण
वे शब्द जिनका प्रयोग हमेशा प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है वे प्रश्नवाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं|
उदाहरणतः वाक्य :-
- धीरज को देर कैसे हुई?
- मैं यहां कैसे आया?
- तुमने यह क्यूं किया?
- राम ऐसा कैसे करता है?
- तुम यह कब करोगे?
- बेटा सुरेश! खाना कब तक खाएगा?
- अरे रीना! तुम कब आईं?
- लखनऊ में चुनाव कब होंगे?
- इस बार आप भी चुनाव लड़ेंगे क्या?
सम्बंध वाचक क्रिया विशेषण
वे शब्द जो दो उपवाक्यों के मध्य में सम्बंध दर्शाये वे संबंध वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं| ऐसे शब्द अक्सर दो क्रियाओं के मध्य में सटीक संबंध दर्शाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं|
उदाहरण के तौर पर वाक्य :-
- वह यहां था, जब तुम आए थे|
- मैं उसे जानता था, जब वह आया|
- तुम कानपुर में थे, जब मैं दिल्ली में था|