दयालुता पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

इस लेख में हिंदी में (कोमलता) दयालुता पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है।

दयालुता पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

दया पर इस निबंध से छात्र अपनी परीक्षा व विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए मदद भी ले सकते हैं। यह निबंध कक्षा 6-10 के छात्रों के लिए बेस्ट है।

दयालुता का अर्थ Meaning of kindness in Hindi

भारतीय संस्कृति में व्यक्ति के कई गुण बताए गए हैं, जिनमें से एक है दया। दया को सर्वोच्च धर्म माना गया है। यदि व्यक्ति के जीवन चरित्र में इंसानियत अथवा दया भाव नहीं है, तो वह एक जानवर से अधिक और कुछ भी नहीं है।

दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना और चिंता करने के गुण को ही दयालुता कहा जाता है। दयालु व्यक्ति हमेशा समाज के लोगों की सहायता करते हैं और दूसरे मनुष्यों के प्रति बहुत ही संवेदनशील होते हैं।

दया अर्थात पुण्य जो आजकल के स्वार्थ पूर्ण जीवन में एक सवाल बन चुका है, जहां पर अपने स्वार्थ के अलावा लोगों को कुछ भी दिखाई नहीं देता वहां अपने जीवन में कुछ समय निकालकर किसी की मदद करना, किसी के चेहरे पर खुशी लाना और किसी को भोजन देना एक बहुत ही मुश्किल प्रश्न बन चुका है।

आज के समय में लोग अपने में ही इतना लिप्त हो गए हैं, कि वह कभी किसी और के बारे में नहीं सोच सकते है। दया दूसरों के लिए विनम्र और विचारशील होने का एक गुण है, जो आजकल बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है।

मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए निरंतर प्रकृति का दोहन कर रहा है तथा मासूम और बेगुनाह पशु पक्षियों का भोजन के लिए इस्तेमाल कर रहा है, जोकि मानव की क्रूरता की चरम सीमा कहा जाएं तो इसमें कोई संदेह नहीं है।

दयालुता का गुण सैकड़ों में से केवल कुछ व्यक्तियों में पाया जाता है और यह व्यक्ति जिसके आसपास भी रहते हैं, उनके लिए वरदान सिद्ध होते हैं।

जिस तरह मोमबत्ती स्वयं जलकर संसार को रोशन करती है, उसी तरह ऐसे विचार वाले व्यक्ति भी अपनी परवाह किए बिना दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने से नहीं कतराते हैं। दूसरे शब्दों में दयालुता का अर्थ है, कि किसी के ऊपर बिना किसी निजी स्वार्थ के उपकार करना।

कुछ दार्शनिकों ने दयावान व्यक्ति को राष्ट्र की सबसे कीमती संपत्ति बताया है। एरिस्टोटल नामक दार्शनिक ने कहा है, कि यदि हम बिना किसी मांग के किसी की मदद करते हैं, तो वह दया कहलाता है।

हमने पौराणिक कथाओं में सुना है, कि महावीर और बुद्ध भगवान जैसे अनेकों महापुरुषों ने भी अपने प्रवचनों में दया का बहुत विस्तार रूप से वर्णन किया है।

स्वामी महावीर द्वारा कुख्यात अंगुलिमाल डाकू के ऊपर दया की बरसात से हम भली-भांति अवगत हैं, जो कि क्रूरता पूर्वक रास्ते में मिलने वाले आगंतुकों की उंगलियां काट लेता था और उसे इस काम में कोई भी झिझक या दर्द नहीं महसूस होता था।

महावीर स्वामी के संगति और ज्ञान के प्रकाश से ही अंगुलीमाल डाकू दूसरों पर अत्याचार करना छोड़कर एक महान साधु बना।

उसी तरह सिद्धार्थ अर्थात गौतम बुद्ध के जीवन में भी एक घटना घटी जिसमें एक शिकारी हंस का शिकार करना चाहता था और जब सिद्धार्थ द्वारा इसका विरोध किया गया तथा उस हंस को बचाया गया तब यह बात राजा के पास पहुंची और यह तय हुआ कि हंस जिसके पास में चल कर जाएगा उसी का होगा।

भगवान बुद्ध ने कहा कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है, क्षमा दयालुता का ही एक अंग है। आज जिस तरह इंसान पशु-पक्षियों के मांस को खाने के लिए एक बार भी नहीं सोचते हैं, कि उस पर कितनी तकलीफ गुजरी होगी वहां पर सिद्धार्थ द्वारा कहां गया यह कथन झूठा साबित होता दिखाई देता है।

किसी के लिए दया का भाव रखने के लिए बहुत ज्यादा पैसे कमाने की अथवा अमीर बनने की कोई जरूरत नहीं पड़ती, केवल मन अच्छा होना चाहिए और वह किसी की सहायता करने के लिए तत्पर होना चाहिए।

दया या दूसरों की मदद करने के लाभ Kindness or benefits of helping others in Hindi

दया अथवा करुणा सर्वोच्च गुण माना गया है। जब कभी भी हम किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं तो सहायता करने के बाद जो अनुभव हमें प्रतीत होता है वह अद्वितीय है।

किसी ने कहा है, कि यदि आप जीवन में कम से कम एक बार भी दया दिखाते हैं, तो आपका दिन बुरा नहीं जाएगा। दूसरों के लिए दया करने से हमारी आंतरिक शक्तियां जागृत होती है, जो हमें प्रगति के पथ पर अग्रसर होने में सहायता करती हैं।

एक कहावत है कि हम जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा। इसी प्रकार यदि आप किसी के लिए दया और धर्म की भावना रखते हैं, तो आप कभी भी मजबूर नहीं होंगे, कहीं ना कहीं से ईश्वर आपकी मदद जरूर करेगा।

महाभारत काल की एक कथा बहुत प्रचलित है, कि श्री कृष्ण भगवान के जब हाथ में चोट लगी थी, तब द्रोपदी ने अपना आंचल फाड़ कर उनका हाथ बांधा था, वही वस्त्र ब्याज के साथ द्रोपदी के चिर हरण के वक्त उनको दिया गया था, जिसकी वजह से वह इतना लंबा हो गया था। इसका सीधा सा अर्थ है, कि आप जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा चाहे वह दया हो या क्रूरता।

दयालुता का अर्थ सिर्फ मनुष्य से ही नहीं बल्कि जानवरों के प्रति भी है। कुछ लोग कुत्ते, गाय, और अन्य जानवरों पर पत्थर मारते हैं, ताकि वे उन्हें डरा सके यह तब तक सही है जब तक आत्मरक्षा के लिए किया गया हो। अपने शौक के लिए जानवरों को सताया जाने वाले कर्मों को कुकर्म ही कहेंगे।

कहते हैं कि दयालुता का घड़ा जितना अधिक भरता है, आपकी प्रगति उतनी ही बढ़ती है। अतः दयालु व्यक्ति हमेशा कामयाबी के पथ पर आगे बढ़ता जाता है।

क्या दयालु लोग ज़्यादा वक़्त तक जीते हैं? Do kind people live longer in Hindi?

जो लोग दया और धर्म का काम करते हैं, वह गरीब होकर भी गरीब नहीं मारे जाते, क्योंकि उनके पास इंसानियत रूपी बड़ा खजाना होता है।

सामान्य लोगों की अपेक्षा वह स्वस्थ और अधिक खुश रहते हैं। जाहिर सी बात है, जब स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो जीवन काल भी अच्छा रहेगा और ऐसे व्यक्ति लंबे समय तक जीते हैं।

दया और दुआ एक समान जैसे शब्द हैं पर इनका अर्थ है कि जितनी दया आप दान करेंगे इतनी दुआ आपको वापस मिलेगी, जो किसी संपत्ति से कम नहीं है।

आपने बहुत बार लोगों को यह कहते सुना होगा, कि इसकी दुआ ने मुझे बचा लिया, तो वह किसी के द्वारा किया गया दया ही है जो उनके लिए रक्षक का काम करता है।

दयालु कैसे बनें? How to be kind in Hindi?

दयालुता किसी भी शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में नहीं सिखाया जाता, कि कोई इसे देख कर सीख सके। बल्कि यह एक ऐसा गुण है, जो संस्कारों से उत्पन्न होता है, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि इसे सीखा जा सकता है।

अगर आप के आस पास कोई व्यक्ति किसी परेशानि या तकलीफ में है, तो आप उसकी परेशानि दूर करने की कोशिश करें, वह आपको बहुत दुआ देगा और लोगों की मदद करते हुए धीरे-धीरे आप में यह गुण विकसित हो जाएगा।

इंसानों के अलावा जानवरों के लिए भी स्नेह की भावना रखें और उन पर किसी भी तरह का अत्याचार ना करें। उदाहरण के लिए घर के बचे हुए खाने को किसी गरीब व्यक्ति अथवा जानवर को डाल दे, जिससे उसका पेट भर जाएगा।

अगर आप सक्षम है, तो गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करवा दे, या उन्हें किसी भी तरह का रोजगार उपलब्ध करवा दें, जिससे उनका जीवन यापन होता रहेगा और वह फिर से भीख नहीं मांगेंगे इस तरह आप न केवल एक अच्छे इंसान बनेंगे बल्कि अपने देश की तरक्की में भी योगदान दे सकेंगे।

रास्ते में किसी दीन दुखियों अथवा मुक जानवरों को देखकर उन्हें दुत्कारें अथवा डांटे नहीं, बल्कि उनके लिए दया की भावना रखें। चाहे कोई इंसान आपसे छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब सबके लिए अच्छी भावना रखें, यह आपके जीवन में आने वाले नकारात्मक बाधाओं को खत्म करेगा।

दया एक महान गुण है, जो सभी को प्राप्त करना चाहिए। यदि आपने किसी भी गरीब व्यक्ति के जीवन में थोड़ा सा भी बदलाव लाया है, तो आप महान व्यक्तियों में से एक हैं। सभी धर्मों में अहिंसा, प्रेम, दया और करुणा की शिक्षा दी जाती है, अतः यह जीवन जीने की एक उत्तम कला है।

पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी की कहानी तो हम सब ने सुनी है, जिन्होंने मोहम्मद गौरी को 16 बार युद्ध में हरा कर उसे क्षमा कर दिया था पर 17 हवें बार मोहम्मद गोरी ने फिर से आक्रमण किया और उनकी हत्या कर दी।

इसलिए दया तब तक सही है, जब तक वह आप के अस्तित्व को बनाए रखता है, स्वरक्षा में किया जाने वाला आक्रमण क्रूरता की निशानी नहीं है।

बच्चों को बचपन से ही दया के गुण का अभ्यास करवाना चाहिए, ताकि वह बड़े होकर अपने आसपास के लोगों के साथ उचित व्यवहार करें। लेकिन यदि हम इस भावना से किसी की मदद करते हैं, कि बदले में हमें कुछ मिलेगा, तो यह दया दयालुता में नहीं गिना जाएगा, यह एक स्वार्थ मात्र है।

दयालुता पर 10 लाइन 10 line on kindness in Hindi

  1. दयालुता एक ऐसा शस्त्र है, जिसके प्रयोग से जनसेवा के साथ स्वयं का उद्धार भी किया जा सकता है।
  2. दुनिया के सभी धर्म अथवा मजहब में व्यक्ति को दयालु होने का संदेश दिया जाता है।
  3. दुनिया में कहीं भी स्वार्थी लोगों को पसंद नहीं किया जाता, लेकिन किसी दयालु व्यक्ति को हर कोई सम्मान देता है।
  4. दयालु होना इंसानियत की निशानी होती है।
  5. कोई भी इंसान जन्मजात दयालु नहीं होता बल्कि अच्छाई के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए इसका अभ्यास करना पड़ता है।
  6. बच्चे भगवान का स्वरूप इसीलिए कहे जाते हैं क्योंकि उनके अंदर छल कपट की भावना नहीं रहती।
  7. हमे सदैव दीन दुखीयारों के प्रति दयावान रहना चाहिए।
  8. एक स्वार्थी मनुष्य के अंदर कभी भी दया की भावना नहीं होती है।
  9. पूरी दुनिया में 13 नवंबर के दिन ‘विश्व दया दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
  10. विश्व में विचार चक्र के माध्यम से हमारे पास वही परिस्थितियां पुनः लौटकर आएंगी, जिन्हें हम दूसरों के लिए प्रकट करेंगे।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने दयालुता पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो और जानकारी से भरपूर लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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