भरतीय किसान दिवस पर निबंध Essay on Kisan Diwas in Hindi

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां पर भारत की ज्यादातर जनसंख्या खेती पर निर्भर होती है इसलिए किसान दिवस (Kisan Diwas) का यहाँ बहुत महत्व है। लोग अनाज उगाकर अपना जीवन यापन करते हैं और विश्व के सभी लोग इसी अनाज को खाकर जीवित रहते हैं। जब किसान अनाज उगाता है तब वह लोगों के थाली में आता है।

किसान दिवस Kisan Diwas

हमारे देश में खेती को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है ऐसे में किसानों का आदर एवं सम्मान करना चाहिए, इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे भारत देश में किसान दिवस मनाया जाता है यह दिवस 23 दिसंबर को मनाया जाता है।

इस दिवस का आयोजन भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में तथा उनके जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। किसान दिवस की स्थापना सन 2001 ई. में की गई थी। जब चौधरी चरण सिंह जी प्रधानमंत्री पद पर थे तब उन्होंने किसानों के हित के बारे में कार्य करने का फैसला लिया था क्योंकि यह स्वयं एक किसान परिवार से संबंधित थे और किसानों की सभी समस्याओं को जानते थे। ये बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे।

चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए अलग-अलग हितकारी कार्य किए थे जो किसानों को जमीदारों से लड़ने में मदद करती थी तथा इससे किसानों को कुछ लाभ भी मिल जाता था। क्योंकि पहले जमीदार किसानों को उनके अनाजों की कीमत से कम पैसा अदा करता था और खुद उसको महँगे दामों में बेचकर लाभ कमाता था, तथा कमजोर किसानों से जबरदस्ती आनाज भी ले लेता था। किसानों की रक्षा के लिए “जय जवान जय किसान” का भी नारा दिया गया था और कई प्रकार की हरित क्रांति भी चलाई गई थी जो किसानों को खेती करने की ओर अग्रसर करती हैं और फसल उगाने में उनका साहस बढ़ाती हैं।

हमारे देश में कृषि से भारत की अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक अत्यधिक रूप से प्रभाव पड़ता है क्योंकि बाजारों में अत्यधिक बिकने वाले चीजें किसानों के द्वारा ही उगाई गयी होती हैं। किसान बहुत मेहनत और लगन के साथ अनाज को उगाता है और वह बाजार में बेचता है। उसके बाद हम उसे अपने प्रयोग में लाते हैं परंतु किसानों को उसकी सही लागत नहीं मिल पाती है बड़े जमींदार, सरकार आदि उसके अनाज को कम रुपए में खरीद लेते हैं इसीलिए किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है।

किसानों को अच्छे अनाज उत्पादन के लिए बहुत कठिन कार्य एवं संघर्ष करना पड़ता है खेतों में समय समय पर खाद डालना, पानी सीखना, खरपतवार निकालना, कीड़ा मकोड़ा से बचाना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे कई बार किसानों की फसल खराब हो जाती है इसी सब को देखकर किसान इस दुखद स्थिति को सहन नहीं कर पाता है और आत्महत्या की ओर बढ़ने लगता है।

इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए कई प्रकार के कदम उठाए गए हैं जिसमें किसान दिवस एक महत्वपूर्ण जरिया है उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए। किसान दिवस में किसानों को नए नए तरीकों से अनाजों को उगाने के तरीके बताए जाते हैं तथा आधुनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है जिससे कार्य आसानी से और कम लागत में हो सके। पहले जो कार्य करने में किसानों को कई घंटे में कुछ दिनों का समय लगता था वह कार्य आधुनिक तरीकों से करने पर बहुत ही कम समय में हो जाता है।

किसान दिवस कई स्थानों पर बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इसमें कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी की जाती हैं लोग एक दूसरे से मिलकर नए-नए तरीकों को बताते हैं एवं जानकारी प्राप्त करते हैं।

भारत सरकार द्वारा भी किसानों के हित के लिए तथा उनको प्रोत्साहन देने के लिए अलग अलग योजनाओं को लागू करता है तथा वे खेती की ओर अग्रसर रहे इसके लिये किसानों द्वारा लिया गया कर्ज भी कई बार माफ किया जाता है। जिससे किसान खुश रहे और अनाज का उत्पादन करे। किसान सभी समस्याओं को नही झेल पाता है तो वह आत्महत्या की ओर बढ़ने लगता है तब उनकी मदद ये सरकार द्वारा लायी गयी योजनायें करती है।

हमें किसानों का सम्मान करना चाहिए और बहुत खुशी होनी चाहिए कि एक बड़ा वर्ग जो हमारे लिए निरंतर कार्य करता है जिससे हमारी देश की जनता का जीवन चलता है। हमारे भारत देश में अधिकांश भूभाग पर कृषि की जाती है। भारत में ज्यादातर कृषि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि जगहों पर की जाती है और यह बड़े पैमाने पर किसान फसल उत्पादन करता है साथ ही साथ लाभ भी कमाता है।

परंतु लोग आज कल पर्यावरण को खराब कर रहे है जिससे किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है। पर्यावरण खराब होने से मौसम समय के अनुसार नही चलता है, जरूरत पड़ने पर बारिश नही होती है। कहीं बाढ़ आता है तो कही अकाल पड़ जाता है जिससे सभी लोगों को नुकसान तो होता ही है साथ ही साथ किसानों की फसल भी बर्बाद हो जाती है।

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