आज हमने अपने बापू – राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को एक पत्र लिखा है – प्रिय बापू आप अमर हैं। इस पत्र से आप किसी प्रतियोगिता या अपने स्कूल कॉलेज में मदद ले सकते हैं।
प्रिय बापू आप अमर हैं- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी को पत्र लेखन Priya Bapu Aap Amar Hain – Letter Writing to Mahatma Gandhi in Hindi
प्रिय बापू ! आपका व्यक्तित्व अत्यंत सरल और साधारण है, आप एक शांतिप्रिय, सत्य व प्रेम में आस्था रखने वाले व्यक्ति हैं। आज भी आप किसी न किसी रूप में हम सबके बीच में अमर हैं।
मैं अक्सर आपको जीवित पाती हूँ, जब मेरी माँ मुझे आपकी कहानियां सुनाती हैं। मैं हमेशा ही मेरी माँ द्वारा सुनाई हुई आपकी कहानियों में खो जाती हूँ और मुझे ऐसा लगता है कि मैं भी आपके बचपन की घटनाओं का एक हिस्सा हूँ। जिसे मैं एक चरित्र के रूप में आज जी रही हूँ। आपके जीवन की ये घटनाएं पुनः जीवित हो उठती हैं जब भी ये दोहराई जाती हैं।
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आपसे जुडी हुई बहुत सी प्रेरणात्मक कहानियां हैं जिन्हे मैं यहाँ बताने जा रही हूँ –
बचपन में आप बहुत ज्यादा शरारती नहीं थे लेकिन चंचल थे। आपकी माँ आपको बचपन में मोहनिया (मोनिया) बुलाती थी। आप धमा – चौकड़ी मचाया करते थे। आप अपने घर में सबसे छोटे थे और माँ के राजकुमार थे। आपके दो बड़े भाई थे – काला और करसनिया और इकलौती बहन गोकि थी। आपकी बहन गोकि आपको गोद में लेकर खूब खिलाया करती थी और माँ कहती थी गोकि तू मोहनिया को गिरा देगी। आपके सौम्य स्वभाव के कारण हर व्यक्ति का मन आपको गोद में लेने का होता था।
आपको बचपन से ही स्वतंत्रता पसंद है। एक बार की बात है आपकी माँ ने आपकी देखभाल के लिए एक दाई माँ लगा दी थी जिससे आप कहीं खो न जाएं। लेकिन आप स्वतंत्र रहना चाहते थे इसीलिए आपने पिता से कहा कि मैं कहीं नहीं खोऊँगा। तब दाई माँ आपके पीछे- पीछे चुप – चाप से जाया करती थी।
आप अक्सर पेड़ों पर चढ़ जाया करते थे। कभी अमरुद के पेड़ पर तो कभी आम के पेड़ पर। एक बार की बात है आप पेड़ पर चढ़ ही रहे थे कि अचानक पीछे से आपका भाई ‘काला’ आ गया। उसने बीच में से ही आपकी टांग पकड़ ली और आप जमीन पर धप्प आ गिरे। और आप जब खड़े हुए तो आपके भाई ने आपको पीछे से मार दिया और भाग गया।
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आप रोते हुए जब घर गए और माँ को बोला कि भैया ने मुझे मारा। तब माँ ने कहा कि जा तू भी उसे मार दे। तब आपने माँ से कहा कि अरे ! मैं क्यों मारूं ? बड़े भाई को कैसे मारूं ? और माँ के इस प्रकार के वचन सुनकर आप रोना भूल गए थे।
तब माँ ने कहा कि तुम लोग बच्चे हो, लड़ते – झगड़ते रहते हो, एक दूसरे को मारते रहते हो। अगर भाई ने तुम्हे मारा तो तुम भी उसे मार दो।
तब आपने कहा कि भैया भले ही मुझे मारे लेकिन मैं उन्हें नहीं मारूंगा। जो मारते हैं आप उन्हें मारने से रोकती क्यों नहीं ? ऐसा सुनकर आपकी माँ चकित हो उठीं और बोली कि तू ऐसे जबाव लाता कहाँ से है।
अंदर से आते हुए आपके पिताजी ने कहा कि ये बड़ा होकर जरूर तुम्हारा नाम रोशन करेगा। इस प्रकार धीरे – धीरे आप बड़े होते गए और आपके भाई ने आपको फिर कभी नहीं मारा। आपका मन्त्र था – “मर- मर के न जियो, निर्भय बनो, जीना है तो मरना सीखो।” इस तरह की प्रेरणात्मक सीख सदा हम अपने ह्रदय में रखते हैं व आपको याद करते हैं।
आप बच्चों से अत्यधिक प्यार करते थे। एक बार की बात है एक बच्चा आपके सादा पहनावे को देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है और आपके पास आकर बोला कि आप तो महान व्यक्ति हैं और आपने इतने सादा कपडे क्यों धारण किये हैं ? तब आपने कहा कि मैं गरीब आदमी हूँ मैं अच्छे कपडे कैसे सिलवाऊं ?
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तब उस बच्चे ने कहा कि मेरी माँ आपके लिए कुर्ता सिल देगी। तब आपने कहा कि वह मेरे लिए कितने कुर्ते सिल पाएगी ? बच्चे ने कहा – जितने आप कहोगे। आपकी ह्रदय छू लेने बात यह है कि – “बेटा ! मेरा परिवार बहुत बड़ा है, मैं अकेला कुर्ता पहनूंगा तो अच्छा नहीं लगेगा, क्या तुम्हारी माँ मेरे 40 करोड़ भाई – बहनो के लिए कुर्ते सिल पायेगी ?” वह बच्चा आश्चर्यचकित हो उठा कि आप सारे लोगों को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं। इस तरह की हृदयस्पर्शी बात उसके ह्रदय में समा गयी। आज भी आप अपने इन्हीं गुणों के कारण पहचाने जाते हैं।
एक बार की बात है आपने अपने पिता जी से राजा हरिश्चंद्र का नाटक देखने की जिद्द की। आपके पिता काफी व्यस्त थे। लेकिन आप राजा हरिश्चंद्र से बहुत प्रभावित थे। इसीलिए दोस्तों के साथ ही नाटक देखने को चले गए। चूँकि हरिश्चंद्र बहुत ही सत्यवादी राजा थे। उन्होंने सत्यता के लिए अपना राज – पाट और परिवार खो दिया था। हरिश्चंद्र की सत्यवादिता का आप पर बहुत ही प्रभाव पड़ा। इस प्रकार आपने तय किया कि आप हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेंगे और यह माना कि सदा सत्य की ही जीत होती है।
प्रिय बापू ! आपके जीवन की ये घटनाएं हम लोगों को बहुत कुछ सिखाती हैं। जिनका अनुसरण सदा हम लोग करते रहेंगे। आप बचपन से ही ईमानदार थे। एक बार की बात है। जब आपके विद्यालय में विद्यार्थियों को अंग्रेजी शब्द लिखने को दिए गए। सभी विद्यार्थियों ने अंग्रेजी के शब्द लिखे। उन शब्दों को चैक किया गया।
तब आपके द्वारा लिखी गयी स्पेलिंग गलत थी। चूँकि विद्यालय में बाहर से इंस्पेक्शन की टीम आयी हुई थी। आपके शिक्षक ने आपको इशारा करते हुए कहा कि आप अपनी गलत स्पेलिंग को बगल वाले छात्र की सही लिखी हुई स्पेलिंग से देख कर लिख लें। लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। शिक्षक के पूछने पर आपने बताया कि आप नक़ल नहीं करना चाहते थे।
आपकी इस घटना से हमे ईमानदार होने की प्रेरणा मिलती है। – “प्रिय बापू आप अमर हैं”
आपके जीवन की एक और घटना मुझे याद है जब आप प्रथम श्रेणी के डिब्बे से दक्षिण अफ्रीका जा रहे थे। और उस समय काले – गोरे का बहुत ही ज्यादा भेद – भाव चल रहा था और दक्षिण अफ्रीका में लोग भारतीयों को कुली समझते थे। उस समय प्रथम श्रेणी के डिब्बे में काले लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं थी और आपको उस डिब्बे से निकाल दिया गया था।
आपके पास प्रथम श्रेणी का टिकट होने के बावजूद भी आपको सामान सहित निकाल दिया गया था। तब आपके मन को ठेस पहुंची कि ये तो मानवता पर अन्याय है। इसके लिए आपने अन्याय के खिलाफ सत्य का हथियार इस्तेमाल किया और इसे ही सत्याग्रह आंदोलन नाम से जाना जाता है।
ऐसी न जाने कितनी घटनाएं हैं जिनसे हमे प्रेरणा मिलती है। आपके इस दुबले – पतले शरीर में न जाने कितने गुणों का समावेश है, जिसके कारण आप आज भी हम लोगों के बीच उपस्थित हैं। आपका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका रही और आप राष्ट्रपिता भी कहलाये। यह कहना उचित ही होगा कि “प्रिय बापू आप अमर हैं”!
इस सुन्दर पत्र लेखन “प्रिय बापू आप अमर हैं” (Letter to mahatma gandhi in Hindi)से आप – इसी टॉपिक पर निबंध लिखने का प्रयास भी कर सकते हैं। परन्तु गांधी जी पर निबंध हमने दूसरा पोस्ट लिखा है जिसका लिंक हमने ऊपर दिया है। इस पत्र से आप हाल ही में होने वाले ‘ढाई आखर’ राष्ट्रीय स्तर पत्र लेखन प्रतियोगिता के लिए भी मदद ले सकते हैं और बापू को अपने दिल की बात पहुंचा सकते हैं। अगर आप और भी बापू के बारे में जानना चाहते हैं तो नीचे दिए हुए किताब को पढ़ें।
Bapu ji bhttt mahan the..hme inse bahut prerna milti hai…hm sbko hamare desh k liye bahut kch krna chahiye..❤️❤️ jisse k hamara desh aur tarakki kre
Jitna ho ske hme bapu ji ki prerna ke anusar hmare jivan ko samarpit karna chaiye or.. Bapu ji ka ye logo hmesha ke liye h. Ki bapu aap sda hmesha amar rhe… Jai hind jai bharat
Thanks for helping me
Priy bapu ap amar rahe
Thanks ☺️☺️☺️☺️
You are known father of nation because you are great you are great
Nice
Baap asap Amar ho Becaus you are a great person in India
SIR kis Pate par letter bhejna hai
My #nationfather r u #great
Mahatma Gandhi
All world proud of uu
Mohan das karamchand gandhi or bapu ,he was a great father of nation and we all learn a lesson of life from him
Thanks
nice write yr
My mahatma Gandhi was great
Thanks and super stories
Thanks Bhai
Great latter
Thank you for your helpI love my India jai hind
Jai hind,thanks for information our national pita bapuji..
पिरीय बापू नमन हैआपकेइस विशाल व्यकि्तत्व को |आप अमर है बापू आप अमर है
maine ye s/a college me likha to mujhe 2nd prize mila
Thnx for s/a
Nice, but we request all readers do not copy, write in your own language. Thanks for commenting
Nice one
Address kha h.. Bhejna kha h mtlb
Yes mahatma Gandhi was a very good person
Mahatma Gandhiji spent his whole life struggling for indians
Thanks
Thankyou very much aap nhi jante ye mere liye kitna jyada upyogi hai actually mujhe iss par hi patra lekhan karna tha mujhe laga mujhe nhi milega but thanks to god ki ye mujhe mil gya
When will Be the results announced of this competition
When they announce you will see in news ! thanks for writing
AS PAR DOCUMENT