विश्व एड्स दिवस पर भाषण Speech on World AIDS Day in Hindi

हेल्लो दोस्तों, आज के इस लेख में हमने विश्व एड्स दिवस पर भाषण प्रस्तुत किया है Speech on world AIDS Day मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरा ये भाषण पसंद आएगा।

विश्व एड्स दिवस पर भाषण Speech on World AIDS Day in Hindi

पढ़ें : एड्स का इलाज कैसे करें?

सम्मानित प्रिंसिपल,  शिक्षकों और मेरे प्रिय मित्रों आप सभी मेरा नमस्कार,

मेरा नाम —- है और मैं 12 वीं कक्षा में पढता हूँ और मैं जीव विज्ञान का छात्र हूँ। आज 1 दिसम्बर को हम सभी विश्व एड्स दिवस को मनाने के लिए उपस्थित हुए है। हम सभी जानते है कि इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगो को जागरूक करना है। आप में से बहुत से लोगो को इसके बारे में पता होगा लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होंगे जिन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नही होगा। आज में इस भाषण के माध्यम से आप सभी को एड्स के प्रति जागरूक करने की कोशिश करूँगा।

हम सभी जानते है कि पूरी दुनिया भर में एड्स के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल 1 दिसम्बर को एड्स दिवस मनाया जाता है। आज के दिन हर गैर सरकारी, सरकारी संगठनों, संगठनों,  नागरिक समाज और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा लोगो को जागरुक करने के लिए कई आयोजन किये जाते है, जिससे लोग एड्स के प्रति और भी जागरूक रहे। 

हर साल की तरह इस साल भी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जायेगा। हर बार की तरह इस बार भी एड्स दिवस को एक नये थीम के साथ मनाया जायेगा।

पढ़ें : विश्व एड्स दिवस पर निबंध

World AIDS Day Theme 2019 (in Hindi)

  • इस बार इसकी थीम ‘एचआईवी / एड्स महामारी समाप्त: समुदाय से समुदाय तक’ (World Aids Day Theme  2019 –  Ending the HIV/AIDS Epidemic: Community by Community रखा गया है।
  • इससे पहले वर्ष 2018 में इसकी थीम का नाम – नो योर स्टेटस (Know your status)  था।

दोस्तों, आज भी बहुत से ऐसे लोग है जो ग्रामीण और बहुत ही पिछड़े इलाके से आते है जिन्हें एड्स के बारे में जानकारी नही है। क्या आप को नही लगता है कि हमें और आप को मिलकर लोगो जागरूक करना चाहिए। अगर हमें इसके बारे में लोगो को जागरूक करना है तो उसके लिए पहले हमें ये जानना होगा कि आखिर एड्स फैलता कैसे है।

क्या आप को पता है कि एड्स कैसे फैलता है? मैं बताता हूँ।  अगर एड्स की बात करें, तो  ये HIV यानी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस के संक्रमण से फैलने वाली एक जानलेवा बीमारी है। इससे पुरुष और महिला के साथ बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे है। अगर HIV की बात करें तो ये वायरस मनुष्य के शरीर मे किसी तरल पदार्थ जैसे वीर्य, रक्त, स्तन के दूध से हो सकता है। लेकिन एड्स होने का सबसे मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध बनाने से होता है। 

दोस्तों, सबसे जरूरी बात यह है कि इसके लक्षण बिलकुल ही सामान्य होते है। जो समस्या एक सामान्य मनुष्य को होती है। इसके कई मुख्य लक्षण है जैसे – लंबे समय तक ख़ासी रहना, लंबे समय तक बुखार रहना, सिरदर्द रहना, शारीरिक कमज़ोरी आना, तेजी से वजन घटना, गले में खराश होना, बार-बार सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द रहना, सोते समय पसीना आना, लगातार दस्त होना, मुंह के छालें, गर्दन पर सूजन लिम्फ ग्रंथियां, धुंधला दिखाई देना जैसे लक्षण हो सकते है। जो बहुत ही सामान्य लक्षण है।  इन लक्षणों को देख कर बहुत से लोग इसे एक सामान्य बीमारी समझने की गलती कर देते है। जिससे हर साल लाखों लोगों की एड्स के कारण मृत्यु हो जाती है।

हो सकता है कि आप में कुछ लोग को लगता हो एड्स छूने या एड्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ बात करने से फैल सकता है। तो मैं आप को बता दूँ कि एड्स असुरक्षित यौन संबंध बनाने, ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने या फिर दूषित सुई से इंजेक्शन लगाने या एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के द्वारा उनके शिशुओं में या संक्रमित मां से बच्चे को स्तनपान कराने से फैल सकता है।

दोस्तों, अगर हम एड्स के इतिहास की बात करें, तो इसकी कल्पना सबसे पहले थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न के द्वारा 1987 में किया गया था। इन्होंने अपने इस सोच को डॉक्टर जोनाथन मन को बताया, जो ग्लोबल एड्स प्रोग्राम के डायरेक्टर थे। उन्हें दोनों की बात पसंद आई और उन्होंने साल 1988 में 1 दिसंबर को हर साल विश्व एड्स दिवस मनाने की घोषणा कर दी। वर्ष 2007 में विश्व एड्स दिवस को एक लाल क्रॉस रिबन का प्रतीक दिया गया। जिसकी शुरुआत व्हाइट हाउस में सबसे पहले की गई थी।  

अगर हम एड्स के आंकड़ों की बात करें, तो आज भी लगभग 36 मिलियन लोग एड्स के साथ जी रहे है। जिनमे 1.6 मिलियन संक्रमण 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में था और 0-14 आयु वर्ग के बच्चों में लगभग 160,000 बच्चों को संक्रमण हुआ था।

वर्ष 2018  में पूरी दुनिया में एड्स से संबंधित बीमारियों से लगभग 770,000 लोग मारे गए, जबकि 2010 में 1.2 मिलियन और 2004 में 1.7 मिलियन लोगो की मृत्यु एड्स से हुआ था।

अगर पिछले आंकड़ों को देखा जाए, तो इसमें पहले से बहुत सुधार हुआ है। इससे पता चलता है कि बहुत से लोग इससे जागरूक हुए है लेकिन इन आंकड़ों को देखते हुए हम कह सकते है कि आज भी बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें एड्स के बारे में पूरी जानकारी नही है। इसके लिये हम सभी को आगे आने की जरुरत है।

दोस्तों, हम सभी को पता है कि विश्व एड्स दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्व स्तर पर एड्स के लिए रोकथाम और नियंत्रण के उपायों को बढ़ाने के लिए,  एड्स के इलाज,  परीक्षण, तथा एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के लिये तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना तथा लोगो को एड्स के  प्रति जागरूक करके इसके खिलाफ लड़ने में सहायता के साथ कई अन्य उद्देश्य भी है।

क्या आप को पता है कि किन सावधानियों से आप एड्स जैसे जानलेवा बीमारी से बच सकते है।  हम आप को बता दें कि इससे बचने के लिए आप को क्या करना चाहिए।

  1. आपको इसके इन्फेक्शन से बचने के लिए यौन संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।
  2. यदि आप कभी इंजेक्शन लेते या देते है तो उसके लिए नये सिरिंज का इस्तेमाल करना चाहिए।
  3. यदि आपके आस पास किसी को एड्स है तो उसके साथ भेदभाव न करे। क्योंकि एचआईवी वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से नही फैलता है।
  4. किसी भी HIV रोगी के एक्सीडेंट के समय सावधानियां बरतें। जैसे ग्लोव का उपयोग करें।
  5. एड्स रोगियों को समझाएं की उन्हें एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी अपने नजदीकी ART सेण्टर या स्वास्थ्य केंद्र जा कर शुरू करवाना चाहिए जिससे वह एक सुखी और पूर्ण जीवन जी सकते हैं।
  6. किसी भी व्यक्ति का उपयोग किया हुआ ब्लेड उपयोग नहीं करना चाहिए।

इसी के साथ मैं अपने भाषण का समापन कर रहा हूँ। अंत मैं आप से यही कहूँगा कि दोस्तों, हम सभी को मिलकर एड्स के प्रति लोगो को और भी ज्यादा जागरूक करना चाहिए। जिससे की लोग इसके विषय में और जागरूक बन सकें और यह बीमारी जड़ से मिट सके। इसी के साथ ही में अपना भाषण समाप्त करता हु धन्यवाद। 

Source –

https://www.hiv.gov/hiv-basics/overview/data-and-trends/global-statistics
https://www.unaids.org/en/resources/campaigns/WAD_2019

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