गाय पालन के फायदे Advantages of Cow Farming in Hindi आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे गाय पालन का महत्व और साथ ही भारत में इसके पौराणिक मान्यताओं के बारे में।
गाय पालन के फायदे Advantages of Cow Farming in Hindi
भारत में गाय पालने के महत्व को अभिव्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि गाय भारतीय जनमानस में बसी हुई है। भारत के लोग गाय को सृष्टि की माता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं। गाय के रूप में पृथ्वी की करुण पुकार और विष्णु से अवतार के लिए निवेदन के प्रसंग पुराणों में बहुत प्रसिद्ध हैं। ‘समरांगणसूत्रधार’- जैसा प्रसिद्ध बृहद वास्तु ग्रंथ गोरूप में पृथ्वी-ब्र्ह्मादि के समागम-संवाद से ही आरंभ होता है। गाय हिंदुओं के लिए बहुत ही पवित्र पशु है।
गाय एक शाकाहारी और घरेलू पशु है, जिसका दूध हमारे शरीर के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। गाय को सभी पशुओं में से पवित्र पशु के रूप में माना जाता है। इस धरती पर पहले गायों की कुछ ही प्रजातियां थीं। आज से लगभग 9500 वर्ष पूर्व गुरु वशिष्ठ ने गाय के कुल में विस्तार किया था। उसके पहले कामधेनु, कपिला, देवनी, नन्दनी, भौमा आदि गायों की कुछ ही प्रजातियां थी।
कामधेनु गाय
कामधेनु के लिए गुरु वशिष्ठ से विश्वामित्र सहित कई अन्य राजाओं ने कई बार युद्ध किया, लेकिन कामधेनु गाय को किसी को नही दिया। गाय के इस झगड़े में गुरु वशिष्ठ के 100 पुत्र मारे गए थे। शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार गाय की योनि आत्मा की विकास यात्रा का अन्तिम पड़ाव है, इसके बाद आत्मा को मनुष्य की योनि में आना ही होता है। हम जितनी भी गाय देखते हैं। वह 84 योनि की विकास क्रम में आकर अंतिम पड़ाव पर विश्राम कर रही हैं। गाय की योनि में होने का अर्थ है- विश्राम, शांति और प्रार्थना। हिंदू धर्म के अनुसार घर में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं। ये देवता है- 12 आदित्य, 8 वसु, 11 रुद्र और 2 अश्विन कुमार। यही कारण है कि दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है और उनकी मोर पंखो आदि से श्रृंगार किया जाता है। हिंदुओं के हर धार्मिक कार्यों में सर्वप्रथम पूज्य गणेश एवं उनकी माता पार्वती को गाय के गोबर से बने पूजा स्थल में रखा जाता है।
कृषि क्षेत्र में महत्व
जैसा कि हम जानते है भारत एक कृषि-प्रधान देश है। कृषि ही भारत के मुख्य आय का स्रोत है। भारतीय किसान कृषि के क्षेत्र में पूरे विश्व में सर्वोपरि था, इसका मुख्य कारण था गाय। भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद को ही कृषि के लिए प्रमुख साधन मानते थे। गोबर की खाद के कारण ही भारत की भूमि कई वर्षों से सोना उगलती आ रही थी परंतु हरित क्रांति के नाम पर सन् 1960 से 1985 तक रासायनिक खेती द्वारा भारतीय कृषि को नष्ट कर दिया और खेत भी अब उतने उपजाऊ नहीं रहें।
अब खेतो में रासायनिक खादों का उपयोग होने लगा जिससे अनाज़ जहरीले पैदा होने लगे, जिससे कई गम्भीर बीमारियों की भी उत्पत्ति होने लगी। गाय के गोबर में गोमूत्र, धतूरा, नीम आदि के पत्तों को मिला कर बनाये गये कीटनाशक द्वारा खेतो को किसी भी कीड़ो से बचाया जा सकता है।
आज कल बाजार में डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, मक्खन, पनीर आदि की मांग बढ़ती जा रही है। जितनी माँग हमारे खाने के लिए सब्जियों की होती है उससे कहीं ज्यादा डेयरी प्रोडक्ट की है। आज के समय में कोई भी इंसान ऐसा नहीं होगा जो सुबह उठकर चाय न पिये, या पूरे दिन में दूध से बनी किसी चीज का सेवन ना करें।
इसके साथ ही हमारे देश में मान्यता है कि किसी भी शुभ कार्य करने के लिए घर से निकलते वक्त दही चीनी खाने से कार्य सफल होता है। भगवान की पूजा के लिए गौमूत्र को भी पवित्र माना जाता है, इतना ही नही गौमूत्र से हमारे शरीर के कई रोग दूर हो जाते है इसलिए कई बार दवाओं में भी गौमूत्र का प्रयोग किया जाता है।
डेयरी प्रोडक्ट की बढ़ती मांग को देखते हुए गाय पालने और उससे प्राप्त दूध, दही, घी आदि का व्यवसाय करना फायदेमंद साबित होगा। इस व्यवसाय को आप अपने निवेश के हिसाब से शुरू कर सकते है। अगर आपके पास धन की कमी है तो आप 2 या 3 गाय पाल कर भी अपना व्यवसाय शुरू कर सकते है।
गाय पालने के व्यवसाय को शुरू करने से पहले उनके रहने योग्य जगह की व्यवस्था करनी होगी साथ ही उनके लिए पौष्टिक आहार और पानी की भी व्यवस्था करनी होगी। जिस जगह पर गाय को रखते है वहाँ की प्रतिदिन सफाई होनी चाहिए और उनकी अच्छे से देखभाल करनी चाहिए।