आज के इस आर्टिकल में हम आपको – लिंग की परिभाषा, भेद, नियम GENDER – Ling in Hindi VYAKARAN, के विषय में बतायेंगे
लिंग की परिभाषा, भेद, नियम GENDER – Ling in Hindi VYAKARAN
Contents
लिंग की परिभाषा
वे सभी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की व्यक्तिवाचक जाति को सूचित करें उन्हे, लिंग कहा जाता है| लिंग की उत्पति संस्कृत से मानी जाती है जहां इसका अर्थ होता है, निशान| शब्दों का लिंग निर्धारण करना, व्याकरण को निर्देशित करने के लिए आवश्यक है|
अर्थात यदि आपको पता होगा कि गाड़ी स्त्रीलिंग है, तभी आप उसे “गाड़ी चल रही है” कह पाएंगे, यानी कि रही का प्रयोग आप केवल स्त्रीलिंग के साथ ही कर सकते हैं| इस कारण शब्दों का लिंग निर्धारण काफी ज्यादा जरूरी है|
लिंग के भेद
लिंग के भेद :- लिंग को मूलतः तीन प्रकार में बांटा गया है|
- पुल्लिंग
- स्त्रीलिंग
- नपुंसकलिंग
पुल्लिंग
इस प्रकार के लिंग का प्रयोग पुरुषवाचक संज्ञा या सर्वनाम को सूचित करने के लिए प्रयोग किया जाता है| उदाहरण के तौर पर :- बंदर, दादाजी, शेर, शहर, शिव, विष्णु, सेठ, कंप्यूटर, कानपुर, चम्मच, इत्यादि|
पुल्लिंग से जुड़े कुछ नियम
- पुल्लिंग से जुड़े शब्दों की पहचान करने के लिए, उनके पीछे लगे, अ, त्व, आ, आव, पा, पन, न आदि प्रत्यय की पहचान करनी काफी ज्यादा जरूरी है|
- पेड़ों के सभी नाम पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- शीशम, अशोक, केला, सागौन, पपीता, देवदार, अमरूद, पलाश, अनार, जामुन, बरग्द, पीपल| (तुलसी इसमें एक अपवाद है)
- धातुओं के सभी नाम पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- लोहा, तांबा, पीतल, चांदी, सोना, पारा, अल्यूमिनियम|
- द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- शर्बत, पानी, तेल, दूध, दही, घी, पेट्रोल, डीजल|
- नक्षत्रों के नाम सभी पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- मंगल, शुक्र, बृहस्पति, आकाश, शनि, सूर्य, चंद्र, राहु|
- अनाजों के सभी नाम पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- जौ, बाजरा, गेंहू, चना, ज्वर इत्यादि|
- सागर के नाम हमेशा पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- प्रशांत महासागर, आर्कटिक महासागर, अरब सागर, हिन्द महासागर इत्यादि|
- प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- इंसान, मनुष्य, व्यक्ति, खरगोश, खटमल, कौआ, गीदड़, बालक, शेर, कुत्ता, मच्छर, पक्षी, बंदर इत्यादि|
- देशों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि|
- महीनों के नाम भी हमेशा पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- सितंबर, दिसंबर, जनवरी, मई, अप्रैल इत्यादि|
- पर्वतों के नाम भी हमेशा पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- माउंट एवरेस्ट, विंध्याचल, मलयाचल, कैलाश, इत्यादि|
- दिनों के नाम हमेशा पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- शनिवार, रविवार, शुक्रवार, ऐतवार इत्यादि|
- समय के नाम हमेशा ही पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- घंटा, पल, क्षण, मिनट सेकंड इत्यादि|
- वर्णमाला के अक्षरों के नाम हमेशा से ही पुल्लिंग होते हैं| जैसे :- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः|
स्त्रीलिंग
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के स्त्रीलिंग होने का बोध कराएं उन्हे, स्त्रीलिंग शब्द कहा जाता है| इस प्रकार के शब्दों के कारण यह पता चलता कि वाक्य का निर्माण किस प्रकार करना है| अर्थात यदि आप यह जानते होंगे कि ट्रेन स्त्रीलिंग है तभी आप, “ट्रेन चली गई” जैसे वाक्य बना पाएंगे|
स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण :- शेरनी, गंगा, नील, कुतिया, किताब, सिगरेट, शराब, घोड़ी, कुमुदनी, मोरनी, कुसुम, पुष्पा|
स्त्रीलिंग से जुड़े कुछ नियम
- स्त्रीलिंग शब्दों को बनाने के लिए उनमें प्रत्यय जोड़ा जाता है, ऐसे प्रत्यय स्त्रीलिंग प्रत्यय कहलाते हैं| जैसे ई लगाकर बनाया गया बड़ी, भली, खड़ी, सुनी, सनी इत्यादि| इस प्रकार के अन्य शब्द हैं, इनी, इन, नि, आनी, आईन, ईया|
- स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान करने के लिए उनके पीछे लगे, हट, वट, ख, ट, इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है|
- ऊ, ई, जैसी संज्ञाओं से स्त्रीलिंग शब्दों का बोध होता है| अर्थात्, अनुस्वरांत, इकराँत, उकराँत, तकरांत, सकरांत, आदि संज्ञाएं स्त्रीलिंग शब्दों का निर्माण करते हैं| जैसे :- रोटी, कुर्सी, भाभी, मम्मी, खड़ाऊँ, बोली, सरसों, दारू, उबासी इत्यादि|
- आहारों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग में होते हैं| उदाहरण के तौर पर :- पकौड़ी, रोटी, दाल, कचौड़ी, सब्जी|
- पुस्तकों के नाम भी हमेशा स्त्रीलिंग में होते हैं| जैसे :- रामचरितमानस, रामायण, बाइबल, गीतांजलि, किताब, गीता इत्यादि|
- कुछ नक्षत्रों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं| वो नाम हैं :- मृगशिरा, अश्विनी, भरणी, रोहिणी, चित्रा, रेवती|
- तारीखों और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं| जैसे :- अमावस्या, पूर्णिमा, प्रथमा, प्रतिपदा, पृथ्वी, एकादशी इत्यादि|
- शरीर के अंगों के कई नाम स्त्रीलिंग होते हैं| जैसे :- तोढ़ी, जीभ, पलक, आँख, नाक इत्यादि|
- राशियों के कई नाम स्त्रीलिंग होते हैं| उदाहरण के लिए :- कर्क, कुंभ, मीन, तुला, सिंह, मेष इत्यादि|
- समूहवाचक शब्द हमेशा स्त्रीलिंग होते हैं| जैसे :- भीड़, हुजूम, सेना, सभा, कक्षा, कमेटी इत्यादि| (दल इसमे एक अपवाद है)
- बोलियों, भाषाओं और लिपियों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते हैं| उदाहरण के लिए :- हिंदी, संस्कृत, फ्रेंच, अरबी, फारसी, देवनागरी, अवधी, मराठी, तमिल, गुजराती, बंगाली, गुरुमूखी इत्यादि|
- नदियों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग होते हैं| उदाहरण के लिए :- यमुना, गोमती, गोदावरी, व्यास, सतलुज, झेलम, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, कावेरी, कृष्णा, सरस्वती, तापी, अलकनन्दा, सिंधु, नील इत्यादि|
- मसालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं| उदाहरण के लिए :- सौंफ, अजवाइन, हल्दी, मिर्च, धनिया, लौंग इत्यादि|
- वस्त्रों के नाम हमेशा स्त्रीलिंग में होते हैं| उदाहरण के तौर पर :- पेंट, टाइ, बेल्ट, सलवार, पजामा, सूट, धोती, कुर्ती इत्यादि|
- अभूषण के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं| उदाहरण के तौर पर :- चूड़ी, बिंदी, कंघी, अंगूठी, नथ इत्यादि|
शब्दों के लिंग परिवर्तन के लिए प्रयुक्त नियम
1)पुल्लिंग से स्त्रीलिंग करने के लिए ई का प्रयोग कर दिया जाता है| जैसे :-
- चाचा = चाची
- दादा = दादी
- लड़का = लड़की
- नर = नारी
- बंदर = बंदरी
- पोता = पोती
- घोड़ा = घोड़ी
- नाला = नाली
- बकरा = बकरी
- दास = दासी
- कबूतर = कबूतरी
- नाना = नानी
- देव = देवी
- कूत्ता = कूत्ती
- चूहा = चुहि
2)जब पुल्लिंग शब्दों के अन्त में अ, आ अथवा वा आदि शब्दों का प्रयोग होता है, तब स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में अ, आ अथवा वा के स्थान पर इया लगाकर उनका निर्माण किया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- खाट = खटिया
- बंदर = बंदरिया
- बूढ़ा = बुढ़िया
- लोटा = लुटिया
3)कुछ पुल्लिंग शब्दों में “इका” प्रत्यय जोड़कर, उन्हे स्त्रीलिंग बना दिया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- बालक = बालिका
- संपादक = संपादिका
- पाठक = पाठिका
- चालक = चालिका
- पालक = पालिका
- पत्र = पत्रिका
4)कभी कभार, पुल्लिंग शब्द काफी ज्यादा जटिल होते हैं इस कारण उन्हे स्त्रीलिंग में बदलने के लिए मादा लगाना पड़ता है| उदाहरण के तौर पर :-
- मक्खी = नर मक्खी
- मच्छर = मादा मच्छर
- भालू = मादा भालू
- मैना = नर मैना
- कौआ = मादा कौआ
- कोयल = नर कोयल
- भेढ़ = नर भेढ़
- कछुआ = नर कछुआ
- तोता = मादा तोता
- गिलहरी = नर गिलहरी
- उल्लू = मादा उल्लू
- मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ
- चील = नर चील
- खटमल = मादा खटमल
5)कुछ स्त्रीलिंग शब्द, पुल्लिंग शब्दों से बिल्कुल ही अलग होते हैं, उनके निर्माण में किसी भी प्रकार के नियम का प्रयोग नहीं किया जाता| उदाहरण के तौर पर :-
- भाई = बहन
- सम्राट = सम्राज्ञी
- बेटा = बहु
- पति = पत्नी
- पिता = माता
- पुरुष = स्त्री
- बिलाव = बिल्ली
- वर = वधू
- मर्द = औरत
- राजा = रानी
- फूफा = बुआ
- बैल = गाय
6)कुछ पुरुष शब्दों के अन्त में आनी प्रत्यय लगाकर, उन्हे स्त्रीलिंग बना दिया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- ठाकुर = ठकूरानी
- सेठ = सेठानी
- देवर = देवरानी
- इंद्र = इंद्राणी
- पंडित = पंडितानी
- नौकर = नौकरानी
- चौधरी = चौधरानी
- मेहतर = मेहतरानी
7)कई सारे पुल्लिंग शब्दों के अन्त में “इन” प्रत्यय का प्रयोग कर उन्हे स्त्रीलिंग बनाया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- कुम्हार = कुम्हारिन
- बाघ = बाघिन
- लुहार = लूहारीन
- माली = मालिन
- दर्जी = दर्जीन
- सुनार = सुनारिन
- सांप = सांपीन
8)पुल्लिंग शब्दो के अन्त में “आइन” प्रत्यय जोड़कर, स्त्रीलिंग शब्द बनाने जाते हैं| उदाहरण के तौर पर :-
- चौधरी = चौधराईन
- पंडित = पंडिताइन
- बाबू = बबूआईन
- गुरु = गुरुआईन
- हलवाई = हलवाईन
9)पुल्लिंग शब्दों के अन्त में जब ता का प्रयोग किया जाता है तब स्त्रीलिंग शब्दो के अन्त में त्रि का प्रयोग करके, स्त्रीलिंग बनाया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- धाता = धात्री
- रचयिता = रचयित्री
- वक्ता = वक्त्री
- अभिनेता = अभीनेत्री
- नेता = नेत्री
- कवि = कवियत्री
- विधाता = विधात्री
10)पुल्लिंग शब्दों के अन्त में कई बार “नी” प्रत्यय का प्रयोग करके, उन्हे स्त्रीलिंग बनाया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- हाथी = हथिनी
- शेर = शेरनी
- चाँद = चांदनी
- सिंह = सिंहनी
- मोर = मोरनी
- चोर = चोरनी
- हंस = हँसनी
- भील = भीलनी
- ऊंट = ऊंटनी
- हिंदू = हिंदूनी
11)पुल्लिंग शब्दों के अन्त में “इनी” प्रत्यय का प्रयोग करके, उन्हे स्त्रीलिंग बना दिया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- तपस्वी = तपस्वनी
- सुहास = सुहासनी
- मनस्वी = मनस्वनी
- अभिमान = अभिमानिनी
12)कई बार पुल्लिंग शब्दों के अन्त में “ति” प्रत्यय का प्रयोग करके उन्हे स्त्रीलिंग बनाया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- भगवान = भगवती
- श्रीमान = श्रीमति
- पुत्रवान = पुत्रवती
- आयुष्मान = आयुष्मति
- बुद्धिमान = बुद्धिमति
13)पुल्लिंग शब्द जो अक्सर अ पर खत्म होते हैं, उनके अन्त में आ लगाकर उन्हे स्त्रीलिंग कर दिया जाता है| उदाहरण के तौर पर :-
- प्रिय = प्रिया
- सुत = सूता
- तनुज = तनुजा
- पुष्प = पुष्पा
- श्याम = श्यामा
- आत्मज = आत्मजा
- भेड़ = भेड़ा
- पूज्य = पूज्या
- चंचल = चंचला
- वेदांत = वेदांता
- भैंस = भैंसा
- मौसी = मौसा
- जीजी = जीजा
Dil se thank you Sir
Dil se thank you sir