इंधन बचाओ पर भाषण Speech on Save Fuel in Hindi
सभी आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज मैं आप सभी के साथ ऊर्जा और ईंधन के बचाव के विषय में अपने विचार साझा करना चाहूंगा।
इंधन बचाओ पर भाषण Speech on Save Fuel in Hindi
ईंधन का संरक्षण कैसे करें (भाषण 1)
आप सभी जानते हैं कि मानवों की आधारभूत जरूरत है रोटी कपड़ा और मकान। चाहे वो रोटी हो या कि कपड़ा हो या कि मकान, हमें किसी भी वस्तु के निर्माण के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है।
सबसे पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि ईंधन की श्रेणी में किन उत्पादों को रखा जा सकता है और वे कौन से उत्पाद है जिन्हे ईंधन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। दरअसल वो सभी उत्पाद जो मानवों की किसी भी तरह से सहायता करते हैं वे सभी संसाधन ईंधन कहलाते हैं।
जैसे अगर बात की जाए खाना बनाने की तो वहां हम एलपीजी का प्रयोग करते हैं। एलपीजी खाना बनाते हुए एक ईंधन के रूप में प्रयोग की जाती है। उसी प्रकार ईंधन भी दो प्रकार के होते हैं। पहले वे ईंधन जिन्हे नवीकरणीय किया जा सकता है और दूसरे वे जो अनवीकरणीय है।
नवीकरणीय यानी कि वे जिन्हे दुबारा से नवीन किया जा सकता है। अर्थात इस श्रेणी में सूर्य की रोशनी को रखा जा सकता है। दरअसल वैज्ञानिकों की माने तो अगले ढाई अरब सालों तक सूर्य की रोशनी का अंत नहीं होगा। उसी प्रकार वो ईंधन जिन्हे नवीकरणीय नहीं किया जा सकता है। यानी कि वे बहुत जल्द खत्म हो जाएंगे।
ईंधन काफी ज्यादा सहायक होते हैं। मानव जीवन ईंधनों के बिना सोचा नहीं जा सकता। आप स्वयं यह देख सकते हैं कि आप अपने ही दैनिक जीवन में कितने ही ईंधन का प्रयोग कर लेते हैं। सबसे पहले यदि आपके दैनिक जीवन की चर्चा करें तो उसमें आप वाहन का प्रयोग करते हैं, कुछ भी खाते हैं, या अन्य कोई भी कार्य के लिए ईंधन का प्रयोग निश्चित तौर पर करते ही हैं।
ईंधन बहुत ज्यादा जरूरी है, बहुत ज्यादा सहायक भी लेकिन उनके बारे में इतना विचार करने की क्या जरूरत है? वे खत्म कैसे हो रहे हैं? दोस्तों ये अब तक का सबसे बड़ा सवाल है और आज हम इसी सवाल के बारे में बात करने वाले हैं।
इस बारे में अक्सर कहा जाता है कि ईंधन खत्म हो रहे हैं ईंधन बचाओ। ईंधन समाज के लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं। ईंधन को बचाने के लिए इतना जोर क्यूं लगाया जा रहा है?
दोस्तों इस प्रश्न के जवाब के लिए हमें फिर लौटना पड़ेगा, धरातल की ओर। आदरणीय श्रोताओं इंसानों की जनसंख्या दिन दुगनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ रही है। ऐसा पिछले 3-4 दशकों में देखने को मिला है कि जनसंख्या में बड़ी तेजी से उछाल आया है। इस उछाल पर शुरुआत में तो वैज्ञानिकों का एकमत यह था कि यह उछाल मानव जाति के लिए सहायक होगा और इस उछाल से मानव संसाधन की मात्रा समाज में बढ़ेगी।
लेकिन उसके कुछ समय बाद जब यह उछाल बढ़ता चला गया, लोगों को यह समझ आने लगा कि जनसंख्या के बढ़ने के कारण केवल और केवल समस्याएं ही बढ़ रही हैं। समस्याओं के सिवाय और कुछ भी नहीं बढ़ रहा। दरअसल जनसंख्या बढ़ना एक तरह से सीमित चीजों पर हिस्सेदारों की संख्या बढ़ने की तरह है। सीमित चीजें? ईंधन और संसाधन।
ईंधन और संसाधन, पूरे विश्व में और भारत में काफी ज्यादा सीमित हैं। इन संसाधनों और जनसंख्या के बढ़ाव में ही यह समस्या जुड़ी हुई है। दरअसल जैसे जैसे जनसंख्या बढ़ेगी, वैसे वैसे ही संसाधन पर लोगों की हिस्सेदारी बढ़ेगी और फिर यह काफी ज्यादा जटिल होता चला जाएगा। दिन ब दिन संसाधन कम होते चले जाएंगे।
संसाधन और ईंधन कम होने के और दूसरे कारण भी हैं। जनसंख्या के बाद, प्रमुख कारण जो उभर कर आता है, वह है दुरुपयोग या फिर सही जगह कार्य में न लेना। अगर दैनिक जीवन के ईंधन की बात करें, जैसे कि पानी, गैस, बिजली।
हम इन सब का दुरुपयोग और बर्बादी बहुत ज्यादा करते हैं। कितने ही लोग आपने देखे होंगे जो जल की बर्बादी बुरी तरह करते हैं, वे लोग भी होते हैं जो बेतहाशा बिजली का उपयोग करते हैं। इन लोगों के कारण ही ईंधन की बर्बादी और बचत, एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
अगर देखा जाए तो ईंधन की समस्या जनसंख्या बढ़ने के कारण वैसे ही काफी बढ़ चुकी है और ईंधन की बर्बादी के कारण यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इसका मतलब यही हुआ कि हमारे पास थोड़ा सा ईंधन है और हम उसे भी बर्बाद कर रहे हैं। “गरीबी में आटा गीला होना का मतलब यही होता है”।
अब अपने आखिरी बिन्दु की बात करते हैं, महंगाई और ईंधन। आदरणीय श्रोताओं बीते दिनों में यह देखा गया है कि महंगाई बहुत तेजी से बढ़ी है। हर बार चूनी जाने वाली सरकार यह कहती है कि महंगाई को कम किया जाएगा और भी कई सारी बातें।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि महंगाई को कभी कम नहीं किया जा सकता है? इसके पीछे कारण क्या है ये शायद आप नहीं जानते। ईंधन की अनुपस्थिति। यानी कि ईंधन का कम होना इसके पीछे का कारण है।
देखिए जब बाजार में कोई वस्तु कम होती है तब उसका दाम बढ़ता चला जाता है। जिस तरह हम देख रहे हैं कि पेट्रोल का दाम कितनी तेजी से बढ़ हो रहा है। एक वक़्त था जब पेट्रोल का दाम बहुत ही ज्यादा कम हुआ करता था।
लेकिन दिन बीतते गए और पेट्रोल की बर्बादी अपने चरम पर पहुंच गई और आज के दिन पेट्रोल का दाम आपके सामने है। पेट्रोल की तरह ही अन्य ईंधन भी महंगे होकर, काफी ज्यादा समस्या खड़ी कर देंगे और महंगाई आसमान छूने लगेगी। यह सब ईंधन की बर्बादी के कारण ही होगा।
आदरणीय श्रोताओं अन्त में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि यह पृथ्वी और इस पृथ्वी पर उपलब्ध सभी ईंधन आपके और हमारे लिए ही हैं। अगर उन्हे बर्बाद किया गया तो यह एक बड़ी समस्या बनकर उभरेगा।
आदरणीय श्रोताओं अगर बात करूं हमारे और आपके जीवन की तो वह भी ईंधन से जुड़ा हुआ है और ईंधन यदि खत्म हो जाएंगे तो आपका, मेरा या पृथ्वी पर मौजूद किसी भी व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए अपने लिए, अपने अपनों के लिए, ईंधन को बचाएं।
धन्यवाद ,जय हिंद
इंधन की बचत कैसे करें (भाषण 2)
आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सभी सहपाठियों और उपस्थित सभी व्यक्तियों को मेरा नमस्कार, जैसा की हम लोग जानते है कि आज हम यहाँ पर ईधन (Fuel) सरंक्षण के बारे में चर्चा करने के लिए इक्कठा हुए है।
ईधन सरंक्षण ये सिर्फ़ हमारे देश के लिए नही बल्कि सभी देशों के लिए बहुत ही आवशयक है क्योकि हमारे आने वाले पीढ़ियों के लिए भी ये बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये बहुत ही जरुरी है कि हम इसके बारे में जाने और अपनी जरूरत के हिसाब से इसको खर्च करे, इसके फिजूल खर्च को कम करे और इस नेक काम में देश की मदद कर सके।
ये ईधन है क्या ? – ईधन (fuel) का तात्पर्य है, ऐसे पदार्थ हैं, जो आक्सीजन के साथ संयोग कर काफी ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। ‘ईंधन‘ संस्कृत की इन्ध् धातु से निकला है जिसका अर्थ है – ‘जलाना‘। ठोस ईंधनों में काष्ठ (लकड़ी), पीट, लिग्नाइट एवं कोयला प्रमुख हैं। पेट्रोलियम, मिट्टी का तेल तथा गैसोलीन द्रव ईधंन हैं। कोलगैस, भाप-अंगार-गैस, द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस और प्राकृतिक गैस आदि गैसीय ईंधनों में प्रमुख हैं।
ये सभी एक तरह की जीवाश्म ईधन (Fossile fuel) है जिसको बनने में हजारो साल लगते है। ऐसा नही है कि ये हमें हमेशा मिलते रहे। ऐसा माना जा रहा है ये धीरे धीरे ख़त्म हो रहे। वैज्ञानिको का ऐसा मानना है कि आने वाले 100 वर्षो में ये ईधन ख़त्म भी हो सकते है।
क्योकि आज हम लोग पूरी तरह से इन ईधनो पर ही निर्भर है और इनका उपयोग हर जगह जैसे फैक्ट्रियों में, गाड़ियों में, घरो में और भी बहुत से जगहों पर हम इन ईधनो का उपयोग करते आ रहे है।
हमें चाहिए कि हम लोग ऊर्जा के नए संसाधनों को खोजे और उनका प्रयोग करे जिससे हमारे पास ईधन भी बचे रहे और हमारा काम भी चलता रहे। और इसके साथ साथ हमें अपने फिजूल के ईधन खर्चे पर भी लगाम लगान चाहिए।
जैसे – जब हम घर से बाहर निकलते है तो हम लाइट या पंखा खुला छोड़ देते है, या जब हम गाड़ियों से कहीं ट्राफिक में फंस जाते हो तो बिना गाड़ियों को बंद किये उसका ईधन जलाते है। या ज्यादा तेज गाड़ियों को चलाने से भी कुछ मात्र में ईधन की खपत ज्यादा होती है।
अगर हम आप और देश के सभी देशवासी और विश्व के सभी लोग मिलकर कुछ कुछ मात्रा में ईधन बचायेंगे, तो आने वाले समय में हम अपने आने वाली पीढ़ी के लिए ईधन बचा सकते है।
क्या आप ने कभी सोचा, हमारे इस तरह से ईधनो को खर्च करने ईधन तो ख़त्म हो ही रहे है और उसके साथ साथ हमारा पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। इन ईधनो के जलने से बहुत अधिक मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड निकलती है जिससे ग्लोबल वार्मिंग और भी बहुत सी परेशानियाँ खड़ी हो रही है, इससे हमारे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा और जिससे मानव जीवन पर बहुत ही प्रभाव पड़ेगा।
एक शहर है ऍमस्टरडैम, वहां के लोगो को अपने साइकिल बहुत प्यारी है, यहाँ के लोग छोटे यात्रा के लिए साइकिल का उपयोग करते है। और इस देश को देख कर टोकियो भी इनके इस मॉडल को कॉपी कर रहा है। इसके बहुत से फायदे है जैसे आप ट्राफिक से बच सकते है और आप का स्वास्थ भी अच्छा रहेगा। इससे हम ईधन की बचत कर सकते है। और इसके साथ साथ कार्बन उत्सर्जन भी नही होगा जिससे हमारा पर्यावरण भी संतुलित बना रहेगा।
अगर हम सभी चाहे तो हम ईधन की बचत कर सकते है जो हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी होंगी। मेरा मानना है कि हम लोगो को निजी वाहनों से ज्यादा नही चलना चाहिए उसके लिए सार्वजानिक वहां भी उपयोग कर सकते है।
अगर निजी वहां का उपयोग करते भी है तो बहुत ज्यादा नही करना चाहिए। बिजली को भी जितना जरुरत हो उतना ही उपयोग करे आयर फिजूल बिजली को भी मत खर्चा करे।
घरो में जो लोग एल. पी. जी. गैस उपयोग करे उसका भी ठीक से इस्तेमाल करना चाहिए, खाना बनाते समय खाना ढक कर बनाये। इनसे हम ईधन को बचा सकते है। हम लोग सौर ऊर्जा और बायो गैसों को भी ऊर्जा के रूप में उपयोग कर सकते है। हम बैटरियों का इस्तेमाल भी कर सकते है। इसी तरह ईधन बचाने के बहुत से तरीके है।
मैं आप सभी से निवेदन करता हूँ कि आप लोग अपने आस पड़ोस के लोगो को इसके बारे में जागरूक करे और लोगो को इसकी उपयोगिता को बताये, जिससे उनको भी पता हो कि हमें ईधन को बचाना चाहिए। आप लोग चाहे तो Facebok और Whatsapp पर छोटे छोटे ग्रुप बना कर लोगो को जागरूक कर सकते है।
आप लोगो ने मेरे इस भाषण को सुना उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।