महंगाई की समस्या पर निबंध Essay on Inflation in Hindi
परीक्षाओं में अक्सर बच्चों को महंगाई की समस्या पर निबंध (Essay on Inflation in Hindi) पूछ लिया जाता है। इसमें महंगाई का अर्थ, कारण, प्रभाव, समाधान व उपाय, मापने का तरीका टॉपिक के विषय में जानकारी दी गई है।
महंगाई की समस्या पर निबंध Essay on Inflation in Hindi
दुनिया चाहे कितना भी प्रगति क्यों ना कर ले लेकिन कुछ समस्याएं ऐसी होती है, जो खत्म होने का नाम ही नहीं लेती।
जिस प्रकार महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या प्रतिदिन लोगों से उनकी सुख शांति छीन रहे हैं, इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है, कि आने वाले समय में सामान्य रूप से जीवन यापन करने में भी कितनी परेशानी हो सकती है।
आज के समय में जब विज्ञान में हमने महारत हासिल कर ली है और तरह-तरह की सुख सुविधाओं का आविष्कार भी कर लिया है, लेकिन इसके बावजूद दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो अपनी आधारभूत जरूरत जैसे रोटी, कपड़ा और मकान को पूर्ण करने में भी नाकामयाब रहे हैं।
महंगाई की बात की जाए तो यह किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि एक वैश्विक समस्या है, जो दिन-ब-दिन अपना आकार बढ़ाते ही जा रही है। फल और सब्जियों से लेकर आवश्यक ईंधनों के भाव आसमान छू रहे हैं।
दुनिया के सामने महंगाई आज बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है, जिसका उपाय अगर जल्द नहीं किया गया तो आने वाला समय और भी संकटों से भरा रहेगा।
महंगाई का अर्थ क्या है? What is the meaning of inflation in Hindi?
किसी भी वस्तु और सेवा के मूल्य में बढ़ोतरी तथा मुद्रा की कीमत में धतोत्तरी को महंगाई कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो बाजार में बिकने वाली लगभग चीजों का मूल्य आसमान छूने लगता है।
महंगाई एक ऐसी विकट परिस्थिति है, जिसमें एक आम आदमी अपने जरूरत की चीजों को खरीद पाने में असफल रहता है। अब तक जिन वस्तुओं को लोग कम दाम में प्राप्त कर पाते थे, उन्हीं वस्तुओं का दाम बढ़कर दोगुना अथवा इससे भी अधिक हो जाता है।
दिन प्रतिदिन बुनियादी आवश्यकता वाले सामग्रियों का भाव एकाएक बढ़ते ही जा रहा है, जो मध्यम वर्गीय और गरीब परिवारों के लिए सिरदर्द बन चुका है।
महंगाई की समस्या बहुत सारे अन्य समस्याओं को बुलावा देती है, जो किसी भी देश के विकास में बड़ी बाधा बन कर सामने आती है। अत्यधिक महंगाई किसी भी देश के लिए खतरा साबित होती है।
महंगाई के मुख्य कारण Main causes of inflation in Hindi
निरंतर सामग्री और सेवाओं के मूल्य में होने वाली बढ़ोतरी के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। महंगाई की दर घटाने के लिए देश की सरकार अक्सर नियम कानून लाया करती हैं, लेकिन मुश्किल से यह देखने को मिलता है की आम लोगों को इस समस्या से राहत मिली हो।
बढ़ती जनसंख्या हर समस्या की एक मुख्य जड़ है। आबादी बढ़ने के कारण वस्तुओं की मांग भी बढ़ती है। लेकिन संसाधनों के सीमित होने की वजह से सभी को आवश्यक सुविधाएं मुहैया नहीं हो पाती।
इसी कारण एकाएक वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य बढ़ते जाते हैं। यही कारण है की आवश्यक खाद्यान्न पदार्थ और अन्य चीजों को दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है, जो काफी महंगा होता है।
महंगाई के पीछे दूसरा मुख्य कारण भ्रष्टाचार और चीजों की जमाखोरी है। कई बार छोटे अथवा बड़े कद के मंत्री तथा व्यापारी वर्ग के लोग ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए वस्तु के भाव में गिरावट होने पर उसकी जमाखोरी करते हैं और जब वस्तुओं के भाव आसमान छूने लगते हैं, तो बाजार में ज्यादा कीमत पर उसे बेच दिया जाता है।
अधिकतर यह देखा जाता है, कि जब किसी निश्चित स्थान पर प्राकृतिक आपदा की समस्या उत्पन्न होती है तो लोगों को सेवा मुहैया करवाने के बजाय वस्तुओं की जमाखोरी की जाती है।
भारत के कई राज्यों में अक्सर बाढ़ और अकाल जैसी समस्याएं देखी जाती हैं, लेकिन वहां के लोगों को आवश्यक रूप से अनाज पहुंचाने के बजाय बड़े-बड़े सरकारी अथवा निजी गोडाउंस में चीजों को इकट्ठा करके लोगों तक पहुंचाने के बजाय सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है।
यह सभी उदाहरण भ्रष्टाचार के हैं, जिनका उपाय अगर जल्दी नहीं निकाला गया तो यह बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
प्राकृतिक आपदा के कारण भी महंगाई देखी जाती है। उदाहरण स्वरूप जिस जगह बाढ़, भूकंप, अकाल अथवा अन्य आपदाओं के परिणाम स्वरूप चीजें और सेवाएं महंगी बिकने लगती हैं।
आपदा के कारण मची हुई त्रासदी के परिणाम स्वरूप उपज में कमी आ जाती है, जिसके कारण महंगाई अपना पैर पसारने लगती है।
इन सबके अलावा मुद्रास्फीति भी महंगाई के लिए जिम्मेदार है। भ्रष्टाचार, जमाखोरी, जनसंख्या वृद्धि के अलावा बहुत सारे ऐसे पहलू है, जो महंगाई को बढ़ावा देते हैं।
महंगाई के प्रभाव Effects of inflation in Hindi
महंगाई के कारण किसी भी देश की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा जाती है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है। आपको बता दें कि जब कभी भी महंगाई अपना प्रभाव डालती है तो इससे अमीर और अधिक अमीर बन जाता है तथा गरीब और गरीब हो जाता है।
देश में महंगाई बढ़ने के कारण किसी भी समाज पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ता है। महंगाई के दुष्प्रभाव के कारण जहां एक ओर दिन प्रतिदिन चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ समाज में अस्थिरता भी उत्पन्न हो रही है।
साधारण सी बात है यदि किसी व्यक्ति को उसके आवश्यकतानुसार चीजें जैसे कि भोजन या अन्य चीज नहीं प्राप्त हो पाएंगी तो उसे मजबूरन गलत रास्ते का सहारा लेना पड़ेगा। समाज में महंगाई के कारण एक बड़ा युवा वर्ग गलत दिशा में जा सकता है।
ऐसी स्थिति में मध्यम वर्गीय और गरीब परिवार जो अपना दो वक्त का भोजन मुश्किल से जुटा पाते हैं, उन्हें वह भी नसीब नहीं होता। यदि आवश्यकता अनुसार पोषण युक्त आहार लोगों तक नहीं पहुंचेगा तो मृत्यु दर में भी बढ़ोतरी होगी इसके अलावा भुखमरी की समस्या भी अपना पैर पसारती रहेगी।
यदि किसी देश में महंगाई एकाएक बढ़ती रहती है, तो संसाधनों की आपूर्ति करने के लिए दूसरे देशों से उत्पादक को आयत करने की आवश्यकता होती है। लेकिन खर्च यदि आवक से अधिक होता है तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही नकारात्मक प्रभाव डालता है।
महंगाई के कारण बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न होती है। क्योंकि एक बार यदि किसी वस्तु या सेवा की कीमत अधिक हो जाती है तो उसकी उत्पादक क्षमता भी घटने लगती है और निश्चित मात्रा में ही उत्पाद किया जाता है। ऐसे में जिन लोगों को इस प्रक्रिया के दौरान रोजगार प्राप्त हो रहा था वे सभी बेरोजगार हो जाते हैं।
आसान शब्दों में कहा जाए तो महंगाई के केवल नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जो अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने के लिए पर्याप्त होते हैं।
महंगाई के लिए सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है कि जो देश गरीबी हटाने के लिए अंधाधुन पैसों की छपाई करते हैं वहां पर महंगाई भी विकराल रूप ले लेती है, इसके बाद ऐसी दयनीय परिस्थिति हो जाती है जिसकी मार लोगों को कई सालों तक झेलनी पड़ती है।
महंगाई के समाधान Solution to inflation in Hindi
यदि कोई समस्या अपने शुरुआती स्तर पर होती है, तो उसे काबू कर पाना बहुत हद तक सरल हो जाता है। यदि भारत की बात की जाए तो महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है।
लेकिन ऐसी बात नहीं है, कि महंगाई को काबू नहीं किया जा सकता। महंगाई को काबू करने के कई सारे रास्ते हैं, जिन पर यदि उचित रूप से अमल किया जाए, तो महंगाई की समस्या का समाधान अवश्य किया जा सकता है।
यह बात तो सभी जानते हैं कि हर वर्ष देश की सरकार विभिन्न नियम कानून लेकर आती हैं। महंगाई के लिए भी कई नीतियां और कानून हर वर्ष बनाए जाते हैं।
लेकिन यह सोचने वाली बात है की सरकारी अर्थ तंत्र महंगाई को अब तक उचित ढंग से नियंत्रित क्यों नहीं कर पा रही है। सर्वप्रथम देश की सरकारों को अपने बजट में कुछ उचित परिवर्तन करने चाहिए जो मध्यम वर्गीय और अन्य लोगों के हित में हो।
सरकार को कुछ अपनी नीतियों में बदलाव लाने होंगे जैसे कि शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े हुए सेवा सामग्रियों पर दूसरे चीजों की तुलना में कम टैक्स लगाना चाहिए। जिससे लोगों को जीवन यापन करने में काफी सहायता मिलेगी।
सरकारी तंत्र को जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों, मंत्रियों और अन्य लोगों पर कड़ी नजर रखनी होगी और सख्त कानून बनाने होंगे। यदि ऐसे किसी जुर्म में कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए, क्योंकि जमाखोरी और कालाबाजारी महंगाई के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
आम आदमी महंगाई की समस्या से कैसे बचें?: तरीके Tips to Avoid Inflation in Hindi
ये उपाय करके आप भी महंगाई से बच सकतें हैं-
- वस्तुएं सस्ती होने पर भविष्य के लिए खरीद लें।
- सेल सीजन में खरीददारी करें।
- बड़ी दुकानों (Hypermarkets) जैसे बिग बजार, वालमार्ट में आपको सस्ता सामान मिल जाएगा
- होलसेल मार्केट से सामान खरीदें।
- अपने 8 10 दोस्तों के साथ मिलकर मिनी कॉपरेटिव बनाकर सामान ख़रीदे। अधिक सामान खरीदने पर जादा सस्ती मिलती है। बाद में वस्तु को आप दोस्तों में बाँट लें। हर बार एक दोस्त होलसेल मार्किट या मंडी जा सकता है।
- लंच लेकर ऑफिस जाये।
- सेविंग एकाउंट में पैसा बेकार पड़े न रहने दें। फिक्स्ड डिपोसिट और दूसरे कम समय के लिए निवेश करें और टैक्स लाभ लें।
- खाना बर्बाद न करें। देश में एक मिडिल क्लास परिवार महीने में 500 से 2000 रुपये का खाना बर्बाद कर देता है। बड़े अमीर घरों में लाखों रुपये का खाना हर महीने बर्बाद कर दिया जाता है।
- बिजली का खर्च कम करने के लिए सोलर एनर्जी (सौर ऊर्जा) का इस्तेमाल करे। इस्तेमाल न होने पर बिजली पंखों, टीवी जैसी इलेक्ट्रानिक वस्तुओं को बंद रखे
भारत में बढ़ती महंगाई की समस्या Rising inflation in india in Hindi
दुनिया के कुछ बड़े और विकसित देशों में भी महंगाई की समस्या देखी जा सकती है। यदि भारत की बात की जाए तो यह एक विकासशील देश है।
आज के समय भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। जिससे कार या बाइक खरीदने के लिए लोगों को हजारों बार सोचना पड़ता है।
यदि त्योहारों की बात की जाए तो भारत में फल, सब्जियों, दाल और तेल इत्यादि के भाव में इज़ाफा देखने को मिलता है। ऐसे में यदि कोई गरीब व्यक्ति त्योहारों का आनंद लेने का विचार भी करें तो उसके लिए कोई सपने से कम नहीं होगा।
एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि भारत में आज के समय जितनी महंगाई है, वह आने वाले समय में और भी बढ़ सकती है, जो सभी के लिए एक चिंता की बात है।
जब से दुनिया में कोरोना महामारी आई है उसी समय से भारत सहित दुनिया के अन्य छोटे बड़े देशों में महंगाई ने त्राहि-त्राहि मचा दिया है।
महंगाई दर मापने का तरीका How to measure inflation in Hindi?
दुनिया के विभिन्न देशों में महंगाई दर को मापने के लिए विभिन्न तरीके होते हैं। यदि भारत की बात की जाए तो यहां थोक मूल्य सूचकांक की सहायता से महंगाई दर ज्ञात किया जाता है।
इस सूचकांक में होने वाले परिवर्तनों को महंगाई में बदलाव का सूचक समझा जाता है। लेकिन कुछ समय से भारत सहित कई अन्य देश उत्पादक मूल्य सूचकांक को महंगाई दर मापने के लिए उपयोग कर रहे हैं।
आप इस लिंक पर जा कर अपना महंगाई दर माप सकते हैं – Inflation Calculator
निष्कर्ष Conclusion
इस लेख में आपने हिंदी में महंगाई की समस्या पर निबंध Essay on Price Rise or Inflation in Hindi
पढ़ा। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
महंगाई की समस्या पर निबन्ध
good work bro