एक कलम की आत्मकथा Autobiography of a Pen in Hindi

एक कलम की आत्मकथा Autobiography of a Pen in Hindi

मैं एक कलम हूं। लोग मुझे पेन (Pen) कहकर भी पुकारते हैं। सदियों से मेरा इस्तेमाल ज्ञान के संग्रहण (recording) के लिए होता रहा है। ज्ञानवर्धक बातों को मैंने भिन्न-भिन्न स्थानों पर लिखा है। आजकल लोग मेरा अधिकतर इस्तेमाल कागज पर लिखने के लिए करते हैं।

बच्चे मुझे विशेष रूप से पसंद करते हैं। मेरी मदद से ही वे लिखना सीखते हैं। मेरा महत्व उस समय याद आता है जब कोई व्यक्ति बिना कलम लिए ही बैंक बहुत चाहता है। वहां पर पैसे निकालने के लिए जब उसे फॉर्म भरना होता है तो उसे याद आता है कि वह कलम तो घर पर ही भूल गया है। फिर वह दूसरे लोगों से कलम देने की रिक्वेस्ट करता है।

एक कलम की आत्मकथा Autobiography of a Pen in Hindi

मेरा इस्तेमाल कहाँ होता है

मेरा इस्तेमाल स्कूल, कॉलेज, दफ्तर, दुकानों जैसे सभी जगहों पर होता है। स्कूल में बच्चे पढ़ने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं। टीचर बच्चों की कॉपियां चेक करने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं। दफ्तर में कर्मचारी अपना काम करने के लिए मेरा इस्तेमाल करते हैं।

दुकानों में दुकानदार मेरा इस्तेमाल अपना हिसाब-किताब रखने में करता है। पत्रकार मुझे विशेष रूप से पसंद करते हैं। वह मेरी मदद से नई खबरों को लिखते हैं और फिर उसे समाचार पत्र में प्रकाशित करते हैं। मैं पत्रकारों की हमेशा से विशेष पसंद रहा हूं।

मेरा मूल्य सस्ता रहता है, लेकिन मैं बड़े काम की चीज हूं। मेरे बिना सारे काम रुक जाते हैं। जब तक कोई व्यक्ति मेरा इस्तेमाल करके किसी कागज पर अपने हस्ताक्षर नहीं करता है, तब तक उस कागज का कोई मूल्य नहीं होता है। इस तरह मेरा महत्व बहुत अधिक है।

आधुनिक काल में मैं फाउंटेन कलम के नाम से जाना गया

प्राचीन काल में लोग मुझे लकड़ी से बना कर इस्तेमाल करते थे। आधुनिक काल में मुझे Fountain Pen कहकर पुकारा जाने लगा। रोम निवासी पेट्राक पोएनारु ने सबसे पहले Fountain Pen  का अविष्कार किया था। मई 1827 को फ्रांस की सरकार ने Fountain Pen का सबसे पहला पेटेंट करवाया था। बड़े पैमाने पर इसका निर्माण 1850 में शुरू हुआ।

फिर मैं बॉल पेन के नाम से जाना गया

30 अक्टूबर 1888 को John J Loud ने सबसे पहले Ballpoint Pen का पेटेंट करवाया था। 1943 में मेरा व्यापारिक स्तर पर निर्माण शुरू हो गया और मैं जगह-जगह दुकानों पर उपलब्ध होने लगा।

साहित्यकार मुझे विशेष रूप से पसंद करते हैं

साहित्यकारों के लिए मैं बहुत कीमती चीज हूं। साहित्यकार अपने मन में उत्पन्न भावो को मेरी मदद से कागज पर लिखते हैं। रामचरितमानस, तुलसीदास, महाभारत, पंचतंत्र, कहानी, कविता, उपन्यास, रेखाचित्र, जीवनी, आत्मकथा जैसी विधाओं में आज हजारों पुस्तकें लिखी जा चुकी है। लेखक मेरी मदद से पुस्तकें लिखता है। इसलिए मेरा महत्व बहुत अधिक है।

मेरे रंगों का अर्थ

मैं भिन्न रंगों वाली स्याही का इस्तेमाल करता हूं। हर रंग की स्याही का अपना अलग महत्व और उद्देश्य होता है। नीला, काला, लाल रंग की स्याही वाले कलम का इस्तेमाल सबसे अधिक होता हैं।

नीली स्याही का अर्थ

बच्चे मेरा इस्तेमाल नीली स्याही से करते हैं। वह अपनी नोटबुक, रजिस्टर और कॉपियों में नीली स्याही से लिखते हैं।

काले रंग की स्याही का अर्थ

काले कलम का अधिकतर Heading डालने के काम आता है। विद्यार्थी इसका प्रयोग परीक्षाओं में खूब करते हैं। समाचार पत्र, किताबें और दूसरी पत्रिकाओं को प्रकाशित करने के लिए काले रंग की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है।

लाल रंग की स्याही का अर्थ

मैं लाल रंग में भी आता हूं। लाल कलम का इस्तेमाल ज्यादातर टीचर (शिक्षक) करते हैं। कॉपियां चेक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

मेरे कई रूप हैं

मैं तलवार से अधिक शक्तिशाली हूं

आपने वह अंग्रेजी “a pen is mightier than a sword” कहावत तो सुनी होगी। यह बिल्कुल सच है। जो काम ताकत से नहीं हो सकता है, वह बुद्धि से हो सकता है। मेरी मदद से बहुत से युद्ध टल गए। यदि मैं ना होता तो मनुष्य युद्ध में लिप्त होकर एक दूसरे को मारता रहता।

विश्व के बहुत से देशों ने शांति समझौते करके अपने शत्रुओं से दोस्ती कर ली, और युद्ध को टाल दिया। मेरा वजूद यह बताता है कि हर काम को ताकत से नहीं किया जा सकता है। कुछ काम को करने के लिए बुद्धि का होना जरूरी होता है।

मैं लोगों को न्याय दिलाता हूं

जब किसी व्यक्ति के साथ अन्याय होता है तो वह मेरी मदद से अदालत कोर्ट में अर्जी देता है और मुकदमा लड़ा जाता है। इतना ही नहीं, दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर जज मेरी मदद से अपना आदेश देता है।

इस तरह किसी व्यक्ति को न्याय मिलता है। कल्पना करिए कि यदि मैं इस दुनिया में ना होता तो कितने लोगों के साथ अन्याय हो जाता। इसलिए मेरा महत्व हमेशा से इस दुनिया में रहा है और रहेगा।

मैं शिक्षा का प्रसार करता हूं

मेरा सबसे अधिक इस्तेमाल शिक्षा के प्रसार के लिए होता है। मेरी मदद से छोटे बच्चे पढ़ना सीखते हैं। मेरी मदद से ही हर साल हजारों नई किताबे प्रकाशित की जाती हैं, जो बच्चों के पढ़ने के काम आती हैं। इस तरह मैं शिक्षा का प्रसार करता हूं। आज किसी भी विषय पर हजारों की संख्या में किताबे उपलब्ध है। मेरा मुख्य काम ज्ञान को पन्नों में दर्ज करना है।

मैं ही दोषियों को दंड देता हूं

जब कोई व्यक्ति कोई दंड करता है तो मेरी मदद से ही जज आदेश लिखकर उसे दंड देता है भ्रष्टाचारी और दोषी लोग मुझसे बहुत डरते हैं गंभीर अपराध करने पर मेरे ही द्वारा किसी व्यक्ति को कलम तोड़ कर मृत्यु दंड दिया जाता है।

मैंने बदले कई रूप

मैं विकास की एक लंबी प्रक्रिया से गुजरा हूं। प्राचीन काल में मैं लकड़ी का बना होता था। लोग मुझे स्याही में डुबोकर लिखने का काम करते थे। फिर स्याही भरने वाले पेन Fountain Pen का आविष्कार हुआ, और बच्चों ने मेरा खूब इस्तेमाल किया। फिर रिफिल वाले कलम (Ball point Pen) बाजार में आ गये। आजकल “Ball point Pen” का ज्यादा प्रचलन है।

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