व्यक्तित्व विकास पर निबंध Essay on Personality Development in Hindi
आजकल व्यक्तित्व विकास की चर्चा चारों तरफ है। अनेक प्राइवेट संस्थान मोटी फीस लेकर व्यक्तित्व विकास (PERSONALITY DEVELOPMENT) का कोर्स कराते हैं। इसकी ट्रेनिंग देते हैं। सफल व्यक्ति बनने के लिए व्यक्ति का व्यक्तित्व आदर्श एवं महान होना चाहिए।
व्यक्तित्व को अंग्रेजी में PERSONALITY कहते हैं। यह लैटिन के PERSONA शब्द से बना है जिसका अर्थ मुखौटा होता है। नाटक में कलाकार अपने चेहरे पर मुखौटा लगाते हैं। व्यक्तित्व एक बड़ा और विस्तृत शब्द है। किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसकी सारी खूबियां, सारे अच्छे बुरे सभी गुण आते हैं।
व्यक्तित्व विकास पर निबंध Essay on Personality Development in Hindi
Contents
महान व्यक्तित्व वाले लोगों के कुछ उदाहरण व विचार
महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, विपिन चंद्र, रामधारी सिंह दिनकर, मुंशी प्रेमचंद, रवींद्र नाथ टेगौर, अटल बिहारी बाजपेयी, नरेंद्र मोदी।
लांगमैन के अनुसार
“किसी व्यक्ति का पूरा स्वभाव तथा चरित्र ही उसका व्यक्तित्व कहलाता है”
बर्गेश के अनुसार
“व्यक्तित्व उन सभी गुणों का एकीकृत रूप है जो किसी व्यक्ति की समाज के परिवेश में भूमिकाओं एवं स्थिति को अभिव्यक्त करता है”
वुडवर्थ के अनुसार
“व्यक्तित्व व्यक्ति के संपूर्ण व्यवहार की विशेषता है जिसका प्रदर्शन उसके विचारों की आदत व्यक्त करने के ढंग, अभिवृत्ति एवं रूचि, कार्य करने के ढंग और जीवन के प्रति उसके दार्शनिक विचारधारा के रूप में किया जाता है”
मन के अनुसार
‘‘व्यक्तित्व एवं व्यक्ति के गठन, व्यवहार के तरीकों, रूचियों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है’’
बिग व हण्ट के अनुसार
‘‘व्यक्तित्व एक व्यक्ति के सम्पूर्ण व्यवहार-प्रतिमान और इसकी विशेषताओं के योग का उल्लेख करता है।’’
व्यक्तित्व विकास कैसे करें? How to Develop a Good Personality in Hindi
निम्न उपायों को अपनाकर सरलता से व्यक्तित्व विकास किया जा सकता है-
आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी है
व्यक्तित्व विकसित करने और निखारने के लिए आत्मविश्वास बढ़ाना बेहद जरूरी है। जिन लोगों के पास आत्मविश्वास नहीं होता, स्वयं पर विश्वास नहीं होता उनका मनोबल बहुत ही निम्न होता है। वे सदैव शंकित रहते हैं कि किसी कार्य को कर पाएंगे या नहीं।
इसलिए स्वयं के अंदर आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी है। आत्मविश्वास अनेक चीजों से प्राप्त होता है जैसे ज्ञान से। जिस तरह वर्ष भर पढ़ाई करने वाले छात्र को स्वयं पर आत्मविश्वास होता है कि वह परीक्षा में सफल हो जायेगा।
व्यवहारिक ज्ञान आवश्यक है
व्यक्तित्व विकास के लिए यह बहुत आवश्यक है कि आपके अंदर किताबी ज्ञान ना होकर व्यवहारिक ज्ञान होना चाहिए। किताबी ज्ञान सिर्फ लिखित परीक्षा में काम आता है, जबकि व्यवहारिक ज्ञान जीवन की हर कठिन परिस्थिति में काम आता है।
व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें अच्छे मित्र बनाने चाहिए। अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए। जिन लोगों का व्यवहारिक ज्ञान अच्छा होता है उनका व्यक्तित्व विकास अपने आप हो जाता है।
अच्छी पुस्तकें पढ़ने से भी व्यक्तित्व विकास होता है
बच्चे जो भी पढ़ते हैं उसका प्रभाव उनके मन और मस्तिष्क पर पड़ता है। अच्छी पुस्तकें सदैव अच्छी मित्र साबित होती हैं। इसीलिए स्कूल में बच्चों के पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा की कहानियां सम्मिलित की जाती हैं, जिससे बच्चों का चारित्रिक एवं मानसिक विकास हो सके। महापुरुषों की जीवनी पढ़ने से भी व्यक्तित्व का विकास होता है।
धैर्यशील होना जरूरी है
आपने देखा होगा कि विश्व के सभी महापुरुषों के अंदर बहुत धैर्य था। धैर्य होना बहुत जरूरी गुण होता है क्योंकि हर व्यक्ति को अपने जीवन में उतार चढ़ाव और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। धैर्य ना होने पर व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में टूट जाता है और आत्मसमर्पण कर देता है। सभी महापुरुष धैर्य रखने की सलाह देते हैं।
सकारात्मक विचारों को अपनाना जरूरी है
हम सभी को अपने मन और मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचारों को दूर करना चाहिए और सकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए। व्यक्तित्व विकास के लिए यह आवश्यक है।
सदैव सच बोलना चाहिये
झूठे व्यक्तियों को कोई भी पसंद नहीं करता है। इसलिए व्यक्तित्व विकास के लिए सच बोलना बेहद जरूरी है। हो सकता है कि आपके सच बोलने से सामने वाले व्यक्ति को बुरा लग जाए, परंतु वह बाद में आपकी प्रशंसा करेगा। यदि आप किसी व्यक्ति से झूठ बोलते हैं और उसकी झूठी तारीफ करते हैं तो भी वह आपको अच्छा व्यक्ति नहीं मानेगा। सच बोलने वाले व्यक्तियों की तारीफ सभी लोग करते हैं।
भाषा को समृद्ध बनायें
आकर्षक व्यक्तित्व पाने के लिए भाषा में संपन्नता होना जरूरी है। बोलते और लिखते समय सही शब्दों का चुनाव करना चाहिये। विश्व के सभी महान नेता भाषण देते समय जनता को मंत्रमुग्ध कर देते थे।
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व देखते ही बनता है। जिस राज्य में वे जाते है, उनका भाषण सुनने के लिए लाखो लोग खींचे चले आते है। उनकी भाषा बेहद समृद्ध है। वे कभी भी पढ़कर भाषण नही देते है। इसी से उनके महान व्यक्तित्व के बारे में पता चलता है।
बॉडी लैंग्वेज को अच्छा बनाए
हमें अपनी बॉडी लैंग्वेज पर काम करना चाहिए। उठने बैठने पढ़ने चलने बोलने खाने का सही तरीका हमें सीखना चाहिए। सदैव सीधा होकर चलना चाहिए। चलते समय कंधों को नहीं झुकाना चाहिए। उसी तरह खाना खाते समय चबाने की आवाज नहीं करना चाहिए। हमारे उठने बैठने काम करने और बोलने के अंदाज में हमारा व्यक्तित्व झलकता है।
क्षमा करना है व्यक्तित्व का अद्भुत गुण
जीवन में क्षमा का बड़ा महत्व होता है। गलती होने पर किसी को क्षमा करना सरल नहीं होता है। सड़क पर कोई वाहन हमे टक्कर मारे तो हम तुरंत ही उससे भिड़ जाते है। आमतौर पर जब हमारे साथ कोई गलत काम करता है तो हम तुरंत ही प्रतिशोध लेते हैं।
परंतु इससे हम बड़े या बलवान नहीं बन जाते। क्षमा करना एक बड़ा और महान गुण है। इसे धारण करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व और भी महान बनता है। महात्मा गांधी ने भी कहा था यदि कोई तुम्हारे गाल पर एक थप्पड़ मारता है तो उसे दूसरा गाल भी दे दो।