विश्व वन्यजीव दिवस पर निबंध Essay on World Wildlife Day in Hindi
विश्व वन्यजीव दिवस पर निबंध Essay on World Wildlife Day in Hindi
“विश्व वन्यजीव दिवस” के द्वारा हम सभी पृथ्वीवासी, हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में उपस्थित सभी प्रकार के जीव तथा वनस्पति प्रजातियों के होने का उत्सव मनाते हैं। विश्व वन्यजीव दिवस के दिन इन सभी प्रजातियों का विश्व की जैव-विविधता में अति महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आभार जताया जाता है। वन्यजीवों की अनुपस्थिति में पृथ्वी का पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ सकता है।
विश्व वन्यजीव दिवस पर निबंध Essay on World Wildlife Day in Hindi
विश्व वन्यजीव दिवस संपूर्ण विश्व में 3 मार्च को मनाया जाता है। वन्यजीव दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2014 को मनाया गया था। एवं तब से लेकर अभी तक यह वन्यजीवों के लिए मनाया जाने वाला विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।
यू. एन. जी. ए. प्रस्ताव UNGA Resolution:
3 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा यू. एन. जी. ए. (United Nations General Assembly) द्वारा 20 दिसम्बर, 2013 को इसके 68वें अधिवेशन में की गई थी।
विश्व वन्यजीव दिवस अर्थात 3 मार्च के दिन, पूर्व में वर्ष में 183 देशों द्वारा सम्मिलित रूप से संकटग्रस्त जीवों तथा वनस्पतियों की रक्षा के लिए साइट्स ( CITES) यानी कि ‘कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पेसिज़’ पर हस्ताक्षर किये गये थे।
‘विश्व वन्यजीव दिवस’ का प्रस्ताव प्रथमतया थाईलैण्ड द्वारा वर्ष 2013, बैंकाक में, साइट्स (CITES) के 16वें अधिवेशन के दौरान दिया गया था, एवं इसी के परिणाम स्वरुप, 20 दिसम्बर 2013 को यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली द्वारा 3 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई।
यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली द्वारा साइट्स सचिवालय को ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के अनुदेशक के रूप में नियुक्त किया गया।
विश्व वन्यजीव दिवस, 2020:
इस बार का विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च को रविवार के दिन मनाया गया। वन्यजीव दिवस के इतिहास में पहली बार वर्ष 2020 में जलीय जीवों की प्रजातियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस वर्ष वन्यजीव दिवस की थीम थी: “जल के नीचे जीवन: लोगों तथा पृथ्वी के लिए ( Life below Water: For People and Planet)”
इस वर्ष के वन्यजीव दिवस का सीधा संबंध संयुक्त राष्ट्रों द्वारा प्रतिपादित 14वें सतत विकास लक्ष्य है, जिसके अंतर्गत “जलीय जीवन” पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
विश्व वन्यजीव दिवस क्यों मनाया जाता है?
समस्त विश्व जीव-जंतु तथा पेड़- पौधों की विभिन्न प्रजातियों से भरा हुआ है। सभी प्रजातियों के जीव, जंतु, पेड़, पौधे तथा पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र के अस्तित्व के लिए अपने-अपने तरीकों से महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वन्यजीव मानव अस्तित्व के समय से ही धरती पर उपस्थित हैं, तथा एक- दूसरे के जीवन का अभिन्न अंग भी बन चुके हैं।
वन्यजीवों से हमे भोजन तथा औषधियों के अलावा भी अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि वन्यजीव जलवायु को संतुलित रखने में सहायता करते हैं। ये वर्षा को नियमित रखने तथा प्राकृतिक संसाधनों की पुनःप्राप्ति में सहयोग करते हैं।
पर्यावरण में जीव-जंतु तथा पेड़-पौधों के योगदान को पहचानकर तथा धरती पर जीवन के लिए वन्यजीवों के अस्तित्व को अनिवार्य स्वीकार करते हुए, 3 मार्च, 1973 में यूनाइटेड नेशन्स द्वारा साइट्स (CITES: Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora) की स्थापना की। जिसका उद्देश्य पृथ्वी के वन्यजीवों का रक्षण कर उन्हें संरक्षित करना था।
‘विश्व वन्यजीव दिवस’ मनाये जाने की आवश्यकता क्या है?
वन्यजीव पृथ्वी पर जीवन तथा पारिस्थितिकी तंत्र के अस्तित्व में अहम भूमिका निभाते हैं। सदियों से मनुष्य वन्यजीवों के साथ सामंजस्य के साथ जीवन यापन करते आये हैं।
यह मानव का दुर्भाग्य है कि उसकी कुछ अनदेखियों तथा गलत कार्यों की वजह से हम वन्यजीवों को खो रहे हैं। मानव द्वारा नई बस्तियां बसाने, औद्योगीकरण, बढ़ती हुई आबादी, गैरकानूनी व्यापार तथा शिकार इत्यादि कार्यों का वन्यजीवों पर विपरीत असर पड़ रहा है। धरती जीव- जंतुओं तथा पौधों की विभिन्न प्रजातियों की संख्या इतनी अधिक तेज़ी से घट रही है, जितनी तेज़ गति से यह पूर्व में शायद ही कभी घटी हो।
हर 24 घंटे के अंदर जीव-जंतुओं तथा पेड़-पौधों की लगभग 200 प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। अतः यह स्पष्ट है कि प्रति वर्ष करीब 73,000 प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त हो रही हैं।
पृथ्वी पर वन्यजीव वर्षा को नियमित रखने, ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाये रखने, औषधियां, जड़ी-बूटी, भोजन, मृदा की उर्वरकता बनाये रखने आदि में सहयोग प्रदान करते हैं।
वन्यजीवों को खोना हमारी सामर्थ्य से बाहर है, क्योंकि धरती पर मानव जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वन्यजीवों तथा पेड़-पौधों की उपस्थिति अनिवार्य है। वन्यजीवों के बिना धरती सिर्फ एक सूखे-उजाड़ ग्रह की भांति होगी, जिस पर जीवन मुमकिन नही होगा। अतः वन्यजीवों की रक्षा करके हम स्वयं की सुरक्षा तथा इस ग्रह के लंबे समय तक के अस्तित्व को सुनिश्चित कर सकते हैं।
‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में हमारे समृद्ध वनों तथा जीवों का सम्मान करने तथा उनका आभार जताने के लिए एक अच्छी पहल है। ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के दिन वन्यजीवों पर संभावित खतरों का विश्लेषण किया जाता है, तथा उनको दूर करने की विधियों तथा प्रक्रियाओं पर विचार किया जाता है। वन्यजीवों के महत्त्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, विश्व वन्यजीव दिवस मनाना एक सार्थक कदम है।
वन्यजीवों के लिए प्रमुख खतरे कौन से हैं?
• निवास- स्थलों की तबाही: वन्यजीवों पर सबसे बड़ा खतरा उनके निवासों का उजाड़ना तथा खोना है। एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, वनों के कटने तथा घरों के उजड़ने के कारण, प्रतिवर्ष जीवों की करीब 50,000 प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं।
मानव अपनी सीमाएं लांघकर पशुओं के निवास तथा जंगलों को अपनी स्वार्थ-सिद्धि हेतु काटता चला जाता है। जंगलों में मानवों की घुसपैठ से मानव तथा पशुओं के बीच जंग शुरू होती है, तथा जिसका परिणाम पशु की हार तथा मृत्यु के रूप में सामने आता है।
• पशु-अंगों का गैर- कानूनी व्यापार: पशुओं के अंगों का चोरी-छिपे व्यापार किया जाता है। उनका शिकार मानव अपने हितों की पूर्ति के लिए करता है। वन्यजीवों के अस्तित्व पर गैर-कानूनी व्यापार तथा शिकार उनके अस्तित्व पर मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है।
परंतु अभी भी एक उम्मीद की किरण नज़र आती है। अनेक देशों की सरकारों ने वन्यजीवों को नुक्सान तथा उनकी हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कानून एवं दंड का प्रावधान बनाया है।
‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के मुख्य मुद्दे Themes of World Wildlife Day:
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2019: “जल के नीचे जीवन: लोगों तथा पृथ्वी के लिए”( Life below Water: For People and Planet)
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2018: “बड़ी बिल्लियां: शिकारी खतरे में” (Big Cats: Predators under Threat)
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2017: “नव ध्वनियों को सुनो” ( Listen to the Young Voices)
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2016: “वन्यजीवों का भविष्य हमारे हाथों में है” “(The Future of Wildlife is in our hands)
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2015: ” हाथियों का भविष्य हमारे हाथों में है” (The Future of Elephants is in Our Hands)
- ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ थीम 2014: “वन्यजीवों पर होने वाले अपराधों पर सचेत होने का यही सही समय है ” (It’s Time to get Serious about Wildlife Crimes)