अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण Speech on International Yoga Day in Hindi
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण Speech on International Yoga Day in Hindi : सभी आदरणीय श्रोताओं को सुप्रभात। आज मैं आप सभी के साथ विश्व योग दिवस पर अपने विचार साझा करना चाहता हूं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भाषण Speech on International Yoga Day in Hindi
आप सभी जानते हैं कि योग का महत्व जीवन में कितना ज्यादा है। योग की मदद से हम कई सारे विकारों को दूर कर सकते हैं। योग हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। अगर नियमित तौर पर, रोज सुबह उठकर योग का अभ्यास किया जाया करे, तो योग हर तरह के उपचार एवं चिकित्सा से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
आदरणीय श्रोताओं, आप सभी जानते हैं कि योग का महत्व जाने हुए हमें केवल कुछ ही साल हुए हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि योग को जन्म लिए कुछ ही दिन हुए हों। योग कई सदियों पुराना है और प्राचीन काल के मनुष्यों द्वारा इसका नियमित तौर पर अभ्यास किया जाता था।
आप सभी ने वेदों पुराणों और ग्रंथों में पढ़ा ही होगा कि प्राचीन लोग बहुत ही ज्यादा मजबूत और शक्तिशाली हुआ करते थे। ऐसा होने के कई कारणों में से एक योग भी है। योग का अभ्यास करने से शरीर को मजबूती मिलती है और हमारा शरीर भिन्न भिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार कर लेता है।
योग शरीर के लिए फायदेमंद है, यह तो मैं आपको बता चुका हूं, लेकिन किस हद तक। क्या योग की शक्तियां सीमित हैं? बिल्कुल भी नहीं। योग करने के विभिन्न विभिन्न योगासनों का अभ्यास करना होता है और योग में कई ऐसे योगासन हैं जिनसे की अलग अलग विकारों को दूर किया जा सकता है, आंतरिक शरीर के अलावा ऐसा कोई बाह्य विकार नहीं हैं जिसे योग द्वारा दूर न किया जा सकता हो। योग को आप एक पूर्ण उपचार के रूप में भी देख सकते हैं।
मैं अबतक आपको योग के फायदे और उसका इतिहास बता चुका हूं। मैं यह बता चुका हूं कि योग कितना ज्यादा फायदेमंद है। लेकिन आपके मन में यह सवाल नहीं कौंधता कि हमें योग के विषय में इतने समय बाद ही क्यूँ ज्ञात हुआ, पहले क्यूं नहीं।
ऐसा इस कारण की हम योग के प्रति बिल्कुल भी जागरूक नहीं थे। दरअसल योग को भारतीय संस्कृति और पिछड़ेपन के तौर पर देखा जाता था। हम दिन रात पश्चिम से आई जिम वाली कसरत की मशीनों पर खुद को घिसते रहते थे। ऐसा करने से केवल शरीर की ऊर्जा नष्ट होती थी, शरीर का विकास एवं विकरहीनता बिल्कुल भी नहीं।
आज के दौर में जहां सभी लोग पश्चिमी सभ्यता के दीवाने हैं, पश्चिम द्वारा भी योग के महत्व को समझा गया है। उनके द्वारा भी यह माना गया है कि योग अत्यधिक फायदेमंद हैं। इसी कारण वर्ष 2014 के 11 दिसंबर को, संयुक्त राष्ट्र जनरल सभा द्वारा 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई। हमारे पूरे शरीर के लिए फायदेमंद योग के प्रति लोगों को जागरूक करने का यह फैसला सराहनीय और असरदार है।
इस फैसले का असर यह देखने को मिला है कि अलग अलग देशों की सरकारों ने योग के प्रति अपने नागरिकों को जागरूक किया है। विश्व में अनेकों देश इस दिन सामूहिक योग अभ्यास का आयोजन करते हैं। यह भव्य आयोजन होता है और योग के महत्व को दर्शाने की भरसक कोशिश की जाती है।
भारत में भी योग दिवस के प्रति खासी रुचि देखने को मिलती है। भारत के प्रधानमंत्री द्वारा योग सभा का आयोजन किया जाता है जहां पर अनेकों स्कूली बच्चे भाग लेते हैं। पिछले वर्षों में यह संख्या हजारों में थी। यह एक सराहनीय प्रयास है क्यूंकि एक व्यक्ति के प्रभावित होने से पूरा एक परिवार प्रभावित होता है।
एक भारतीय नागरिक के नजरिए से योग का मेरे जीवन में एक अलग महत्व भी है। योग एक ऐसी पद्धति है जिसका निर्माण भारतीय लोगों द्वारा किया गया है। यह गौरवान्वित करने वाला है। आप हर ओर देखते हैं कि पश्चिमी सभ्यता फैली हुई है, सब कुछ आधुनिक बनाने के कारण सभ्यता को पीछे छोड़ा जा रहा है।
लेकिन ऐसे में एक ऐसी पद्धति जिसका निर्माण भारतीयों द्वारा किया गया है, जिसका अभ्यास भारतीयों द्वारा सालों पहले किया जाता था, ऐसी पद्धति को विश्व स्तर पर मनाया जाना एक गौरवान्वित करने वाला पल है।
योग को इस स्तर पर पहुंचाने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा, संयुक्त राष्ट्र की सभा में अर्जी सितंबर में दाखिल की गई थी। उसके बाद कई बार चर्चा करने के बाद विश्व योग दिवस को मनाने की घोषणा की गई।
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुल तीन महीने का समय लगा। लेकिन यह विश्वस्तर पर यह रिकार्ड है कि किसी ही देश द्वारा 90 दिनों के अंदर अर्जी को पास करा लिया गया हो।
चर्चाओं के दौरान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी संयुक्त राष्ट्रों के विभिन्न प्रतिनिधियों को योग के फायदों के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होने कहा कि, “योग, प्राचीन भारतीय संस्कृति द्वारा, विश्व को दिया गया एक अनमोल तोहफा है।
योग द्वारा मष्तिष्क को एकाग्र किया जा सकता है। योग करने वाला व्यक्ति अपने शरीर को नियंत्रण में रख सकता है। इंद्रियों के ऊपर आपका नियंत्रण सराहनीय होता है। योग केवल एक उपचार से जुड़ी पद्धति ही नहीं, अपितु योग द्वारा आप आलौकिक रूप से ध्यान लगा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कही गई यह बातें काफी ज्यादा असरदार साबित हुईं और विभिन्न राष्ट्रों के प्रतिनिधियों द्वारा योग के महत्व को समझा गया और उसे अपनाया गया। अब योग का स्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि विश्व के 170 से भी अधिक देश विश्व योग दिवस को मनाते हैं।
विश्व योग दिवस को मनाने वाले देशों में अमेरिका, चीन और कनाडा जैसे देश भी शामिल हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय प्राचीन सभ्यता कितनी ज्यादा धनी थी और कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
योग एक भारतीय प्राचीन पद्धति है और एक भारतीय होने के नाते यह आपका और मेरा फर्ज बनता है कि हम विश्व को यह संदेश दें कि हम अपनी सभ्यता को कितना अधिक महत्व देते हैं। मैं आपसे यही गुजारिश करूंगा कि आप दैनिक रूप से नियमित तौर पर रोज सुबह उठकर, उचित योगासनों का अभ्यास करें। शुरुआत आप सूर्य नमस्कार से कर सकते हैं। इसका असर चमत्कारिक होगा। मेरे विचार सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।
जय हिंद
nice