इस लेख में हमने भारतीय राजभाषा हिन्दी पर निबंध Essay on Rajbhasha Hindi लिखा है। इसे कब घोषित किया गया था, राजभाषा और राष्ट्र भाषा में अंतर, इसके विकास में किए गए कार्य तथा इसके महत्व से जुड़ी सभी जानकारी इस लेख में आप पढ़ेंगे।
भारतीय राजभाषा हिन्दी पर निबंध Essay on Rajbhasha Hindi
दोस्तों वैसे तो संसार में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में मैंडेरिन चीनी, अंग्रेजी और स्पैनिश के बाद हिन्दी चौथे स्थान पर अपना स्थान सुनिश्चित करती हैl
परन्तु दूसरी भाषा के रूप में प्रयोग में लायी जाने वाली भाषा के रूप में देखा जाये तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी के बाद हिन्दी का ही नाम आता हैl आज हम बात करेंगे कि हिंदी को राजभाषा का दर्जा कैसे प्राप्त हुआ और राज भाषा क्या होती है और इससे सम्बंधित सभी अवयवो की, तो दोस्तों शुरू करते है –
हिंदी को राजभाषा कब घोषित किया गया When Was Hindi Declared as Rajbhasha
भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है और इसे राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा दिया गया था। अत: प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वैसे तो भारत देश में बहुत भाषायें बोली जाती है परन्तु हिंदी भाषा का अपना ही एक महत्व है जिसके कारण यह लोगो के हृदय में एक महत्वपूर्ण स्थान लिए हुए हैl
क्योंकि पूर्व में काफी लम्बे समय से हिंदी भाषा का उपयोग होता आ रहा हैl भक्तिकाल में पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण तक चारों दिशाओ में अनेक सन्तों द्वारा हिन्दी भाषा में ही रचनाएँ कीं गयी है।
स्वतंत्रता के समय के राजनेताओ जैसे राजा राममोहन राय, स्वामी दयानन्द सरस्वती, महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, सुब्रह्मण्य भारती आदि द्वारा हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का सपना देखा गया था।
अधिकांश भारतीयों द्वारा बोली जाने के कारण हिंदी को महात्मा गाँधी ने 1917 में गुजरात के सम्मेंलन में राजभाषा के रूप में स्वीकारे जाने के लिए ज़ोर दिया था।
राष्ट्रभाषा बनाम राजभाषा Rashtrabhasha Vs Rajbhasha
समाज में जिस भाषा का प्रयोग करके एक बहुत सारे लोग अपने विचार प्रकट करते है और उस भाषा का प्रभाव क्षेत्र और अधिक विस्तृत होकर पुरे राष्ट्र में फ़ैल जाता है तब वह भाषा ‘राष्ट्रभाषा’ कहलाती है।
अर्थात राष्ट्रीय भाषा का अर्थ उस भाषा से है जिस भाषा का उपयोग करके विचारो का आदान प्रदान किया जाता हैl जिस भाषा का इस्तेमाल राजकीय कार्यो में किया जाता है उसी भाषा को राजभाषा कहा जाता हैl
आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी द्वारा परिभाषित ‘राजभाषा’ की परिभाषा इस प्रकार है – ‘जिस भाषा का प्रयोग केन्द्रीय और प्रादेशिक सरकार द्वारा पत्र-व्यवहार, राजकाज और सरकारी लिखा-पढ़ी में किया जाये उसे राजभाषा कहा जाता हैl’
राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी Hindi Language as Rashtra Bhasha
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है यह करीब 11वीं शताब्दी से ही राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित रही है। उस समय भले ही राजकीय कार्य संस्कृत, फरासी, अंग्रजी में होते रहे हो परन्तु सम्पूर्ण राष्ट्र में आपसी सम्पर्क, संवाद-संचार, विचार-विमर्श, जीवन-व्यवहार का माध्यम हिन्दी ही रही है।
चाहे वो पत्रकारिता का, स्वाधीनता संग्राम का, क्षेत्र क्यों न हो हर जगह हिन्दी ही जनता के विचार-विनिमय का साधन बनी है।
अतीत के महापुरुषो जैसे भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, स्वामी दयानन्द सरस्वती, महात्मा गाँधी जैसो ने राष्ट्रभाषा हिन्दी के माध्यम से ही सम्पूर्ण राष्ट्र से सम्पर्क किया और सफलता हासिल की इसी के कारण आजादी के पश्चात संविधान-सभा द्वारा बहुमत से ‘हिन्दी’ को राजभाषा का दर्जा देने का निर्णय किया था।
जैसे जैसे भाषा का विस्तार क्षेत्र बढ़ता जाता है वो भाषा उतने ही अलग अलग रूप में विकसित होना शुरू हो जाती है, यही हाल हिंदी भाषा के साथ हुआ क्योकि यह भाषा पहले केवल बोलचाल की भाषा में ही सीमित थी । उसके बाद वह साहित्यिक भाषा के क्षेत्र में इसका विकास हुआ फिर समाचार-पत्रों में ‘पत्रकारिता हिन्दी’ का विकास हुआ ‘खेलकूद की हिन्दी’, ‘बाजार की हिन्दी’ भी सामने आई।
अत: अपने लगातार विकास के कारण स्वतन्त्रता के बाद हिन्दी, भारत की राजभाषा घोषित की गई तथा उसका प्रयोग कार्यालयों में होने लगा और एक राजभाषा का रूप विकसित हो गया। ‘राजाभाषा’ भाषा के उस रूप को कहा जाता है जो राजकाज में प्रयुक्त की जाती है।
स्वतंत्रता के बाद राजभाषा आयोग द्वारा यह निर्णय लिया गया कि हिन्दी को भारत की राजभाषा बनाया जाए। इस निर्णय के बाद ही संविधान ने इसे राजभाषा घोषित किया था। प्रादेशिक प्रशासन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड राजभाषा हिन्दी का प्रयोग कर रहे हैं।
साथ ही दिल्ली में भी इसका प्रयोग हो रहा है और केन्द्रीय सरकार भी अपने अनेक कार्यो में इनके प्रयोग को बढ़वा दे रही है।
राजभाषा हिन्दी की विशेषताएँ Features of Rajbhasha Hindi
नीचे हमने राजभाषा हिन्दी के कुछ मुख्य विशेषताएं बताया है-
- अन्य भाषाओ के शब्द हिंदी भाषा में भी समाहित हैl
- इस भाषा को समझना और सीखना आसान हैl
- इस भाषा को अल्प काल में ही लिखना पढना सीखा जा सकता हैl
- इस भाषा को जैसा लिखा जाता है वैसा ही पढ़ा जाता है यही इसकी मुख्य विशेषता हैl
- इस भाषा को संस्कृत भाषा की बेटी कहा जाता हैंl
- इसके साहित्य का क्षेत्र भी विशाल हैं |
क्यों है हिंदी हमारी राजभाषा? Why Hindi Is Selected as Rajbhasha in India?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा किसी भाषा को राजभाषा होने के लिए निम्नलिखित लक्षण बताए गये है –
- आसान होना चाहिए- राजभाषा होने के लिए वो भाषा का आसान होना आवश्यक हैl
- सरल होना चाहिए- प्रयोग करने वालों के लिए वह भाषा सरल होनी चाहिए।
- बोलने वालो की संख्या अधिक हो– उस भाषा को बोलने वालो की संख्या अधिक होनी चाहिएl
उपयुक्त लक्षणों के कारण ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया।
हिंदी को राजभाषा बनाने के लिए संघर्ष व इतिहास Struggle to Make Hindi Language as Rajbhasha
हिंदी भाषा को देश की राष्ट्रभाषा बनाने के लिए दयानंद सरस्वती, महात्मा गांधीजी और अन्य द्वारा कई आंदोलन किये गयेl सन 1918 में हिन्दी साहित्य सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए एक पहला प्रयास किया गया, इन्होने ही हिंदी को जनमानस की भाषा भी बताया था।
इस विचार पर सन 1949 में काफी विचार विमर्श के बाद 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गयाl उसके बाद 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान बनाl
उस संविधान में इस भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया और इसे भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343(1) में निहित किया गया साथ ही बताया गया है कि राष्ट्र की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी।
14 सितंबर हिंदी को राजभाषा का दर्जा देने के कारण इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता हैl परन्तु हिंदी को राजभाषा के रूप में चुने जाने के कारण गैर हिन्दी भाषी राज्य खासकर दक्षिण भारत के लोगों ने इसका विरोध किया परिणाम स्वरुप अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा।
राजभाषा हिंदी के विकास के लिए कार्य Works Done for Improvement in Rajbhasha Hindi
हिंदी भाषा का विकास और प्रसार करने के उद्देश से संविधान के अनुच्छेद 351 में संघ के कर्तव्य के रूप में राज्य को यह निर्देश दिए गये है कि वो हिन्दी भाषा भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बने और उनका विकास करेंl
इसके प्रचार प्रसार के उद्देश से हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। जिसमें हिन्दी निबंध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता हैl सरकार द्वारा भी हिन्दी दिवस से सम्बंधित आयोजन बड़े पैमाने पर किये जाते है और इन आयोजनों पर अच्छी-खासी रक़म भी खर्च की जाती हैl
सामान्यतः हर सरकारी अर्ध-सरकारी संस्थान हिन्दी दिवस पर कोई न कोई आयोजन करती हैl इस अवसार पर कई पुरस्कार भी वितरित किये जाते हैंl
हिन्दी भाषा की अजीब विडम्बना We Have to Respect Our Rajbhasha Hindi
वैसे तो भारत देश की राजभाषा के रूप में हिंदी बोली जाती हैl राजभाषा होने के बावजूद हिन्दी बोलने-लिखने वालों को एक अलग ही दृष्टि से देखा जाता है जिसके कारण एक हिंदी बोलने वाला व्यक्ति अपने आप को हीन समझता है।
शैक्षणिक संस्थानों में भी प्रवेश के समय अंग्रेजी भाषा का बोल बाला देखने को मिलता है चाहते वो एडमिशन के लिए हो या फिर किसी जॉब के लिए न जाने कितनी बार ही फिल्मों में काम करने वाले कलाकार जब कभी फिल्म के बारे में या अपने बारे में कोई इंटरव्यू देते हैं तो उनकी भाषा आमतौर पर अंग्रेजी ही होती है।
सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा होने के बावजूद इसके, हिन्दी को आज भी संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त नही है, जबकि इससे कहीं कम बोली जाने वाली अरबी और फ्रेंच भाषाओं को यह सम्मान हासिल है।
ऐसा क्यों? शायद हमने ही हिन्दी को वो सम्मान और स्थान नही दिया जो उसे दिया जाना चाहिए तो फिर दुसरो से कैसे समर्थन की उम्मीद रखेl यदि हम चाहते है कि हिंदी भाषा का सम्मान और स्थान बना रहे तो हमें अंग्रेजी की तरफ ज्यादा आकर्षित न होकर हिंदी की हो उसे उसका सम्मान दिलाने का प्रयास करना चाहिए तभी हम हिंदी भाषा को आने वाले समय में राज भाषा का जो दर्जा प्राप्त है उसे निरंतर रख पाएंगेl
निष्कर्ष Conclusion
राजभाषा का दर्जा प्राप्त कर चुकी हिंदी भाषा लोगों के बीच से कहीं-न-कहीं गायब होती जा रही है और इंग्लिश ने अपना प्रभुत्व जमा लिया है। यदि स्थिति इसी प्रकार रही तो वो दिन ज्यादा दूर नही जब हिंदी भाषा राजभाषा से हमारे बीच से ओझल हो जाएगीl
यदि हम सच में चाहते है कि हिंदी भाषा का प्रभुत्व राज भाषा के रूप में बना रहे तो हमें प्रचार-प्रसार को बढ़ाबा देना होगा। सरकारी कामकाज में हिंदी को प्राथमिकता देनी होगी तभी हिंदी भाषा को जिंदा रखा जा सकता है और इसका प्रभुत्व कायम भीl आशा करते हैं आपको भारतीय राजभाषा हिन्दी पर निबंध Essay on Rajbhasha Hindi अच्छा लगा होगा।
Good